Kisi Ki Aadat Ho Jana Shayari In Hindi | Best Aadat Shayari in Hindi

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2024-11-15 09:33:45 - Milan

मैं टूट गया जब डोर हम दोनों के दिल की उसकी तरफ से तोड़ी गई
कि बदले बदली ना जाए कुछ आदतें इतनी बुरी होती है
वैसे ही तुम हो जिंदगी मेरी तुम्हारे अलावा किसी और की तरफ मुड़ती नहीं है
मैं तो छोड़ देता अगर ये दिल बस तुझे पाने की ज़िद्द ना पकड़ता।
किसी को उनसे मिल के इश्क़ हुवा,किसी को उनको देख के इश्क़ हुवा,एक हम ही थे जो उनको न देखे न मिले,हमको तो उनसे हुई बातों से ही उनसे इश्क़ हुवा।
तुम मेरी वो आदत हो जिसे सब खराब कहते हैं
तेरे बाद अब मुझे तेरी यादें बर्बाद कर रही है, क्या मेरी तरह तू भी मुझे याद करती है।
ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा दुख दिल टूटने पर नही भरोसा टूटने पर होता है,क्योंकि हम किसी पर भरोसा कर के ही दिल लगाते है।
आदत होती तो छूट भी जाती अब ज़िन्दगी हो जीना तो नहीं छोड़ सकता।
क्यों पूछती है हर दफा क्या आफत है मुझे, तू जानती तो है तेरी आदत है मुझे।
भाव ना खाया करो रहम अपने आशिक पे दिखाया करो
लगाव जो तुमसे हुआ आदत जो तुम्हारी लगी
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया,गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया।
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की, हिम्मत ही नहीं होती अब दर्द बांटने की।
बेवफा तेरा मासूम चेहरा भूल जाने के काबिल नही,है मगर तू बहुत खुबसूरत दिल लगाने के काबिल नही।
अपने गले में खुद ही यूँ आफत मत डालना, तुम्हे कसम है खुदा की किसी की आदत मत डालना।
दोस्ती में धोका खाने की आदत डाल लो यहाँ दोस्तों के भेस में सांप घुमते है।
बात करते-करते पता ही ना चला कब हमें उनकी आदत लग गई
तेरे इश्क़ में गिरे तो ऐसा गिरे की ना उठने के लिए वापस मदद मांगते हैं ना दुआ मांगते हैं।
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता,बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,है जो पास उसे संभाल के रखना,खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता…
तलब तुझे पाने की तालाब से बड़ी है, तुझे पाने की ख्वाहिश मेरे लिए हर ख़्वाब से बड़ी है।
किसी की आदत लगने में वक़्त नहीं लगता किसी को भुलाने के लिए ज़िन्दगी कम पड़ जाती है।
मोहब्बत करो तो निभाओ सच्चे दिल से इस दो दिन के टाइमपास को मोहब्बत बताया ना करो
हमें नहीं थी पहले कभी ये इश्क-ए-बीमारी
उन्हें छोड़ने का मतलब जिंदगी अधूरी होती है
क्या पता था कि मोहब्बत ही हो जायेगी,हमें तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था!!
गलती ये नहीं हुई की तुझसे मोहोब्बत हो गई गलती वहां हुई जहाँ तेरी आदत हो गई।
मैं पीता नहीं फिर भी मुझे सब पीता है ये शराब कहते हैं
मिलता हूँ टूट कर तो जुड़ता हूँ शान सेमें खुश मिजाज़ शक्स भी और दिल जला भी
शराब की लत से भी रोक रखा था खुद को पर तेरी लत लगने से खुद को रोक ना सका।
तेरी आदत से पीछा छुड़ाते-छुड़ाते कहीं मौत मेरे आगे ना आ जाए।
बहुत प्यार उससे था उसी की आदत लगी थी
जब बिखरे गा तेरे रुखसार पर तेरी आँखों का पानीतुझे एहसास तब होगा मोहब्बत किस को कहते है
बचत करने की आदत हो गई है मुझे मैं अपने दर्द अब ज़रा कम ही बांटता हूँ।
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,रोता है दिल जब वो पास नहीं होता,बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में…और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता.,
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने​​,​हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।
वो एक इंसान जो सोया नहीं कही रातों सेअगर उसकी वजा तुम हो तो किया तुमने ज़ुल्म नहीं किया
वो बिगड़ी हुई आदत थी मेरी यही सब कहते थे
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी.बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।
मोहोब्बत हो जाए जो किसी से तो मुश्किल नहीं क़यामत तो तब होगी जब आदत हो जाएगी
तमन्ना है मेरे मन की, हर पल साथ तुम्हारा हो…!!जितनी भी सांसें चलें मेरी हर सांस पर नाम तुम्हारा हो..!!
इस दुनिया में वफ़ा करने वालो की कमी नहीं हैबस उसी से हो जाता है जिसे अपने की क़दर नहीं
फरयाद कर रही है तरसी होई निगहदेखे हुवे किसी को बहुत दिन गुजर गए
सुकून मिला तुमसे तुम मनोहारी लगी
भूलता नहीं कोई अपनी मोहोब्बत को बस बिना मोहोब्बत के जीने की आदत हो जाती है।
तुमने मोहब्बत नहीं की ना इसलिए तुम्हें पता नहीं ये दर्द होता कैसा है
बस तुम समझ लो यूं आदत लगाकर छोड़ना बिल्कुल मौत जैसा है
यूँ तो पड़ता ना मैं इश्क़ में तेरे कम्बख्त ये मुझे तेरी आदत पड़ गई।
मरहम मिल जाए जैसे ज़ख्म को ऐसी राहत बन गई हो, तुम मेरी आदत बन गई हो।
तेरी मोहोब्बत भी किसी नशे से कम तो नहीं तेरी चाहत में पड़े अक्सर ऐसा लगता है जैसे किसी लत में पड़ें है।
उसकी निगाहों ने बिगाड़ी है आदत हमारी
दोस्तो आज पीने के लिये मना मत करना,आज किसी बेवफा का जन्मदिन है।
तू भी आईने की तरह बेवफा निकला,जो सामने आया उसी का हो गया.
तुम वो आदत हो मेरी जो मैं कभी बदल नहीं पाऊंगा
हर धड़कन में एक राज़ होता है,बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है,जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की,हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
आदत है मुझे तेरे ख्यालों में खोए रहने की, तेरे ख़्वाब देखते-देखते बस यूँ ही बेवजह सोए रहने की।
अगर दुनिया में जीने की चाहत न होती,तो खुदा ने मोहब्बत बनायी न होती,इस तरह लोग मरने की आरजू न करते,अगर मोहब्बत में किसी की बेवफाई न होती।
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना,मोहब्बत में यही लम्हा कयामत की निशानी है।
आदत नहीं वो तलब है मेरे लिए, सीखना चाहता हूँ जो हर पल वो सबक है मेरे लिए।
सायद मेरी वफ़ा में कोई कमी रही होगीवो शक्स मेरा हो कर भी मेरा हो ना सका
तेरी आदत लगने से अच्छा हमे कोई बीमारी लग जाती तो अच्छा होता।
उसी ने सुधारा है मुझे नहीं सब कहते थे
तुम्हें छोड़ने का मतलब है अपना दिल अपने हाथों तोड़ा जाए
यूं करीब आया ना करो आदत किसी को अपनी लगाया ना करो
उनके सिवा फिर कुछ अच्छा नहीं लगा जब हमें उनकी आदत लग गई
आदत नहीं मुझको रोने की पर आँखों से आंसू फिसल जाते है, ना करना चाहू पर बातों में अक्सर तेरे ही किस्से निकल आते हैं।
तू कितने भी सितम कर तुझसे चाहत नहीं छूटती, तू उस नशे की तरह है जिसकी आदत नहीं छूटती।
महबूब अगर बेवफा हो इश्क अगर सच्चा हो,मेरे यारों कहानी कुछ अधूरी-सी लगती है।
आदत तेरी आफत बन चुकी है अब या तो तू आ जाए या फिर मौत आ जाए।
नहीं थी आदत मुझे इबादत करने की जब तक खुदा मैंने अपना तुझे नहीं बनाया था।
छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ना नहीं चाहता वो शख्स भी मेरी बिगड़ी हुई आदतों की तरह है।
हाल-चाल पूछ लिया करो हमारा भी यूं बात किए बगैर ना जाया करो
Barsoo Baad Mila To Poochny Lage K Tum Kon Ho…!Bichadte Waqt Jis Ne Kaha Tha K Tum Bohat Yaad Aao Gay ॥
और क्या बताऊं तुम्हें तुम मेरी कैसी आदत हो
आदत है मुझे उन अपनों के संग रहने की जो जल्द ही मुझे पराया कर देते हैं।
उसे खुदा मान बैठे थे हमें मोहब्बत इबादत लगी थी
“उम्र बीत गयी पर एक जरा सी बात समझ नही आई,हो जाये जिन से मोहब्बत  वो लोग कदर क्यों नही करते”
जैसे कोई बुरी आदत होती है ना छोड़े छूड़ती नहीं है
रुशवा क्यों करते हो तुम इश्क़ को, ए दुनिया वालो,मेहबूब तुम्हारा बेवफा है, तो इश्क़ का क्या गनाह।
इश्क और मोहब्बत का दावा ना करें आप तो अच्छा हैहमें पता है आप की वफ़ा की डिग्री जाली है
तुझे हम इतना चाहते हैं की ना चाहते हुए भी तेरी और ही खींचे चले आते हैं।
में खुद हैरान हूँ अपने सब्र की इन्तहा देख करतुमने याद करना छोड़ दिया मैंने इंतज़ार करना नहीं
वफ़ा करने से मुकर गया है दिल,अब प्यार करने से डर गया है दिल,अब किसी सहारे की बात मत करना,झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल।
जो तुम ना होवोगी साथ मैं चल नहीं पाऊंगा
मत पूछ मुझसे की तुझसे किस हद तक चाहत है मेरी, बस इतना समझ ले तू आदत है मेरी।
और आदत ऐसी लगी थी उसकी कि छोड़े ना छोड़ी गई
कोई ऐसी वैसी आदत नहीं तुम जिसे छोड़ा जाए
तुम्हें छोड़ू तो मौत आ जाए तुम बिल्कुल मेरी ऐसी आदत हो
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यू नही,इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यूँ नही!!

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