शाम का वक़्त ऐसा होता हैं जब हम फ्री होते है और थोड़ा टाइम हम अपने आप के साथ बिताना पसंद करते हैं | इसीलिए आज हम आपके लिए ये Shaam Shayari In Hindi का बहेतरीन कलेक्शन लेकर आये हैं जिसे आप अपनी शाम की चाय के साथ एन्जॉय कर सकते हैं और इन्हे कॉपी करके अपने दोस्तों या प्रियजनों को व्हाट्सएप्प और फेसबुक पे भेज भी सकते हैं |
शहर में नौकरी पाकर जो अहंकार से फूल जाते है,वही लोग अक्सर गाँव में अपनों को भूल जाते है.
काश ये शाम मोहब्बत की रुके नाकाश ये शाम कभी ढले नाहो जाए आज दिल की सारी चाहते पूरीऔर दिल की कोई चाहत बचे ना।
एक अजीब सी खबर है सुनोगे क्यामोहब्बत का हकीम मोहब्बत मे मर गया।
दिमाग और दिल में, उतना ही फर्क है,जितना फोनबुक और इनबॉक्स में,फोनबुक में हजारो मिलते है, लेकिन अपने,सिर्फ इनबॉक्स में मिलते है दोस्त….गुड इवनिंग
दोस्ती दर्द नहीं खुशियों की सौगात है,किसी अपने का ज़िंदगी भर का साथ है,ये तो दिलों का वो खूबसूरत एहसास है,जिसके दम से रौशन ये सारी कायनात है.
दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह वाह चाहिए, कैसे हो..? बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिए !
जहां पर अंधेरा है वहां पर दिया जला रखा है तुम अभी मोहब्बत में बच्चे हो जनाब मने अपना दिल जला रखा है
एक शाम मिले जिसमे तेरे मेरे नाम जुड़े।
ज़िन्दगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों के लिए हाजिर है जान हमारी,आँखों में हमारी आँसू है तो क्या,खुदा से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी.
एक शाम ऐसी भी गुज़रे जिसमे कल की परवाह ना हो।
उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है. Usne pucha ki konsa tohfa hai manpasand mene kaha wo sham jo ab tak udhar hai.
जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे, वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है.
कुछ वक़्त का इंतज़ार मिला मुझको,पर खुदा से बढकर यार मिला मुझको,न रही तमन्ना किसी जन्नत की मुझे,तेरी दोस्ती से वो प्यार मिला मुझको.
गाँव की गलियाँ बड़ा ही याद आई,जब शहर की गलियां जिन्दगी को उलझाई.
रोज रात को सुलझाकर सिरहाने रखते है जिंदगी को,रोज सुबह ना जाने कैसे उलझी मिलती हैं जिंदगी….
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
कहते हैं पत्थर दिल रोया नहीं करतेतो फिर पहाड़ों से ही झरने क्यूं बहा करते हैं।
गुलाब की महक को चुराया नहीं जाता,सूरज की रोशनी को छुपाया नहीं जाता,दूरियां चाहे कितनी भी हो दोस्तों में,लेकिन चाहकर भी दोस्तों को भुलाया नहीं जाता.
बहुत देख चूका हूँ इस अँधेरे को मैं, काश इस शाम के साथ मेरी ज़िन्दगी भी ढल जाए।
दोस्त हालात बदलने वाले रखोहालात के साथ बदलने वाले नहीं.
“हुई शाम उनका ख्याल आ गया!,वो ही ज़िन्दगी का सवाल आ गया.आप मुझे मिलेंगे या नहीं,ये सोच के दिल में भूचाल आ गया.”(: Good Evening 🙂
अब तो सूरज भी ढलने को है नाजाने मेरा चाँद आज कहाँ रह गया।
कभी तो सूरज डूबे और सितारों संग एक जाम हो जाए!!और वह खूबसूरत शाम तेरे नाम हो जाए!!
आँधी में सिर्फ़ हम ही उखड़ कर नहीं गिरे हमसे जुड़ा हुआ था कोई एक नाम और
आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..
थी पर फिर भी हम उनका इंतजार करते हैं पर फिर भी हम उनका इंतजार करते हैं
मैं इस क़दर डूबा की मेरा एक तिनका ना हुआ, मेरी मोहोब्बत रातों से हुई मुझे ख़याल दिन का ना हुआ।
माँ-बाप के सिर पर कर्ज का बोझ है,उसे इस समस्या के हल की खोज है,पैसा कमाना ही इस समस्या हल हैइसलिए बिना छुट्टी किये काम पर जाता रोज है.
जिस उस दिन मिली थी वो मैं नहीं था, एक शाम मिलो फुर्सत से तुम्हे खुद से मिलाएंगे।
खुदकुशी हराम है साहब, मेरी मानो तो इश्क़ कर लो
वो रोज़ देखता है ढलते सूरज को इस तरह, काश मैं भी किसी शाम का मंज़र होता।
यूं तो देखी हैं और भी खूबसूरत चीजें हमनेमगर ढलती शाम सी किसी में बात कहां !!
बदले नहीं हैं हम बस समझ गये कोईकिसी का नहीं होता सब मतलबी हैं …
ये वक़्त बालू की रेत की तरह है जितना कसके पकड़ो उतनी छूट जाएगी, जवानी ढलते सूरज की तरह है, शाम होने दो डूब जाएगी।
आपकी यादें सज रहीं हैं सितारों में, गुलशन की खुशबू से महक रहे हैं बहारों में !
रिश्तों की यह दुनिया है निराली,सब रिश्तों से प्यारी है दोस्ती तुम्हारी,मंज़ूर है आँसू भी आखो में हमारी,अगर आ जाये मुस्कान होंठों पे तुम्हारी.
और खामोश हो जाऊं माना कि मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे-धीरे तेरे बदलने की रफ्तार से हवाएं भी हैरान है
आपकी हमारी दोस्ती सुरों का साज है,आप जैसे दोस्त पर हमें नाज़ है,अब चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में,दोस्ती वैसे ही रहेगी जैसे आज है.
दील से लिखी बात दील को छू जाती है,ये अक्सर अनकही बात कह जाती है,कुछ लोग दोस्ती कॆ मायनॆ बदल दॆतॆ है,और कुछ लोगो कि दोस्ती सॆ दुनिया बदल जाती है.
किश्तों में खुदकुशी कर रही है यह जिंदगी इंतजार तेरा मुझे पूरा मरने भी नहीं देता
शहर की तरह गाँव में भी मकानों के नंबर होते है,पर घर अक्सर बूढ़े-बुजुर्गो के नाम से पहचाने जाते है.
हसरतें कुछ और है, वक्त का इंतजार कुछ और है, कौन जी सका है जिंदगी अपने मुताबिक, दिल चाहता कुछ और है, होता कुछ और है !! सुभ संध्या !
पूछा जो हमने किसी और की होने लगी हो क्या,वो मुस्कराकर बोली पहले तुम्हारी थी क्या ….
शायर बनना बहुत आसान हैं,बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
गुनाह कर के सज़ा से डरते हैं,ज़हर पी के दवा से डरतें हैं,दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमें,हम दोस्तों के खफा होने से डरते है.
इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगीहमें कौन से सदिया गुजारनी है यहांItna Kyon Sikhaye ja rahi ho Jindagi Hamen kaun se Sadiya Gujarni Hai Yahan
खुद को समझाना आसान नहीं, 100 झुठ बोलने पड़तें हैं,इस दिल को तसल्ली देने के लिये…..
लाखों की हँसी तुम्हारे नाम कर देंगे,हर खुशी तुम पर कुर्बान कर देंगे,जिस दिन हो कमी मेरी दोस्ती में बता देना,उस दिन ज़िन्दगी को आखिरी सलाम कह देंगे.
मैं गाँव से पैसा कमाने निकलता हूँ,पर गाँव को दिल से नही निकालता हूँ.
कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी,मेरी हर ख़ुशी तेरे नाम होगी,कभी मांग कर तो देख हमसे ए दोस्त,होंठो पर हसीं और हथेली पर जान होगी.
तेरी नफरत में वो दम कहा,जो मेरी चाहत को कम करदे..Teri Nafrat mein wo dum kaha,Jo meri chahat ko kam karde..
हवाओं में ताजगी हर पल बचपना सा लगता है,सहारों से पहचान है अपनीमगर गाव अपना सा लगता है।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
एक शाम आती है जब अपने रूठ जाते हैं साथ एक दोस्त है होता जो हंस कर भूल जाते हैं ।
दुआ करता हूं आपके दिल से!!हमको आज कुछ हुआ है फिर से!!याद आती है आपकी शाम ढलते हीलगता है आपसे प्यार हुआ आज फिर से!
वो घुमा तो रहा है धरती कोफिर भी ये इन्सान भागता क्यू रहता है ।
नहीं होते हो, तब भी होते हो तुम,हर वक़्त जाने क्यों, मेहसूस होते हो तुम..!!!
इंतजार की आरजू अब खो गई है खामोशियों की आदत सी हो गई है,
शाम ढल गई है ज़िन्दगी में मेरे, अब आधी रात में मुझे वो पूरा करने क्या ही आएगा।
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
बड़े सुकून से रहता है वो आज-कल मेरे बिना,जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे..!
ख्वाब आंखों से गए और नींद रातों से गई,वो गए तो यूं लगा जैसे जिंदगी हाथों से गई ।
सुरज कॆ सामने रात नही होती,सितारो सॆ दिल की बात नही होती,जिन दोस्तो को हम दिल सॆ चाहतॆ है,न जानॆ क्यो उनसॆ मुलाकात नही होती.
हर नज़र को एक नज़र की तलाश है,हर चेहरे में कुछ खास है,आपसे दोस्ती हम यू ही नहीं कर बैठे,क्या करें हमारी पसंद हे कुछ खास है.
शाम का ये रंगीन शमा है,ठंडी हवा चलने लगी है ,सूरज भी अब ढलने लगा है,पर तू न जाने कहा सोया है..!!
वो जिंदगी भी मौत से कम नहीं हैं,अगर दिल में रहनेवाले जिंदगी मेंनही हैं !
जो गाँव की गलियों में खेल कर बड़े होते है,वो कम उम्र में ही अपने पैरों पर खड़े होते है.
शुक्रिया तुमने एक हंसते हुए चेहरे को,खामोश कर दिया..।
जिन्दगी की हर सुबह, कुछ शर्ते लेकर आती हैं ,और जिन्दगी की हर शाम, कुछ तजुर्बे देकर जाती हैं..!!
ये शाम तेरी यादों की कर्जदार रहेगी,जिसका दाम अंधेरे से चुकाना पड़ेगा….
सुनो…जब कभी देख लुं तुमकोतो मुझे महसूस होता है किदुनिया खूबसूरत हैSunoJab Kabhi Dekh Lun Tumko to mujhe mahsus Hota Hai Ki Duniya Khubsurat hai
नफरत हो जाएगी तुझे खुद से,अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसेबात करूं ।
ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।
शहर में एक अफवाह सी है कि आज भी तुझे मेरी परवाह सी है।
ना जख्म भरे, ना शराब सहारा हुईना तुम लौटे, ना मोहब्बत दोबारा हुई ।
ये रात हम से बहुत प्यार करती हैंसब को सुलाकर हम से अकेले मे बात करती है.!
ये मोहब्बत का नया दौर हैजहा हम थे वहां कोई और है!
शहर की बारिश किसे रास आती है,गाँव की बारिश में मिट्टी से महक आती है.
जिक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का,हमने खुद को खुश नसीब पाया,तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया.
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहताकोई एहसास तो दरिया की अना का होताYun bhi Ek Bar Hota ki Samundar BehtaKoi Ehsas to Dariya bhi aane ka hota
मुद्दतों बैठे रहे हम तेरे एहसास के साथदूर के दूर रहे और पास के पास….
पल भी आएगा जिसका इंतजार है आपको रब पर भरोसा करो और वक्त पर एतबार रखो जुबा अगर आंखों की समझो तो यह सब कुछ
शहर के साहब कभी गाँव घूम के आना,गाँव तुझे अपना ना लगे तो बताना.
शाम हुई उनका ख्याल आ गया, वही जिन्दगी का सवाल आ गया !! Good Evening
जो तू चाहे वो तेरा हो,रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो.
रोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता है, अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है… जब से तुमने मुझे धोखा दिया, तबसे मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है !
“एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।”
जब दर्द खुद को ही सहना हैं,फिर औरों को बताना क्या…Jab dard khud ko hi sahna hain,Toh auro ko bataana kya…
अजीब सी दुनिया है यह साहब,यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।
तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,एक दिन जब दोस्ती की आपसे तो यूँ लगा,कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में.
ज़िन्दगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों के लिए हाजिर है जान हमारी,आँखों में हमारी आँसू है तो क्या,खुदा से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी.
दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करूँ,आप भूल भी जाओ तो मैं हर पल याद करूँ,खुदा ने बस इतना सिखाया हैं मुझे,कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करूँ.
उम्मीद ऐसी हो जो जीने को मजबूर करे,राह ऐसी हो जो चलने को मजबूर करे,महक कम न हो कभी अपनी दोस्ती की,दोस्ती ऐसी हो जो मिलने को मजबूर करे.
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है. Tere aane ki ummid aur bhi tadpati ha meri khidki pe jb sham utar aati hai.
अपने वो होते हैं जो समझते भी हैंऔर समझाते भी हैं.।
तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सीखा दिया,मेरी खामोश दुनिया को जैसे हँसा दिया,कर्ज़दार हूँ मैं खुदा का, जिस ने मुझेआप जैसे दोस्त से मिला दिया.
बयां करू तो किससे करू, ये दिल के दर्द,यहाँ सब के दिल भरे पड़े है,एक शाम तो बैठो आकर हमारे पास,खामोशियों में भी कितना दर्द भरा पड़ा है
काँटों पर चलकर फूल खिलते हैं, विश्वास पर चलकर भगवान मिलते हैं ! सुभ संध्या !🙏🌻
इससे शानदार भी कोई शाम क्या होगी भला, जब सब कुछ भूलकर तुम मुझे याद करोगी।
किसी शाम जो लौट आए वो ज़िन्दगी में मेरी, मेरी ज़िन्दगी के लिए वो एक नई सुबह होगी।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
ये दोस्ती का गणित है साहब यहां दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता..
मिल जाएंगे आप हमको दोस्त बना कर क्या करोगे आप का तो इंतजार कर रही हैं खुशियां आप सागर के गमो को अपना बना कर क्या करोगे,tera intezaar shayari
बचपन छोड कर जवानी में क्या आएये दुनिया तो.गोल से मतलबी हो गई यार..!!
हमें तो इंतज़ार करने से मतलब है,बाकी तुम्हारी मर्जी मिलो या ना मिलो..!
मुझे खौफ कहां मौत का, मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।
मुझ बेज़ुबान को तुझे एक बात बताने का मौका मिल जाए काश, इन बुरे दिनों में तेरे संग एक शाम बिताने का मौका मिल जाए काश।
भरोसा रखो हमारी दोस्ती पर,हम किसी का दिल दुखाया नही करते,आप और आपका अंदाज़ हमे अच्छा लगा,वरना हम किसी को दोस्त बनाया नही करते.
प्यार परवाह और सुकून न हो तो,अपना घर भी काटने को दौड़ता हैं…. !
डूबते सूरज को इस तरह वो रोजदेखता हेकाश में किसी शाम का मंजर होता।
तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
बुरा वक़्त इतना दर्द नहीं देताजितना बुरे वक़्त में साथ छोड़ने वालेअपने दर्द देते हैं..
ख्वाब एक ये की तुम सिर्फ हमारी होंहकीकत ये की ख्वाब ही तो हैं.!
शाम का ये बहतरीन नज़ारा है!!क्योंकि सूरज जो ढलने लगा है!!तेरा इंतज़ार कर रहा हूं यारपर ना जाने तू अब कहां है!!
ज़िन्दगी का दिन अब ढलने लगा है, कल तक जो अनजान था आज उसे भी पता चलने लगा है।
चन्द दिनों का इश्क हम करते नहींगाँव के आशिक है जनाब हर किसी पे मरते नहीं।
सेहमा सेहमा डरा सा रहता हैजाने क्यों जी भरा सा रहता है।
दोस्त को भूलना ग़लत बात है,उन्ही का तो जिंदगी भर साथ है,अगर भूल गये तो सिर्फ़ खाली हाथ है,अगर साथ रहे तो ज़माना कहेगा- क्या बात है.
गाँव सी सादगी सहर में ना मिल पायेगीकिसी दर्द की दावा जहर में ना मिल पायेगी।
मेरे हालातों को देखकर ही सही,मगर आप हमेशा हस्ते रहा कीजिए..Mere Halato ko dekhkar hi sahi,Magar aap hamesha haste raha kijiye..
मेरे लिए वो पल सबसे खास है,जिस पल ने मुझे तुमसे मिलाया..!
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,उनको तोहफे में एक आईना दीजिए Vah Jo Surat per Sabki Hanste Hain unko tohfe me ek aaina dijiye
सूरज जब निकल रहा होता है और ढल रहा होता है हालात और मौसम कुछ एक से ही होते है।
मुसीबतों के बादल जितने मर्ज़ी आ जाए सूरज को निकलने से कोई रोक नहीं सकता।
ये रात हम से बहुत प्यार करती हैंसब को सुलाकर हम से अकेले मे बात करती है.!
तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे ,जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है।।
याद वो नहीं जो अकेले में आये बल्कि वो है जोमहफ़िल में आये और अकेला कर जाए..!
कुछ अनहोनी कुछ तो बात होने वाली है, आज शाम जल्दी ढल गई लगता है काली रात होने वाली है।
शाम की शमा जब बुझ जाए इन आँखों में आंसू आते हैं नींद की जगह।
लोग खेलतें दिल के साथ हैं,लेकिन तमासा जिंदगी का बन जाता है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में, तभी हर किसी ने हमे यूँ ही ठुकराया है।
फर्क है तुम्हारे और मेरे दर्द मेंतुम्हारी आँखें रोती है और हमारा दिल..!
एक रोज़ पूरा छोड़ दिया मैंने उसको,वो रोज़ मुझे थोड़ा थोड़ा छोड़ता था ।
सुबह से शाम बस रहता है काम का वक़्त, खुद के लिए मेरे पास बचा है बस नाम का वक़्त।
बहुत अंदर तक जला देती हैं,वो शिकायते जो बया नहीं होतीBahut andar Tak Jala Deti Hai vo Shikayate Jo byaa Nahin Hoti
एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है?दिल बोला दोस्तों ने ही दी हैं सारी खुशियाँ,वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है.
जब अपने ही गैरों जैसे बर्ताव करनेलगे तो फिर क्या अपना क्या पराया….!
मै ख़त्म रो रही हूं तुझको आबाद करके,तू भी रोएगा एक दिन मुझको बर्बाद करके…!!!
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,इस मोहब्बत में “यारो” बहुत घाटा है !
कितनी ख़ास होती होगी वो स्त्री,जिसकी खातिर कोई पुरुष रोता होगा !!
ईश्वर से ही इतनी ताकत पाते है,गाँव वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है.
रात के अंधेरे में तो हर कोई किसी को याद कर लेता है सुबह उठते ही जिसकी याद आए मोहब्बत उसको कहते हैं
सूरज छुपने से हमको अब डर लगता है!!बीते लम्हों को सोचने पर रोना आता है!!जबसे हमने उनसे धोका खायाअब फिर से दिल लगाने की बात से भी डर लगता है!!
फिर हाज़िर हैं आपकी अंजुमन मेंकोई नया दर्द हो तो ज़रूर देना ।
हर ढलता सूरज पैगाम ला रहा है ज़िन्दगी में मेरी रात होने वाली है।
कुछ रिश्तो में मुनाफा नहीं होता पर ज़िन्दगी को अमीर बना देते है
तेरी याद में बर्बाद नाजाने कितनी शाम की है मैंने,कुछ यूँ ही अपनी ज़िन्दगी तमाम की है मैंने।
शिकवा करू भी तो करू किस से।दर्द भी मेरा, दर्द देने वाला भी मेरा ।।
भीगी हुई इक शाम की दहलीज़ पे बैठे,हम दिल के सुलगने का सबब सोच रहे हैं। “शकेब जलाली”
जिन्दगी की हर सुबह, कुछ शर्ते लेकर आती है, और जिन्दगी की हर शाम, कुछ तजुर्बे देकर जाती है ! सुभ संध्या !
मेरी दोस्ती के सारे एहसास लेलो,दिल से प्यार के सारे जज़्बात लेलो,नहीं छोड़ेंगे साथ तुम्हारा,चाहे इस दोस्ती के इम्तिहान हजार लेलो.
बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो!
रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी,दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी,जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा,उसे ज़िन्दगी से शिकायत क्या होगी.
बेहिसाब हसरते ना पालिये, जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
दूरियों में ही परखे जाते है रिश्ते…आंखों के सामने तो सभी वफादार होते हैं।
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने मेंएक पुराना ख़त खोला अनजाने में
ज़िन्दगी गुलज़ार है इसलिए यहाँ ग़मों को बांटना बेकार है।
हर ढलता सूरज पैगाम ला रहा है ज़िन्दगी में मेरी रात होने वाली है।
लिए आती है कोई याद तेरी चुपके से हर दस्तक पर बाहर आया तेरे लिए जिंदगी से सभी को मोहब्बत है पर जिंदगी किसी की मोहब्बत नहीं
माना शहर में तुम्हारा वो तरक्की वाला मकान है,मगर गाँव में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है.
मुहब्बत बुरी है बुरी हैं मुहब्बत,कहे जा रहे हैं, किये जा रहे हैं…
मोहब्बत एक दम ग़म का एहसास होने नही देती,ये तितली बैठती है ज़ख़्म पर आहिस्ता-आहिस्ता !!
“ज़िंदगी” नहीं “रूलाती” है रुलाते तो वह,“लोग” हैं जिन्हें हम अपनी …ज़िन्दगी “समझ” बैठते हैं ..!!
मैंने जिंदगी में दोस्त नहीं ढूँढे, मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूँढी है.
मंज़िलों से ग़ुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता।
हम इतने भी दिलेर नहीं हैं साहेबमोहब्बत के बाद फ़िर मोहब्बत करें.!
आपकी दोस्ती की एक नज़र चाहिए,दिल है बेघर उसे एक घर चाहिए,बस यूँही साथ चलते रहो ऐ दोस्त,यह दोस्ती हमें उम्र भर चाहिए.
मैं क्या हूँ तुम्हे असल तस्वीर दिखाई जाए क्या, एक शाम एक साथ बिताई जाए क्या।
तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,एक दिन जब दोस्ती की आपसे तो यूँ लगा,कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में.
वफा के वादे साथ निभाने की कसमें इतना सब किया तुमने सिर्फ मेरे साथ वक्त गुजारने के लिए
उदास दिलो को हमदर्द मिलते हैहमसफर नही.!
बहुत कुछ हासिल करने में,कितना कुछ छूट जाता है!
बस एक शाम का इंतज़ार हर शाम रहा, बस वो शाम किसी शाम आई नहीं।
शाम से आँख में नमीं सी हैआज फिर आप की कमी सी है
मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है,कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है,बिक जाता है हर रिस्ता इस जमाने में,सिर्फ दोस्ती ही यहाँ नोट फॉर सेल है.
आवाज तक नहीं हुई,और सब कुछ टूटकर बिखर गया.!
तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,सूख गया वो तेरा गुलाब लेकिन फेंका नहीं मैंने।।
जब जिस्म से रूह निकल सकती है,तो दिल से लोग क्यों नहीं।
चांदी उगने लगी है बालों में , के उम्र तुम पर हसीन लगती है !
कोई दौलत पर नाज़ करते हैं,कोई शोहरत पर नाज़ करते हैं,जिसके साथ आप जैसा दोस्त हो,वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं.
शाम होते ही ये दिल उदास हो जाता है, सपनों के सिवा ना कुछ पास होता है, आप को बहुत याद करते हैं, हम यादों का हर लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है !
ऐ शाम ठहर जा आज कमरे में मेरे, इन अधेरों से मुझे डर सा लगता है।
तेरे दर पर बैठकर ...शाम से सहर(सुबह) हुई...पर क्यों मेरे इंतजार की... तुझको ना खबर हुई...
दिल कहता है ये शाम तेरे नाम कर दूं!!दिल से दिल लगाकर ये रिश्ता जोड़ दूं!!जब से आपको ही देखा है जानमतबसे लगता है सारी दुनिया ही तेरे लिए छोड़ दूं!!
हंसने से कई तरह की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. भारतीय योग में भी हंसने का एक आसान है जिसे हास्यासन कहा जाता है
मीठी बोली ही सान थीएकता से लोगों की पहचान थी,पर अब गाँव बड़ा परेशान दिखायहाँ घरों के बिच में मुझे कुछ मकान दिखा।
हर मोड़ पर सहारे नहीं मिलते हर समंदर में किनारे नहीं मिलते जीतना है तो लड़ो तकलीफों से अकेले हर उम्र में दोस्त वो आवारे नहीं मिलते ।
ढलने लगी थी जब सूरज सी उम्मीद तेरे आने की हम समझ गए थे रात कहीं नज़दीक ही है।
तुम धीरे धीरे इतनी दूर चले गए जितनी दूर सूरज चला जाता है शाम ढलते वक़्त।
कितना तकलीफ उठाकर कमाते है,जब गाँव से कम उम्र के बच्चे शहर जाते है.
मरघट में भीड़ है या मज़ारों में भीड़ है अब गुल खिला रहा है तुम्हारा निज़ाम और
हर शाम बस तेरे ही इंतज़ार में रहते हैं हम, तू तो आती नहीं बस यूही अपना वक्त जाया करते रहते है हम।
बेगुनाह कोई नहीं सबके राज़ होते हैं,किसी के छप जाते हैं किसी के छिप जाते हैं..!!
गाँव में जो लोग ज्यादा भाव खाते है,लोग उनसे पैसा खूब खर्च करवाते है.
वो देखता सबकुछ हैबस फैसला देर से करता है..!
मेरी आँखों के आगे से सूरज ढला जब, मेरी आँखों ने तब कई अंधेरे देखे।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैकभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरताKabhi jindagi ek pal me gujar jaati hai Kabhi jindagi ka ek pal nhi gujarta
कदर न करने परउपरवाला छीन ही लेता है,वक्त भी और शख्स भी…।
इश्क़ उतना ही कर जितना तू सह सकेबिछड़ना भी पड़े तो कम से कम ज़िंदा रह सके।
अभी तो आसमान से उतरे चाँद से बादल रोशन हो गए,और उसी रोशनी में आपके नाम एक खूबूरत शाम हो गए।
इतना कीमती न करिये खुदको साहेब, हम गरीब लोग है, महँगी चीजें छोड़ दिया करते हैं ! Good Evening
प्यार, एहसास, हँसी और शरारत बनाए रखनाखुद में जरा सा बच्चा हर हाल में बचाए रखना ।
दर्द सहते सहते,लोग हँसना नहीं,रोना भी छोड़ देते हैं..Dard sahte sahte,Log hasna nahi,Rona bhi chod dete hain…
फिजाओं में आज फिर से खूबसूरती दिखने लगी हैं,शायद शाम-ए-लखनऊ का आग़ाज़ हो गया है.
आँखे खोलकर बहुत जी लिया अब एक शाम जीना चाहता हूँ दिल खोलकर।
चंद लम्हों की जिंदगानी है,नफरतों से जिया नहीं करते,दुश्मनों से गुजारिश करनी पड़ेगी,दोस्त तो अब याद किया नहीं करते.
एक शाम जाती हे तेरी याद लेकरएक शाम आती हे तेरी याद लेकरहमें तो उस शाम का इंतजार हेजो आये तुम्हे साथ लेकर।
शामें कई सरकती जाती है आँखों के सामने से, इस आस में की एक दिन फिर तुझसे सामना होगा।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
ले चलो फिर मुझको पहाड़ों पे यारों,ये शहरों की हवाएं अब चुभने सी लगी हैं।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे,अपने-अपने हिस्से की दोस्ती निभाएंगे.
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
दुनियादारी में हम थोड़े कच्चे हैं,पर दोस्ती के मामले में सच्चे हैं,हमारी सच्चाई बस इस बात पर कायम है,कि हमारे दोस्त हमसे भी अच्छे हैं.
एक खूबसूरत सा इंतजार है शाम का, आपकी मुस्कराहट से सजा रहा है आसमान आज !
जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे, वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है।
कभी कभी अधूरी मोहब्बतइंसान को पूरा खा जाती हैं।
यूं खुद की लाश अपने कांधे पर उठाये हैंऐ शहर के वाशिंदों ! हम गाँव से आये हैंअदम गोंडवी
खींच लाता है गांव में बड़े बूढ़ों का आशीर्वाद,लस्सी, गुड़ के साथ बाजरे की रोटी का स्वादडॉ सुलक्षणा अहलावत
जरूरी नहीं की कोई बात ही चुभेबात ना होना भी चुभता है बहुत
छुप कर नहीं हर दिन सरे-आम गुज़रेंगे, हर सुबह गुज़रेंगे हर शाम गुज़रेंगे।
“मुझे न जीने की ख़ुशी है अब,अब न ही मरने का है गम,उनसे मिलने की दुआ भी नहीं करते हम,क्योंकि अब हर शाम है उनकी यादो के संगगुड इवनिंग.
तुम पर बीतेगी तो तुम भी जान जाओगे,कोई नज़र अंदाज़ करे तोह कितना दर्द होता है !!
गाँव में दिखती नही तरक्की की निशानी,पर यहाँ की सुबह होती है बड़ी ही सुहानी.
गाँव के बच्चे बारिश में भीगकर खुश हो जाते है,शहर के बच्चे बारिश में भीगकर बीमार हो जाते है.
हमने भी पहली बार चखी तो बुरी लगी कड़वी तुम्हें लगेगी मगर एक जाम और
कोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता,कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता,दोस्ती में दुरी तो आती रहती हैं,पर दुरी का मतलब भुलाना नहीं होता.
आप ही होगा उसे शाम का एहसास क़मरचढ़ रहा है अभी सुरज इसे ढल जाने दो
तकदीर से यूं ना चले जाए अब तो आ जाइए आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती है आपकी यादें भी हमें बेकरार करती है,shayari on intezaar
आएंगे कब हो अब तो यह देखना है उम्र भर बुझ रही है आप जिसे वह चला कर चले गए,intezaar shayari,
शाम जो ढलना छोड़ दे, तो हर रात तेरी याद में हम जलना छोड़ दे।
सब किताबों के किस्से है,वक़्त आने पर अपने भी पलट जाते हैं..!
कहने को तो आँसू अपने होते है,पर देता कोई और है..
कौन कहता है कफ़न सफेद होता हैमैंने लाल जोड़े में भी जनाजा देखा है.!
जिसने भी कहा हैं,सच ही कहा हैं,सुकून तो मरने केबाद ही आता हैं..Jisne bhi kaha hain,Sach hi kaha hain,Sukoon toh marne keBaad hi aata hain..
एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जाएंगे,रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आएँगे,जब साथ कोई ना दे तो आवाज़ हमें देना,आसमान पर होंगे तो भी लौट के आएंगे.
जिंदगी से प्यार नहीं रहा अब मुझेए मौत तू मुझे अपने पास बुला ले
जब शहर में बीमार हो जाता हूँ,गाँव जाना चाहता हूँ और माँ की याद आती है.
इस तरह से याद आके बेचैनना किया करो एक ही सजा काफीहै कि मेरे नहीं हो तुम ।
शाम तक सुबह की नज़रो से उतर जाते हैं, इतने समझौते पर जीते हैं की मर जाते हैं।
दस्तक दे रही थी ये इतवार की शाम,तेरी यादों से जुड़ा वो दिसम्बर आया है…
तुझे खोने से क्यू डर लगता है…!जब की मुझे पता है तू मेरी है ही नही..।
दूरियों में ही परखे जाते है रिश्ते…आंखों के सामने तो सभी वफादार होते हैं।
इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे, अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।
जिनके करीब बहुत लोग हों,उनसे दूर रहना ही बेहतर है..!
शहर इंसान से कितना कुछ छीन लेती है,जिसके बदले में चंद कागज के नोट देती है.
मोहब्बत पर लगे इल्जाम से पहचानते हैं !अब तो लोग भी मुझे तेरे नाम से ही जानते हैं !!
ना कोई आया है और ना कोई आएगा,हम तुमसे कितना प्यार करते है ये गूगल भी नहीं बता पाएगा.!
लिए आती है कोई याद तेरी चुपके से हर दस्तक पर बाहर आया तेरे लिए जिंदगी से सभी को मोहब्बत है पर जिंदगी किसी की मोहब्बत नहीं
गुनाह करके सजा से डरते है,ज़हर पी के दवा से डरते है,दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,हम दोस्तों के खफा होने से डरते है.
कितने सपने दिल में सजाई तेरे लिए राहों में फूल बिछा यह तेरे लिए कितने सपने दिल में सजाई तेरे लिए राहों में फूल बिछा दे तेरे
मिलूंगा उसी मोड़ पर, जहां कभी छूटा था मैं,मेरे टुकड़े वहीं मिलेंगे, जहां कभी टूटा था मैं I
दिन बीत रहे हैं शामें ढल रही है, दिल तो कब का मर चूका है बस सांसें चल रही हैं।
जो सब करते हैं तुमने भी वही कियापहले आदत डाली फिर छोड़ दिया..।
गुल हुई जाती है अफ़सुर्दा सुलगती हुई शामधुल के निकलेगी अभी, चश्म-ए-महताब से रात
शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है, सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा, मैने तन्हाई मगर बचा ली है।
ख़ुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नही मिलेगी,लेकिन खुश होकर काम करोगे तो ख़ुशी जरूर मिलेगी.Good Evening
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।Palak se Pani Gira Hai To usko Girne do koi purani Tamanna pighal Rahi Hogi
सूरज थोड़ी देर अब और ठहर जा, अभी आँखें तैयार नहीं है अँधेरा देखने को।
ग़रीबी में भी अपने बच्चे को अच्छा संस्कार देना,दुनिया में कही भी रहो गाँव की मिट्टी को प्यार देना.
दोस्ती चीज नहीं जताने की,हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की,हम इसलिये आपसे कम बात करते हैं,की नजर लग जाती है रिश्तों को जमाने की.
हर पल की दोस्ती का इरादा है आपसे,अपनापन ही कुछ ज्यादा है आपसे,साथ रहेंगे आपके उम्र भर के लिए,हमेशा दोस्ती निभाएंगे वादा है आपसे.
सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती,न करेंगे किसी से वादा,पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्याराकी करना पड़ा दोस्ती का वादा.
ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे ,यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।
एक जैसे दोस्त सारे नही होते,कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ,कौन कहता है तारे जमीन पर नहीं होते.
अतीत के कुएं में झांकते झांकते ना जाने कब मेरे ज़िन्दगी का सूरज ओझल हो गया।
अगर मोहब्बत हो तो गरीब से होतोहफ़े ना सही, धोके तो नहीं मिलेंगे..।
वो दिल क्या जो मिलने की दुआ न करे,तुम्हे भूल कर जियूं ये खुदा न करे,रहे तेरी दोस्ती मेरी ज़िन्दगी बन कर,ये बात और है ज़िन्दगी वफ़ा न करे.
बाहर आकर पैसा कमाया बहुत,गाँव का घर भी याद आया बहुत.
शाम खाली है जाम खाली है, ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है, सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा, मैने तन्हाई मगर बचा ली है।
रात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात हो गई शायद कल की वो शाम ढलना भुल गई
दुष्यंत कुमार के 25 मशहूर शेर जो आपको सोचने पर कर देंगे मजबूर
रोती हुई आंखों में इंतजार होता है ना चाहते हुए भी प्यार होता है
#जाडे का मौसम, ठंडी ठंडी सुमधुर #साँझ,#गांव की ताजी हवा, ने मीठी मीठी #तारी यादों…Sham Ki Yaade
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है।
उसने एक ही बार कहा दोस्त हूं फिर मैंने कभी नहीं कहा व्यस्त हूं।।
किसी उर्से-दरवेश पे,अक़ीदत-मंदों की तरहहर शाम मुझे तेरी यादें,घेर लेती हैं
दूसरों को कब तक मनाते रहोगेकभी खुद से भी पूछो हाल कैसा है.!
छुप कर नहीं हर दिन सरे-आम गुज़रेंगे, हर सुबह गुज़रेंगे हर शाम गुज़रेंगे।
जरा ठहरो तो नजर भर देखु,ज़मीं पे चांद कहां रोज-रोज उतरता है।।
जिंदगी छोटी नहीं होती है, लोग जीना ही देरी से शुरू करते हैं.
ये इंतजार ग़लत है की शाम हो जाए,जो हो सके तो अभी दौर-ऐ-जाम हो जाए। “नरेश कुमार “शाद”
जिस तरह की ये शाम गुज़र रही है इससे बेहतर था की हम ही गीज़र जाते।
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करतेवक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते
जिन्दगी क्या है एक सबर ही तो हैहर शक्स किसी ना किसी के इंतेजार में है ।
मिलूंगा उसी मोड़ पर, जहां कभी छूटा था मैं,मेरे टुकड़े वहीं मिलेंगे, जहां कभी टूटा था मैं I
तुम वापस लौटने की तकलीफ मत करना !क्योंकि हम एक मोहब्बत दो बार नहीं करते !!
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,खुशहाली से भरा वो गाँव है मेरा.
हर मोड़ पर मुकाम नहीं होता,दिल के रिश्तो का कोई नाम नहीं होता,चिराग की रौशनी से ढूँढा है आपको,आप जैसा दोस्त मिलना आसान नहीं होता.
जिन्दगी में दो चीजें ख़ास है,एक वक्त और दूसरा प्यार,वक्त किसी का नही होता औरप्यार हर किसी से नही होता…Good Evening
कोई वादा न कर, कोई इरादा न कर,ख्वाहिशों में खुद को आधा न कर,ये देगी उतना ही जितना लिख दिया,इस तकदीर से उम्मीद ज्यादा न कर.
कभी तो शाम ढले अपने घर गए होतेकिसी की आँख में रह कर सँवर गए होते
हो आज प्यार का जादू,ओर एक यादगार पल बन जाये ,तुम बस आजाओ ख्वाबो में हमारे,ताकि आज की शाम सब से प्यारी बन जाये..!!
सहर की मिटटी में वो जान कहाँ जनाबहम तो गाँव की मिट्टी पानी में खेलकर ठीक हो जाया करते थे।
चाँद का पक्का आशिक है सूरज, रोज़ जल्दी डूब जाता है चाँद आने के इंतज़ार में।
ये शामों की शमा अब बुझने ही वाली है, लगता है अँधेरा होने ही वाला है।
मोहब्बत में उस शख़्स से हारे हैजो कहता था कि हम सिर्फ तुम्हारे है.!
क्या मिला मुझसे दूर रह करलोग आज भी तुझे मेरीमोहब्बत कहते हैं।
ना शिकवा रहा ना शिकायत किसी से हमें तो मोहब्बत इन तन्हाइयों से हो गई है बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमको पर दुनिया का सबसे हंसी यार मिला हमको
थक कर बहुत सो चुके हो अब हर दिन हँस कर जागना शुरू कर दो।
प्यार उससे करो जो दिल से अच्छा हो,उससे नहीं जो केवल दिखने में अच्छे हो…Pyaar usse karo jo dil se accha ho,Usse nahi jo keval dikhne mein acche ho…
दुखो को चकमा देकर,आओ दबे पाँव चलते है,सह्ह्र से दूर निकल करआओ गाँव चलते है.
a दोस्ती वो एहसास है जो मिलता नहीं,दोस्ती वो पर्वत है जो झुकता नहीं,इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,ये वो अनमोल मोती है जो बिकता नहीं.
उसकी जरूरत उसका इंतजार और अकेलापन थक मुस्कुरा देता हूं जब रो नहीं पाता इंतजार तो बस उस दिन का है जिस दिन तुम्हारे नाम के पीछे हमारा नाम लगेगा
किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है कहां हो तुम कि यह दिल
दोस्ती और मोहब्बत में फर्क सिर्फ इतना है बरसों बाद मिलने पर मोहब्बत नजर चुरा लेती और दोस्ती सीने से लगा लेती है
मेरी आँखों के आगे से सूरज ढला जब,मेरी आँखों ने तब कई अंधेरे देखे।
जब भी कोई गाँव से आता है,अपनों के प्यार की छाँव लाता है.
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे करते तुमभक्तों के सपने पूरे माँ अंजनी के तुम हो राजदुलारे राम-सीता को लगते सबसे प्यारे
नजरो से उतर जाते हे शाम तक सुबह कीइतने समजोतो पे जीते हे कीमर जाते हे।
सेहमा सेहमा डरा सा रहता हैजाने क्यों जी भरा सा रहता है।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
वहां की हवा से परेशान लगते हैये परिंदे अब सहर में नजर नहीं आते।
अगर ना लिखते तो ख़ाक हो गये होतेदिल में ही नहीं रूह में भी सुराख हो गये होते ।
तुम सदा मुस्कुराते रहो ये तमन्ना है हमारी,हर दुआ में माँगी है बस खुशी तुम्हारी,तुम सारी दुनिया को दोस्त बना कर देख लो,फ़िर भी महसूस करोगे कमी हमारी.
हम जब भी आपकी दुनिया से जायेंगे,इतनी खुशियाँ और अपनापन दे जायेंगे,कि जब भी याद करोगे इस पागल दोस्त को,हँसती आँखों से आँसू निकल आयेंगे.
मिल जाएंगे आप हमको दोस्त बना कर क्या करोगे आप का तो इंतजार कर रही हैं खुशियां आप सागर के गमो को अपना बना कर क्या करोगे,tera intezaar shayari
शाम होते ही दिल उदास हो जाता है, सपनों के सिवा ना कुछ खास होता है. आपको तो बहुत याद करते हैं हम, यादों का लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है।
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद, खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है। Ye Udas Sham Aur Teri Zalim Yaad, Khuda Khair Kare Abhi To Raat Baki H.
सवाल दूसरों पे क्या उठाऊ,की जिंदगी जवाब ढूंढ रही है….!जब खुद की जिंदगी।
तुम धीरे धीरे इतनी दूर चले गए जितनी दूर सूरज चला जाता है शाम ढलते वक़्त।
रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
मंद मंद ठंडी लहरों के साथ,ये नूरानी शाम का मौसम,ऊपर से बादलों के बिच से,निकलकर ये चांद भी कमबख्त,तेरी यादों पर चाँदनी डाल गया…
जो लोग शहर की दवा से ठीक नही हो पाते है,वो लोग अक्सर गाँव की हवा से ठीक हो जाते है.
अब डर नहीं लगता किसी को खोने कामैंने जिंदगी में जिंदगी को खोया है
अलविदा कह चुके हैं तुम्हेअब जाओआँखो पर ध्यान मत दो.!
सूरज थोड़ी देर अब और ठहर जा,अभी आँखें तैयार नहीं है अँधेरा देखने को।
उम्मीद का भी गजब तमाशा है,रोज टूटे जा रहे हैं, फिर भी आशा हैं..
हमें ख़बर भी नहीं होती कि हमकितने लोगों से आख़िरी बार मिल रहे होते हैं!
किसी को चाहो तो इतना चाहो,फिर किसी को चाहने की चाहत ना रहे..!!
दूर से सबको दूसरों की ज़िन्दगी अच्छी लगती है पर अगर सब नज़दीक से अपनी ज़िन्दगी देखेंगे तो सबको अपनी ज़िन्दगी अच्छी लगने लगेगी।
जिस तरह सूरज डूबता है कुछ इस तरह ही डूबे रहते हैं हम यादों में तेरी।
दूसरों को कब तक मनाते रहोगेकभी खुद से भी पूछो हाल कैसा है.!
उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों की तरह, उसने तन्हाईयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया।