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नशा मोहब्बत का हो या शराब काहोश दोनों में खो जाता हैफर्क सिर्फ इतना है किशराब सुला देती है।मोहब्बत रुला देती है😔🥀💯
मोहब्बत जब रहती हैतब समझ नहीं रहती,और जब समझ आती है तबमोहब्बत नहीं रहती !!
जिसे सोच कर ही चहरे पर ख़ुशी आ जाये वो खूबसूरत एहसास हो तुम!!💖
लोगों के शोर में नींद नहीं आती,मुझ तेरी खामोशी ही सोने नहीं देती…Logo ke shor mein nind nahi aati,Mujhe teri khamoshi hi soone nahi deti..
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं, कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं, जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई, वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं.
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, कि मेरा हौसला भी साथ न दे रहा है।
में #जाना चाहता हूँ ऐसे जहान में जहाँ सब #अनजान हो।
दिल पर आये हुए इल्जाम से पहचानते हैं,लोग अब मुझे तेरे नाम से पहचानते हैं।
ये प्यार था,कशिश थी,या बस फरेब कोई, किस्मत में दूरियों के भी इंतजाम थे, अब दूर तुमसे रह के महसूस ये हुआ, मंज़िल नहीं थे तुम भी बस इक मकाम थे.
मैं नहीं बेवफा मेरा ऐतबार कर ले, दे दे मुझे मौत या फिर प्यार कर ले.
मेरी मौत की खबर उसे न देनामेरे दोस्तों घबराहट होती हैकही पागल न हो जायेवो इस खुशी में ।
गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल.ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही।
तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के बीच, आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं सितारों के बीच।
मेरी जिंदगी में एक शख्स इतना अहम हो गया, उसे हमसे मोहब्बत है हमें यह वहम हो गया !!
मोहब्बत का एहसास तो हम दोनों को हुआ थाफर्क सिर्फ इतना था की उसने किया था और मुझे हुआ था
नहीं बस्ती किसी और की सूरत अब इन आँखों में,काश की हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता ..
बनना है तो किसी के दर्द की दवा बनो ! जख्म तो हर इंसान देता है !!
दुआ करना दम भी उसी तरह निकले,जिस तरह तेरे दिल से हम निकले।
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने, है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने, जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर, वो भला प्यार की कीमत क्या जाने.
वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे,हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे,वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था,हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे।
प्रेम का सबसे सुंदर रूप इंतजार है,जितना गहरा इंतजार उतना गहरा प्रेम..!!
इन आँखों में कभी हमारे आंसू आये न होते,अगर वो पीछे मुड़ कर मुस्कुराये न होते,उनके जाने के बाद यही गम रहेगा,के काश वो हमारी जिंदगी में आये न होते।
अब ना अदब ना लिहाज़ में यह ज़िन्दगी गुजार पाएंगे,अगर मिले तेरा साथ तो ही लगता है साँसों को और चला पाएंगे.
दोस्तों से बिछड़ के यह एहसास हुआ है, बेशक कमीने थे लेकिन रौनक उन्हीं से थी।
उल्फत बदल गई, कभी नियत बदल गई,खुदगर्ज जब हुए, तो फिर सीरत बदल गई,अपना कसूर दूसरों के सर पर डालकर,कुछ लोग सोचते हैं, हकीकत बदल गई ।
गली दबा के दाँतो में वो मुस्कुरा दिए,इतनी सी बात ने कई तूफां उठा दिए! ?
मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकालकर उसे दे देना, मैं नहीं चाहता कि वो खेलना छोड़ दे.
दूर होकर भी जो शख्स समाया है मेरी रूह में,पास वालों पर वो कितना असर रखता होगा।
पता था हमको उनकी हर चालाकी का फिर भी हम उन गद्दारो को आजमाना चाहते थे.!!
इस कदर पास हो मेरे दिल केमुझे दूरियां का एहसास नही होता.is kadar pass ho mere dil ke mujhe duriyan ka ehsaas nahi hota.
जब इंसान बार बार हार का सामना करने लगता है तो वह अक्सर डिप्रेशन में रहने लगता हैं
अजीब किस्सा है जिंदगी कायहां अजनबी हाल पूछते हैं औरअपनों को खबर ही नहीं..
ना थके हैं कभी पैर, ना कभी हिम्मत हारी है, जज्बा है कुछ बनने का जिंदगी में, इसलिये सफर जारी है !
होले होले कोई याद आया करता है,कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।
वक्त ने हमको चुप रहना सिखा दियाऔर हालातों ने सब कुछ सहनासिखा दियाअब किसी की आस नहीं ज़िन्दगी मेंइन तन्हाइयों ने हमे अकेले रहनासिखा दिया…🙂🥀🍂
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए.
अजब शायर की आदत है कि जब बीड़ी जलाने को किसी से माँगी माचिस तो जला कर जेब में रख ली!
एक वो था बदल गया, एक में था बिखर गया, एक वक़्त था गुज़र गया।
आंसुओं की हमें ऐसी आदत हुईके खुशियों से अब मन भरा ही नहींग़म हमें सिर्फ इस बात का है सनमतुमने वो भी कहा जो हुआ ही नहीं ।
वो कहता है कि मजबूरियां हैं बहुत, साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता.
अजनबी सी है ये जिंदगी,और वक्त की तेज़ है रफ्तार…रात इकाई, नींद दहाईख्वाब सैकड़ा, दर्द हजारफिर भी जिंदगी मजेदार…
झगडा तभी होता हैं जबदर्द होता है,और दर्द तब होता हैंजब प्यार होता है
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयीउस अजनबी के लिए,की मेरा दिल भीउसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जायाकरता हे..
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
अरे बेपनाह मोहब्बत की थी हमने तुझसे ओ बेवफा, तुझे दुःख दूं ये न होगा कभी खुद मर जाऊं यहीं ठीक है.
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे कोई बुराई थी बस नसीब का खेल है, क्योंकि किस्मत में जुदाई थी।।
तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी, बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी.
सफर से लौट जाना चाहता है, परिंदा आशियाना चाहता है, कोई स्कूल की घंटी बजा दे, ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है !
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे-धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए.
अकड़ तोड़नी है उन मंजिलों की !! जिनको अपनी ऊंचाई पर गरूर है !!
बात वफ़ा की होतीतो कभी ना हारतेबात नसीब की थीकुछ कर ना सके..!
वह रोयी तो होगी खाली कागज देखकर, पूछा था उसने अब कैसे गुजर रही है जिंदगी.
दूरियों से ही एहसास होता है की,नज्दिकिया कितनी खास होती हैं ।
आंसू आ जाते हैं रोने से पहले,ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले,लोग कहते हैं कि मोहब्बत एक गुनाह है,काश कोई रोक लेता मुझे ये गुनाह होने से पहले।
थोड़े गुस्से वाले थोड़े से नादान से,मगर जैसे भी हो तुम मेरे हो
हर कोई सो जाता हैअपने कल के लिए मगरये नहीं सोचते की आज जिसका दिल दुखायावो सोया होगा या नहीं ।
में नासमझ सही पर वो तारा हूँजो तेरी ख्वाइशों के लिए सौ बार टूट जाऊ
सबकुछ करो बुरा भला कहलोथप्पड़ मारलो, मगर याद रखोदोराहे पर लाकर किसी का साथ मतछोड़ो इंसान जीते जी मर जाता है
तरसेगा जब तेरा दिलमुझसे मिलने को,तब हम तेरे ख्यालों में तो क्याइस दुनिया में भी नही होंगे।
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क, पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह.
ये कैसी पहचान बनाई है तुमने अपनी, नाम तेरा आने पर भी लोग याद मुझे करते है
किसी से प्यार करो तो इतना करो कि वो,आपको छोड़ के जाए तो किसी का हो न पाए।
घिरा हुआ हूं लोगो से, फिर भी अकेला हूँ मै।
प्यार करता हु इसलिएतो फिक्र करता हुअगर नफ़रत करता तुमसेतो कसम सेएक बार भी अपने मुह सेतेरा ज़िक्र नहीं होता।
मेरी हर खुशी तुम पर कुर्बान, मेरे हर ख्वाब तुम पर कुर्बान, तुम्हारे लिए तो मेरी ये जान भी कुर्बान।
उसकी हर एक शिकायत देती हैमुहब्बत की गवाही…वर्ना अजनबी से कौनहर बात पर तकरार करता है।
ज़िन्दगी है सफर का सिलसिला, कोई मिल गया कोई बिछड़ गया, जिसको माँगा था दिन रात दुआओ में, वो बिना मांगे किसी और को मिल गया.
हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये ,, जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके..
भटका मैं इस दुनिया में इक साथ की तलाश में, मैं गया जिस भी शहर, मैंने खुद को अकेला पाया।
झूठ कहूँ तो बहुत कुछ है मेरे पास,सच कहूँ तो कुछ नही सिवा तेरे मेरे पास।
हम लड़के क्या है ये कोई गुना है । समझते सबको हम, हमे कोई नही ये कैसी सजा है।
जिंदगी की तलाश में मौत कीराह चलते गए,समझ आया जब तक, तब तकतन्हाइयों में डूबते चले गए।
कितना अजीब है ना!कुछ लोग कसमें खा कर भीभरोसा तोड़ देती हैं ।🙂💔🥀
जो चाह कर भी पूरी न हो सकी..उन ख्वाहिशों में एक नाम तुम्हारा भी है..!!
दोस्त आमान और हम ज़मीन होते गए, चंद पैसे कमाने की राहों पर क्या चले अजनबी हो गए।
मेरी खामोशी को खामोशीना समझोगुमनाम समंदर ही खौफीलाता है।
काश ,,तेरे इश्क में,, नीलाम हो जाऊ ,आखरी बोली तुम लगाओ ,तेरे नाम हो जाऊ..Kash tere ishq me nilam ho jaun akhriBoli tum lagao tere naam ho jaun.
तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता, काश तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती.
मैंने वो खोया है जो मेरा कभी था ही नहीं,मगर उसने वो खोया है जो सिर्फ उसका था.!
आज कोहरा बहुत ज्यादा है मतलबी लोग दिख नही रहे है
तेरा यूँ मेरे सपनो में आना ये तेरा कसूर था,और तुझ से दिल लगाना ये मेरा कसूर था,कोई आया था पल दो पल को जिंदगी में,और सर अपना समझ लेना वो मेरा कसूर था।
रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की ,, ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी !!
बातों को देखा जाए सब में ही अपनापन है, वक़्त पर देखा जाए तो सब पराए हैं।
उस से कहना तेरे भूल जाने सेकुछ भी तो नहीं बदलाबस पहले जहा दिल हुआ करता थाअब वहा दर्द होता है ।
एक बात पूछें तुमसे जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें, जो इश्क़ हमसे सीखा था अब वो किससे करते हो.
अजीब सा सफर है ये ज़िंदगी, मंजिल मिलती है मौत के बाद !
कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम आज दिल की एक एक धड़कन की बंदगी हो तुम!
मरने वाले तो एक दिन बिना बताएमर जाते हैरोज़ तो वो मरते है जोखुद से ज़्यादा किसी को चाहते है.
अब डर लगने लगा है उनके प्यार से शायद हम अजनबी ही अच्छे थे
वजह पूछने की मोहलत ही न दी उन्होंनेलहजा बदलता गया और हम अजनबी हो गए.
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो!
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर, खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं !
मय वो क्यूँ बहुत पीते बज़्म-ए-ग़ैर में या रब आज ही हुआ मंज़ूर उन को इम्तिहाँ अपना
मुझे वहम था कि वो मेरा हमसफ़र हैवह चलते तो हमारे साथ थे,मगर किसी और की तलाश में.!
कोई कभी अकेला हो नहीं सकता, जब वो अकेला होता है, तो अकेलापन उसके साथ होता है।
पुरानी होकर भी खास होते जा रही है,मोहब्बत बेशरम है बेहिसाब होते जा रही है।
दोस्ती में दोस्त, दोस्त का ख़ुदा होता है, महसूस तब होता है जब वो जुदा होता है।
जिंदगी की खूबसूरती देखना है, तो कभी सफर पर निकलो !
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे, इक शहर अब इनका भी होना चाहिए…
सच्ची मोहब्बत कभी खत्म नहीं होतीवक़्त के साथ खामोश हो जाती है
उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं;आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं;झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं,और सच कहूँ, तो आपकी यादो केसिवा कुछ भी नहीं.
आज तब अहसास हुआ मुझे अकेलेपन का, जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे।
प्यार का ज़ज़्बा भी क्या क्या ख्वाब दिखा देता है !!अजनबी चेहरों को महबूब बना देता है !!
बोहोत खुश रहने लगा हुक्योकी आजकल लोगो से उम्मीदकरना छोड दिया है मैंने।
प्यार हर किसी को जीना सिखा देता है,वफ़ा के नाम पर मरना सिखा देता है,प्यार नही किया तो करके देखो,ये हर दर्द सहना सिखा देता है।
अगर तुम खेल खेलनाजानते होतो मैं खेल बदलनाजानता हू।
ज़िन्दगी की हर शाम हसीन हो जाए….,अगर मेरी मोहब्बत मुझे नसीब हो जाये
दर्दकम नहीं हुआ मेरा बस सहनेकी आदत हो गयी हैं ।
ऐ मोहब्बत बता क्या दिल तोड़ना हीतेरा पेशा है !मर जाती है रूहमैंने मोहब्बत में लाशों को चलते हुए देखा है !
चले आओ ‘अजनबी’ बनकर फिर से मिले तुम मेरा नाम पूछो मैं तुम्हारा हाल पूछूं!
सिर्फ तुम, मेरी हर सुबह का पहला ख्याल हो तुममेरी हर रात का ख्वाब हो तुम मैं ज्यादा तारीफ नहीं करूंगा तुम्हारी , क्यूंकि जैसी भी हो लाजवाब हो तुम.
तलब ये के तुम मिल जाओ….हसरत ये के उम्र भर के लिए!!🥰
ये जो तुम लफ़्ज़ों से बार बारचोट देते हो नादर्द वही होता है जहांतुम रहते है ।
उसे क्या पड़ी वो मुझे आकरमनाये, वो तो कहते होंगेजान छूटी.. भाड़ में जाये।😔💔🥀
आपके साथ जिंदगी बितानी हैं वक़्त नहीं..Aapke sath zindagi bitaani hain waqt nahi…
कभी मेरे होने से मिलो, जान जाओगे कि कितना अकेला हूँ, मैं अपने आप में।
मरता नहीं कोई किसी के बग़ैर,ये हक़ीक़त है, पर क्या सिर्फसांस लेने को ही जीना कहतेहैं! !
छोङ देता लेकिन जीत मेरी जिद है !! और जिद का मै बादशाह हूँ !!
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़, गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो.
जिनके याद में हम दीवाने हो गए,वो हमसे ही अनजाने हो गए,उसे तलाश है नए साथी की,क्योंकि उसकी नजर में हम पुराने हो गए।
तुम तरस जाओगे मेरे दीदार को भी कुछ इस तरह हम तुम्हे बेगाना कर देंगे
क्या खता हुई हमसे की खत का आना बंद है,आप हैं हमसे खफा या, डाक-खाना बंद है!!
उस अजनबी से हाथ मिलाने के वास्तेमहफ़िल में सब से हाथ मिलाना पड़ा मुझे !!
सिर्फ वक़्त गुजरना हो तो किसी और को अपना बना लेनाहम दोस्ती भी करते है तो प्यार की तरह
आज नहीं तो कल उसे भी एहसास होगा,की नसीब वालों को मिलते है फ़िक्र करने वाले लोग
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ, हमपे नजर पड़ी तो वो महफिल से उठ गए !
सारा रोला ख़्वाइशों का हैना किसी को कम चाहिएना किसी को गम चाहिए।
अगर बेवफा होता तो भीड़ होती, वफादार हूं इसलिए अकेला हूं।
तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन, तसल्ली बस इतनी सी है, अब कोई फरेब साथ नहीं।
न कोई किसी से दूर होता है, न कोई किसी के करीब होता है, वो खुद ही चल के आता है, जो जिसका नसीब होता है।
तन्हाई में रोना और दुनिया वालों के सामने हंसना मजबूरी है हमारी, हां पता है बेवफा है वो लेकिन सच्ची मोहब्बत है वो हमारी.
दोस्त होकर भी महीनों नहीं मिलता मुझसे उस से कहना कि कभी ज़ख्म लगाने आये।
सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई!
इस इश्क की किताब से,बस दो ही सबक याद हुए,कुछ तुम जैसे आबाद हुए,कुछ हम जैसे बर्बाद हुए।
मेरी ज़िन्दगी मुझेऐसे मोड़ पे लाकर खड़ा कर चुकी हैकि मजबूरी हैं जीने कीऔर चाहत है मरने की…।
किसी को चाहकर छोड़ देनाबहुत आसान हैकिसी को छोड़कर भी चाहो तोपता चलेगा मोहब्बत किसे कहते हैं.!
कुछ यूँ उसने मेरी रात की नींदें छीनी है, करवटें दो ही है दोनों तरफ बेचैनी है.
जिनके दिल परचोट लगती है ना…वो लोग आँखों से कम और दिल सेज्यादा रोते है…।
जल्दी टूटने वाले नहीं थे हम, बस कोई अपना बना कर तोड़ गया.
वक्त मुशाफिर है चलता ही रहता है तेरी तरहा किन्ही अजनबी राहों में गुम नहीं हो जाता।
काश कोई अपना संभाल ले मुझको, बहुत कम बचा हूँ बिल्कुल दिसम्बर की तरह.
अनजान ही अच्छे होते है साहब जानने वाले दिल बहुत दुखाते है।
मुझे किसी के बदल जाने काकोई गम नहींबस कोई था जिससेये उम्मीद नहीं थी ।
जिस पर जहर भी असर नहीं करता है उसे अकेलापन तन्हाई से मार देता है
ਜੇ ਕੋਈ ਤੈਨੂੰ ਰਾਹ ਪੁਛੇ ਤਾਂ ਦੱਸ,ਇੱਕ ਜਾਨ ਸਾਡੇ ਦੋ ਦਿਲਾਂ ਵਿੱਚ ਵੱਸਦੀ ਹੈ।
सांसों से बंधी थी एक डोरजो तोड़ दी हमने,अब हम भी चैन से सोयेंगे,मोहब्बत छोड़ दी हमने..!
खुद को खोकर मिले थे तुम, अब साँझ अकेली साथ नहीं तुम।
मरना भी मुश्किल है जिस शख्श के वगैर, उस शख्स ने ख्वाबों में भी आना छोड़ दिया।😑
वो मेरा था मगर एक अजनबी भीथा सब कुछ पास मेरे और कमी भीसुरय्या सुल्ताना नसीम नियाज़ी
तुझे दर्द देने का शौक था बहुत,हमे भी दर्द सहने का शौक था बहुत।
जीत हासिल करनी हैतो काबिल बनो वरना किस्मत की रोटी तो कुत्तोको भी नसीब होती है।
तुम्हारे लिए मैं अजनबी होने लगा,और मैं तुम्हारे यादों में खोने लगा.
सांस लेने से तेरी याद आती है, सांस नहीं लेता तो जान भी जाती है, कह दू कैसे की इस सांस से जिंदा हूं मै, ये सांस भी तो तेरी याद के बाद ही आती है.
झूठी मोहब्बत.. वफ़ा के वादे..साथ निभाने की कसमें..इतना सब किया तुमने,सिर्फ मेरे साथ वक़्त गुजरने के लिए ।
ये जो मेरे अलावा तुम पर मरते हैवो मर क्यों नहीं जाते !
कुछ पल की ख़ुशी देकरजिंदगी रुलाती क्यूं हैजो लकीरो में नही होतेजिंदगी उनसे मिलाती क्यूं है।
“ज़िंदगी” नहीं “रूलाती” है रुलाते तो वह,“लोग” हैं जिन्हें हम अपनी …ज़िन्दगी “समझ” बैठते हैं ..!!
साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा, दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा, जी लो ये पल जब तक साथ है दोस्तों, कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा।
हैरत किस बात कि! टूटे है तो चुभेंगे भी..
उठाकर कफ़नना दिखाना चेहरा मेरा उसकोउसे भी तो पता चले कीयार का दीदार ना हो तो कैसा लगताहै।
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें, कभी हंसा देती हैं कभी रुला देती हैं।
आँखों से आँखे मिला मदहोश हो गये,हम हमारे न रह कर उसी के हो गये.
इक उम्र तक मैं जिसकी जरुरत बना रहा, फिर यूँ हुआ कि उस की जरुरत बदल गई.
जिन्दगी से मौत तक के सफर को ही, ज़िन्दगी कहते हैं !!
नफरत करनी है तोइस कदर करनाकी हम दुनिया से चले जाए परतेरी आँख मे आंसू ना आए ।
अजनबी बन के हँसा करती है, ज़िंदगी किस से वफ़ा करती है, क्या जलाऊँ मैं मोहब्बत के चराग़, एक आँधी सी चला करती है।
कहाँ छिपी है खुशियाँ हमारी,कहाँ खोई है दुनियाँ हमारी,समझ नहीं आ रहा है क्या करेदर्द पर दर्द दे रही है जिंदगी हमारी …|
कोई मिला ही नहीं जिसको वफा देते, हर एक ने दिल तोड़ा किस-किस को सजा देते.
आज खुद कोइतना तन्हा महसूस कियाजैसे लोग दफना कर चले गएहों …।
ये जो तुमने मेरे साथ किया है ऐसा तो कोई गैर के साथ भी नहीं करता।
हर बात में आँसू बहाया नही करते,हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते,ये नमक का शहर है,इसलिए ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नही करते।
अभी मैंने खुद को शीशे में देखा,तो पता चला कि दुनिया में मासूम लोगआज भी जिन्दा हैं.
इज़्हार-ए-इश्क़ की ख़ातिर कई अल्फ़ाज़ सोचे थे,ख़ुद ही को भूल बैठे हम, जब तुम सामने आये!!
लोग कहते है की बिना मेहनत कुछ पा नही सकते ना जाने ये गम पाने के लिये कौन सी महेनत कर ली हमने
इश्क़ खुदकुशी का धंधा है,“अपनी ही लाश अपना ही कंधा है”
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही,मज़ाक किया करते है इस जमाने में।
आँसू आ जाते है रोने से पहले,ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
क्या ख़ूब तुम ने ग़ैर को बोसा नहीं दिया बस चुप रहो हमारे भी मुँह में ज़बान है
जरूरी नहीं इश्क़ में बनहूँ के सहारे ही मिलेकिसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है
हम तो ख्वाबो की दुनिया में बस खोते गये,होश तो था फिर भी मदहोश होते गये,उस अजनबी चेहरे में क्या जादू था,न जाने क्यों हम उसके होते गये।
जिस दिन अपुन का सिक्काबाजार में चल गयाकसम से रियासते सारीबरबाद हो जाएगी।
मैने दिल से कहा थोड़ा कम याद किया कर उसे !!दिल ने मुझसे कहा याद मैं कर रहा हु उसे !!फिर तकलीफ क्या है तुझे।
मैंने सोचा कि क्या लिखूं तेरे बारे मेंफिर याद आया कि तू पढ़ेगी ही नहींतो लिख के क्या फायदा एक अंजान शायर.
वो अजनबी बन के गुज़र गयी पास सेजो वाक़िफ़ थी मेरे हर एक बात से.
ना ही रोया जाता है ना ही सोया जाता है ,पागल की तरह ये दिल तेरे ख्यालों में खो जाता हैअंजान शायर..
है इश्क तो फिर असर भी होगा,जितना है इधर उधर भी होगा ।
अकेला हूँ या नहीं इसमें मुझे शंका है, तुम ही बता दो ना भ्रम मेरे मन का है।
मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं, मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है
तेरी अदाओं ने ना जाने कैसे बंधा है मुझको,तू जहा भी जाती है तेरे पीछे चले आने को जी चाहता है.
ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की, अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की, तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था, हमारी आदत छूट गयी मनाने की.
कुछ सपने पुरे करने हैं, कुछ मंजिलों से मिलना है, अभी सफर सुरु हुआ है, मुझे बहुत दूर तक चलना है !
आज हम रो दिए इसलिए माफी चाहते हैपर हमारे सहने कि हद यही तक थीएक अंजान शायर..
गम मिला तो रो ना सके,खुशी मिली तो मुस्कुरा ना सके,मेरी जिंदगी भी क्या जिंदगी है,जिसे चाहा उसे पा ना सके।
सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी, हम अकेले पूरी महफिल के बराबर है।
जीने का तो पता नहीं मगर ये जान जरूर ले रही है अजनबी ये दुनिया बड़े ज़ख्म दे रही है।
न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे,पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे
कुछ बोलता नहीं फिर भी सवाल करता हैउसके गाल का तिल बवाल लगता है.Kuch bolta nahi fir bhi sawal karta hun uske gaal ka til bawal lagta hai.
चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।
अश्क़ बह गए आँखों से मगर इतना कह गए,फिर आएंगे तेरी आँखों में तू अपना सा लगता है।
काली कमाई की कामियाबी से नाकामी अच्छी है, बेईमानी के नाम से बेनामी अच्छी है।
जिंदगी के सफर में हिंदी वाला सफर करते रहिये, वर्ना अंग्रेजी वाला Suffer तो लगा ही रहेगा !
जिस दिल में बसा था नाम तेरा हमने वो तोड़ दियान होने दिया तुझे बदनाम बस तेरे नाम लेना छोड़ दिया
बदला न अपने-आप को जो थे वही रहे मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे - निदा फ़ाज़ली
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा ,जितना देखेंगे तुम्हे उतना ही प्यार आएगा ..
तेरा नाम था आज किसी अजनबी की ज़ुबान पे !!बात तो ज़रा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!
अंगड़ाईया लेते लेते ही रुक जाते है ये,कमाल करते है सुबह सुबह ही मुझमे खो जाते है ये .
हम उस बेवफा को बेइंतहा चाहने लगे थे हमें क्या पता था कि वो तो हमें सिर्फ आजमाने लगे थे..!!
ख़ुदा करे मैं मर जाऊँतुझे खबर तक ना मिलेतू ढूँढता रहे मुझे पागलों की तरहपर तुझे कब्र तक ना मिले ।
हसरत है मेरी मोहब्बत में ताउम्र जीने की पर क्या करे कमबख्त रास्ते में कलियां खूबसूरत बहुत है..!!
हमे तो पता था की तू कहीं, और का मुसाफीर था, हमारा शहर तो बस यूं ही तेरे, रास्ते मैं आ गया था !
दुख की शाम हो,या हो सुख का सवेरा,सबकुछ अच्छा लगता हैं,जब साथ हो तेरा…Dukh ki saam ho,Ya ho sukh ka sawera,Sabkuch accha lagta hain,Jab sath ho tera…
मुझे नहीं मालूम वो पहली बार कब अच्छा लगामगर उसके बाद कभी बुरा भी नहीं
वो करीब भी ना आए, तो इजहार क्या करते,खुद बने निशाना, तो शिकार क्या करते,मर गए पर खुली रखी आंखे,इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते ।
मेरे इस तन्हा सफर में कुछ दोस्तों ने मेरी जिंदगी रंगीन कर दी पर मैंने उन्ही के खिलाफ खड़े होके खुद की जिंदगी तबाह कर दी अंजान शायर.
अजीब है ये मोहब्बत कादर्द… हँसता खेलता इंसानदुआओ में मौत मांगनेलगता है…।
उस वेबफा को अपना समझा,जिसे हमने इतना प्यार किया,उसने किया हमसे सिर्फ धोखा,हमने फिर भी एतवार किया।
इतने अजनबी तो मिलने सेपहले नहीं लगते थे तुम ,जितने अभी कुछ दिनों सेनजरों के सामने रहते हुए लग रहे हो.
हमनें हाथ फैला कर इश्क मांगा था,सनम ने हाथ चूमकर जान निकाल दी..
कि मुझे फुर्सत कहां कि मौसम सुहाना देखूं मैं तेरी यादों से निकलूं तब तो जमाना देखूं ..!!
जब कोई आपसे मजबूरी में जुदा होता है,जरूरी नही वो इंसान वेबफा होता है,जब कोई देता आपको जुदाई के आँसू,तन्हाइयों में वो आपसे ज्यादा रोता है।
मेरे पॅल्को मे भरे आँसू उन्हे पानी सा लगता है हमारा टूट कर चाहना उन्हे नादानी सा लगता है
प्यार की उम्र तब तक सीमित नहीं होती जब तक आप चले नहीं जाते! बुढ़ापे तक साथ निभाना जरूर !!
वक़्त पर सीखोअपने प्यार की कदर करनालोग वापस नहीं आतेएक बार चले जाने के बाद.!
तुम खुश किस्मत हो जोहम तुमको चाहते हैंवारना मेरे सपने लेनेके लिए भी लोगो को मेरीइजाज़त लेनी पड़ती है।
कुछ लोग हमारा दिल रोज दुखाते हैं….. फिर भी हम उनसे बात करके खुश हो जाते हैं..!!
मैं लोगो की बातो कोअनसुना कर देता हुकुछ लोग पैदा ही बकवासकरने के लिए होते हैं।
मेरी जान मेरी वफ़ा हो तुम ,उस कुदरत का दिया हुआएक नायब तोहफा हो तुम
हमने भी एक ऐसे शख्स को चाहाजिसको भुला न सके और वो किस्मत मैं भी नहीं
दिल की खामोशी सेसांसो के ठहर जाने तक,मुझे याद रहेगा वो अजनबीमेरे मर जाने तक.
सिर्फ अश्क ही गवाही दे सकते है मेरीकी दिल कितनी शिद्दत से याद करता है तुझे
मैं अजनबी हूँ मगर तुम कभी जो सोचोगेकोई क़रीब का रिश्ता ज़रूर निकलेगानुसरत ग्वालियारी
क्या बताएं अपने हाल जनाब हम अजनबियों को कुछ बताते नहीं और हमारे अपने हमे पूछते ही नहीं।
ये ज़रूरी तो नहीं मोहब्बत में ज़िस्म ही मिले, किसी को बस महसूस करना भी तो इश्क़ है !!
बस तुम्हारे इश्क़ में ही आगे बढ़ा , कभी ज़िंदगी में नहीं। bs tumhare ishq me hi aage badha kabhi zindgi me nhi
मत गिरा अपने झूठे इश्क के आसूं मेरी कबर पर, अगर तुझ में वफा होती तो आज जिन्दगी हमसे यूँ खफा ना होती.
मन से वहम निकाल दो किकोई याद करता है क्योंकिजो रुला सकता हैवो भूला भी सकता है ।
हालात जो भी हो,तू मेरे आसपास ही रहना..Halat jo bhi ho,Tu mere aaspaas hi rahna…
साथ बिताए वो पल फिर से भूल जाते है चल फिर से अजनबी होने का खेल दिखाते है!
छोटी सी बिंदी रंग सांवला हैउसे देख हर कोई बावला हैChoti si bindi rang sawnla hai usse dekh har koi bawala hai..
तेरी ख़ुशि के ठिकाने हज़ार होंगे,मगर मेरी मुस्कुराहट की वजह तुम हो..Teri khusi ke thikaane hazar honge,Magar meri muskurahat ki wajah tum ho…
हमारे रिश्तों के सब सपने टूट गए,उनकी यादों में खुद को हम खो गए।
जिंदगी गुजर रही है,इम्तिहानों के दौर से,एक ज़ख्म भरता नही,और दूसरा आने की जिद करता है।
अल्फाज तो जमाने के लिये हैं,तुम्हें तो हम अपने दिल की धडकनें सुनायेंगे..Alfaz toh jamane ke liye hain,Tumhe toh hum apne dil ki dhadkane sunayenge..
भटकते दिल को राहत मिल जाए, तुम जो आओ जिंदगी की हर खुशी मिल जाए।
अब ना करूँगादर्द को बयान किसी के सामनेजब दर्द मुझको सहना हैतो तमाशा क्यूं करना ।
इश्क के बदले इश्क देने चली थी मैं पर बदले में मुझे तन्हाई और दर्द के सिवा और कुछ नही मिला..!
हो के तुम मेरे मुझको मुकम्मल कर दो,अधूरे-अधूरे अब हम ख़ुद को भी अच्छे नहीं लगते।
ऐ सनम… होगी कितनी चाहत उस दिल में,जो खुद ही मान जाये कुछ पल खफा होने के बाद।
ऐ खुदा बना कर भेज दो एक फरिश्ता, जो टूटे दिल को जोड़ दे आहिस्ता-आहिस्ता !
ना वो आ सके, ना हम कभी जा सके,ना दर्द दिल का किसी को सुना सके,बस खामोश बैठे हैं उनकी यादों में,ना उसने याद किया ना हम उसे भुला सकें।
मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ, पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह.
बरबाद करना था तो किसी औरतरीके से करतेजिन्दगी बनकर जिन्दगी से जिन्दगीही छीन ली तुमने.!
अकेले ही गुजरती हैं जिंदगी,लोग तसल्लियां तो देते हैं पर साथ नहीं…।
जाने वालों को रस्ता दिया करो… वास्ता दोगे तो सर पे चढेंगे…
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने !!
मुझे जैसा बनने की छोड़ दोशेर पैदा होते है बनाए नहीं जाते।
शौक-ऐ-नजर की खातिर चाहा था बस देखना,बेहद ही मासूम थे वो मासूमियत से दिल में उतर गए.
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला, हमको जो भी मिला बेवफा यार मिला, अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी, हर कोई मकसद का तलबगार मिला.
हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब, रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब, दिन का सफर तो कट गया सरज के साथ साथ, अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब !
जरूरी नहीं हर दोस्त हमदर्द हो कुछ दोस्त सरदर्द भी होते हैं!!
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहाथा, अलविदा आज भी वही खड़ा है दिलउसके आने के इंतजार में ।
आग लगाना मेरी फितरत में नहीं मेरी सादगी से लोग जले तो इसमें मेरा क्या कसूर!
बस यही एक जिझक है हाले दिल सुनाने में के तेरा भी ज़िक्र आयेगा इस फसाने में!!💗
ओ अजनबी है मेरे लिएपर मेरी हर एक बात मानती हैकोई अपना क्या ख्याल रखेगामेरा जितना वो रख पाती हैं।
अगर खिलाफ होते हैं तो होने दो जान थोड़ी है, ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है। – राहत इंदौरी
इस दिल में आग सी लग गई जब वो खफा हुए,फर्क तो तब पड़ा जब वो जुदा हुए,हमे वो वफ़ा करके तो कुछ दे न सके,लेकिन दे गये वो बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।
मन्नते और मिन्नते कुछ काम नही आता,चले ही जाते हैं वो जिन्हे जाना होता है।
मैंने तो सिर्फ थोडा सा वक्त माँगा था उन्होंने ने तो पूरी ज़िन्दगी दे दी
प्यार वो नहीं जो दुनिया को दिखाया जाए,प्यार वो है जो दिल से निभाया जाए
वक्त बदल जाता है ज़िन्दगी के साथ ज़िन्दगी बदल जाती है वक्त के साथ वक्त नहीं बदलता दोस्तों के साथ बस दोस्त बदल जाते हैं वक्त के साथ
बहुत तकलीफ देती है न मेरी बातेंतुम्हें देख लेना मेरी खामोशी एकदिन तुम्हें रुला देगी.!
कर दे नजर-ए-करम मुझपर मैं तुझ पर एतबार कर लूँ,दीवाना हूं मैं तेरा ऐसा कि दीवानगी की हद पार कर लूं।
हम तो ख्वाबो की दुनिया में बस खोते गये,होश तो था फिर भी मदहोश होते गये,उस अजनबी चेहरे में क्या जादू था,न जाने क्यों हम उसके होते गये.
कहीं हर ज़िद पूरी, कहीं ज़रूरत भी अधूरी,कहीं सुगंध भी नही, कहीं पूरा जीवन कस्तुरी।
न ज़ख्म भरा,न सहारा हुआ,न वो वापस लौटीं,न मोहब्बत दोबारा हुआ..Na jhakm bhare,Na sharab sahara hua,Na woh wapas lauti,Na mohabbat dobara hua…
आज़ाद कर देंगे तुझेअपनी मोहब्बत की क़ैद से,करे जो हमसे बेहतर कदरपहले वो शख्स तो ढूंढ़ !
वफ़ा की कसमें देने वाले ने मेरे दिल को इस कदर तोडा है जहर घोल कर मेरी जिन्दगी में उसने मुझे खुद से अजनबी बनाकर छोड़ा है।
तेरे बाद किसी को भी गौर सेदेखा नहीं हमनेहमें मोहब्बत का शौक हैआवारगी का नहीं।
संदेह रिश्तों को तोड़ता है औरविश्वास अजनबी को भी अपना बनाता है।
इश्क-ऐ-दरिया में हम डूब कर भी देख आये,वो लोग मुनाफे में रहे जो किनारे से लौट आये
बिन दिल के जज्बात अधूरे, बिन धड़कन अहसास अधूरे,बिन साँसों के ख्वाब अधूरे, बिन तेरे हम कब हैं पूरे।
अगर तुम्हें याद करने का कोई मीटर होतातो सबसे ज्यादा बिल हमारा ही आता।
बड़े ही अजीब हैं ये जिंदगी के रास्ते,अंजान मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,मिलने की खुशी दें या न दें,मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं ।
तेरी मौजूदगी में खामोशी से बैठ जाऊं, प्यार के कोरे कागज पर घुटने टेक दूं…
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए !!की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है !!
कभी किसी को इतना सताया न करो,अपने लिए कभी किसी को तड़पाया न करो,जिनकी साँसे ही वो आपके लव्ज़ हो,उन लफ़्ज़ों के लिए कभी किसी को तरसाया न करो।
मेरे जीने का हिसाब किताबथोड़ा अलग हैहम उम्मेद पर नहीं अपनीज़िद पर जीते हैं।
दुनिया मे सबसे बड़ी जीत परिवार के साथ जुड़े रहना Duniya ke sabse badi jeet pariwar ke sath jude rahna.
एक पल में सिमट जाते है जज्बातों के रिश्ते, सौदा करना पड़ता है रिश्तों को संभालने के लिए
अजनबी जान के क्या नाम-ओ-निशाँ पूछते होभाई हम भी उसी बस्ती के निकाले हुए हैंइरफ़ान सिद्दीक़ी
तू याद कर या भूल जा, तू याद है बस ये याद रख।।
हम वो शक़्स है जनाबजो किसी की भीआँखों में आँखे डालकरसच जान लेते है।
अपना बनाकर भुला रहा है कोई,ख्वाब दिखा कर रुला रहा है कोई,उसकी मौजूदगी से चलती है मेरी साँसे,ये जानते हुए भी दूर जा रहा है कोई।
है इश्क तो फिर असर भी होगा,जितना है इधर उधर भी होगा।
जिस फूल की परवरिश हम नेअपनी मोहब्बत से की,जब वो खुशबु के काबिल हुआतो औरो के लिए महकने लगा.।
तुम कहते थे कि तुमसे बिछड़े तो मर जाएंगे, तो फिर तुम अब तक मरे क्यो नही..!!
हम तुम्हें मुफ़्त में जो मिले हैं, क़दर ना करना हक़ है तुम्हारा.
आंखो से देखा तो बहुत लोग मिले देखने को, दिल से देखा तो भरी महफिल में खुदको अकेला पाया।
बहुत नजदीक से देखा है दुनिया को तभी तो दूर बैठा हूं मैं सबसे।
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा, जिन्हें दावा था वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा।
कभी-कभी अपने भी अनजान से लगते हैं, कुछ पराए ऐसे मिल जाते है की भगवान से लगते हैं।
एक अच्छा दोस्त वो होता है जो खुद का मूड ख़राब होने पर आपका मूड भी ख़राब कर दे
कोई मिला ही नही हमे कभी हमारा बन कर,वो मिला भी तो हमे सिर्फ किनारा बनकर,हर ख्वाब बन कर टुटा है यहां,अब बस इंतज़ार ही मिला है एक सहारा बन कर।
बर्ताव तुम्हारा अजनबियों जैसे हो रहा है आजकल लगता है अब किसी और अजनबी को शायद अपना बना लिया है।
माना की जिंदगी में गम बहुत है , कभी सफर पर निकलो और देखो खुशियां ।
मेरी आँखों में आँसू की तरह एक बार आ जाओ, तक़ल्लुफ़ से बनावट से अदा से चोट लगती है.
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर, सफर सफर है मिरा इंतिजार मत करना ।
बहुत तकलीफ देते हैवो ज़ख़्मजो बिना कसूर केमिले हो ।
गुजरे हैं आज हम इश्क के उस मुकाम से, नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से ।
ये दिल एक बेवफा को चाहने लगा रहा । तेरी जुदाई के गम में दर्द देने लगा था ।।
उसके होठ किसी किताब में लिखी खूबसूरत तहरीर से कम नही,ऊँगली रखो तो पढते चले जाने का जी चाहता है.
चाहत इतनी रखो की जी सभल जाए , अबइस कदर भी ना चाहो कि दम निकल जाये।
तुमको महसूस करना ही इश्क़ हैछूकर तो मैंनें उस खुदा को भी नहीं देखा..