Aankhen Shayari In Hindi | आँखें शायरी हिंदी में
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2024-09-09 11:12:43 - Milan
गुलाबी होंठ तेरे हैं खुमारी आँखों में है तेरी नजाकत हर अदा में है बड़ी प्यारी है सूरत तेरी…
निगाहों से कत्ल कर दे न हो तकलीफ दोनों को,तुझे खंजर उठाने की मुझे गर्दन झुकाने की।
दुःख गयी ये अखियाँ बहे खूब अश्क इसमें !!छोड़ आये वो गलियाँ सहे खूब गम जिसमें !!
तुमसे नज़रें क्या मिली,तीर दिल के पार चली गई।
हर ख्वाब सच होने की तमन्ना नहींकरती है आंखें समंदर भरा हैअश्कों का जो आहत है आंखें
आँखों की बात है आँखों को ही कहने दो, कुछ लफ्ज लबों पर मैले हो जाते हैं !
तुम्हारी बातेँ तो भूल भी जाता हूं मैं !!हाँ मगर आँखें नहीं भूल पाता !!
यूँ ही अंखियों में तेरी मेरी बात चलीबात यहां तक पहुंची मैंने तेरे बिनाजीना सिख लिया
तेरी निगाहों के जाल में ऐसा फंस गया !!ना चाहते हुए भी सिर्फ तेरा हो गया !!
कोई आग जैसे कोहरे में दबी-दबी सी चमके,तेरी झिलमिलाती आँखों में अजीब सा शमा है।
रह गये लाखों कलेजा थामकर,आँख जिस जानिब तुम्हारी उठ गई।
सोचते ही रहे पूछेंगे तेरी आँखों से ,किस से सीखा है हुनर दिल में उतर जाने का
जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में, बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त, आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है !
तुमको देखा एक नज़र हमने होश पा लिया,अपनी पलकों में तेरा आगोश पा लिया,हम दर्द को पीते हैं तेरा दर्द समझकर,आँखों ने छलकने का जोश पा लिया…
साकी को गिला है कि उसकी बिकती नहीं शराब, और एक तेरी आँखें हैं कि होश में आने नहीं देती।
हारेगा इक़ दिन कोरोना।बन्द करेंगे बर्तन धोना।।31।।झाड़ू पोंछा करते करते।जिंदा हैं बस मरते मरते।।32।।
नज़रों से उसकेशर्म और हवा बहती है।आंसूओं से उसकीमासूमियत कहती हैं।
ऐ समंदर मैं तुझसे वाकिफ हूँमगर इतना बताता हूँ,वो ऑंखें तुझसे गहरी हैंजिनका मैं आशिक हूँ।
बालों में गजरा लगाकर आप आँख ना मारिये चेहरा सुन्दर बनाके आप डाका ना डालिये…
डूब कर तेरी झील सी गहरी आँखों में, एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए।
नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए,पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए,किसी की मस्त निगाहों में डूब जाओ,बड़ा हसीं समंदर है ख़ुदकुशी के लिए।
घर में लेटे लेटे ऊबे।सूरज कब निकले कब डूबे।।29।।दिनचर्या है भंग हमारी।सुनते रहते पलँग पे गारी।।30।।
दिल के बहुत अन्दर तक तबाही मचाता हैं !!वो दर्द का आँसू जो आँखों से बाहर नही आता हैं !!
झील अच्छी कमल फूल अच्छा की जाम अच्छा !!है तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है !!
हर बार ये करामात दिखा जाती है अंखियां मैं चुप रहती हूं और बता जाती हैं अंखियां
आँखों में अब तो आँसू भी नही आते,हर ज़ख़्म नासूर सा लगता है,मोहब्बत ऐसे मोड़ पर लाई है के,अब अपना नाम भी बेगाना सा लगता है।
वो बोलते रहे… हम सुनते रहे… जवाब आँखों में था वो जुबान में ढूंढते रहे।
इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती, दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती., आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान, मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती.,
छोड़ दो करना मेरीइन आंखो की तारीफेतुम जब मेरे इश्क कीगहराई ना देख सके..
जब जुबान पर पाबंदी लग जाती हैतो बिना अल्फाज कहे नजरेसब कुछ बयां कर जाती है
इश्क के चांद को अपनी पनाह में रहने दो, लबों को ना खोलो आंखों को कुछ कहने दो।
बहुत छलकती है ये आंखें.पी लिया होगा किसी कीचाहत का समंदर..
तेरे होंठो पर जो मुस्कान छाई है तेरी आंखों में जो चमक आई है हो ना हो तेरे चेहरे पर ये रंगत मेरे प्यार की वजह से ही आई है
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।
aankhon par shayari, वह नजर उठ गई जब सरे मैकदा,खुद-ब-खुद जाम से जाम टकरा गये।
उस घड़ी देखो उनका आलमनींद से जब हों बोझल आँखें,कौन मेरी नजर में समायेदेखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।
होता है राजे-इश्को-मोहब्बत इन्हीं से फाश,आँखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ नहीं।
साकी को गिला है कि उसकी बिकती नहीं शराब,और एक तेरी आँखें हैं कि होश में आने नहीं देती।
किसी ने धूल क्या झोंकी आखों में, पहले से बेहतर दिखने लगा हमें।
शोर🤫 न कर धड़कन💓 ज़रा, थम जा कुछ पल के लिएबड़ी मुश्किल😰 से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है
कुछ इम्तिहानो को, कुछ जुबानो को, बंद आँखों से सह गए वो ना कमजोरी थी, ना ही जी हुजूरी थी बस कुछ मज़बूरी थी जो अपना हर कदम कांटो पर चल गए वो
जब से तू मेरे दिल में समाया है !!मेरी निगाहों को सिर्फ तेरा ख्वाब आया है !!तेरी जुबां पर मेरा नाम आये ना आये !!मेरी तो हर सांस में तेरा नाम आया है !!
पलकें तो आँखों की हिफ़ाजत होती हैं, धड़कन तो दिल की अमानत होती हैं, ये दोस्ती का रिश्ता भी अजीब है कभी चाहत तो कभी शिकायत होती हैं
अजीब कशिश है उसकी आँखों मेंमेरा दिल कह पड़ा मुझे यही चाहिये
आंखों में नशा ही नही होठों पर जाम भी चाहिएए खुदा यार मुझे कातिल नजरो वाला चाहिए.!
जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर, कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता, तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें, तुम्हें कोई और देखें अच्छा नहीं लगता.,
तेरे होने का गुमान है लेकिन !!मग़र तेरी नजरे हम पर नहीं ये मलाल है हमको !!
तुम्हारी आँखों की क्या तरीफ करू बस इनमे, डूब जाने की ख्वाइश है, पहले ही तेरी अदा के दीवाने हैं, अब किस बात की गुंजाईश है.,
क्या देखें नूर उन आँखों का जिसमें शर्म हया का नाम नहीं बेनूर होती हैं वो निगाहें जनाब जिसमें किसी के लिए प्यार नहीं…
आँख जब बंद किया करते हैं,सामने आप हुआ करते हैं,आप जैसा ही मुझे लगता है,ख्वाब में जिससे मिला करते हैं…
रावन 😡😡😡:रूठ गया दिल जब वो खफा हुए,टूट गया दिल जब बेवफा हुए,गम इस बात का नहीं की वो हमे छोड़ गए,दर्द तो तब हुआ जब हमारी आखों के सामने किसी और के हुए..
जाती है इस झील की गहराई कहाँ तक,आँखों में तेरी डूब के देखेंगे किसी रोज।
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।
सवाल कोई जवाब आंखें मस्त बेमिसाल लांग के नशे में हरदम निराला के उठे तो होशो हवास जी ने गिरे तो करते हैं कमाल लागेaankhon par shayari,aankhe shayari
हूँ मैं शायर तो नहीं मगरमहबूब ग़ज़ल है खुद मेरी,जब वह होती है बाहों मेंकविता बन जाती खुद मेरी…
खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के !!उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं !!
…:आंखो में आंसूऔर लबों पे तेरा ज़िक्र है,पर क्या करूतू मुझसे दूर है…
आँखों से आँखें मिला कर तो देखो, हमारे दिल से दिल लगा कर तो देखो, सारे जहान की खुशियाँ तेरे दामन में रख देंगे, हमारे प्यार पर जरा ऐतबार करके तो देखो !
नदियों से भी लहरी है, मेरे दिलदार की आँखे,
बड़ी दिलकश ग़ज़ल सुनाती है वोतेरी नीलकमल के फूल जैसी आंखे..!
उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ,पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझेईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर नज़र मुझे
ख़ुदा बचाए तेरी इन मस्त आँखों से, फ़रिश्ते भी बहक जायें आदमी क्या है।
देखते देखते ही उमर गुजर जाए सारीआपकी आंखे है ही इतनी प्यारी….
एक तुम ही हो जो इन खूबसूरत आँखों के पीछे चल रहे विचारों को पढ़ लेते हो!!
जो उनकी आँखों से बयां होते हैं, वो लफ़्ज शायरी में कहाँ होते हैं।
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत – वोहब्बत बड़ा जानते होतो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो
खो जाता हूँ इन नैन में, जो फूल सी सुन्दर है मेरे प्यार की आँखे..!!
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा !!वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा !!
कौन मेरी नजर में समाया हैतेरी नजरो में क्या मेरा चेहरा आया है
पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है, आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है।
मेरे दिल को इश्क़ का ख्वाब दिखाता है !!वो रातों में मुझे बहुत जगाता है !!मैं अपने आँखों में काजल लगाऊं कैसे !!इन आँखों को वो रुलाता बहुत हैं !!
तेरी निगाह में, एक रंग-ए-अजनबियत था, किस ऐतेबार पे हम खुल के गुफ्तुगू करते !!
तुम्हारी आँखों में कैद होना आसान है मगर निकलना मुश्किल।
तेरा हस्ता हुआ चेहरा उदास क्यों है? बरसती आँखों में प्यास क्यों है…!!! जिनकी नजरो में तू कुछ नहीं, वो तेरे लिए इतना ख़ास क्यों है…!!!
घर की फुर्सत रंग लाएगी।हमको वो दिन दिखलाएगी।।27।।कीर्तिमान हम गढ़ जाएंगे।10 करोड़ तो बढ़ जाएंगे।।28।।
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए, हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी !!
निगाहे-लुत्फ से इक बार मुझको देख लेते है,मुझे बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।aankhon par shayari,
नींद से जब हों बोझल आँखें, मत पूछ हाल क्या हैदिल कहता है जल्दी से बता आखिर तेरा सवाल क्या है
आपकी आँखें उठी तो दुआ बन गई, आपकी आँखें झुकी तो अदा बन गई, झुक कर उठी तो हया बन गई, उठ कर झुकी तो सदा बन गई !
नशा जरूरी है ज़िन्दगी के लिए !!पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए !!किसी की मस्त निगाहों में डूब जाओ !!बड़ा हसीं समंदर है ख़ुदकुशी के लिए !!
तुझे देखे बिना तेरी तस्वीर बना दूँ,तुझे मिले बिना तेरा हाल बता दूँ,मेरी मोहब्बत में इतना दम है कि,तेरी आँखों के आँसू अपनी आँखों से गिरा दूँ।
तेरी आंखों की तारीफ करते थकता नही मैं उन्हें देखे बिना एक दिन रहता नहीं मैं उनमें ही बस जाऊं ऐसी आस रखता हूं मैं।
आँखों में हया हो तोपर्दा दिल का ही काफी है, नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं,इशारे मोहब्बत के।,aankhon par shayari sms
भरे बाजार से अक्सर मैं खाली हाथ आया हूँ, कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते।
हम तो फ़ना हो गए उन को की आँखें देख कर, जिसके सामने आईना भी शर्मा जाता है।
उसकी आँखों ने जो हमपे रेहम कर दिया , बस यही खवाइश है मेरी ये रेहम वो हर रोज कर दिया करें।
उदास आँखों में अपनी करार देखा है,पहली बार उसे बेक़रार देखा है,जिसे खबर ना होती थी मेरे आने जाने की,उसकी आँखों में अब इंतज़ार देखा है।
चलो हम उजड़े शहर के शहजादे ही सही,मगर तुम्हारी आँखे बताती है विरान तुम भी हो…
उल्फ़त में कभी यह हाल होता है, आँखें हस्ती हैं मगर दिल रोता है, मानते हैं हम जिसे मंज़िल अपनी, हमसफ़र उसका कोई और होता है।
आँख 👀से दूर न हो दिल❤️ से उतर जाएगावक़्त🕐 का क्या है गुजरता⌛️ है गुजर जाएगा
जाती है इस झील की गहराई कहाँ तक !!आँखों में तेरी डूब के देखेंगे किसी रोज !!
पहली नजर में तेरी आंखों ने मुझे घायलकर दिया अब कुछ दिखता नहीं तेरेसिवा इस जमाने में.
महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है !!नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है !!दो घूँट पी लेने दे आँखों के प्याले से !!नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है !!
दिल टूटे चाहे जितना भीउस हिम्मत तो दिखानी ही पड़ती है।मजबूत हो इंसान कितना भीउसकी दास्तां उसकी आंखोसे दिखाई पड़ती है।
'आंखों की भाषा' पर कहे गए शेर
इन आँखें शायरियों को Milind Khanderao इनकी आवाज़ में सुनकर आप अपनी महबूबा की आँखों में डूबने की इच्छा जताओगे!
वो आंखो मैं काजल वो बालों मैं गजरा हथेली पे उसके हीना महकी-महकी ये कौन आ गयी दिलरुबा महकी-महकी फ़िजा महकी -महकी हवा महकी-महकी
अगर कुछ सीखना ही हैतो आँखों 🧐को पढ़ना सीख लोवरना लफ़्ज़ों 👄के मतलब तोहजारों निकाल✍️ लेते है
महकता हुआ जिस्म तेरा गुलाब जैसा है,नींद के सफर में तू एक ख्वाब जैसा है,दो घूँट पी लेने दे आँखों के इस प्याले से,नशा तेरी आँखों का शराब जैसा है।
अगर कुछ सीखना ही है तो, आँखों को पढ़ना सीख लो, वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो, हजारों निकल आते है.,
कभी बरसात का मज़ा चाहो, तो इन आँखों 👀 में आ बैठो…!!! वो बरसों में कभी बरसती है, ये बरसों से बरसती हैं।
अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का,बस इक निगाह पे ठहरा है फ़ैसला दिल का।
आज भी प्यारी हैं मुझे तेरी हर निशानी !!फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी !!
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।
जब भी देखता हूँ मुझसे हरबार नज़रें चुरा लेती है,मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी
तेरी आँखों👀 की तौहीन नहीं तो और क्या🤔 है यहमैंने देखा तेरे चाहने🥰 वाले कल शराब🥃 पी रहे थे
कोई दीवाना दौड़ के लिपट जाएगा, आँखों मिला के युं ना देखा कीजिए.,
मैंने उनकी आखो को पढ़ापता चला हर एक अक्सरबस मेरे ही नाम का था।
कभी किताबों के पन्नों में तो कभी फिल्मी गानों में खूब प्रयोग किया जाता है। जिससे फिल्म और गाने देखने सुनने में और भी मज़ा आ जाता है।
अगर कुछ सीखना ही है तो आँखों को पढ़ना सीख लो, वरना लफ़्ज़ों के मतलब तो हजारों निकाल लेते है।
तेरी आंखों को आते है तरीके हजार !!कर दिया मेरा दिल बेहाल !!
ये गुलाबों सा तेरी आँखों का जाम अच्छा है जिस ख़त में आए तेरा नाम वो पेग़ाम अच्छा है
ढूंढते क्या हो… आँखों में कहानी मेरी, खुद में खोये रहना तो आदत है पुरानी मेरी।
बिखरा सा हौसले बदल डाले शान से मैं चलता था कोई शाह की तरह आ गया हूं दर दर पर काफिले बदल डालें फूल बनकर वह हमको दे गया चुभन इतनी गांड तो उसे
मेरी निगाह-इ-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर, फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है !!
पर्दा करती हो तो करो हम तो फिर भी मोहब्बत करेंगे भला जिसकी आंखे इतनी खूबसूरत हो तो सूरत तो माशाल्लाह होगी
एक नजर देख ले हमे जीने की इजाजत दे दे ए रुठने वाले….. वो पहली सी मोहब्बत दे दे..
तेरी आंखों में मस्ती है जब भी तू हंसती है बहुत सुंदर लगती है तुझसे ही तो मेरी हस्ती है।
मेरे दिल का फूल कोई !!चुरा के ले गया !!अपनी नशीली आंखों से !!मुझे बहका कर ले गया !!
आंखों में नशा ही नही होठों पर जाम भी चाहिए ए खुदा यार मुझे कातिल नजरो वाला चाहिए।
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा !!
आँखों-आँखों में गुजरी है ये रात,अभी भी शायद अधूरी है आँखों की बात
तुम्हारी आँखे है या कोई समुंदर जब भी नजरे मिलाता हु डूब जाता हु
रात गुजारी फिर महकती सुबह आई, दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई, आँखों ने महसूस किया उस हवा को, जो तुम्हें हूँ कर हमारे पास आई !
कैसे कोई इन आंखों को !!आंसू दे सकता है !!जो हंस कर मोती बिखेरते हैं !!और रो कर सैलाब !!
कीमत पानी की नहीं प्यास की होती हैं कीमत मौत की नहीं सांस की होती हैं प्यार तो बहुत करते हैं दुनिया में कीमत प्यार की नहीं विश्वास की होती हैं !
देखा है मेरी नजरों ने एक रंग छलकते पैमाने का, यूँ खुलती है आंख किसी की जैसे खुले दर मैखाने का।
लोग नजरों को भी पढ़ लेते हैं, अपनी आँखों को झुकाये रखना।
कभी बैठा के सामने पूछेंगे तेरी आँखो से, किसने सिखाया है इन्हें हर दिल में उतर जाना !
तेरे जैसी आँखों वाली, साहिल पर जब आते हैं तो लहरें शोर मचाती है…!!! लो आज पूरा समंदर डूब गया…!!!
मेरी जान की आंखेंगहरी बहुत हैं।मेरे सारे राज उसनेकुछ यूं छिपाए हैंमेरी हमराज भी रही हैमुझे आइना भी दिखाया है।
तरस गयी है… तुम्हे देखने को ये आँखें, थकी-थकी है, पर पलकें उठाये बैठे है।
कोई आँखों से बात कर लेता है,कोई आँखों में मुलाकात कर लेता हैबड़ा मुश्किल होता है जवाब देना,जब कोई खामोश रहकर सवाल कर लेता है
कैद खाने है बिन सलाखो के, कुछ यूँ चर्चे है तुम्हारी आँखो के !
निगाह-ए-लुत्फ़ से एक बार मुझको देख लेते हैं,मुझको बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।
साँसों में चाँद की शीतलताबाहों में आसमाँ फैला है,वह आफताब है धरती परउस पर हर शे’र सुनहला है…
तुमसे नाराज रहने के कई कारण है मेरे पास, पर तेरी आँखों से दूर रहने का कारण नहीं है मेरे पास!!
‘है कैसा ये नशा की आँखों में तुम बसे होऔर हर पल ये नजरे तुम्हें ही ढूंढती है..
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए, हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
खुदा बचाए तेरी मस्त आँखों सेफ़रिश्ता हो तो बहक जाए आदमी क्या है
दुख सतावें नाना भांती।छत पे नहीं पड़ोसन आती।।17।।प्रेम का तारा कब का डूबा।दिखी नहीं कब से महबूबा।।18।।
आज भी प्यारी हैं मुझे तेरी हर निशानी,फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी.
सागर से गहरी हैं आपकी आँखें दिल की खुशी है आपकी आँखें प्यार का जाम हैं आपकी आँखें छुपाए कई राज़ हैं आपकी आँखें ले लेंगी मेरी जान आपकी आँखें
तेरी आँखों में रब दिखता हैं !!क्योकि सनम मेरा दिल तेरे लिए धड़कता हैं !!
तुम्हारी आँखों की क्या तारीफ़ करूँ,बस इनमें डूब जाने की ख्वाहिश हैपहले ही तेरी अदा के दीवाने हैं,अब किस बात की गुंजाईश है
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से, मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले.,
अब इन झुकी हुई नजरों से क्या देखते हो, इश्क़ हो हमसे तो बयां भी करो।
आँखों आँखों में गुजरी है ये रात, अभी भी शायद अधूरी है आँखों की बात।
कुर्सी याद बहुत आती है।आंखों में आंसू लाती है।।33।।हालातों पर करके काबू।आफिस जाएंगे बन बाबू।।34।।
आँखें गजल होंठ गुलाब बन जाये मेरा दिल तेरे दिल की किताब बन जाये चंद शेर लिखना हमारे नाम भी जब मेरा शबाब लाजवाब बन जाये…
जगती रही वो आंखें जो मिला मुसाफिर वो रास्ते बदल डाले दो कदमों पर थी मंजिल फासले बदल डाले आसमान को छूने की कूवत है जो रखता था आज है वह
मेरे बस में अगर होता हटा कर चाँद तारों को मैं नीले आसमां पे बस तेरी आँखें बना देता !
हर बार तेरी मुस्कुराती आँखों को देखता हूँचला आता हूँ तेरे पास ख़यालों में उड़ते हुए
ऑंखों को ज़रूरत है तेरे दीदार की, अर्ज़ सुन मौला अपने बरख़ुरदार की….
बेइंतहा प्यार है तुमसे हमें ओह हमसफर अब तो जीतें हैं हम बस तुम्हे चाहकर!!
@..©…†…:आख जो उठाई हैं,उसे नम कर…ए मोहब्बत मेरी,Gurur थोडा कम कर…
आ गया है फर्क तुम्हारी नज़रों में यकीनन,अब एक खास अंदाज़ से नज़रअंदाज़ करते हो।
नजर जिसकी तरफ करके निगाहें फेर लेते हो,कयामत तक उस दिल की परेशानी नहीं जाती।
उस से कहना हम मज़े में हैं, बस यादें बहुत सताती हैं…!!! उन की दूरी का ग़म नहीं, मुझे बस ज़रा आँखें 👀 भीग जाती हैं…!!!
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।
मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ !!वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ !!एक जंगल है तेरी आँखों में !!मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ !!
मेरे भटकते इस मन को बस तेरा ही सहारा है !!ये दिल तेरा गुलाम तेरी इन आंखों का मारा है !!
तेरे बाद एक ख्यालये जरूर रहा हैतेरी आँखें ना देखने कामलाल जरूर रहा है
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए, हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी.
एक राज़ है इन आंखों में, पढ़ लो इन्हें तो तुम्हें भी इश्क़ हो जाए।
शोक मुझे धोखे का था हीनही पर आपकी नशीलीआँखो ने दे ही दीया@2rrlover😘😘…..✍️
सामने ना हो तो तरसती हैं आँखें, याद में तेरी बरसती हैं आँखें, मेरे लिए नहीं इनके लिए ही आ जाओ, आपका बेपनाह इंतज़ार करती हैं आँखें।
तेरी आँखों में जो है !!वो हर जगह मिलता नहीं !!तेरी आँखों में जो सुकून है !!वो तेरी बाहों में हमे अब नहीं !!
पा रहे हैं आप मगर इन आंखों में मोहब्बत का इंतजार वही है और अंत में एक बहुत ही खूबसूरत गाने की कुछ पंक्तियां जो की आंखों की खूबसूरती को बहुत ही प्यारे
निगाहे-लुत्फ से इक बार मुझको देख लेते है,मुझे बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।
कभी पैगाम लिया, कभी पैगाम दिया, आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया
क्या खूब तुमने इश्क़ छुपाया मुझसे,होठों से कुछ नहीं और आँखों से सब बयाँ कर दिया।
उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ,पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे,ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे।
तेरी आँखों की रोशिनी से ही मेरी ज़िन्दगी में उजाला है वरना हम ढूंढ रहे थे खुद को अँधेरे में।
अब तो उससे मिलना और भी,जरूरी हो गया है सुना है उसकी,आँखो मै मेरा अक्स नजर आता है!
आँखों में हया हो तो !!पर्दा दिल का ही काफी है !!नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं !!इशारे मोहब्बत के !!
पलके क्या बंद की दीदार तुम्हारा हो गया !!इन आंखों में नींद नहीं बस तुम रहते हो !!
होती है मुंतज़िर कोई आंख हर एक दिल में कहीं कुछ जगह निकलती है दिल की बात आप तक पहुंच जाए मैं इशारा दूं और वह समझ जाएaankhon par shayari,aankhe shayari
कैद में रहता हूं मैंइश्क़ के तेरे।दिल ने तेरे लगाए हैंमुझ पर कितने पहरे।कभी और भटक ना जाऊंइसलिए तेरी आंखें मुझे घेरे।
अश्को की अब क्या कीमत लगायी जाये की हर आंसू के गिरते, किसी को पुकारती रही वो आँखें।
बहुत बेबाक आँखों में ताल्लुक टिक नहीं पाता,मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना जरूरी है।
हम नही आते इस डर से तेरी चौखट पर मेरे हमदम, सुना है तेरी जादू भरी आँखों का टोना बडा मशहूर है !!
निगाहें बोलती है जब जुबा खामोश रहती है, दिलों की धड़कने ही तब दिलों की बात कहती हैं।
सावन अब क बरस भी आया था.. बूंदें अब के बरस भी बरसे थे.. पर प्यास बुझी न इस मन की….. जीवन लगे तुझ भीं अधूरा
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में, जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए.,
दिल की बातें बता देती हैं आँखे,धड़कनों को जगा देती हैं आँखे,दिल पे चलता नही जादू चेहरों का कभीदिल को तो दीवाना बना देती हैं आँखे.
जब बिखरेगा तेरी गालों पे तेरी आँखों का पानी, फिर तुझे महसूस होगा की मोहब्बत के रास्ते।
ये जिस्मानी मिलन नहीं रूहानी मेल हुआ है,साथ रह कर एक दुझे को अपना एहसास दिया है,
फिर न कीजिये मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला देखिये आपने फिर प्यार से देखा मुझको
क्या कहें, क्या क्या किया, तेरी निगाहों ने सुलूक,दिल में आईं दिल में ठहरीं दिल में पैकाँ हो गईं।
Aankhein Shayari in Hindi
वो आंखों के पास हो या ना हो, कसम से दिल के बहुत पास है।
ये कहो🤔, वो कौन सी बात ज़ुबाँ तक आते-आते रूक गयीये बताओ, उस बात की चुप्पी🤫 से तुम्हारी नज़रें👀 क्यूँ झुक😌 गयी
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गएकि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गएआँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना थाआँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए
ना चाँद ना तारे बस देखे तो आपकी आँखें,इन आखों में डूब जाना है,और प्यार की लहरों को पार कर जाना है…
तेरी निगाहों के जाल में ऐसा फंस गयाना चाहते हुए भी सिर्फ तेरा हो गया
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू, मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते हैं !!
बेशुमार इश्क़ है मेरी इन आँखों में, नज़र भर के देख लो तुम, फिर महकोगे भी, और बहकोगे भी….
हमेशा जो खुद को सजाये रखते हैंअंदर और ही हुलिया बनाये रखते हैंपत्थर आँखें ही दिखाई देती हैं औरदिल में एक दरया सा रुकाये रखते हैं!!
खिलते हैं फूल इश्क के तेरी इन खूबसूरत आँखों में जहाँ देख ले ठहर के तू बस एक नजर महक जाए वो जगह किसी बागबाँ की तरह
दिल को संभाल के रखा था हमने ज़माने के नजरानों से.कम्बख्त आँखों ने तुम्हारी हमे आशिक़ बना दिया.!
जब खुदा ने तुझे बनाया होगा, एक आधा जाम तो उसने भी लगाया होगा…!!! ऐसे ही नशीली नहीं तेरी आँखें👀, जाम का कुछ असर तो तेरे में भी आया होगा…!!!
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं, जरा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो.,
जब से तू मेरे दिल में समाया है मेरी निगाहों को सिर्फ तेरा ख्वाब आया है तेरी जुबां पर मेरा नाम आये ना आये मेरी तो हर सांस में तेरा नाम आया है
उनकी आँखों से जो लफ्ज बया होते हे वो शायरी में कहा होते हैं.
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी ज़िंदगी झूम कर मुस्कुरा दी ज़ुबान से तो हम कुछ न कह सके पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी, जुबान से तो हम कुछ न कह सके, पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी !!
ख़ुदा बचाए तेरी इन मस्त आँखों से, फ़रिश्ते भी बहक जायें आदमी क्या है !!
कल उसकी याद पूरी रात आती रहे.. हम जगे पूरी दुनिया सोती रहे…!!! आसमान मे बिजली पूरी रात होती रहे.. बस एक बारिश थी जो मेरे साथ रोती रहे…!!!
मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी !!आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं !!
जीना मुहाल कर रखा है मेरा इन आँखों ने तेरे !!खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे !!
तेरी निगाह👀 में, एक☝️ रंग-ए-अजनबियत थाकिस ऐतेबार पे हम खुल के गुफ्तुगू💑 करते
प्यारी-प्यारी नींद आती है नए सपने लेकर, आपकी हर सुबह आये ढेर सारी खुशियां लेकर।
एक नजर👀 फेर ले जीने🤗 की इजाजत दे देरुठने 😏वाले वो पहली सी मोहब्बत💑 दे दे
बहुत अंदर तक तबाही मचाता हैं !!वो आँसू जो आँखों से बह नही पाता हैं !!
बिना पूछे ही जाग जाती हैं सवालों की पुतलियाँकुछ आँखें हाज़िर-जवाब हैं किसी के इंतजार में
शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए, बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है।
आँखे मिलाने का शौक न था !!तुम्हें देखा तो आदत खराब हो गयी !!
देखा है मेरी नजरों ने एक रंग छलकते पैमाने का, यूँ खुलती है आँख किसी की जैसे खुले दर मैखाने का !
हर बार ये सोच कर रुका हूंकि तेरी आँखों में नमी न आए।वर्ना तेरी मोहब्बत से ज्यादाआज भी हमे अपनी इज्जत प्यारी है
रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।
करिश्मा ज़रूर है… आँखों में तेरी कोई, तू जिसको देखले वो बहकता ज़रूर है !!
झील अच्छी कमल फूल अच्छा की जाम अच्छाहै तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है
कैद खानें हैं बिन सलाखों के कुछ यूँ चर्चे हैं तुम्हारी आँखों के !
सब ने तेरी आँखे तेरा चेहरा देखा है !!हमने तेरी हँसी में गम गहरा देखा है !!ये चाँदनी कभी खुल के बिखरती नहीं है !!हमने चाँद पर समाज का पहरा देखा हैं !!
इकरार वो अपनी आंखो से करती हैइज़हार भी अपनी आंखो से करती है।मैं शब्दों में जो बोल नहीं पातावो सब बातें अपनी आंखो से करती है।
तेरे होंठो पर जो मुस्कान छाई है !!तेरी आंखों में जो चमक आई है !!हो ना हो तेरे चेहरे पर ये रंगत !!मेरे प्यार की वजह से ही आई है !!
ये कायनात सुराही थी, जाम आँखें थीं, मुवसलत का पहला निज़ाम आँखें थीं.,
निगाहे-लुत्फ से इक बार मुझको देख लेते है,मुझे बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।
ये कायनात सुराही थी, जाम आँखें थीं,मुवसलत का पहला निज़ाम आँखें थीं।
पढ़ कर आंखें उसकी !!मैंने एक ख्वाब सजा लिया !!जो दूर था मुझसे !!उस चांद को अपना बना लिया !!
निगाहे-लुत्फ से इक बार मुझको देख लेते है,मुझे बेचैन करना जब उन्हें मंजूर होता है।
निगाहें तुम्हारी लाजवाब है इनमें बसता मेरा ख्वाब है तुम्हारा एक अपना ही रुआब है जिनमें फिदा ये जनाब है।
मदहोश आंखो से वो जब हमें देखते हैं, हम घबरा के अपनी पलके झुका लेते हैं, कैसे मिलाए हम उन आँखों से आँखें, सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं।
फर्याद कर रही हैं तरसती हुई निगाहें, देखे हुए किसी को… बहुत दिन गुज़र गए।
आँखों में ना हमको ढूंढो सनम, दिल में हम बस जाएंगे, चाहत है अगर मिलने की तो, सोती आँखों में भी हम नज़र आएंगे।
रंजिश क्या करे हम उनसे ये अपना दिल है जो उनका हो चला उनको पाने की ज़ुस्तजु में मैं अपना वजूद ही खो चला
तू सामने ना हो तो तेरी याद में तरसती हैं आँखें, तेरी एक जलक पाने को तरसती है आँखें।
उतर चुकी है मेरी रूह में किसी की निगाह,तड़प रही है मेरी ज़िंदगी किसी के लिए।
हम तो फना हो गए उनकी आँखें देखकर !!ग़ालिब न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे !!
तेरी आँखों में रब दिखता हैं, क्योकि सनम मेरा दिल तेरे लिए धड़कता हैं।
तलब ना मिट पाई तेरे दीदार से जीत की,चाहे एक नज़र देखता रहा तेरी सूरत सारी रात…
मचलती तमन्नाये वक़्त दर वक़्त बदलती रहती है आँखे है बेज़ुबान फिर भी हर राज़ उगलती रहती है|
देख कर मेरी आँखें !!एक फ़कीर कहने लगा !!पलकें तुम्हारी नाज़ुक हैं !!ख्वाबों का वज़न कम कीजिये !!
तेरी ऑंखें👀 मुझे तब और खूबसूरत👌 लगती हैंजब इनमे मैं खुद को देख👀 पाता हूँ
अब तक मेरी यादों से मिटाए नहीं मिटता,भीगी हुई इक शाम का मंज़र तेरी आँखें।
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी, जुबान से तो हम कुछ न कह सके, पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी।
एक बार तो बताओ !!तुम अगर मेरे हो जाओ !!नजरे रख कर मुझ पर !!मेरी आँखों में खो जाओ !!
मुझे शराब पिलाई गई है आँखों सेमेरा नशा तो हज़ारों बरस में उतरेगा
है कैसा ये नशा की आँखों में तुम बसे हो,और हर पल ये नज़रे तुम्हें ही ढूंढती है।
ना जाने कौन सा आंसू मेरा रास्ता भूल गए हम इस खयाल से नजरें झुकाए बैठे हैं
समज नहीं सकते आँखों की गहराई को होठो से कुछ कह नहीं सकते ये दिल कैसे बया करे ये हाल तुम्ही हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते..
इशारों के ऐसे तामझाम करते हैं तुम्हारी आंखें हर रोज कत्ल-ए-आम करते हैं
ज़फ़र गिरिया हमारा कुछ-न-कुछ तासीर रखता है,उन्हें हम देखते हैं मुस्कुराते अपनी आँखों से।
डूबा हुआ हूँ ना निकल पाऊँगा मैं कभी,ख़ूबसूरत मुस्कुराहट और आँखों से तेरी।
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए।
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचोतुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
उफ्फ ये झील जैसी आंखे तेरी इसमें तैरूं या डूबकर मर जाऊं
आँखों ही आँखों में तुमने क्या कह डाला,वक्त थम गया दिल ठहर सा गया….
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं, कैसे कह दूँ आज फिर होश नही…!!! ऐसा डूबा तेरी आँखों की गहराई मे, हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं…!!!
सजनी की आँखों में छुप कर जब झाँका बिन होली खेले ही साजन भीग गया
पैमाना कहे है, कोई मयखाना कहे हैदुनिया तेरी आँखों को भी क्या क्या न कहे है
इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती, दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती, आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान, मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।
मेरी आँखों👀 में झाँकने से पहले, जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर…!!! जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी, और हमने नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी…!!!
वो आपका पलके झुका के मुस्कुराना, वो आपका नजरें झुका के शर्माना, वैसे आपको पता है या नहीं हम नहीं जानते, पर इस दिल को मिल गया है नज़राना उसका।
रातों की गहराई आँखों से उतर आई कुछ खवाब थे और कुछ मेरी तनहाई ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के -हल्के कुछ तो मजबूरी थी कुछ मेरी बेवफ़ाई
बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने, अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर.,
ये गुलाबों सा तेरी आँखों का जाम अच्छा है जिस ख़त में आए तेरा नाम वो पेग़ाम अच्छा है..
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या किए, हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
फूल तो फूल है आँखों से घिरे रहते हैं,कांटे बेकार हिफाज़त में लगे रहते हैं
उसने आँखों से आँखें जब मिला दी, हमारी ज़िन्दगी झूम कर मुस्कुरा दी, जुबान से तो हम कुछ न कह सके, पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी।
गुलाबी आंखें शराबी यही तो है लाजवाब इन्हीं मूल प्रति नहीं मैंने प्रीत चावला ऐसा बाद कभी नजर में बल्ला की होगी कभी सराफा है जापान कभी छुपाती है राज दिल
देखा है मेरी नजरों नेएक रंग छलकते पैमाने का,यूँ खुलती है आंख किसी कीजैसे खुले दर मैखाने का।
ये जो नज़रों से तुम मेरे दिल पर वार करते हो, करते तो ज़ूल्म हो साहिब मगर कमाल करते हो।
जब-जब बिखरेगा आपके गालों पे तेरी आँखों का पानी, तब आपको एहसास होगा की मोहब्बत किसे कहते है.,
यूँ तो जिंदगी ने बहुत कुछ सिखाया था, मगर जब से तुम्हारी आँखों पढ़ना सीखा है, ऐसा लगता है मैंने जीवन में कुछ सीखा ही नहीं था ….!!
निगाहों👀 से कत्ल कर दे न हो तकलीफ😱 दोनों कोतुझे खंजर🔪 उठाने की मुझे गर्दन झुकाने🙇♂️ की
जब भी देखूं तो नज़रें चुरा लेती है वो,मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी।
जो उनकी आँखों से बयां होते हैं, वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।
मेरे बस में अगर होता हटा कर चाँद तारों को मैं नीले आसमां पे बस तेरी आँखें बना देता
दूरियों की परवाह न कीजिए !!जब दिल करे बुला लीजिए !!हम ज्यादा दूर नहीं आपसे !!बस आँखों को पलकों से मिला लीजिए !!
उठती नहीं है आँख मेरी तरफ उनकी , पाबन्द कर गयी है नजर जिसकी, पलकों की तो ये है कि वो झुक गयी है, मेरी आहे रोने लगी है भर गए है आंसू की टंकी.,
हमारे दर आ जाओ, सदा बरसात रहती हैं,कभी बादल बरसते हैं कभी आँखे बरसती हैं. 1 2 3 4 5 6
हम भटकते रहे थे अनजान राहों में,रात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों में,अब तम्मना हुई है फिर से जीने की हमें,कुछ तो बात है सनम तेरी इन निगाहों में।
आँखों में जो बात हो गई है,इक शरह-ए-हयात हो गई है.!
काली रूप खोल के केशा।बोल रही है शब्द विशेषा।।13।।वो कहती है ये सुनता है।बाकी जग ये सर धुनता है।।14।।
आंखों पर शायरी
आँखों से आसू बहाना उनके लिए, जो तुम पर निसार हो, उनके लिए मत रोना, जिसके आशिक हज़ार हो।
जो उनकी आँखों से बयां होती हैंवो बात हम जैसे शायरों में कहाँ होती है