Fursat Shayari In Hindi | फुरसत शायरी इन हिंदी
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2024-09-24 11:10:03 - Milan
बंद कमरे में रखे गमले नमी को तरस गए ~ बाहर सड़क पे ढेर से बादल बरस गए!!!
मोहब्बत को तुमदिल में ना छुपाना..जब मिले फुर्सत तोहमें जरूर बताना..
न जाने इस ज़िद्द का नतीजा क्या होगा ~ समझता दिल भी नहीं वो भी नहीं और मैं भी नही!
तुझ से रूठने का हक है मुझ को.. ~ पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता|
तोड़ ले जाते हैं पत्तों को गुजरने वाले ~ इतनी नीची मेरे अहसास की डाली क्यों है!
ना मिले फुरसत हमें देखने कीतो अनदेखा ही किया करोपर यूं सर आंखों पर बिठाकरहमें अचानक ठुकराया ना करो
**************************************** मेरे ऊपर सिंगल पन इतना भारी है कि, ~ ताश खेलते वक्त मेरे पास बेगम तक नही आती
ना जाने कितने लम्हें लेट आती हो !!और जल्दी जाने की जिद करती हो !!थोड़ा फुर्सत निकाल कर आया करो !!नजरों से नजरें मिलाकर प्यार जताया करो !!
भगवन बुरी नजर से बचाए आप को, चाँद सितारों से सजाए आप को, गम क्या होता है ये आप भूल ही जाओ, खुदा ज़िन्दगी मे इतना हँसाए आप को । जन्मदिन मुबारक हो ।
रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब , ~ आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को..!!
बुत भी रक्खे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं, ~ दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है
तेरे ख्याल में जब भी बे-ख्याल होता हूँ… कुछ देर के लिए ही सही बे-मिसाल हो जाता हूँ…!
हर नक्श हीरे सा तराशा गया है,सच सनम तुम्हे बड़ी फुर्सत में बनाया गया है।
ये शराब भी एक अजब चीज़ बनायी है ऐ खुदा, पीते ही चेहरे धुंधले और किरदार साफ नज़र आते है…
कहता है पल पल तुमसे हो कर दिल ये दिवाना,एक पल भी जाने जाना हमसे दूर नही जाना.
झमाझम बारिश का मौसम और फर्क हालातों का ~ रईस को मस्ती सूझ रही है और गरीब की बस्ती डूब रही है
आपने जब -जब पत्थर फेंके हमने चुन चुन कर सोचा, ~ इनसे पुल तामीर करें या बीच में खींचें एक दीवार…
किसी को तुम दिलसे चाहो….और वो तुम्हारी कदर ना करे तो… ~ ये उसकी बदनसीबी है….तुम्हारी नही……
मुझे यक़ीन है वो राह देखता तो होगा, ~ मैं सोचता हूँ मगर सोचने से क्या होगा….
“यदि तुम वक्त की कद्र नहीं करोगे, तो वक्त तुम्हारी कद्र नहीं करेगा।” “जितनी भी फुरसत हो उत्साह से गुजारो, क्योंकि फुरसत का यही तो आनंद है।”
एक दीवाने को आए थे समझाने कई ~ पहले मैं था इक दीवाना अब मुझ जैसे हैं दीवाने कई!!!
कभी बैठो फुर्सत में छोड़ो ये तामझाम,ढल ना जाये देखो कही एक और शाम.
बहुत अंदर तक जला देती हैं,वो शिकायते जो बया नहीं होतीBahut andar Tak Jala Deti Hai vo Shikayate Jo byaa Nahin Hoti
तेरा ख्याल भी है क्या गजब,जो न आये तो आफत,और जो आ जाए तो कयामत.
जान में जान बाक़ी है ~ तो इम्तहान बाकी है…
समझते है सब उसे मसखरा चार्ली चेपलीन जैसा दिल में छिपे दुःख-दर्द किसी को परखने नहीं देता …
दिल की लगी में वक़्त-ए -तन्हाई ऐसा भी आता है ~ कि रात चली जाती है मगर अँधेरे नहीं जाते…
खत्म कर दी थी जिन्दगीकी हर खुशियाँ तुम पर,कभी फुर्सत मिले तोसोचना मोहब्बत किस ने की थी।।
मैंने रंग दिया हर पन्ना तेरे नाम से,मेरी किताबों से, ~ मेरी यादों से पूछ इश्क किसे कहते हैं।
जो तुम्हारा हाल फुर्सत में पूछे,उसे जवाब भी फुर्सत में ही दिया करो.
गलत फहमियों के सिलसिले इतने दिलचस्प हैं, ~ हर ईंट सोचती है कि दीवार बस मुझसे जिन्दा है !
काश फुर्सत में उन्हें भी !!यह ख्याल आ जाये कि !!कोई याद करता है उन्हें !!जिंदगी समझ कर !!
हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।
दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है,अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना।।
उसके कमरे में हर सुबह दिखती हैं ओस की बूंदें आँखों को नम किये बगैर रात गुजरने नहीं देता …
खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे,और वो औरो से मिलने का इल्ज़ाम लगा रहे है।
बअ’द मरने के मिरी क़ब्र पे आया वो ‘ग़ाफ़िल’ ~ याद आई मेरे ईसा को दवा मेरे बअ’द
**************************************** मंजिले कितनी भी ऊँची हो, रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है
न चारागर की ज़रूरत न कुछ दवा की है ~ दुआ को हाथ उठाओ कि ग़म की रात कटे
उनको तो फुरसत नहीं,दीवारो तुम ही बात कर लो मुझसे।।
इश्क़ ने एक नाम को पहचान बना दिया, ~ सुल्तान को एक शख़्स से सुल्तान बना दिया
तुमसे इज़हार ना कर पाने की इतनी सी वजह है ~ मैं तुम्हारे सामने आते ही होश में नहीं रहता
खुशी जल्दी में थी,रूकी नही।गम फुरसत में थे जो ठहर गए।
जिंदगी के कुछ पन्ने मोड़ दिएकि फुर्सत में दिल से पढ़ूँगा,पर बड़ा अफ़सोस हुआ जबजिंदगी भर फुर्सत ही नहीं मिली।
पैसे कमाने में इतने भी व्यस्त मत हो जाओ,जब फुर्सत मिले तो कोई दोस्त ही रह ना जाएँ।
मंजिल पे पहुँचकर लिखूंगा मैं इन रास्तों की मुश्किलों।।का जिक्र अभी तो बस आगे बढ़ने से ही फुरसत नही।।
😌Sorry My Babu तू तो Late हो गयी👇 😘Tere चककर में तेरी Saheli सेट हो Gayi❤️
तेरी मोहब्बत मैंने एक बात सीखी है,तेरे साथ के बगैर ये दुनिया फीकी है.
तुम्हे गेरौ से कब फुरसत,हम अपने ग़म से कब खाली।।चलो बहुत हो गया मिलना,ना तुम खाली ना हम खाली।।
ज़िन्दगी और जुबां तब तक शांत रहती जब तक सब कुछ बेहतर रहता है।
♥️●▬▬▬ஜ۩👑۩ஜ▬▬▬•√♥️ 😊Hum डरते to किसी के Baap से नहीं 👉Bas बीच में #Respect नाम की ❣️ 😏♥️♥️Chiz आ जाती है♥️♥️😊 ♥️●▬▬▬ஜ۩👑۩ஜ▬▬▬•√♥️
आ थोड़ी देर बैठ के बाते करे यहाँ… ~ तेरे तो यार लहजे में अपना -सा दर्द है
कभी फुर्सत में अपनी कमियों पर भीगुजर करना चाहिए,दूसरों को आईना दिखाने की आदतछूट जाएगी।
हर तमन्ना जब दिल से !!रूख्सत हो गई !!यकीन मानिये फिर !!फुरसत ही फुरसत हो गई !!
किसी न किसी बहाने से आपको याद करते हैं,अपनी रूह में आपको हम महसूस करते हैं,इतनी बार तो आप सांस भी नही लेते होंगे,जितनी बार हम आपको याद करते हैं.
जिसको गलत तस्वीर दिखाई उसको ही बस खुश रख पाया….. जिसके सामने आईना रक्खा हर शख्स वो मुझसे रूठ गया………
लोग कहते है….. दुआ कबुल होने का भी वक्त होता है हैरान हु मै ,किस वक्त मैने तुझे नही माँगा
ना सीख लेना तुम बेरुख़ी भी ज़ालिम ज़माने से ~ कि तुम जो सीख लेते हो हम पर आज़माते हो..
अधूरे मिलन की आस है जिंदगी !!खुश-दुःख का एहसास है जिंदगी !!फुरसत मिले तो ख्वाबों में आया करो !!आपके बिना बड़ी उदास है जिंदगी !!
बेटी की हर ख़्वाहिश पूरी नहीं होती,फिर भी बेटियाँ कभी भी अधूरी नहीं होतीं।
चाहा है तुझको तेरे तगाफुल के बावजूद,ऐ ज़िन्दगी तू भी याद करेगी कभी हमें।
“जब तुम अपने शीघ्रता को कम कर फुरसत का सामना करोगे, तो तुम अपने वक्त की कीमत समझोगे।”
सूरज रौशनी ले कर आया है, चिड़ियों ने खुब गाना गाया है, फूलों ने हंस हंस कर बोला, मुबारक हो तुम्हारा जन्मदिन आया है !🎂
ऐसी क़िस्मत कहाँ कि जाम आता ~ बू-ए-मय भी इधर नहीं आई
“वक्त है जिसे तुम नजरंदाज करते हो, वो ही वक्त तुम्हें नजरंदाज करेगा।”
************************************** बताओ ना कैसे तुम्हे भुलाऊँ, ~ तुम तो वाकिफ़ हो इस हुनर से….
देखते है अब किस की जान जाएगी……. ~ उसने मेरी और मैंने उसकी कसम खाईं है.
बेटी बोझ नहीं सम्मान है, बेटी गीता और कुरआन है, घर की प्यारी सी मुस्कान है,बेटी माँ-बाप की जान है।
वो तझको भूले हैं तो तुझपे भी लाज़िम है ~ खाक डाल आग लगा नाम न ले याद न कर…
मिल जाए उलझनों से फुर्सत तो जरा सोचना,क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने तक का रिश्ता है हमसे।
यह सोच के दरिया में मैं कूद गया यारों, ~ ख़ुदा माहिर है बचाने मे
सारी रात जागता रहा मै, चाँद की एक झलक के खातिर… पर कमबख्त बादलों को तरस भी ना आया, मेरी बेचैनियों पर…….
जब भी मिले फुरसतदिल की बात अपनों से क्यों नहीं कहते,अगर रिश्ते खामोश हो जाएँतो ज्यादा दिन तक जिन्दा नहीं रहते।
तुम अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी कुछ हक दिए नहीं जाते लेे लिए जाते है।
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
की.. उनके पीछे भागने वाले बच्चे, अब मोबाइल की रौशनी में खुश रहते हैं…।”
खिलती हुई कलियाँ है बेटियाँ,माँ बाप का दर्द समझती है बेटियाँ,घर को रोशन करती है बेटियाँ,लड़के आज है, तो आने वाला कल है बेटियाँ।
ख़बर उस बेखबर की ला देती ~ तुझ से इतना भी ए सबा न हुआ
उन्हें फुर्सत ही कहाँ जो वो !!हमारे लिए वक़्त निकाले !!ऐसे ही होते है आजकल !!के चाहने वाले !!
अब जहाँ क़दम रखें बस दर्द मिलते हैं, फुर्सत से हमे मिले हुए तो ज़माना हो गया।
फुर्सत पर लिखिए गयी शायरियों को पहली ही फुर्सत में सुनिए
क्या अदाकारी है कि रूबरू सिसकते हैं हाल सुनकर के मेरा मुँह छिपा के हँसते हैं!!!
अजीब किस्सा है जिन्दगी का, ~ अजनबी हाल पूछ रहे हैं ~ और अपनो को खबर तक नहीं.
इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ ~ वरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने
मेरे इश्क़ को भी समझोगी,मेरा ख्याल भी आएगा,जब फुरसत में तुम यह समझोगीकि मेरी तरह कौन चाहेगा।
फुर्सत अगर मिलें तो मुझे पढ़ना जरूर,मैं तेरी उलझनों का मुकम्मल जवाब हूँ।।
“उम्मीदे” फिर ये कहकर जगी…… “मै हूँ”…..तो ज़िन्दगी हैं….
तुम से सदियों की वफ़ाओं का कोई नाता न था ~ बस तुमसे मिलने की लकीरें थीं मेरे हाथों में!!!
कमाल करता है ऐ दिल तू भी,उसे फुरसत नहीं और तुझे चैन नहीं।।
कहीं बाज़ार में मिल जाये तो लेते आना, ~ वो चीज़ जिसे दिल का सुकून कहते हैं
दूरियां कुछ यूँ दरमियाँ हुईं…. ~ कि उनका आना और जाना हमें पता भी नही चलता…..
तेरे दीदार की तलाश में आते हैं की गलियों में… वरना आवारगी के लिए तो पूरा शहर पड़ा है…!!
एक तेरे ना रहने से बदल जाता है सब कुछ ~ कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी…
किस की है ये तस्वीर जो बनती नहीं मुझ से ~ मैं किस का तक़ाज़ा हूँ के पूरा नहीं होता
ना ज़मीन है मेरी क़रार-गाह, ना फ़लक है मंज़िल-ए-जुस्तजू, बड़ी देर से हूँ ,मैं सफ़र में तेरी याद से तेरी याद तक ****************************************
तुम से सदियों की वफ़ाओं का कोई नाता न था ~ बस तुमसे मिलने की लकीरें थीं मेरे हाथों में!!!
कब हँसा था जो ये कहते हो कि रोना होगा ~ हो के रहेगा मेरी क़िस्मत में जो होना होगा
🚩*Royal हिन्दू*🚩 😎*छोरा Brahman का*😎 👺*भक्त Ravan का*👺 🙏*दीवाना Mahakl का*🙏 🔥*धमाकेदार Entry 2 May🔥 👬*Friends की जान*👬
किसी को नहीं मालूम क्या बीती है उस के ऊपर दिल की दास्तान जुबाँ को कभी कहने नहीं देता… ****************************************
सबके कर्ज़े चुका दूँ मरने से पहले ऐसी मेरी नीयत है ~ मौत से पहले तू भी बता दे ज़िंदगी तेरी क्या कीमत है!!!
मैंने मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी। कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,जीना ही छोड़ देता हैं।।
तबीबों का एहसान क्यूँ-कर न मानूँ ~ मुझे मार डाला दवा करते करते
फुरसत शायरी इन हिंदी
शब को मय ख़ूब सी पी सुब्ह को तौबा कर ली ~ रिंद के रिंद रहे हाथ से जन्नत न गई
जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन,ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखता हूँ।
फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना, एक वही तो है हमराज मेरा तेरे सो जाने के बाद।।
हम मतलबी नहीं की चाहने वालो को धोखा दे बस हमें समझना हर किसी की बस की बात नहीं!!! ****************************************
अगर फुर्सत के लम्हों में मुझेयाद करते हो तो मुझे याद मत करना;मैं तनहा ज़रूर हूँ मगर फ़जूल नहीं।
किसी के लिये किसी की अहमयित खास होती है,और एक दिल की चाबी दूसरे के पास होती है.
चमन वालों ख़ुदा हाफ़िज़ क़फ़स में ले चली ग़र्दिश, वतन में ग़र अँधेरा हो तो मेरा घर जला देना… ****************************************
मेरी दहलीज़ पर आ रूकी है हवा-ए-मोहब्बत… मेहमान नवाज़ी का शौक भी है, उजड़ जाने का खौफ़ भी… ****************************************
सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली,एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली,करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर,हमको तेरे ख्याल से कभी फुरसत न मिली।
नहीं मांगता ऐ ख़ुदा कि ज़िंदगी सौ साल की दे, ~ दे भले चंद लम्हों की लेकिन कमाल की दे
कुछ तो शायद हमने पलटने मे देर की ~ कुछ उसने इन्तज़ार ज़्यादा नहीं किया…
चलो छत से ही सही,मेरे जनाजे को देखनेकी फुर्सत उन्हें मिली।।
बेहद फिज़ुल हमें समझ रखे है वोयाद तब ही करते हैजब फुरसत में रहते है वो।
बहुत जी चुके उनके लिये जो मेरे लिये सब कुछ थे, ~ अब जीना है उनके लिये जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ
नए बरस का आगाजज हो चला जाना, तुम्हे मुबारख साल गिरा का दिन अपना, सदा खुश रहो तुम अपनी ज़िन्दगी, यही दुआ है मेरी !🎂🎂
तेरी महफ़िल और मेरी आँखें दोनों सदा ही भरी-भरी रहती हैं
मेरे प्यार की मजार तो आज भी वही है जान बस तेरे ही सजदे की जगह बदल गयी!!!
वही रंजिशें वही हसरतें न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई,है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी न गुज़र सकी न खत्म हुई।
आँखों की है ये ख़्वाहिश, ~ चेहरे से तेरे ना हटे…
एक दिन अपनी खामोशी ही,सब का हिसाब कर देगी।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?
सुनता नहीं है दिल मेरासिर्फ उसी पर मरता..अब तो फुर्सत में उसकीमुस्कान याद करता..
अजब क़िस्म के अन्धो से मिलता हूँ रोज़… वो जो पत्थर में खुदा ढूंढ लेते हैं मगर दिल में नहीं..
अपनी वादा खिलाफ़ी पर मैं आज भी शर्मिंदा हूँ.. ~ कहता था मर जाऊंगा उसके बिन पर आज भी ज़िंदा हूँ…?
वो शख्स भी इंसान है कुछ कह नहीं सकते ।
यादों का ज़हर दिल में फ़ैल गया, ~ देर कर दी उसे भुलाने में **************************************
“कांटो से बच बच के चलता रहा उम्र भर…… ~ क्या खबर थी की चोट एक फूल से लग जायेगी……
नफरत करने के लिए वक़्त है,मगर प्रेम के लिए फुर्सत ही नहीं,इंसान को इससे पहले इतना लालचीहोते कभी नही देखा।
अब की बार मिलोगे तो खूब रुलायेंगे तुम्हें.. सुना है तुम्हें रोने के बाद सीने से लिपट जाने की आदत है! ****************************************
कल फुर्सत ना मिली तो क्या होगा !!इतनी मोहलत ना मिली तो क्या होगा !!रोज कहते हो कल मिलेंगे,कल मिलेंगे !!कल मेरी आँखें ना खुली तो क्या होगा !!
जख्म छुपाना भी एक हुनर है… वरना हर मुट्ठी में नमक है..!
रह कर खामोश वो मेरी बात सुनता गया ~ कभी-कभी ऐसे भी मेरी हार हुई है…
ऐ दीवाने अब तो मान जा… तेरी शायरी पढ़ने वाली … किसी और की ग़जल बन गई है…
फिर वही जोहद-ए-मुसलसल फिर वही फ़िक्र-ए-मआश ~ मंज़िल-ए-जानाँ से कोई कामयाब आया तो क्या
हमे तो बड़ा सुकून मिलता है उन्हें मिलके, मगर उन्हें ही हमसे मिलने की फुर्सत नहीं है।
वो मुँह पे भले ही अनजान बने रहते है, लेकिन फुर्सत में हमें याद भी बहुत करते है।
तुझ को मस्जिद है मुझ को मय-ख़ाना ~ वाइज़ा अपनी अपनी क़िस्मत है
अजब पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की इन लकीरों में; सफर तो लिखा है मगर मंज़िलों का निशान नहीं
Lovely Parson ❤😘 जन्मदिन 20/06 🎂🎂 फैशन ब्लॉगर 👔✌ Music लवर 😍👌 Photography लवर 🎂💋 Attitude wale 😎🖕 Hak se सिंगल ♥️☝️
हर खुशी मांगे आपसे, जिंदगी मांगे सिर्फ आपसे, उजाला हो मुकद्दर में आपके इतना, चाँद भी रोशनी मांगे आपसे ! Happy Birthday
ये जो उन में हल्का हल्का ग़रूर है ~ सब मेरी तारीफ़ों का कसूर है
मंहगीं तो फुर्सत है जनाब सुकुन तो आज भी सस्ता है,चाय की प्याली में भी मिल जाता है।।
तमन्ना है के वो यादकर ले हमें फुर्सत में..उनके सिवा कोई औरनहीं है इस जिंदगी में..
तेरे पास भी काम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं,ये परेशानियाँ आजकल फुर्सत में बहुत हैं।।
न जाने कौन सा आँसू किसी से क्या कह दे.. ~ हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं..
हवाएं हड़ताल पर है शायद.. आज तुम्हारी खुशबू नहीं आई..! ****************************************
बेबसी किसे कहते हैं ये पूछो उस परिंदे से, जिसका पिंजरा रखा भी, तो खुले आसमान के तले…
आज ही के दिन एक चाँद उतर के आया था, ऊपर वाले ने बड़ी फुर्सत से, आज एक नूर बनाया था, जन्मदिन मुबारक हो !
एक हम है जो तुझसे मिलने पर वक़्त नहीं देकते एक तू है की तुझे हमसे मिलने का वक़्त नहीं मिलता।
वाकिफ़ हूँ बखूबी इस दुनिया की फितरत से ….। ~ बहुत चाहते है लोग, मगर जरुरत की तरह ….।
कभी फुर्सत हो बताना की क्या कमी रह गयी थी हमारी महोब्बत में जो तुम हमसे इतनी दूर चले गए।
अजीब सी दुनिया है यह साहब,यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।
बदल देना है रास्ता या कहीं पर बैठ जाना है की थकता जा रहा है अब ये सफ़र आहिस्ता आहिस्ता!
हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी; ~ और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है!
सारा ही शहर था जनाजे मे उसके शरीक, तन्हाईयो के खौफ से जो शख्स मर गया… ****************************************
“दीपक में अगर नूर न होता, तन्हा दिल इतना मजबूर न होता, हम आपको खुद Birthday Wish करने आते, अगर आपका आशियाना इतनी दूर न होता। 💕Happy Birthday🎂
ख्वाब देखा न करो खुली आँखों से.. ~ इसकी कीमत देनी होती है अधूरी साँसों से …
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
कमाल करता है ऐ दिल तू भी,उसे फुरसत नहीं और तुझे चैन नहीं।।
परछाई से कभी मत डरिए क्यूंकि परछाई होने का मतलब रौशनी कहीं आस पास ही है।
इश्क़ क्या है खुद ही समझ जाओगे, तेज़ बारिशों में पतंगें उड़ाया करो…
आँखों में अश्क सा वो हमदम रहता है …… ~ बह जाये तो पराया ठहर जाये तो अपना लगता है
मुद्दतों कायम रहा ‘दिलों’ में अपना डेरा, ~ हम जहाँ भी रहे अच्छे-खासे रहे…
किताब के मुड़े हुए पन्ने कहते हैं अक्सर ~ बहुत कुछ रह गया तुम से कहे बगैर
दर्द हल्का है साँस भारी है,जिए जाने की रस्म जारी है।Dard Halka Hai Saans Bhari Hai Jiye Jaane Ki Rachna Jari hai
मिल जाए उलझनों से फुर्सत तो जरा सोचना,क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने तक का रिश्ता है हमसे।।
“फिक्र उड़ाने से नहीं, वक्त पर फिक्र न करने से झूल जाती है।”
अब रातभर ये उधम मचाएंगी, ख्वाहिशे दिन में खूब सोयीं हैं..!!
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहताकोई एहसास तो दरिया की अना का होताYun bhi Ek Bar Hota ki Samundar BehtaKoi Ehsas to Dariya bhi aane ka hota
आधे से कुछ ज़्यादा है… पूरे से कुछ कम, कुछ जिन्दगी, कुछ ग़म, कुछ इश्क, कुछ हम.
फुरसत के चंद लम्हें मिलते नहीं,प्यार जताने के लिए,बेवजह मत झगड़ा किया करोखुद को सही बताने के लिए.
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो।।वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।।
मोहब्बत अब समझदार हो गयी है ~ हैसियत देख कर आगे बढ़ती है।
ज़िन्दगी में ऐसे लोग भी होते है,जिन्हें हम पा नही सकते सिर्फ चाह सकते है।
मुहब्बत के दिनों की यही खराबी है ~ यह रूठ जाये तो फिर लौट कर नहीं आते!!!
अब तो उनकी याद भी आती नहीं ~ कितनी तन्हा हो गयीं तन्हाईयाँ
खुद की कीमत गिर जाती हैकिसी को कीमती बनाने की चाह में!Khud ki kimat gir jati haiKisi ko kimti bnane kiChah me!
मिजाज़ अच्छा है आज हमारा,,, ऐ_दोस्त,,,,, सितम करना हो तो लौट आओ…..
क्यों जुड़ता है तू इस जहाँ से एक दिन ये गुजर ही जायेगा चाहे कितना भी समेट ले जहाँ मुट्ठी से फिसल ही जायेगा!!
किसे यकीन की तुम देखने को आओगे, ~ आखिरी वक़्त मगर इंतज़ार और सही.
बहुत रोया हूँ मैं जब से ये मैं ने ख़्वाब देखा है कि आप आँसू बहाते सामने दुश्मन के बैठे हैं
कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर.. ~ मेरा अपना साया भी धूप में आने से मिला…
रात क्या होती है हमसे पूछिए, ~ आप तो सोये, सवेरा हो गया…
फुरसत के लम्हें तो सभी के पास है,पर रिश्तों में अब दूरियाँ बढ़ने लगी है,जब से ये मोबाइल हाथ में आ गयातबसे लोगो की व्यस्तता बढ़ने लगी है.
मुहब्बत वो भी करते हैं, जो इजहार तक नहीं करते…!!
कौन इस दिल की देख-भाल करे, ~ रोज़ थोड़ा-थोड़ा टूट जाता है…
खत्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर,कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किस ने की थी।।
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
उसको देखना है तो दिल की खिड़कियाँ खोलो ~ बंद हों दरीचे तो रौशनी नहीं आती…
मेरी दहलीज़ पे आ रुकी है दस्तक ऐ मुहब्बत ~ मेहमान नवाज़ी का शौक़ भी है और उजड़ जाने का खौफ़ भी!!!
दिन भर मेहनत करते हो,थोड़ा थक से जाते हो,मिलना तो होता है अपको हमसे,फिर क्यु फुरसत नही निकाल पाते हो।
होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत ~ वो याद तो आते हैं मगर अफसोस हमें याद नहीं करते…
हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए माँ ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे ****************************************
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती ****************************************
सितम है लाश पर उस बेवफा का यह कहना कि आने का भी न किसी ने इन्तिजार किया
हमेशा तैयारी के साथ रहना 💪 साहब मौसम और इंसान कब 👥 बदल जाये इसका कोई भरोसा नहीं🙏
तसव्वुर को मेरे इतना न फूँको, ~ तुम्हारी रोटियाँ जलने लगी है
उसको टूटे हुवे दिल से रवाना कर के, ~ रो पड़ीं आँखें मेरी तिनके का बहाना करके…
ज़ोर क़िस्मत पे चल नहीं सकता ख़ामुशी इख़्तियार करता हूँ
“जब तुम छोटे काम में फुरसत नहीं निकाल सकते, तो तुम महत्वपूर्ण काम लगने में फुरसत कैसे निकालोगे?”
“जब तुम अगर खुश नहीं हो, तो फुरसत में अपनी खुशियां दूसरों के साथ बाँट लो।”
कहीं बाजार में मिल जाये तो लेते आना वो चीज़ जिसे दिल का सुकून कहते हैं. **************************************
Fursat agar mile to samajhna shayari
कभी फुर्सत मिले तो बताना ज़रूर तुम्हे हमसे मोहोब्बत करने की फुर्सत क्यों नहीं मिली।
घर के आंगन को महकाती है बेटियाँ,माँ बाप को दुःख हो तो सह नही पाती है बेटियाँ,धन दौलत नही सिर्फ घर का सुख ही चाहती है बेटियाँ।
इनकार भी करते हैं इकरार के लिए,नफरत भी करते हैं प्यार के लिए,उल्टी ही चाल चलते है प्यार करने बाले,आँखे बन्द करते हैं दीदार के लिए.
इतनी बदसलूकी ना कर ऐ ज़िंदगी,हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।
ख्वाइशों को दफना दिया … ख्वाबो की कब्र में……
“फुरसत का सच्चा मतलब है अपनी बात पूरी ध्यान से सुनने की क्षमता।”
Attitude की चमक और मिर्ची की जलनक्या होती है सब दिखा देंगेफिलहाल फुर्सत नहीं हैफुर्सत मिली तो तेरी औकात भी दिखा देंगे।।
इतना जागा हूँ तेरी फ़ुर्क़त में ~ अब मेरी रात ही नहीं होती …
तेज रफ़्तार ज़माने में फुरसत में बड़े हैं लोग,मेरी बातें करते हुए चौराहों पर खड़े हैं लोग।।
सारी दुनिया की खुशी अपनी जगह उन सबके बीच तेरी कमी अपनी जगह!!!
दिल ना हुआ तेरा ज़मीन हो गई, ~ मोहल्ले के हर शख़्स को बाँट दी… ****************************************
कहाँ से लाऊँ, अपनी बेगुनाही के, पक्के सबूत… दिल, दिमाग, नजर, सब कुछ तो, तेरी कैद में है… ****************************************
कमाल का दरख़्त है मेरे उसूलों का भी… सब पत्ते झड गए मगर अकड़ में खड़ा है. ****************************************
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
नहीं करता मैं तेरी ज़िक्र किसी तीसरे से तेरे बारे में बात सिर्फ़ ख़ुदा से होती है ।।
हजारो रंग है जिंदगी मेंउनमे सबसे खूबसूरत रंग होती है बेटियाँ।
पहले लगता था तुम ही दुनिया हो,अब लगता है तुम भी दुनिया हो।।
थोड़ा सा वक़्त, थोड़ा सी फुर्सतहर किसी के पास है मगरसबको यही डर है कि कहीं उनकोबेरोजगार ना समझ लिया जाएँ।
या रब एक आइना ऐसा बना दे ~ जिसमें चेहरा नहीं नीयत दिखाई दे
जब फुर्सत में होते हो तभी तुम प्यार करते हो, उससे पहले नजाने कहा गायब रहते हो।
कुछ रिश्तों का नमक ही दुरी होता है, ~ ना मिलना भी बहोत ज़रूरी होता है
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने मेंएक पुराना ख़त खोला अनजाने में
शहर तलब करे अगर तुम से इलाज-ए-तीरगी साहिब-ए-इख़्तियार हो आग लगा दिया करो
भुट्टे सी हो गयी है ज़िंदगी अपनी, ~ लोग अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ भुंजते हैं
ख़ुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब ~ वजहें आजकल महँगी हो गई हैं
चलो..तलाशते है..कोई तरीका ऐसा… मंद “हवा” भी चले… और “चिराग” भी जले…!!!
👉जितना बदल सकते ☝️ 👉थे बदल लिया खुद को😇 👉अब जिसको तकलीफ है 👿 👉वो अपना रास्ता बदले 😎
💪जब Kismat 😎 बदलती है👑 😏तब गैरों से Jyada अपनों की जलती है🔥
आँधियों ने लाख बढ़ाया हौसला धूल का, दो बूँद बारिश ने औकात बता दी
कभी फुरसत में खुद से मिलेंगे,लोगों से सुना है कि बहुत बुरे है हम।
पायेदारी क्या कि एक ही लहर से गिर गए ~ कुछ मकां तूफ़ान की झूठी खबर से गिर गए!
लेने दे मुझे तू अपने ख्यालों की तलाशी ~ मेरी नींद चोरी हो गयी हे मुझे शक है तुझ पर!
कौन कहता है बेटियाँ पराई होती है,बेटियाँ घर की रौनक होती है,अरे जरा जाकर पूछो उनसे,जिनकी कलाई आज भी सुनी है।
बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं।।
वो कांच के धागे से मेरा दिल बांध कर किसी और के हो गए जाने क्या सोच कर!!!
अपना कार-ए-जहाँ मुकम्मल है आपकी खूब मेहरबानी है ~ रोज़ बस इंतज़ार करना है रोज़ बस आस टूट जानी है!!!
तू इक क़दम भी जो मेरी तरफ़ बढ़ा देता ~ मैं मंज़िलें तेरी दहलीज़ से मिला देता…
तेरी याद ही आखिरी सहारा थी ~ बडी भूल की तुझे भूल कर…
फ़िक्र हर गली मिल जाती है फुरसत किसी शहर में नहीं मिलती।
फिर से मुझे मिटटी में खेलने दे ऐ ज़िन्दगी, ये साफ़ सुथरी ज़िन्दगी उस मिटटी से ज़्यादा गन्दी है ****************************************
हुई सूरत न कुछ अपनी शिफ़ा की ~ दवा की मुद्दतों बरसों दुआ की
मिटा दिये हैं सभी फासले तुम्हारी मोहब्बत ने, ~ मेरा दिमाग धड़कता है मेरे दिल की तरह…
हमें फुर्सत में याद करते हो तो मत करो,मैं तन्हा हो सकता हूँ मगर फिजूल नहीं।
जब देखो जल्दी में और तेज़ आवाज़ में होते है, वो कभी फुर्सत से और आराम से हमसे बात नहीं करते।
फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना,एक वही तो है हमराज मेरा तेरे सो जाने के बाद।
तू गुजऱ जाए गऱ मेरे करीब से ये भी किसी मुलाक़ात से कम नहीं!!!
हमें फुरसत नहीं मिलती कभी आंसू बहाने से कई ग़म पास आ बैठे तेरे एक दूर जाने से
हमेशा मुस्कुराते रहिए,कभी अपने लिए औरकभी अपनों के लिए..||शुभ रात्रि||Hamesha muskurate rahiye,Kabhi apne liye aurKabhi apno ke liye…||Good night||
अगर तू इत्तिफ़ाक़न मिल भी जाए, ~ तेरी फ़ुर्क़त के सदमे कम न होंगे
कुछ दिनों तक बड़े मज़े से कटी, ~ और फिर इश्क़ हो गया मुझको…
मैं हर घड़ी तुम्हारा साथ निभाऊ हजार जन्म तुम्हारे साथ पाऊ सदा खुश रहे जोड़ी हमारी, हर जन्मदिन तुम्हारे साथ मनाऊँ !
ना फुर्सत मिलती है ना चैन मिलता है मुझे, ये दिल भी कम्बख्त हर वक़्त बेचैन मिलता है मुझे।
वो इत्र की शीशियांबेवजह इतराती हैं खुद पे,मैं तो तेरे ख्यालों से हीमहक जाता हूं..
दूर से सबको दूसरों की ज़िन्दगी अच्छी लगती है पर अगर सब नज़दीक से अपनी ज़िन्दगी देखेंगे तो सबको अपनी ज़िन्दगी अच्छी लगने लगेगी।
करीब आने की उन्हें फुरसत नहीं, ~ और मुझपे इलज़ाम लगा है दूरियाँ बनाने का !!
हम तो आँखों में संवरते हैं वहीं संवरेंगे हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं!!
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया, अगर दर्द किसी और का हो..! ****************************************
♥️ ना कोई Pari 👸 चाहिए 💓 ना कोई 💠 Miss World चाहिए ♥️ मुझे तो 💖 PagLi तेरे 👰 जेसी 💓 दिल मे बसने वाली 😘 Simple सी 💞 Queen 👰 चाहिए👑
मेरे सजदे की दुआएँ तुम क्या जानो, ~ सर झुका तो तुझे माँगा, हाथ उठे तो तुझे माँगा
वो इश्क़ नहीं कारोबार कर रहे थे, की जब फुर्सत में थे तभी प्यार कर रहे थे।
अपने हसीन होंटो को किसी पर्दे से छिपा लिया करो, हम ज़रा गुस्ताख़ लोगो में से है, नज़रो से चुम लिया करते हैं
बिकने वाले और भी हैं 👿 जाओ जाकर खरीद लो😏 हम कीमत से नहीं 💰 किस्मत से मिला करते हैं😇
काबा भी हम गए न गया पर बुतों का इश्क़ ~ इस दर्द की ख़ुदा के भी घर में दवा नही
अब कहां दुआओं में वो बरक्कतें…वो नसीहतें…वो हिदायतें, अब तो बस जरूरतों का जुलूस हैं… मतलबों के सलाम हैं..
इस नाकाम सी जिंदगी का !!मकसद खत्म कर दो !!गर हो आज फुरसत तो !!हमारा कत्ल कर दो !!
दिल दुखाया करो इजाज़त है, ~ भूल जाने की बात मत करना ..!!
दिल-ए-नादान की ज़िद है के तेरा साथ रहे ~ मर्ज़ी-ए-वक़्त कहता है के बिछड़ना होगा…
हम भी बरगद के दरख़्तों की तरह हैं, ~ जहाँ दिल लगे वहाँ ताउम्र खड़े रहते है
हम भुला दे अपने चाहने वाले को ऐसी तो हमारी कुदरत नहीं है, हम तो मिलना चाहते है उन्हें ही हमसे मिलने की फुर्सत नहीं है।
तमाम लोगो का हाल जाना !!तमाम लोगो से बात की !!कभी फुरसत ही न मिल सकी !!खुद से ही मुलाक़ात की !!
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
खींच कर लाई है सब को क़त्ल होने की उम्मीद ~ आशिक़ों का आज जमघट कूचा-ए-क़ातिल में है!
ॐ༒𝕭𝖍𝖔𝖑𝖊ঔ𝕶𝖆ॐĐɆɆ₩₳₦₳༒ॐ ★≪━──━─━─◈─━─━──━≫★ 🥰लोग तो Girls के आशिक होते है💓 🔥❥︎═════ •『🕉️』• ═════❥︎🔥 😎हम तो Mahakal के दिवाने है 🙏 ★≪━──━─━─◈─━─━──━≫★
ख़याल आँधी है उसका कि दिल काँप जाता है, ~ मेरे उदास ख़यालो किवाड़ मत खोलो
एक लम्हा सौ सवाल, सौ सवालो में सिर्फ तेरा ख्याल
मुक्कमल सी तब लगती है शायरी…मेरी लफ्ज़ जब सारे मेरे हों और ज़िक्र सारा तेरा !
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।
फुर्सत निकालकर साथ निभाया करो,जरूरत पड़ने पर अपनों के लिए आया करो,घर-परिवार को बेवजह ना भुलाया करोहर समस्या का हल मिलेगा सिर्फ मुस्कुराया करो.
मेरी जेब में जरा सा छेद क्या हो गया ~ सिक्कों से ज़्यादा तो रिश्ते गिर गये…
काश उनको कभी फुर्सत में ये ख्याल आए,कि कोई याद करता है, उन्हें जिन्दगी समझ कर।।
😇Khwahish भले ही छोटी सी हो 💪 #लेकिन ☝️उसे Pura करने के लिए😇 💓Dil जिद्दी होना चाहिए😎
**************************************** मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
मैं खुश हूँ कि उसकी नफ़रत का अकेला वारिस हूँ ~ वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है!
कहते है पीनेवाले मर जाते है जवानी में हमने तो बुजुर्गों को जवान होते देखा है मैखाने में
दिल का दयार-ए-ख़्वाब में दूर तलक गुज़र रहा ~ पाँव नहीं थे दरमियाँ आज बड़ा सफ़र रहा!
आज मैंने फिर जज्बात भेजे, तुमने फिर अलफ़ाज़ ही समझे….
लम्हे बेचकर, पैसे तो आ गये .. अब बताओ… ख़ुशी किस दुकान पे मिलेगी…!
मेरा तुझसे लड़ना तो एक बहाना है,मुझे तो तेरे साथ सिर्फ वक्त बिताना है.
कभी फुर्सत इतनी होती है कि वक्त काटा नहीं जाता,कभी व्यस्त इतने होते है अपनो के लिए वक्त निकाला नहीं जाता।
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करतेवक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो!
उसे भुला दे मगर इंतज़ार बाकी रख ~ हिसाब साफ़ न कर कुछ हिसाब बाकी रख…
उड़ रही है पल-पल ज़िन्दगी रेत सी, और हमें वहम है कि हम बडे हो रहे है
रूह के नजदीक आँख से ओझल ~ दिल के रिश्ते भी अजीब होते हैं
हर लम्हा आपके होठों पे मुस्कान रहे, हर गम से आप अनजान रहे, जिसके साथ महक उठे आपकी जिन्दगी, हमेशा आपके साथ वो इंसान रहे !
बात करने ले लिएनिकाल ले फुरसत..सच्चे रिश्ते मेंनहीं होता कुछ गलत..
दिल को ज़रूरतें तो बे-हिसाब थी, ~ ये और बात है कि तक़ाज़ा ना कर सका
गुज़र गया आज कादिन पहले की तरह,ना हम को फुर्सत मिलीना उनको ख्याल आया।।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई ****************************************
ज़िन्दगी गुलज़ार है इसलिए यहाँ ग़मों को बांटना बेकार है।
उसका इश्क़ भी चाँद जैसा था ~ जैसे पूरा हुवा तो घटने लगा