Here is the best Barish Par Shayari In Hindi for this amazing monsoon season. Post the most beautiful rain pic with these amazing rain shayari and get the most like among all the posts.
ए बारिश ज़रा थम के बरस,जब मेरा यार आ जाये तो जम के बरस,पहले न बरस की वो आ ना सके,फिर इतना बरस की वो जा ना सके।
“दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आई फिर ये बारिश मिरी तंहाई चुराने आई” -कैफ़ भोपाली
पिघलती बारिशों में दिल की जमीधुली धुली सी है धुआं धुआं से मौसम मेंदिल की कली खिली खिली सी है।
बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरेकरवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी,मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
ये मौसम भी क्या रंग लाया है,साथ हवा और घटाएं लाया है,मिट्टी की खुशबू फैलाये सावन आया है,दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।
बारिश का सुहाना मौसम कुछ याद दिलाता है,किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है,फिजा भी सर्द है यादें भी ताजा हैं,ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियो ने धुल का।मगर दो बूंद बारिश ने औकात बता दी।
बारिश की बूंदों में नज़र आती है तस्वीर उनकीऔर हम भीग जाते हैं उनसे मिलने की चाहत में
जनवरी की सर्दी हल्की-हल्की बारिस की बूदें !!तुम्हारा वो गले से लग जाना याद आता हैं !!
उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से, जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है
सावन की हर बौछार सुहानी लगती हैं क्यूंकि उसने तेरे होठों को छुआ था आज हम उन्हीं बूंदों को ढूंढ रहे हैं जो कभी तेरे लबो पर गिरा था
बारिश की खुशबू दिलों को सजाती है, मोहब्बत की भावना जमीन पर ले आती है।
तूने इश्क़ का प्रेम रस पिला दिया ऐसे,बारिश की हर बूंद को महेसुस किया हो जैसे…बारिश शायरी २०२२
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
उस प्यार को हम सच्चा नहीं कहते है,जिसे बारिश में अपने महबूब की याद ना आये.
बारिश की बूंदो में झलकती हे उसकी तस्वीरआज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में
“कोई कमरे में आग तापता हो कोई बारिश में भीगता रह जाए” -तहज़ीब हाफ़ी
मत पूछ कितनी मुहब्बत हैं मुझे उससे।बारिश की बूँद अगर छु ले तो दिल में आग लग जाती हैं।
काश कोई इस तरह भी वाकिफ होमेरी जिंदगी से,कि मैं बारिश में भी रोऊँ औरवो मेरे आँसू पढ़ ले।
तेज पवन के चलने से जान हमारी जाती है!!मौसम है हत्यारा याद तुम्हारी आती है!!
पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे !!तो गिन लो बरसती हुई इन बूँदो को तुम !!
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!
दिल में अनजाना सा एहसास, जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में, जो साथ में यादें भी ले आई है।
आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना हैं,सपना ये मेरा कितना सुहाना हैं,बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे,उन कतरों को अपने होंटों से उठाना हैं.
अब जितना बरसना है बरसले ए बारिश वो चला गया है जिसके साथ मे तुम्हारे इस तोहफे को सीने से लगा लिया करता था।
बारिश की बूंदों को छातों से रोका न करो, बेचारी बहुत दूर से तुमसे मिलने आती हैं।
सावन के मस्त मौसम की रंगीन फुहार बरसती है, तुम हो दूर मेरे परदेशी तुम्हे पाने को हसरत तरसती है.
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे तनहा तो मेरी आँखें हर रोज़ बरसती है।
अर्ज़ किया है!!हो गया है मानसून का आगाज़!!सब खोल लो अपना छाता!!लेलो मज़ा इस बरसात का!!और खा लो जो आपको भाता!!
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।
पहले रिम-झिम फिर बरसात!!और अचानक कडी धूप!!मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है!!
क्या तमाशा लगा रखा है, तूने ए-बारिश बरसना ही है , तो जम के बरस. वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है.
बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे,क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं,कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे.
भीगे मौसम की भीगी सी सूरत; भीगी सी याद भूली हुई बात; वो भीगी सी आँखें; वो भीगा हुआ साथ; मुबारक हो आपको आज की खूबसूरत बरसात!
मैं भटकता बादल सा, तुम रिमझिम बारिश सी, हम दोनों इसी तरह, कभी भटकते रहते थे, याद है तुम्हें या भूल गये,बारिशों में भटकते रहना..
आज मौसम कितना खुश गवार हो गया,खत्म सभी का इंतज़ार हो गया,बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से,लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।
आज भीगी हैं पलकें किसी की याद में!!आसमां भी सिमट गया अपने आप में!!ऐसे गिरी है ओस की बूंदे ज़मीन पर!!
कभी जी भर के बरसना,कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना,ए बारिश तेरी आदतेंमेरे यार जैसी हैं.
अर्ज़ किया है!!मौसम है बरसात का!!खट्टी-मीठी बात का!!एक-दूजे से मुलाक़ात का!!शुक्र है खुदा की इस सौगात का!!
ये हुस्न ए मौसम , ये बारिश , ये हवाएं, लगता है मोहब्बत ने आज किसी का साथ दिया है
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती हैप्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती हैतेरी याद कुछ इस तरह आती हैनींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है ….
आज की बरसात की दिल्लगी ही कुछ ऐसी है,भीगे बिना कोई रह ना पाए थोड़ी ऐसी है.खूबसूरती का आलम इस कद्र बढ़ गया है,महकते मौसम का खुमार सभी पर चढ़ गया है.
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
जैसे बारिश हो जाए तो मौसम अच्छा होता है,खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धूल का मगर,दो बूंद बारिश ने औकात बता दी।
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में ज्यादा भीगना मत अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां तो फिर बहुत याद आएंगे हम
ए बादल इतना बरस के नफ़रतें धुल जायें !!इंसानियत तरस गयी है मुहब्बत के सैलाब को !!
खुश नसीब होते हैं बादल,जो दूर रहकर भीज़मीन पर बरसते हैं,और एक बदनसीब हम हैं,जो एक ही दुनिया में रहकर भीमिलने को तरसते हैं..!!
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों मेंचलते चलते अपनी यादों को रोकोमेरे शहर में बारिश हो रही है!!
आज मौसम कितना खुश गवार हो गयाखत्म सभी का इंतज़ार हो गयाबारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह सेलगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया
बूंदे बारिश की आज चहरे को मेरे छू गई, लगता है शायद आसमा को आज जमी मिल गई. ।।
आँखों में भी जाने कितनेबादल हैं हर मौसमबारिश का मौसमलगता है
आज भिगी हैं पलकें किसी की याद में।आकाश भी सिमट गया अपने आप में।ओस की बूंद ऐसी गिर हैं जमीन पर।मानो चाँद भी रोया हो उनकी याद में।
पहले रिम झिम फिर बरसात और अचानक कड़ी धूप।मुहब्बत और अगस्त की फ़ितरत एक सी हैं।
दिल में अनजाना सा एहसास, जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है, न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में, जो साथ में यादें भी ले आई है।
बादलों को गुरुर था कि वो उच्चाई पे है, जब बारिश हुई तो उसे ज़मीन की मिट्टी ही रास आयी।
बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबब्त में आंखे !
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,बादलों का रंग देख नियत बदल गई।
दिल दुखाते हो तुम, फिर भी याद आते हो तुम,मन को भिगो के जाती है तेरी यादें,और इस बरसात में तरसाते हो तुम।
चाहा था कि भीगें तेरी बारिश में हम मगर अपने ही सुलगते हुए ख्वाबों में जले हैं।
क्या किसी के पास उधार स्वरूप् थोड़ी धूप सप्लाई करने की व्य्वस्था है? मई जून तक दोगुने भाव से लौटा दूंगा।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में, तेरे यहाँ ‘जाम’ लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं।
क्या मस्त मौसम आया है,हर तरफ पानी ही पानी लाया है,तुम घर से बाहर मत निकलना,वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं,और मेढक निकल आया है।
अभी तो खुश्क़ है मौसम बारिश हो !!तो सोचेंगे हमें अपने अरमानों को !!किस मिट्टी में बोना है !!
ज़रा ठहरो बारिश थम जाये तो फिर चले जाना किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता
बजट के बाद रोया है फ़ुर्सत से कोई सारी रात यकीनन; वर्ना रुख़सत-ए- फ़रवरी में यहाँ बरसात नहीं होती!
ऐ बारिश, तुझसे शुक्रिया इन कलियों ने कहा है !!एक तुझसे मिलने के लिए सूरज की गर्मी को सहा है !!
बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश, आज पुरी हुई उनकी ख्वाहिश, भीग लो अपनों को याद कर के, मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश ।
बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,आज पुरी हुई उनकी ख्वाहिश,भीग लो अपनों को याद कर के,मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश।
कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घरढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर !!
मुझे मलूम है तुम्हेंबरसात देखनी हैमगर इन आँखों से सावनभी हार जाता है।
आज आई बारिश तो वो जमाना याद आया।वो तेरा छत पे रहना और मेरा सड़को पे नहाना।
गर्मीयो में सर्द हवा के लिये माँगी हुई दुआ अब सर्दियों में कबूल होते हुए देखकर यकीन हो गया है कि ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नही।
पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे..तो गिन लो बरसती हुई इन बूँदो को तुम।
भीगता हूं मैं बारिश में आँसूओ को छिपाने के खातिर!!कहिं गर तूने देख लिया तो जलजला आ जाएगा!!
मौसम में कुछ बदलाव हुआ है,लगता है खुदा का बारिश करने का मन हुआ है।
ज़ुल्फ़ों से टपकती ये बारिश की बुँदे तेरे बदन से महके सौंधी मिट्टी की सुगंधे गरजते बादलों की बिजली हैं तुझमे हर बारिश में नाचते मौर की छवि हैं तुझमे
बारिश जब जब हुआ करती है तेरे मेरे रिश्ते को और सुहाना कर देती है Barish jab jab hua karti hai tere mere rishte ko aur suhana kar deti hai.
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है,और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है…
आज बारिश हो रही है, मैं टूट रहा हूँ आसमान, मैं मन के कैनवास पर चल रहा हूँ मीठे रास्ते पर, तेरी तस्वीर बहुत दिनों से नज़र नहीं आती।
तलाश रही हैं ये नजरें तुझे देखने को,इतनी बेरूखी ना दिखा, ये आंखे नमी सी है…
खुद को इतना भी ना बचाया करए दोस्त ,बारिश हुए तो भीग जाए कर।
बारिश के बूंदो में झलकती हैं तस्वीर उनकी।और हम उनसे मिलने की चाहत में भीग जाते हैं।
मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे छूने की चाहत मैं हथेलियां तो गीली हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है
इंतज़ार में है ये नदियाँ ये घटा ये धरा!!और मैं, अब बरस भी जा ए गगन!!
बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगेपतझड़ में भी फूल बनकर बिखर जायेंगेक्या हुआ जो हम आपको सताते हैंकभी आप इन लम्हो के लिए भी तरस जायेंगे
ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलतेअपनी यादों को रोको मेरे शेहेर में बारिश हो रही है
पहली बरसात की वो रात!!जब तुम थे मेरे साथ!!मैं था तेरे बाँहों में!!क्या मधहोस थी वो रात!!
बरसात का बादल तो दिवाना हैं क्या जाने।किस राह से बेचना हैं किस छत को भिगोना हैं।
कुछ नशा तेरी बात का है !!कुछ नशा धीमी बरसात का है !!हमे तुम यूँही पागल मत समझो !!यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है !!
ना मैं दिल में आता हूँ, ना मैं समझ में आता हूँ, . . . . . . . . . . इतनी सर्दी में मैं कहीं नहीं जाता हूँ।
मेरे घर की मुफलिसी को देख कर बदनसीबी सर पटकती रह गई और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद छत कई दिन तक टपकती रही रह गई।
समझ में नहीं आया!!बारिश की वो बूँद खुश है या दुखी है!!जो देखने में बड़ी खूबसूरत लगती है!!पर पत्तों पर रुकी है!!
जब जब आता है यह बरसात का मौसमतेरी याद होती है साथ हरदमइस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमनेपर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम.
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,तो दिल में आग लग जाती है !
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई,कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई.
तुम आये जिंदगी में तो बरसात की तरह और चल भी दिए तो सुहानी रात की तरह बाते रहीं अधूरी और बिछड़ना पड़ा हमें था यह भी एक इत्तेफाक मुलाकात की तरह…
बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें!!बरसात बाहर भी है और भीतर भी है!!
रास्तो में सफ़र करने का मज़ा आ जाता हैजब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है
क्या तमाशा लगा रखा है,तूने ए-बारिश बरसना ही है, तो जम के बरस.वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है.
गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों मेंजल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में.
उसे बारिश का मौसम अच्छा लगता था,मुझे उसके साथ बारिश मे भींगना !!
“उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई” -जमाल एहसानी
हमारे शहर आ जाओसदा बरसात रहती हैकभी बादल बरसते हैकभी आँखे बरसती है।
भीगी मौसम की भीगी सी रात भीगी सी याद भुली हुई बात भुला हुआ वक्त वो भीगी सी आँखें वो बीता हुआ साथ मुबारक हो आप को साल की पहली बरसात…
समझ में नहीं आया बारिश की वो बूँद खुश है या दुखी है,जो देखने में बड़ी खूबसूरत लगती है पर पत्तों पर रुकी है.
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल, वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नहींरखते, भरोसा है, नहीं तुमको खुदा पर क्या जरा सा भी।
तेरे शहर में आये बरसात हो गई !!फिर एक अजनबी से मुलाक़ात हो गई !!
अपने विचारों में ताकत रखो आवाज़ में नहीं,क्योंकि फसल बारिश से होती है बाढ़ से नहीं।
इतनी सिद्दत से तो बरसात भी कम बरसे जिस तरह आँख तेरी याद में नम बरसे मिन्नतें कौन करे एक घरोंदे के लिए बादल से कह दो आज झमा-झम बरसे.
कभी बेपहां बरसी कभी ग़ुम सी हैये बारिश भी कुछ -कुछ तुम सी है
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगेबरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर, बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर Khud ko itna bhi na bachaya kar barish hua kare to bheeg jaya kar.
एक हम हैं जो इश्क की बारिश करते है एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।
एक तो ये रात और ऊपर से ये बरसादइक तो साथ नहीं हे तेरा और दर्द बेहिसाबकितनी अजीब सी हे ये बातमेरे ही बस में नहीं मेरे हालात
सुना है बारिश में दुआ क़बूल होती है अगर हो इज्जाजत तो मांग लू तुम्हे ?
खुद भी रोता हैं मुझे भी रुला के जाता हैं।ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला के जाता हैं।
बारिश की बूंदों में झलकती हैतस्वीर उनकी औरहम उनसे मिलने की चाहत में भीगजाते हैं.
ऐ बारिश जरा थम के बरस,जब वो आ जाये तो जम के बरस,पहले न बरस के वो आ न सके,फिर इतना बरस के वो जा न सके।
मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार होगया, लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया.
होंठों पर मुस्कान की झलक लाती है, बारिश में महकती मिट्टी की खुशबू से दिल भर जाती है।
बारिशों की भी अपनी कहानी है,जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है।
शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे!!तभी बारिश होने लगी!!मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर!!ये बादल भी रोने लगा!!Barish Status
“और बाज़ार से क्या ले जाऊं पहली बारिश का मज़ा ले जाऊं” -मोहम्मद अल्वी
“ओस से प्यास कहां बुझती है मूसला-धार बरस मेरी जान” -राजेन्द्र मनचंदा बानी
तेरे प्रेम की बारिश हो, मैं जलमग्न हो जाऊं,तुम घटा बन चली आओ, मैं बादल बन जाऊं।
बरस रही थी बारिश बाहरऔर वो भीग रहा था मुझ में
जब-जब घिरे बादल तेरी याद आई!!जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई!!
फ़िर बारिश हो रही हैशायद बादल रोया है।लगता है उसने भी मेरी तरह..कोई अपना खोया है…!
तेरी गलियों में ना रखेगे कदम आज के बाद।क्योंकि किचड़ हो गया है बरसात के बाद।
हम जागते रहे दुनिया सोती रही !!इक बारिश ही थी जो मेरे साथ रोती रही !!
बरसात की भीगी रातो में फिर कोई सुहानी याद आई।कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी।जवानी याद आई
काश कोई इस तरह भी वाकिफ होमेरी जिंदगी से,कि मैं बारिश में भी रोऊँ औरवो मेरे आँसू पढ़ ले।
खुश हो जाते होंगे लोग ओस की चंद बूंदों से जनाब, बारिश के मौसम को साथ ले आना हमारी एक मुस्कान के लिए।
अभी तो खुश्क़ है मौसम!!बारिश हो तो सोचेंगे हमें अपने अरमानों को!!किस मिट्टी में बोना है!!
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाबकितनी अजीब सी हैं बात, मेरे ही बस में नही मेरे हालात
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में, अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !
बादलों का हुआ है आना जानाछाता लेकर मिलने का ढूंढों बहानाहै मौसम सुहाना दिल दीवानाबन जायेगा देखो अपना फ़साना
वो मेरे रूबरू आया तो भी तोबरसातके मौसम मेंमेरे आँसु बह रहेथे और वो मौसमबरसात समझ बैठा।
मुझे मिलने मेरी औकात आयी है , मकान कच्चा है और बरसात आई है।
बेमौसम बारिश में बंजर दिल भी !!प्रेम के नगमे गुनगुनाने लगता है !!
मुझसे दूर रहना आपकीमजबूरी है मगरजानलो बरिश में आपका होनाजरूरी है।
शिकवा अब तुझसे क्या करे , तेरी यादों की बारिश ने ही तबाही मचा रखी है ।।
कितना अधूरा लगता है तब,जब बादल हो पर बारिश ना हो,जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो।
बरसती हुई बारिश के बीच में मेरा दोस्त तुम्हें ढूंढना चाहता है, दोनों एक साथ भीग रहे हैं, तुम गाओगे और मैं धुन दूंगा
तुम तो ना आये मगर तेरी यादों में,फिरसे बारिश की मौसम आ गई…
जमीन जल चुकी हैं, आसमान बाकी हैं,सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तिहान बाकी हैं,बादलों बरस जाना समय पर इस बार,किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी हैं.
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,अब याद आते हो तो बारिश होती है
मोहब्बत और बारिश का ✧ एक ही रिश्ता है ✧दोनों उमड़े तो ✧ बेसुमार बरसते हैं
नफरत भी नहीं हैं 🌿गुस्सा हु ,पर तेरी ज़िंदगी का अब हिस्सा भी नहीं हूँ ! 🍁
कितना अधूरा लगता है तब, जब बादल हो पर बारिश ना हो, जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो, जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो, और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो…
बारिश की बूंदों में हम दोनों बह जाएं, प्यार की ये बरसात हमें और नजदीक लाएं।
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसेलो अब गिन लो बारिश की ये बूँदें
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएंगे !!वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम कैसे देख पाएंगे !!
आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश,दिल खुश करने वाली हुई बारिश।
आज बारिश में तुम्हारे संग नहाना हैं,सपना ये मेरा कितना सुहाना हैं,बारिश के कतरे जो तेरे होंठों पे गिरे,उन कतरों को अपने होंटों से उठाना हैं.
तेरे प्रेम की बारिश हो,मैं जलमगन हो जाऊं,तुम घटा बन चली आओ,मैं बादल बन जाऊं !
मेरे बचपन कि बारिश भी !!अब बड़ी हो गई !!
बादलों से कह दो जरा सोच समझ कर बरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी, तो मुकाबला बराबरी का होगा।
ऐ रब इस हसीन सावन की बस एक ही खाव्हिश है,भींग लूँ मैं एक दफा, बस यही फरमाइश है !!
आज फिर तेरी याद आई बारिश को देख कर।दिल पे जोर ना रहा अपनी बेबसी को देख कर।रोये इस कदर तेरी याद में।के बारिश भी थम गई मेरी बारिश देख कर।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है, ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है।
कह दो बादलों से, कुछ ‘पानी मेरी आँखों से उधार ले जाये।
एक हम हैं जो इश्क़ की बारिशकरते हैं, एक वो हैं जो भीगने की तैयार ही नहीं
अगर भीगने का इतना ही शौक है,बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,बारिश तो हर एक के लिए होती है,लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिएबरसती है ।
ख्यालों में वही, सपनो में वही,लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,हम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया!!ख़त्म सभी का इंतजार हो गया!!बारिश की बुँदे गिरी कुछ इस तरह से!!लगा जैसे आसमान को जमीन से प्यार हो गया!!
दूर तक छाए थे बादल ओर कहीं साया न था, इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
पहन लो तुम रेन कोर्ट तुमसे यही है, हमारी गुज़ारिश, मुबारक हो आप सबको सर्दी की पहली बारिश।
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानीयाद आई कुछ अपना ज़माना याद आयाकुछ उनकी जवानी याद आई,
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को अंजुम !!तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई !!
इस बारिश के मौसम में अजीब सीकशिश है,ना चाहते हुए भी कोई शिद्दत सेयाद आता है ।
ये बारिश ये हसीन मौसम और ये हवाये लगता है !!आज मोहब्बत ने किसी का साथ दिया है !!
कुछ तो चाहत रही होंगी, इस बारिश की बूंदो की, वर्ना कौन गिरता है जमीन पर, आसमान तक पहुंचने के बाद !!
रिमझिम बरस पड़े हो, तुम तो फुहार बनके आया है अब तो मौसम, कैसा खुमार बनके मेरे दिल में यूँहीं रहना, तुम प्यार प्यार बनके
मोहब्बत और बारिश का एक ही रिश्ता हैदोनों उमड़े तो बेसुमार बरसते हैं
ए बादल इतना बरस कीनफ़रतें घुल जायेंइंसानियत तरस गयी हैप्यार पाने के लिए
कितना कुछ धुल गया आज इस!!बारिश में हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने!!भी धुल गए इस बारिश में!!Barish Status
ये बादल इतना बरस के नफ़रते धुल जाए।इंसानियत तरस गई हैं मुहब्बत के सैलाब को।
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ, घर से आजकल.वरना शौक तो आज भी है, बारिशो में भीगने का.
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे!!अब जब याद आते हो बारिश होती है!!
सुना है बारिश में दुआ कुबूल होती है, अगर इजाजत हो तो मांग लू तुम्हे।
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना!!मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी!!
सुना है बारिशों में हर दुआ क़बूल होती हैअगर हो इज़ाज़त तो मांग लूँ आपको…….
“दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़ अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़” -शबाब ललित
थोड़ी खता इन बारिश की बूंदो की भी है !!यू ही नहीं इस मौसम में मेहबूब कुछ ज्यादा ही याद आता है !!
बरसात की बूंदे भले ही छोटी-छोटी हों!!मगर उनके निरंतर बरसने से बड़ी नदियां बन जाती हैं!!ठीक इसी तरह जीवन में छोटे-छोटे!!प्रयास बड़े परिवर्तन ला देते है!!
बहुत अफ़सोस हो रहा है उन बेचारे लड़के-लड़कियों पे जो, . . . . . . . . . कंबल, रज़ाई में छुप कर कॉल और मैसेज किया करते थे। अब करो, हाय रे गर्मी!
बारिश का मौसम सभी लोगों को भाता है। इस मौसम में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं और चारों तरफ हरियाली छा जाती है। यह मौसम बहुत ही सुहावना लगता है।
किया न करो मुझसेइश्क़ की बातें बिन बारिश के हीभीग जाती हैं रातें।
जब भी कड़कती हैं बिजली मेरा रोम रोम याद करता हैं तुझे कैसे लिपट जाती थी तू मुझसे जब बादल फटता था जोरो से
मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है,कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है.
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
बरस रही थी बारिश बाहर औरवो भीग रहे थे मुझ में
उसे बारिश में भिगना अच्छा लगता हैं।और मुझे सिर्फ बारिश में भीगती हुई वो।
शायद कोई ख़्वाइश रोती रहती हैमेरे अंदर बारिश होती रहती है
झिलमिलाते हुए अश्कों की लङी टूट गई जगमगाती हुई बरसात ने दम तोड़ दिया
आज ये मंजिले ना तेरी है ना मेरी है !!बारिश कहती है ये रास्ते सारे मेरे है !!
गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में।
आज बारिश ने साबित कर दिया कीआसमा को जमी से कितना प्यार है।Aaj baaarish ne saabit kar diya ki Aasma ko zami se kitna pyaar hai
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है,और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है।
आज हम आप सभी के लिए barish shayari लेकर आए हैं
हवा संग बह चला जाएगा ये बादल भी मगर ये मेरे शहर आया है अब अदब से भीगना होगा !
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात, इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाबकितनी अजीब सी है बात, मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।
मुझे मार ही ना डाले इन बादलों की साज़िश,ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो.
इस बरसात में हम भीग जायेंगे,दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,अगर दिल करे मिलने को तो यादकरना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
बारिश की बूंदे लाती है बहार,दे जाती एक अनजाना-सा करार.जब पड़ती है चेहरे के ऊपर,गीला कर उसे और बना देती सुन्दर.
क्या मस्त मौसम आया है,हर तरफ पानी ही पानी लाया है,तुम घर से बाहर मत निकलना,वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं,और मेंढक निकल आया है।
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे
मैंने उससे एक बार पूछा किया धुप में बारिश होती है और वो तो हसने लगी हस्ते हस्ते रोने लगी और धुप में बारिश होने लगी
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!
कभी जी भर के बरसना, कभी बूँद-बूँद के लिए तड़पना, अये बारिश तेरी आदतें भी मेरे यार जैसी हैं।
गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !
उनका वादा है कि वो लौट आयेंगे; इसी उम्मीद पर हम जिये जायेंगे; ये इतंजार भी उन्ही की तरह प्यारा है; कर रहे थे कर रहे हैं और किये जायेंगे।
सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती हैअगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे
तुम आए जिंदगी मेंबरसात की तरहऔर चले गए हसीनरात की तरहबातें रही अधूरी औरबिछड़ना पड़ा हमेहै ये भी एक तकलीफ किसीमुलाकात की तरह।
मजबूरियॉ ओढ़ के निकलता हूं!!घर से आजकल!!वरना शौक तो आज भी है बारिशों में भीगनें का!!
एक गुजारिश है तुझसे ज़रा रुक के बरसना , आ जाए जब मेरा मेहबूब तो फिर जम्म के बरसना
खुद को इतना भी न बचाया कर !!बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर !!
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,मन तुझसे ही मिलने को तरसता है।
तेरी गलियें में कदम नही रखेंगे हम आज के बाद, क्योकि कीचड़ हो गया हैं बरसात के बाद
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे, बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
मुझे तुम्हारी बारिश की तरह जरूरत थी लेकिन तुम गिरने से डरते थे।
जरा ठहरो की बारिश हेयह थम जाये तो फिर जानाकिसी का तुम को छू लेनामुझे अच्छा नहीं लगता।
तेरे शहर की बारिश में तमाम रात मै नहाया था, रंग वो भीग के उतर ही गये जो उतरने थे ।।
रास्तो में सफर करने का मज़ा तब आता हे जबबारिश का सुहाना मौसम हो जाता हे….
खुशबू पकोड़े की दिल में समायी है, बोहोतदिनों बाद आज बारिश आयी है.
बारिश के मौसम में बदल गयी हैं मेरी दुनिया,यादों के साथ बह रहे हैं दिल के हर कोने ये बूंदें।
उसको भला कोई केसे गुलाब दे !!आने से जिसके खुद मौसम ही गुलाबी हो जाएं !!
आज की इस बारिश में साथ तुम नहीं हो तो, आँख नम सी कितनी है सांस तंग सी कितनी है, रूह प्यासी कितनी है ये उदासी कितनी है, आज की इस बारिस में।
यह हुस्न ए मौसम ये बारिश ये हवाएं लगता है मोहोब्बत ने आज किसी का साथ दिया है
आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश,दिल खुश करने वाली हुई बारिश।
तमाम रात नहाया था शहर बारिश से,वो रंग उतर ही गये जो उतरने वाले थे।
बारिश का मौसम सावन की रिमझिम फुहारों के बीच दोनों एक-दूसरे से अपने प्यार और जज्बात अपने मन से सीधा होटोपे आ जाते है।
“खयालो मे वही, सपनो मे वही,लेकिन उनकी यादों मे हम थे ही नही,हम जागते रहे दूनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही ।”
तबदीली जब भी आती है मौसम की अदाओ में, किसी का यु बदल जाना, बहुत याद आता है
बारिश में चलने सेएक बात याद आती है,फिसलने के डर सेवो मेरा हाथ थाम लेता था।
ऐ बादल इतना न बरस की नफ़रतें धूल जाएँ, इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिए।
कभी ख़ुशी कभी गम, कभी विस्की कभी रम, ये हैं मॉडर्न बारिश की सरगम।
कुछ नशा तेरी बात का है,कुछ नशा धीमी बरसात का है,हमे तुम यूँ ही पागल मत समझो,यह दिल पर असरपहली मुलाकात का है..!!
बेवजह अब ज़िंदगी में प्यार के बीज ना बोए कोई।तभी मुहब्बत के पेड़ हमेशा गम की बारिश ही लाते हैं।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धुल का मगर दो बूंदे बारिश ने औकात बता दी
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता हैये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है
यदि आप बारिश में भीगने का मजा नही ले रहे हैंतो बारिश की शायरी पढ़ने का मजा लीजिए.
बारिश हुई और भीग गये हम,रजनीकांत ने फूँक मारी सूख गये हम.
अब कोन घटाओ को घुमड़ने से रोक पायेगा, जुल्फ जो खुल गयी तेरी लगता हैं सावन आयेंगे !
कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते..रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ हैं.
सुनो महसूस करो बादल की गरजबिजली की चमकबारिश की एक एक बूँदतुमसे चीख चीख कर कह रही है???आज तो नहा लो
घर में छुपा है बारिश में भीग जा !!जिंदगी कैसे जीते है अब सीख जा !!
ऐसे मौसम में क्यों ना मयख़ाना सजाएँ; चाय तो वो पीते हैं, जिनके लीवर में दम नहीं होता।
ए बारिश तू इतना न बरसकी वो आ न सकेऔर उसके आने के बादइतना बरस की वो जा न सके।
कितने अजब रंग समेटे है !!ये बेमौसम बारिश खुद में !!अमीर पकोड़े खाने की सोच रहा है और किसान जहर !!
बारिश हो रही है इस कायनात में,लेकिन मेरे अंदर तुम्हारे इश्क़ की फुहार है !!
रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है.क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारों,अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है।
मेरे घर की मुफलिसी को देख कर बदनसीबी सर पटकती रह गई और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.
ये बारिश तू इतना न बरसकी वो आ न सकेऔर उसके आने के बादइतना बरस की वो जा न सके।
रहमत बरस रही है !!या गुनाह किसी के धो रहा है !!ये बरस रहे है बादल या फिर खुदा रो रहा है !!
शिकवा नही है मुझे तेरी गैरमौजूदगी पर,मगर एक उजाला कम्बख्त अंधेरे में बिखर गया…
तेरी गलियें में कदम नही रखेंगे हम आज के बाद,क्योकि कीचड़ हो गया हैं बरसात के बाद…!!!
जितना देखू, जितना महसूस करू!!जितना सुनू कम सा लगता है!!ये बारिश का मौसम तुम सा लगता है!!
वर्षा रानी सुन ले रेबस इतनी सी प्रेम गुजारिशउसके तन पर भी करके आमेरे मन की बारिश
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
बहुत बिगडे है जमाने के रंग क्योंकि मिल बैठे हैं तीन यार संग संग Summer Monsoon Winter
सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती हैअगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे ?
खुद को इतना भी न बचाया कर,बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर
टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करवो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
सभी को खुशियां चाहिए और दुःख किसी को भी नही चाहिए, लेकिन थोड़ी सी भी वर्षा के बिना आपको इंद्रधनुष नही मिल सकता।
ए बादल क्या किसी ने तेरा भी दिल दुखाया है, वरनाइतनी शिद्दत से बरसता ही कौन है.
कभी जी भर के बरसनाकभी बूंद बूंद के लिए तरसानाए बारिश तेरी आदतेंमेरे यार जैसी हैं
छत टपकती है उसके कच्चे घर की,वो किसान फिर भी बारिश की दुआ करता होगा.
बरसात की रात में मत करो शैतानी मौका मिला है तो क्या करोगे अपनी मनमानी बातें करने को बुलाया था तुमने तो आज मुझे अब मत करो तुम अपने इरादों से बेईमानी…
हमारे शहर आ जाओ, सदा बरसात रहती है, कभी बादल बरसते हैं, कभी आँखे बरसती हैं !!
एक अर्से बाद बारिश हुई मेरे शहर में, देखो ना, कुछ बूंदें अब तक पलकों से लिपटी हैं।
गुल तेरा रंग चुरा लाए हैं गुलज़ारों में !!जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में !!
क्या तमाशा लगा रखा है तूने ए-बारिशबरसना ही है , तो जम के बरस वैसे भीइतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोजहुआ करती है.
तेरी मोहब्बत में इतने करीब आ गए,जैसे बारिश की बूंदों में भीग रहे धीरे धीरे…
रहमत बरस रही है या गुनाह किसी के धो रहा है, ये बरस रहे है बादल या फिर खुदा रो रहा है।
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
कितना अधूरा लगता है तब, जब बादल हो पर बारिश ना हो, जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो, जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो, और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.
बारिश की इन बूंदों में गुमसुम सा हो गया में, सावन भी क्योंकि अब लगने लगा है तुम में ।।
मेरा शहर तो बारिशों का घर ठहरा!!यहां की आँखे हो या दिल बहुत बरसती हैं!!
ये बारिशें भी कम ज़ालिम नहीं यादों की बौछार तुम्हारी औरइंतेज़ार में जज़्बात मेरे सीलन खाते है
कहीं गिर ना जाउ मैंआपको याद करते करते हैंआज मेरे शहर मेंजोरो से बारिश हो रही है।
गर मेरी चाहतो के मुताबिक जमाने में हर बात होती।तो बस मै होता वो होती और सारी रात बरसात होती।
जाने क्यों बारिश जब जब भी होती है, अन्दर तेरी याद चुप चुप कर रोती है।
तेरे इंतजार का मजा हीकुछ और हैअरे उसके आगे तो तेरेइस मौसम कामजा भी कमजोर है।
‘नहाना’ मेरी समझ से परे है – जिस शब्द के आगे ‘न’ है और पीछे ‘ना’ है, उस पर हाँ करवाने पर ये दुनिया क्यों तुली है।
रोई है किसी छत पर अकेले ही ने घुटकर!!उतरी जो लबों पर नमकीन थी बारिश!!
कच्चे मकान जितने थे बारिश में बह गए!!वर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था!!
ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जानाकिसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!
कच्ची मिट्टी का बना होता हैं उम्मीदो का घर।ढल जाता हैं हकीकत की बारिश में अक्सर।
जैसी ही भीगती हुई आई वोहमारे छाते के नीचेलगे उस पल तो आ ही गयामेरा दिल उसके दिल के नीचे
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
बारिश में चलने से, एक बात याद आती हैफिसलने के डर से, वो मेरा हाथ थाम लेता था
ए काश बरस जाये यहाँनूर की बारिश * ईमान के शीशो परबड़ी गर्द जमी है
ऐ रब इस हसीन सावन की बस एक ही खाव्हिश है, भीग लूँ मैं एक दफा बस यही फरमाइश है ।
हो रही है बारिश, पूरा शहर ये वीरान है, एक हम ही तो उदास नहीं, सारा शहर परेशान है !
परदेस में क्या महसूस करें!!बारिश का मज़ा मिट्टी की महक़!!जब गाँव में अपने होती है!!बरसात से खुशबू आती है!!
घर में छुपा है, बारिश में भीग जा,जिंदगी कैसे जीते है, अब सीख जा.
वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।
अबके बारिश में तोये कार-ए-ज़ियाँ होना ही थाअपनी कच्ची बस्तियोंको बे-निशाँ होना ही था।
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बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर ‘अदम’बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया
गुनगुनाती हुई आती है फ़लक सेबूँदे, कोई बदली तेरे पाजेब से टकराई है.
इस बरसात में हम भीग जायेंगे, दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे, अगर दिल करे मिलने को तो याद करना बरसात बनकर बरस जायेंगे
कही फिसल न जाओ ज़रा सम्हाल के रहना मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी
कुछ तो चाहत होगी इन बारिश की बूंदो की वरना कौन गिरता है इस ज़मीन पर आसमान तक पहुँचने के बाद !
आज मौसम भी लगता है बेकरार हो गया खत्म प्रेमियों का इंतजार हो गया बारिश की बुँदे कुछ गिरी इस तरह से शायद आसमान को भी जमीन से प्यार हो गया…
बारिश का मौसम बहुत ही romantic होता हैं लोग अक्सर बारिश मे अपने साथी हो miss करते हैं
आज फिर मौसम नम हुआ मेरी आँखों की तरह,शायद बादलो का भी दिल किसी ने तोड़ा होगा।
बादलों से कह दो,जरा सोच समझ के बरसे, अगर हमें उसकी याद आ गई, तो मुकाबला बराबरी का होगा
तुम एक बार बाहर जाकर बारिश देखो तो सही, तुम्हारे आने की खुशी में कहीं हर बूंद आइना न बन गया हो।।
बादल गरजे तो आसमान रो पड़ता है, दिल की धड़कनें बारिश की धुन में चल पड़ती है।
जब भी होगी पहली बारिश तुमकोसामने पाएंगे, वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम कैसे देख पाएंगे.
मदमस्त बूँदों को गिरते देखा, बादल का हाल बताते हैं, तड़पन में अपनी बन के बारिश, वो धरा से मिलने आते हैं।
बूँदे बारिश की यूँ जमीन पर आने लगी सोंदी से महक माटी की जगाने लगी हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगी वैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी।
बारिश का वो मौसम आया, प्यार की बहार संग लाया।
ए बारिश ज़रा थम के बरस, जब मेरा यार आ जाए तो जम के बरस, पहले ना बरस की वो आ ना सके, फिर इतना बरस की वो जा ना सके.
छुप जाएँ कहीं आ कि बहुत तेज़ है बारिश !!ये मेरे तिरे जिस्म तो मिट्टी के बने हैं !!
ख़यालों में वही ख्वाबों में भी वहीमगर उनकी यादों में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रहीएक बारिश ही तो थी जो हमारे साथ रोती रही
अकेले हम ही शामिल नहींइस जुर्म में,नज़रे जब मिली तो मुस्कराएतुम भी थे ! 🍁
सावन की घटा बन के बरस जा मुझको फंसा ले या खुद फंस जा देख कब से तेरे इंतजार में बैठा हूँ में बोल में आऊं या तू मेरा यहाँ आकर बस जा…
जब जब आता है यह बरसात का मौसम तेरी याद।होती हैं साथ हरदम।इस मौसम मे नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा हैं हमने।पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पायेगे हम।
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी
बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए !!अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए !!
मेरे घर की मुफलिसी को देख करबदनसीबी सर पटकती रह गई
आ जाओ तुम भी कभी यूँ इस सुहानी बरसात मेंजैसे दिलकश ख्वाब कोई आता है हसीं रात में
दोस्तों, आइए अब कुछ इकट्ठा किए गए बेहतरीन बारिश शायरी को पढ़ते हैं। हमें आशा है कि यह शायरी आपको बहुत पसंद आए
आज मेरी पूरी हुई ख्वाहिश,दिल खुश करने वाली हुई बारिश।
जाने क्यों लोग हमे अजमाने की।कुछ पल साथ रहकर भी दुर चले जाते हैं।सच ही कहाँ हैं कहने वालो ने।सागर के मिलने के बाद लोग बारिश को भूल जाते हैं।
अब जितना बरसना है बरसले ए बारिश!!वो चला गया है जिसके साथ मे तुम्हारे!!इस तोहफे को सीने से लगा लिया करता था!!
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो, जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है, और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है…
बारिश शायरी गुलजार बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने, किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
बारिश से मोहब्बत मुझे इस कदर है !!वो बरसता उधर है धड़कता दिल मेरा इधर है !!
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में !!ज्यादा भीगना मत !!अगर धुल गयी सारी गलतफहमियाँ !!तो बहुत याद आयेंगें हम !!
तेरी गलियों में ना रखेंगे कदमआज के बादक्योंकि किचड़ हो गया हैबरसात के बाद
इस बरसात में हम भीग जायेंगे, दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे, अगर दिल करे मिलने को तो याद करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
आँख भर आई किसी से!!जो मुलाक़ात हुई ख़ुश्क मौसम था!!मगर टूट के बरसात हुई!!
कुछ तो चाहत होगी इन बूंदों की भी,वरना कौन छूता है,इस जमीन को उस आसमान से टूटकर।
वाह मौसम आज तेरी अदा पर,दिल खुश हो गया, याद मुझकोवो आई और बरस तू गया..!!
सच्चे आशिक तो हर बात समझ लेते है!!सपनों मे भी हर मुलाकात समझ लेते है!!आसमान भी रोता है अपना प्यार पाने के लिए!!पर लोग इसे बरसात समझ लेते है!!
इस बरसात में हम भीग जायेंगे,दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,अगर दिल करे मिलने को तो यादकरना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
आज आयी बारिश तो याद आया वो जमाना, वो तेरा छत पे रहना ओर मेरा सड़कों पे नहाना।
बारिश के दिनों में मेरी याद लेकर चला जाओ,ख्वाबों में फिर मुझसे मिलने चला जाओ।
बारिश की बूँदें जब गिरती है, दिल को भी राहत मिलती है।
तेरे प्रेम की बारिश हो,मैं जलमग्न हो जाऊं,तुम घटा बन चली आओ,मैं बादल बन जाऊं।
बारिश आती है प्यारबढ़ाने के लिएमगर आप घर के बाहरनिकलते ही नहीं।
सावन का मौसम जब भी धरती सेमिलने आता है तब तब अपनी तड़पका दास्ताँ बरस कर सुनाता हैक्यों होती है अक्सर जुदाई उनसेजिसको दिल चाहे क्यों।
कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर
कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलनामौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी
खुद को इतना भी न बचाया कर,बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश की खौंफ से।महलों की आरज़ू है की बरसात तेज़ हो ।
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,अब याद आते हो तो बारिश होती है
बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी,जब भी मिलती है नई सी लगती है।
आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो मौसम हसीन है, लेकिन तुम जैसा नहीं. Aaj kuch aur nahi bas itna suno mausam hasin hai lekin tum jesa nahi.
ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब,इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है,बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग,और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।
कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना !!मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी !!
पहली बारिश का नशा ही कुछ अलग होता हैपलको को छूते ही सीधा दिल पे असर होता है !
ज़रा ठहरो बारिश थम जायेतो फिर चले जानाकिसी का तुझ को छू लेनामुझे अच्छा नहीं लगता
बारिश आए ना आएभीगते ही रहते है हमजब जमकर बरसती हैतेरी यादें..!
बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे, ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें रोतीं रहीं।
बारिश की तरह तुझ पे बरसती रहे खुशियां,हर बूँद तेरे दिल से हर एक गम को मिटा दे।
अब कोन से मौसम से कोई क्या आस लगाए बरसात मैं भी याद न जब उन को हम आये
तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओं में, किसी का यूँ बदल जाना, बहुत याद आता है।
मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ
ये हल्की-हल्की शर्द हवाएं, ये बारिश का मौसम, मैं तुममें पूरा रहता हूं, तुम मुझमें क्यों रहती हो कम।
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है
भल कागज की इतनी कशितयाँ हम क्यों बनाते हैं।ना वो गलियाँ कही हैं अब ना वो बारिश का पानी हैं।
कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से, की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !
बारिश तेरे बिन भी होती है मेरे शहर मेंमगर उसमे सिर्फ पानी बरसता है इश्क़ नहीं