Bina Galti Ki Saza Shayari In Hindi | बिना गलती की सजा शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी
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2024-08-20 06:36:50 - Milan
किसी के साथ गलत करके अपनी,बारी का इंतज़ार जरूर करना।
गलतफहमी चाहे कितनी भी छोटी हो मगर वो बर्बाद अक्सर बड़े से बड़े रिश्ते को कर देती है।
माँ बाप ही हमारी सब गलतियों को भुला देते हैं,ज़माने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
किसी का कभी इतना भी दिल ना दुखाओ,के खुदा के सामने वो तुम्हारा नाम लेके रो पड़े।
मोहब्बत नशा है ये कैसी सजा है,दिल के तड़पने का भी अपना मजा है।
कैदी तेरी जुल्फों का है आजाद जहां से,मुझको रिहाई तो सजाओ ने दिलाई।
क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में सजा आखिर,हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।
हर किसी की यही कहानी है,अपनी गलती ढूंढे नहीं मिलनी है,,दूसरे की गलती यूँ हीं नजर आनी है।
माँ-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
आपके साथ आया था तोलगा कि अब जिंदगी बदल जाएगी,लेकिन यह नहीं जानता था कियहां भी गलत सोच आ आएगी।
मुझसे मोहब्बत करती, तो मेरी गलती माफ़ कर जाती,एक छोटी सी बात पर, यूँ रिश्ता नहीं तोड़ जाती।
जब कभी गलतियाँ करो तो मान भी लिया करो,क्योंकि गलती मान लेने से कोई छोटा नहीं होता।
जिसे दूर जाना हो, वो बस गलतियों का इंतजार करता है,फिर एक से दूर जाकर, किसी दूसरे से प्यार करता है।
खुद की हिम्मत पर भरोसा रखगलत लोगों की संगति मत कर,किस्मत तेरी भी बदल जाएगीअगर तू समझ गया सही वक़्त पर।*
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,चलो ऐसा करो भुला दो मुझको !
मुझसे नाराज़ मत हो, मेरे पास तुम्हारे सिवा कोई नहीं है
कुछ लोगो की मोहब्बत सजा सी होती है, ज़ख़्म देकर मरहम लगाना उनकी अदा सी होती हैं.
दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ।
नित्या उसका ये वव्ह्यार चुप चाप सेहन कर रही थी, उसने अपने घर पर भी इसके बारे में कुछ नहीं बताया था, वो अपने घर वालो से नाराज़ थी।
रिश्तें निभाते-निभाते हम ख़ुद के ही गुनाहगार हो गए, बिना खता के ही हम सजा के हकदार हो गए.
सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी तूने,पर कसूर क्या था मेरा ,ये नहीं बताया।
मोहब्बत की अदालत में इन्साफ कहाँ होता है, सजा उसी को मिलती है जो बेगुनाह होता है.
ऐसे भी मोहब्बत की सजा देती है दुनिया,मर जाए तो जीने की दुआ देती है दुनिया।
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं,और क्या जुर्म है पता ही नहीं।
जिसमें बसी इश्क की बेकरारी है,उसकी जिंदगी बड़ी भारी है।
चलो हम गलत थेइस बात को मान लिया,अब तो हमें माफ कर दोबताओ हमने क्या बिगाड़ दिया।
कुरेद कर जख्म को खुद को सजा देता हूँ,जब दर्द कुछ कम रहता है दर्द को जगा देता हूँ।
कोई तुम्हें देखकर मुस्कुरा दे तो उसे प्यार मत समझो,किसी की छोटी-सी गलती पर, उसे गुनहगार मत समझो।
जिन्हे अपनी गलती का एहसास ठीक से नहीं होता उन्हें प्यार के एहसास का कहाँ पता होगा।
अब टूट गया है दिल तो सवाल क्या करे,खुद ही पसंद किया था, तो बवाल क्या करे।
.हमने सिर्फ छेड़ा.दिल की चाह से, .बे वजह तुम.हमसे खफा हो गए.
इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है, इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है.
कैसे भूल जाऊं तेरा यह मासूम सा चेहरा,इस चेहरे के आगे मुझे कुछ नज़र नहीं आया,कितना प्यार है तुमसे दुनिया समझ गई,बस एक तुझे ही समझ नहीं आया।।
मैंने आपको अनजाने में चोट पहुंचाई, मैं मानता हूं कि यह मेरी गलती है। बस एक ही उम्मीद है की आप मेरी गलती माफ़ कर देंगे दिल से माफ़ कर देना
दो लोग जब एक-दूसरे की गलतियों को माफ़ नहीं कर पाते हैं,तो ऐसे कमजोर रिश्ते कुछ दिनों में टूटकर बिखर जाते हैं।
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सजा जो भी दोगी वो मंजूर होगी, पर तेरी बेरुखी ना मंजूर होगी।
इश्क़ कोई गुनाह नहीं होता, फिर क्यों ये दिल है रोता, ये कैसी मोहब्बत करने की सजा पाई है, मेरे अंदर ये कैसी बेबसी और तन्हाई है.
बिना गलती के यह जिंदगीमुझे सजा दिए जा रही हैपर गलती क्या हैयह चिंता मुझे जताई जा रही है।
आपके लिए बहुत कुछ कियाआपने दे दिया हमें धोखा,यह दुनिया हम पर हंस रही हैआप भी हंस लो, किसने रोका। 😢
मिट गए न जाने कितने ख़ुदा की तलाश में,मगर अब तो हर तरफ हम,, ख़ुदा ही ख़ुदा देखते हैं।
गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जायगा,यह ज़िन्दगी है जनाब, यहाँ तारीफें भी होंगी और कोसा भी जायगा।
.पलभर में.टूट जाये वो.कसम नहीं,sorry .तुम्हे भूल.जाये वो हम नहीं, .तुम रूठी.रहो.हमसे इस.बात में दम नहीं.sorry
सजा भी अब अदा बन गई है,लगता है उनसे मोहब्बत हो गई है।
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ।कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं।
गलती का एहसास शायरी photo,sorry shayari hindi
हम आपके लिए स्पेशल थेजब तक जीवन में कोई और ना आया,अब तो हमें ऐसे छोड़ दियाजैसे हम थे आपके लिए पराया।
मेरे आँखों में आज आँसू न होती,कुछ गलतियों की माफ़ी नहीं होती।काश ऐसी गलतियाँ मैंने की न होती,तो जिंदगी भर किसी के इश्क़ में,,जलने की सजा न होती।
मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे।यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।
लगती और इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है,मलाल इस बात का है।गलती से इश्क़ और इश्क़ में गलती हो ही जाती है।
दर्दनाक सैड शायरी हिंदी में
औरों से थोड़ा अलग हूँ मैं,इसलिए दिखता गलत हूँ मैं।
.दुश्मनो में.भी दोस्त.मिला.करते है, .जन्नतो.में भी.फूल.खिला करते है,
गलतियों का हवाला देकर कोई भी,किसी को भी छोड़ जाता है,अब तो बेवफाई का यही अंदाज,हर ओर नजर आता है।
गलतियों का हवाला देकर कोई भी, किसी को भी छोड़ जाता है,अब तो बेवफाई का यही अंदाज, हर ओर नजर आता है।
किस बात की सजा दे रहे हो,प्यार किया इसलिए या,तुमसे ज्यादा प्यार किया इसलिए।
दिल पर लगी तेरी तस्वीर हटा दी है,दर्द तो बहुत हुआ पर मैंने खुद को ये सजा दी है।
ऐ खुदा मोहब्बत को इतनी अता दे,जिसका दिल सच्चा हो उसे सजा न दे।
रिश्ते अब शीशे की तरह हो गये हैं,छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाते हैं,,एक हीं गलती पर अब ये टूट जाते हैं।
तुझे चाहना जैसे एक सजा है,पर दुआ है कि मुझे इसमें उम्र कैद मिले।
जिंदगी नाव है तो गलतियां चपु और नाव को चलाने के लिए चपु तो चलना ही होगा।
मन में था सच्चाई और अच्छाई का भावपर गलत चीज का कर लिया था चुनाव,बेशक गलती है मेरी पर मत करना हमेशा सदा भेदभाव। 😋😂
सही लोगों ने मौन रहना शुरू कर दियागलत लोग तय करने लगे जीत हार,दुनिया रहने के लिए अच्छी जगह होतीअगर इंसान ना करता है इंसान से तकरार।
अगर मोहब्बत में हदें ना पार करता, तो मैं दर्द ना पाता,तुमसे प्यार करना मेरी गलती थी, यह बात न जान पाता।
दिल पर लगी तेरी तस्वीर हटा दी है, दर्द तो बहुत हुआ पर मैंने खुद को ये सजा दी है.
प्यार करते हो तुम या सजा देते हो,जब हँसने का वक़्त होता है रुला देते हो।
ना ज़िद है ना कोई गुरुर है हमें,बस तुम्हे पाने का सुरूर है हमें,इश्क़ गुनाह है तो गलती की हमने,सज़ा जो भी हो मंजूर है हमें।
ऐसी क्या गलती कर दी हमने की तुम खफा हो गए,उम्र भर साथ निभाने का वादा करने वाले बेवफा हो गए।
कितना भी अच्छा काम क्यों ना करेंलोग अपना काम निकाल भूल जाते हैं,बड़ी बेदर्दी दुनिया है यहसारे सिर्फ मतलब के लिए जीते हैं।
लोगो भला इस शहर में कैसे जिएँगे हम जहाँ,हो जुर्म तन्हा सोचना लेकिन सज़ा आवारगी।
जिंदगी तू ही बता तेरी रजा क्या है,तू हर वक्त देती है सजा, तेरी वजह क्या है।
इश्क तो बेपनाह किया था उनसे मगर मेरी छोटी-सी गलती को उन्होंने प्यार में धोखा समझ लिया।
हम वह नहीं जो सिर्फ मतलब से याद करते हैंपर आप वह हो जो सिर्फ मतलब की बात करते हैं।
अगर आपका मन गलत नहीं हैतो गलत लोग आपका कुछ नहीं कर पाएंगे,हां यह जरूर है किवो आपकी जिंदगी में आएंगे,थोड़ा-थोड़ा रुलाएंगेलेकिन एक दिन निकल जाएंगे।
अच्छे बुरे आदमी की परख होतीतो तू ना देती आज मुझे यह सजा,इश्क करने की ऐसी क्या गलती थीजो हम रोएं और तुम करो मजा।
.हम से तू.नाराज़.हैं किस.लिये बता जरा, .हमने.कभी तुझे.खफा.तो नहीं किया।
क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में आखिर, हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।
खुदा ने पूछा क्या सजा दूँउस बेफ़वा को,दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी।
.मेरा दर्द.कोई नहीं.समझ पाया, .क्यूंकि.मेरी आदत.थी मुस्कुराने.की.
मेरे आँखों में आज आँसू न होती, कुछ गलतियों की माफ़ी नहीं होती, काश ऐसी गलतियाँ मैंने की न होती, तो जिंदगी भर किसी के इश्क़ में जलने की सजा न होती।
नित्या वहां से जाने लगी, उसने अविनाश को बोला कि मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी तुम चले जाओ।
तुझे चाहना जैसे एक सजा है, पर दुआ है कि मुझे इसमें उम्र कैद मिले।
किसी का कभी इतना भी दिल ना दुखाओ,के खुदा के सामने वो तुम्हारा नाम लेके रो पड़े।
मैं अपनी जिंदगी को तबाह कर आई, इश्क़ की और उम्र भर की सजा पाई.
नाराज होना, लड़ना-झगड़ना, मगर भूल कर भी कभी खामोश मत हो जाना, क्योंकि इश्क में ख़ामोशी से बड़ी कोई सजा नहीं।
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है,कोई कहता है प्यार सजा बन जाता है।पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से,तो प्यार जीने की वजह बन जाता है।
आजकल तुम मुझे बेवजह नजरअंदाज करने लगे हो,सच बताओ।कोई गलती हुई मुझसे या किसी और,से प्यार करने लगे हो।
चलो बाट लेते हैं अपनी सज़ाऐं,ना तुम याद आओ ना हम याद आए।
नित्या चुप थी, अविनाश ने बोला क्या हुआ तुम चुप क्यों हो कुछ बोलो, तुम्हे कोई परेशानी तो नहीं है ना।
मुझसे क्या गलती हुई मैं समझ नहीं पाया,बिछड़ के तुझसे इन आँखों में आंसू आया,,तेरे बिना एक पल भी जी ना पाया ।।
जीना चाहा तो ज़िंदगी से दूर थे हम,मरना चाहा तो जीने से दूर थे हम।सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा,बस कसूर इतना था की बेकसूर थे हम।
मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे।यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।
जुदाई में दर्द सहने की सजा सीख ली, तेरी मोहब्बत में हमने वफ़ा सीख ली.
सुनो ना तुम बार बार गलती करती हो,तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पड़ती हो।
.दुआ.मांगी थी.आशियाने की, .चल.पड़ी आंधियां.ज़माने की,
तुझे चाहना मेरी गलती थी,और तेरी यादों में जीना मेरी सजा.
.दूर जब चालू.किसी के साथ.तो फिर. .तनहा लौट के.आना.कितना.मुश्किल होता है
लोग कहते है मोहब्बत में,क्यों सिर्फ लोग दगा देते है।जरा नजदीक से देखों यारों,वो खुद को सजा देते है।
रिश्तों की फिक्र में हम गलत लोगों का साथ देते गए,यह गलत सोच थी हमारी जो गलत लोगों से जुड़ते गए।
हर इनायत हर खुशी आपकी हो,महक उठे वो महफ़िल जिसमे हँसी आपकी हो।कोई भी लम्हा आप उदास ना हो,खुदा करे ज़न्नत जैसी ज़िंदगी आपकी हो।
तेरी चाहत में पागल हुआतुझे कराने चाहता था मजा,वक्त ने बदल दी किस्मतआज भुगत रहा हूंबिना गलती की सजा।
Mood Off Messages In Hindi
लोग कहते है गलतियां ना किया कर पछतायेगा जीवन के किसी मोड़ पर तू गुम होकर कहीं और ही चला जायेगा।
कोने में बैठकर अकेला रो लूंगालेकिन किसी के लिए कुछ बुरा नहीं करूंगा।
सब गुनाहो की सजा तुझको मेरा रब देगा,तू भी मेरी तरह नाकाम-ए-मोहब्बत होगा।
आप पर किया था सबसे ज्यादा भरोसाआपने दिया है सबसे पहले धोखा,अच्छे लोग दिखते थे आप लेकिनआप हो गलत सोच का झरोखा।
दो लोग जब एक-दूसरे की गलतियों को माफ़ नहीं कर पाते हैं,तो ऐसे कमजोर रिश्ते कुछ दिनों में टूटकर बिखर जाते हैं।
प्यार करते हो तुम या सजा देते हो, जब हँसने का वक़्त होता है रुला देते हो.
एक छोटी गलती तेरी उस बड़ी काबिलियत पर उंगली उठा देगी जिसे तूने औरों की गलतियों को सूधार कर हासिल की थी।
खता हुई हो कोई तो सजा दिजिये, और बस अपने इश्क़ से रिहा कीजिये।
मिट गए न जाने कितने ख़ुदा की तलाश में,मगर अब तो हर तरफ हम,,ख़ुदा ही ख़ुदा देखते हैं।
बिना गलती के भी तुम्हारा दिलमुझे गलत कह देता है,यह मेरा हौसला ही हैजो हर सजा को सह लेता है।
रिश्तो में तकरार ख़तम करनी पड़ती है,कभी बिना गलती के गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।
हद चाहिए सज़ा में उक़ूबत के वास्ते,आख़िर गुनाहगार हूँ काफ़र नहीं हूँ मैं।
मैंने भी दुखाया है बहुत दिल कभी,इसलिए मुझे इश्क़ में सजा मिली है अभी।
बहुत दर्द देती है वो सजा,इश्क़ में वफ़ा करने के बाद जो मिलती है।
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर,तुमसे मिलकर बिछड़ जाना ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी।
मैं अपनी जिंदगी को तबाह कर आई,इश्क़ की और उम्र भर की सजा पाई।
सजा-ए-इश्क़ में दर्द, यादें,और तन्हाई मिली थी।अकेले में बैठकर अक्सर सोचता हूँ,कि मैंने क्यों मोहब्बत की थी।
बिना गलती की सजा भी,किसी गलती की सजा से कम थोड़ी है।
इश्क़ कोई गुनाह नहीं होता,फिर क्यों ये दिल है रोता।ये कैसी मोहब्बत करने की सजा पाई है,मेरे अंदर ये कैसी बेबसी और तन्हाई है।
तू साथ है तो फिर कोई गम नहीं,पर तेरा रूठना भी किसी सजा से कम नहीं।
लोग कहते है मोहब्बत में क्यों सिर्फ लोग दगा देते है, जरा नजदीक से देखों यारों वो खुद को सजा देते है.
तुझे सरप्राइज देना चाहता थापर तू तो यूं हो गई है खफा,गलत मत मानना मुझे प्रियदिल कर गया है यह वफा।
नज़र अंदाज़ करने की सजा देनी थी तुमको,तुम्हारे दिल में उतर जाना ज़रूरी हो गया था।
तुझे चाहना जैसे एक सजा है,पर दुआ है कि मुझे इसमें उम्र कैद मिले।
गलत लोगों के साथ रहकरगलत काम किया,सही गलत का एहसास हो गया मुझेजिंदगी ने यह एक मुझे अनुभव दिया।
जब वो मुझे इक गलती की वजह से छोड़ गया,तो ऐसा लगा जैसे सदियों से वो मेरी गलती की तलाश में था।
माँ-बाप हीं हमारी सब गलतियों को भूला देते हैं,जमाने वाले तो जरा सी बात का तमाशा बना देते हैं।
इश्क़ वो खता है, जो अपने आप हो जाती है, गलती दिल करता है, और सजा आँखों को दी जाती है.
हर इनायत हर खुशी आपकी हो,महक उठे वो महफ़िल जिसमे हँसी आपकी हो।कोई भी लम्हा आप उदास ना हो,खुदा करे ज़न्नत जैसी ज़िंदगी आपकी हो।
.काश इस.दर्द को ज़ुबान.होती तो बता.देते, .पर वो.जख्म के निशान.कैसे बताये.जो दीखते.नहीं.
मेरी गलती को अब तू माफ़ कर,गले गलाकर फिर मुझसे प्यार कर।
इश्क़ करने की सजा काट रहा हूँ,मुझसे दूर रहना क्योंकि मैं दर्द बाँट रहा हूँ।
आपकी अच्छाई के लिए हमनेहमारा कोई काम ना किया,बड़ा दर्द दिया है आपनेजो बेवजह दिल से निकाल दिया।
सुनो ना तुम बार बार गलती करती हो,तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पड़ती हो।
सजा जो भी दोगी वो मंजूर होगी,पर तेरी बेरुखी ना मंजूर होगी।
सोच हमारी गलत नहीं थीआपने इसे गलत समझ लिया,अब तो आ जाओ पासहमारा दिल भी आपके लिए धड़क लिया।
प्रमोशन के एक महीने बाद उसे उसकी कंपनी के तरफ से एक मीटिंग अटेंड करने के लिए विदेश जाने का अवसर मिला।
हाँ हो गयी गलती मुझसे में जानता हूँ पर फिर में तुझे अपनी जान मानता हूँ। - अज्ञात
मुझे अब माफ़ कर दो , अब तुम मुझे आज़ाद कर दो, मैं अभी भी उलझन में हूँ, उन्हीं पलों में तुमने अपनी आत्मा खो दी । sorry shayari
हम तुम्हें भूल कर भी भुला ना पाए,तुम हमें एक पल में छोड़ गए,यह कैसी वफा की आपने हमसेइस दिल को तड़पता छोड़ गए।
हर किसी पर भरोसा ना करनायहां गलत सोच वाले भी रहते हैं,अपना मतलब पूरा हो जाएगाफिर आप यूं ही दर्द सहते हैं।
जुदाई में दर्द सहने की सजा सीख ली,तेरी मोहब्बत में हमने वफ़ा सीख ली।
बाहर की खूबसूरती अंदर की गलत सोच को नहीं दिखा सकती लेकिन साथ बिताया गया वक्त यह समझा देता है।
हमें भी कुछ करना हैहमारे भी कुछ सपने हैं,क्यों भूल रहे हो हमेंहम भी तुम्हारे अपने है।
क्यों ना मिलती हमे मोहब्बत में सजा आखिर,हमने भी बहुत दिल तोड़े थे उस सख्स की खातिर।
.अगर तुम .को हम पे .गुस्सा है तो .घंटाघर .तोड़ दो .रिंग रोड .मोड़ दो .शहीद .गेट फोड़ .दो
इश्क में बड़े अदब से सजा दिया जाता है,पहले बड़े प्यार से मिलने बुलाया जाता है।फिर बहाना बना कर भुलाया जाता हैं,फिर अपनी मजबूरियों को दिखाया जाता है।
मेरी गलती होगी तो मुझे बताओगे,किसी तीसरे को हमारे बिच में नहीं लाओगे,यही वादे थे मेरे जो उनसे निभाए नहीं गए,अगर यह गलत है तो, सही क्या है बताओ मुझे ।।
जिस गलती की तुम मुझे दे रहे हो सजा उस गलती की मुझे अब दे भी दो बजाह
Mood Off Shayari In Hindi
जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।
बिना गलती की सजा भी,किसी गलती की सजा से कम थोड़ी है।
यह मेरा सच्चा दिल ही हैजो सिर्फ आपके लिए रोता है,यहां तो रिश्तो का मतलब हीमतलब का रिश्ता होता है।
जिंदगी से बड़ी सजा ही नहीं, और क्या जुर्म है पता ही नहीं।
चाहे कुछ भी हो जाये,गुस्से में कभी भी गलत मत बोलना।मुंड तो सही हो जाता है,लेकिन बोली हुई बातें वापस नहीं आती।
कत्ल तुम्हारी नशीली आँखों ने किया,सजा-ए-इश्क़ के जख़्म पर मरहम लगा रहा हूँ।
रिश्तो में तकरार ख़तम करनी पड़ती है,कभी बिना गलती के गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।
ज़िंदा हु मगर ज़िंदगी से दूर हु मैं,आज क्यों इस कदर मजबूर हूँ मैं।बिना गलती की सजा मिलती है मुझे,किस से कहूं की आखिर बेक़सूर हु मैं।
इश्क में बड़े अदब से सजा दिया जाता है, पहले बड़े प्यार से मिलने बुलाया जाता है, फिर बहाना बना कर भुलाया जाता हैं, फिर अपनी मजबूरियों को दिखाया जाता है.
इक मुद्ददत के बाद, जब मैं ख़ुद ढूढ़ने निकला,तब मैं अपनी गलतियों से मिलने लगा।कब और कहाँ किसका दिल दुखाया,यह अहसास होने लगा।
दूसरों की खामियों बता कर तुम अपना छिपा रहे हो कितने बद्तमीज हो तुम ये असल में तुम खुद ही दिखा रहे हो।
आँखों ने तुमकों चाहा इतना जरुर है,दिल को सजा मत देना ये बेकसूर हैं।
अपनी गलती की सजा सिर्फ माफ़ी नहीं।हर रोज़ खुद में टूटना, क्या इतना काफी नहीं।।
गलत इरादा नहीं रखते हमकभी-कभार गलती हो जाती है,पर यह मतलब की दुनिया हैजो गलती करने पर सिर चढ़ जाती है।
खुशमिजाजी मशहूर थी हमारी,सादगी भी कमाल की थी।हम शरारती भी इंतेहा के थे,अब तन्हा भी बेमिसाल हैं।
समाज में कुछ लोग खुद कठघरे में खड़े है,और हमें हमारी गलती की सजा सुनाया करते है।
मैंने आजाद किया अपनी वफाओ से तुझे,बेवफाई की सजा मुझको सुनाई जाए।
इश्क में खता हो तो बेसक उसे सजा दो, पर दिल पर पत्थर रखकर उसे बुला मत दो.
आखिर देता मुझे ये केसी सजा भी तू है,गलती भी तेरी खफा भी तू है।
सजा भी अब अदा बन गई है,लगता है उनसे मोहब्बत हो गई है।
किस अनजान गलती की सजा दे गयी वो हमें पता चलेगा तो देखना वो खूब रोयेगी।
.तेरी दोस्ती हम.इस तरह.निभाएंगे, .तुम रोज़.खफा.होना.हम रोज़.मनायेंगे,
.दिल से तेरी.याद को जुदा तो.नहीं किया, .रखा जो तुझे.याद कुछ.बुरा तो नहीं किया,
लौटा जब वो बिना जुर्म की सजा काटकर, सारे परिन्दें रिहा कर दिए उसने घर आकर.
सजा मिली उन गुनाहों की जो मेरे हरगिज न थे,मैं वो आँसू भी रोया जो खान साहब के नसीब में न थे।
क्यूँ करते हो मुझसे,इतनी ख़ामोश मुहब्बत।लोग समझते है,इस बदनसीब का कोई नहीँ।
पैसो के चक्कर में लोगअपनों को भूल जाते हैं,ना जानूं क्या मिल जाता है उन्हेंजो सिर्फ खुद में ही खो जाते हैं।
लौटा जब वो बिना जुर्म की सजा काटकर,सारे परिन्दें रिहा कर दिए उसने घर आकर।
एक सप्ताह बाद नित्या अपनी मीटिंग ख़तम कर के लौट आई थी।
तू साथ है तो फिर कोई गम नहीं, पर तेरा रूठना भी किसी सजा से कम नहीं।
तू साथ है तो फिर कोई गम नहीं,पर तेरा रूठना भी किसी सजा से कम नहीं।
मतलब की दुनिया मेंकोई किसी का नहीं होता है,बहुत कुछ किया आपके लिए लेकिनआपने ही दिया हमें धोखा है।
अगर सजा दे चुके हो तो किसी से मेरा जिक्र मत करना, अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे जिदंगी भर अफ़सोस होगा।
इश्क में कभी कोई ऐसी खता न हो,मिले तो बिछड़ने की सजा न हो।
इश्क ना करने की वजह पूछी तो बोल पड़ी गलतियां बहोत करते हो तुम अरे नासमझ प्यार में गलतियों को नहीं देखा जाता बस उन्हें हंस कर भुला दिया जाता है।
मांग भरने की सज़ा कुछ इस कदर पा राहा हूं,उसकी मांग पूरी करते करते मांग मांग कर खा राहा हू।
मैं मानता हूं इस बात कोइंसान होता है गलतियों का पुतला,पर इस बार यह आपकी गलतफहमी हैमैं सिर्फ सही रास्ते की ओर चला।
तुझे चाहना मेरी गलती थी,और तेरी यादों में जीना मेरी सजा।
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की,मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई।
गुस्से और नासमझी में अक्सर इंसान कुछ ऐसा कुछ कर देता है,जंहा वो गलत ना हो वंहा भी खुद को गलत कर लेता है।
बिना गलती के ना कहानियां बनती हैन ही बन पाता है किस्सा,गलतियाँ तो होती हैहमारी इंसानी जिंदगी का हिस्सा।
रिश्तें निभाते-निभाते,हम ख़ुद के ही गुनाहगार हो गए।बिना खता के ही हम,सजा के हकदार हो गए।
कानों से सुने हर बात सच नहीं होतीआप मान लो मेरी विनती,क्यों गलत कह रहे हो मुझेमैंने नहीं की है कोई गलती।*
हम हैं कि क्या क्या सोचते हैं, गलतऔरों के फेर में,अफसोस कि खुद को भी, औरों कीनज़र से देखते हैं।
अविनाश उसके पीछे पीछे जाने लगा, उसने कहा मेरी बात तो सुन लो एक बार, फिर भी नित्या नहीं रुकी।
.हमको कांटा.समझ कर.छोड़ न देना, .कांटे ही.फूल की.हिफाज़त.किया करते है
सीख लेना गलतियों से, निराश मत होना,बार-बार अपनी गलतियों को सोचकर उदास मत होना।
बहुत रो रहा हूँ, ज़िंदा हूँ तुझे ज़िंदा ढूँढ़ने के लिए , कहा अब तो रोज़ मारती हूँ, सुनो अब माफ़ कर दो फिर कार्लो से मिलो
गलत लोगों से दूर रहा करोअच्छे लोगों की किया करो संगत,कामयाबी आपके कदमों में आएगीजब आप अपना लोगे यह रंगत।
तू गलतियां किया कर ये तुझे कुछ नया सिखायेंगी जीवन के तेरे तजुर्बे को समय से पहले ....... और ज्यादा बढ़ाएंगी।
Emotional Galti Ka Ehsaas Shayari in Hindi
चाहे कुछ भी हो जाये,गुस्से में कभी भी गलत मत बोलना,मुंड तो सही हो जाता है,लेकिन बोली हुई बातें वापस नहीं आती।
तेरी नज़र अंदाजगी से पता चलता है कोई ........ गलती हुई है हमसे।
नित्या विदेश जाने की बात से बहुत खुश थी।
जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते,सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है। – राहत इंदौरी
चलो बाट लेते हैं अपनी सज़ाऐं,ना तुम याद आओ ना हम याद आए।
.मुड़के. देखोगे तो..तन्हाई .होगी, .अगर .महसूस .करोगे .तो हमें .पाओगे
सब गुनाहो की सजा तुझको मेरा रब देगा, तू भी मेरी तरह नाकाम-ए-मोहब्बत होगा।
साफ मन का पता किया तो पता चला वो तो दूसरों की गलतियों को हंस कर माफ़ कर देते है
दर्द तो तब हुआ जब उस गलती की सजा मिली हमें,जो हमने कभी की ही नहीं।
कभी किसी गलत इंसान काकभी भी साथी मत बन जाना,उसकी एक गलती से तय हैआपकी जिंदगी का बिगड़ जाना।
गलतफहमियां मत पाला करोइससे रिश्ते बिगड़ जाते हैं,प्रेम और मोहब्बत से बोला करोजिंदगी में प्यार के रंग छा जाते हैं।
.कर दो.माफ़ गर.हुई कोई खता हमसे. ♥अलग .तुमसे होकर.और अब.रहा नहीं.जाता हमसे
कैसे भूल जाऊं तेरा यह मासूम सा चेहरा,इस चेहरे के आगे मुझे कुछ नज़र नहीं आया।कितना प्यार है तुमसे दुनिया समझ गई,बस एक तुझे ही समझ नहीं आया।।
अब जाकर समझ में आयाअसली दुनिया का कैसा है रंग,बाहर से अच्छे दिख सकते हैंपर मन से होते हैं अपंग।
वो जिंदगी मेरे लिए सजा होगी,अगर तू मेरे साथ नहीं होगी।
अविनाश उस से पूछे जा रहा था, उसने बोला कुछ बोलो।
गलतियों को नज़र अंदाज कर बार बार जिसे अपना बनाया था न जाने क्यों रूठ गया वो यार जिसे दिल से लगाया था।
जिस जान की खातिर जान क़ुर्बान की, उस बेवफा ने क्या खूब सजा दी, हम उस के शुक्र गुजार है कि उस ने कुछ पल के लिए हमें दिल में पनाह दी.
दर्द तो तब हुआ जब उस गलती की सजा मिली हमें,जो हमने कभी की ही नहीं।
एक सड़ा सेब होने परटोकरी में रखा हर सेब सड़ता है,किसी के लिए कितना भी करोलोगों को फर्क नहीं पड़ता है।
मुझसे खफा होना, पर दूर मत होना, मुझे सजा देना पर छोड़ने को मजबूर मत होना।
वहीं दूसरों की गलतियों को माफ़ करते हैं,जो लोग अपना दिल हमेशा साफ़ रखते हैं।
बहुत दर्द देती है वो सजा, इश्क़ में वफ़ा करने के बाद जो मिलती है.
बड़ी सब्र से सहने की कोशिश कर रहा हु,खुद से की गई गलतियों की सजा को।
.मोहब्बत हम.तुमसे.करके.सनाम, .न जाने.किस दुनिया में खो गए,shayari
किसी के साथ गलत करके अपनी बारी का इंतज़ार जरूर करना.
वक्त रहते समझ जाओहर कोई निकाल रहा है अपना मतलब,यह दुनिया बड़ी बेशर्म हैपता ही नहीं चलताकौन क्या कर जाए कब।
किसी ने पूछा,गुस्सा क्या है,मेने कहा,,किसी की गलती की सजा खुद को देना।
अविनाश ने अपना खुद का एक बिजनेस स्टार्ट किया था तो अब नित्या उसके साथ उसके बिजनेस में हाथ बटाती थी, और वो दोनों खुशी खुशी हमेशा के लिए एक साथ हो गए।
मुझे मंजूर थे वक़्त के सब सितम मगर,तुमसे मिलकर बिछड़ जाना ये सजा ज़रा ज्यादा हो गयी।
हर किसी के जीवन में गलत लोग आते हैं,समझदार लोग हमेशा इस बात से कुछ सीख जाते हैं।
गलतियां भी होंगी और गलत भी समझा जायगा,यह ज़िन्दगी है जनाब, यहाँ तारीफें भी होंगी और कोसा भी जायगा।
मुझसे खफा होना,पर दूर मत होना,मुझे सजा देना पर छोड़ने को मजबूर मत होना।
इश्क़ में जो मिलती है वो सज़ा ही कुछ और है,कभी तन्हा रहके देखो तन्हाई का मज़ा ही कुछ और है।
यह गलती थी मेरीजो मैं कर बैठा तुमसे प्यार,दिल रो रहा है आजरब जाने कैसी आई है तकरार।
सही लोगों पर मत करो शकगलत लोगों से मत रखा करो अपेक्षाएं,खुशियां आएगी जीवन मेंबहने लगेगी आनंद की धाराएं।
गलतियों को गुनाह मत बनाया करो,छोटी-छोटी बातों को बस भूल जाया करो।
ज़िन्दगी ने दिखाया हमें कुछ ऐसा मुखाम,जहां गलती नही थी हमारी,,वहा भी आया हमारा नाम।
अविनाश ने उस से पूछा कैसी हो?, वो बोली ठीक हूं, अविनाश ने उसके पति के बारे में पूछा कि वो कैसा है तुम्हारा ध्यान रखता है ना।
हर किसी की यही कहानी है,अपनी गलती ढूंढे नहीं मिलनी है,,दूसरे की गलती यूँ हीं नजर आनी है।
वो एक दोस्त जो खुदा सा लगता है, बहुत पास ज दिल के फिर भी जुड़ा सा लगता ज बहुत दिनो से आया नहीं एसएमएस उसका, शायद किसी बात पे खाफा सा लगता है।
.देखा है.आज मुझे भी.गुस्से की.नजर से, .मालूम.नहीं आज वह.किस किस.से लदे हैं
क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,वो तो मासूम है जीने की दुआ देता हैं।
अपना काम पूरा हुआलोग बदल लेते हैं अपना सफर,एक-दूसरे को भूल जाते हैंदिल पर रखकर पत्थर।
.गलती होई .हमेस.मान .हमने लिया .गलत हम .थे जान.हमने.लिया
ऐसी क्या गलती कर दी हमने की तुम खफा हो गए,उम्र भर साथ निभाने का वादा करने वाले बेवफा हो गए।
लाइफ समझदारी का नाम नहीं उसमे,गलतियां भी करनी भी जरुरी है,क्युकी अक्सर गलतियों से अपनों की पहचानहो जाया करती है।
औरों से थोड़ा अलग हूँ मैं,इसलिए दिखता गलत हूँ मैं।
कई बार गलत फैसले भीजिंदगी के सही रास्ते दिखा देते हैं,मुझे गलत मत समझना मेरे यारोंकई बार हम सब गलती कर जाते हैं।
खता हुई हो कोई तो सजा दिजिये,और बस अपने इश्क़ से रिहा कीजिये।
Rishte Galti Ka Ehsaas Shayari Images
.फिर वही.फ़साना.अफ़साना.सुनाती हो, .दिल के.पास हूँ.
मैंने आजाद किया अपनी वफाओ से तुझे,बेवफाई की सजा मुझको सुनाई जाए।
मोहब्बत नशा है… ये कैसी सजा है, दिल के तड़पने का भी अपना मजा है.
जितनी शिद्दद से तुम मेरी गलतियां याद रखते हो,सुनो वक़्त निकल कर मेरी मोहब्बत याद कर लेना।
लाइफ समझदारी का नाम नहीं उसमे,गलतियां भी करनी भी जरुरी है।क्युकी अक्सर गलतियों से अपनों की पहचान,हो जाया करती है।
अगर प्यार सच्चा हो, तो लोग बिछड़ कर भी मिल जाते है।
बड़ी सब्र से सहने की कोशिश कर रहा हु,खुद से की गई गलतियों की सजा को।
हम गलत नहीं हैइस बात की खाता हूं कसम,दूर मत जा मुझसे प्रिय तूतेरे बिना लड़खड़ा जाएंगे हमारे कदम।
सच्चे प्यार की खूबसूरती गलतियों को माफ़ करने से बढ़ती है गर प्यार में गलतियों को ढूंढ़ते रहोगे तो देखना अकेले ही रह जाओगे।
जीते जी हर कोई सताता है,मरने पर वफादारी के गुण बताता है,सच्ची मोहब्बत कर लो किसी सेतो यह मनुष्य बेवजह सजा सुनाता है।
जिनके लिए हमनेअपनी पूरी दुनिया को त्याग दिया,आज उन लोगों ने ही हमें भुला दिया।
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है, कोई कहता है प्यार सजा बन जाता है, पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से तो प्यार जीने की वजह बन जाता है.
वो जिंदगी मेरे लिए सजा होगी, अगर तू मेरे साथ नहीं होगी।
सजा-ए-इश्क़ में दर्द, यादें और तन्हाई मिली थी, अकेले में बैठकर अक्सर सोचता हूँ कि मैंने क्यों मोहब्बत की थी.
माँ का दिल हर गलतियों को भुला देता हैं,जब बच्चा प्यार से मुस्कुरा देता हैं।
खुलकर दिल से मिलो तो सजा देते है लोग, इश्क़ की छाँव में बैठे दो परिंदों को भी उड़ा देते है लोग.
मैं थोड़ा खामोश क्या हुआलोग मुझसे दूर हो गए,सारे रिश्ते नाते तोड़ दिएलोग भूलने पर मजबूर हो गए।
सूरज निकलने के बाद, धीरे-धीरे ढलता ही रहेगा,गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा।
इश्क़ वो खता है,जो अपने आप हो जाती है।गलती दिल करता है,और सजा आँखों को दी जाती है।
.पता नहीं कितना.नाराज.है वो मुझसे. ♥ख्वाबों में भी मिलता है तो बात नहीं करता.
जिस जान की खातिर जान क़ुर्बान की,उस बेवफा ने क्या खूब सजा दी।हम उस के शुक्र गुजार है कि उस ने,कुछ पल के लिए हमें दिल में पनाह दी।
इश्क में कभी कोई ऐसी खता न हो, मिले तो बिछड़ने की सजा न हो.
क्या पता उसको कि वो मुझ को सज़ा देता है,वो तो मासूम है जीने की दुआ देता हैं।
अब टूट गया है दिल तो सवाल क्या करे,खुद ही पसंद किया था, तो बवाल क्या करे।
शादी ब्याह करने की सोच रहा थातुमने तो नाता ही तोड़ दिया,ऐसे तड़पाने की सजा देनी थीफिर बेवजह यह रिश्ता क्यों जोड़ लिया।
हमें गलत समझने की गलती मत करनाहम गलत लोग नहीं है,हर वक्त आपके साथ खड़े हैंगए कहीं नहीं है।
कभी कभी बिना गलती के भी हम सॉरी बोल देते हैं,ताकि तुम मुझसे नाराज ना हो जाओ।
गलतियां तेरी चलो माफ़ी है मगर ....... धोखा तेरा ना कबीले माफ़ी है।
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नाराज होना, लड़ना-झगड़ना,मगर भूल कर भी कभी खामोश मत हो जाना,,क्योंकि इश्क में ख़ामोशी से बड़ी कोई सजा नहीं।
खुद का स्वार्थ पूरा हो गयाहम पर रख दिया अकेलेपन का दबाव,कभी सोचा नहीं थाआपकी सोच भी होगी इतनी खराब।
ज़िन्दगी ने दिखाया हमें कुछ ऐसा मुखाम,जहां गलती नहीं थी हमारी,वहा भी आया हमारा नाम।
गलती करके भी ख़फ़ा हो जाते हो सच बताओ असल में तुम मुझसे क्या चाहते हो।
नित्या की शादी को लगभग एक साल भी नहीं हुए थे और उसका तलाक हो गया।
कई सपने ऐसे होते है, जो दीखते तो सुहाने है,पर हक़ीक़त का राज़ होता है छुपा हुआ।प्यार का जोश भी कुछ ऐसा ही है,मंज़िल तो हसीं होती है, पर मुकाम दर्द भरा।
मेरा गुनाह था जो मैंने उनसे प्यार किया,सजा काट रहे है क्योंकि कभी इजहार नहीं किया।
एक महीने बाद उनके परिवार ने उनकी शादी करवा दी।
हम हैं कि क्या क्या सोचते हैं,गलतऔरों के फेर में,अफसोस कि खुद को भी,औरों कीनज़र से देखते हैं।
इश्क में खता हो तो बेसक उसे सजा दो,पर दिल पर पत्थर रखकर उसे बुला मत दो।
.नज़र से .मिलने को, .तो .फिर .क्यों नही .प्यार जताती हो
जितनी शिद्दद से तुम मेरी गलतियां याद रखते हो,सुनो वक़्त निकल कर मेरी मोहब्बत याद कर लेना।
अपनी गलती की सजा सिर्फ माफ़ी नहीं।हर रोज़ खुद में टूटना, क्या इतना काफी नहीं।।
कभी कभी बड़ा गलत कर देता हु,बिन मांगे ही गलत कर देता हु।
तरस जाओगे एक दिन महफ़िल-ए-वफ़ा के लिए, किसी से प्यार ना करना खुदा के लिए, जब लगेगी इश्क़ की अदालत, तुम ही चुने जाओगे सजा के लिए.
सुनो ना तुम बार बार गलती करती हो,तुम इश्क़ करती हो या नर्सरी में पड़ती हो।
सीख लेना गलतियों से, निराश मत होना,बार-बार अपनी गलतियों को सोचकर उदास मत होना।
ऐ खुदा मोहब्बत को इतनी अता दे,जिसका दिल सच्चा हो उसे सजा न दे।
♥खेद शायरी gf 2 लाइनों के लिए खेद शायरी प्रेमी के लिए. पति के लिए अजीब खेद शायरी खेद शायरी♥….
जिन्दगी में अक्सर दूसरे लोग ही गलतियाँ दिखाते हैं,पर ये मत समझ लेना कि वो आपका दिल दुखाते हैं।
मुझसे गलती हो गयी शायरी
शहर में ज़िंदा रहने की सजा काट रहा हूं,जहाँ जज्बातों की कोई कदर ही नहीं।
इश्क़ के खुदा से पूछो उसकी रजा क्या है,इश्क़ अगर गुनाह है तो इसकी सजा क्या है।
आजकल तुम मुझे बेवजह नजरअंदाज करने लगे हो,सच बताओ।कोई गलती हुई मुझसे या किसी और,से प्यार करने लगे हो।
.कह कर.दिल जलाती हो, .बेक़रार है.आतिश-इ-नज़र
हम बोल नहीं रहेइसका मतलब हम गलत नहीं है,रिश्तों की अहमियत रख रहे हैहम जानते हैंहम हमारी जगह सही है।
सजा भी अब अदा बन गई है, लगता है उनसे मोहब्बत हो गई है.
मुझे गलत मत समझनागलती करता यह दिल नहीं है,बेवफा तेरा मासूम चेहराभूल जाने के काबिल नहीं है।
माफी दे दो हमेंअपने दिल में रख दो,प्यार की भाषा अपना लोमुझे गलत मत समझो।
किस बात की सजा दे रहे हो, प्यार किया इसलिए, या तुमसे ज्यादा प्यार किया इसलिए।
ऐ खुदा मोहब्बत को इतनी अता दे, जिसका दिल सच्चा हो उसे सजा न दे.
कभी-कभी सॉरी बोलना धरती पर सबसे कठिन पतला होता है लेकिन इसकी सबसे सस्ती चीज सबसे महंगे उपहार को सहेजना होता है जिसे रिश्ता कहा जाता है..!!!
तुम्हारे बिना बढ़ जाती हैजिंदगी में लाखों मजबूरियां,खुद से ज्यादा प्यार करते हैं तुम्हेंमत रखो हम से ज्यादा दूरियां।
मैंने भी दुखाया है बहुत दिल कभी, इसलिए मुझे इश्क़ में सजा मिली है अभी.
नित्या तो अविनाश से प्यार करती ही थी और अब उसे मौका मिला था अपने प्यार के साथ पूरी ज़िन्दगी बिताने का, उसने हा कह दिया।
जिसमें बसी इश्क की बेकरारी है, उसकी जिंदगी बड़ी भारी है.
बिना कसूर के सजा क्यों देते हो,मोहब्बत नहीं है तो बता क्यों नहीं देते हो।
तुम तो दुनिया से निराली ही सजा देते हो,कितने चालाक हो क़ातिल दुआ देते हो।
तेरी हर गलतियों को माफ़ी है बस अब आगे के लिए इतना काफी है।
सजा मिली उन गुनाहों की जो मेरे हरगिज न थे,मैं वो आँसू भी रोया जो खान साहब के नसीब में न थे।
मुझसे क्या गलती हुई मैं समझ नहीं पाया,बिछड़ के तुझसे इन आँखों में आंसू आया,तेरे बिना एक पल भी जी ना पाया ।।
खुलकर दिल से मिलो तो सजा देते है लोग,इश्क़ की छाँव में बैठे दो परिंदों को भी उड़ा देते है लोग।
कई सपने ऐसे होते है, जो दीखते तो सुहाने है,पर हक़ीक़त का राज़ होता है छुपा हुआ,प्यार का जोश भी कुछ ऐसा ही है,मंज़िल तो हसीं होती है, पर मुकाम दर्द भरा।
किसी की मुस्कुराहट को प्यार मत समझना क्यूंकि तुम्हारी एक गलती ....... पूरी जिंदगी को तभाह कर सकती है।
ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी,नहीं हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सज़ाएं कैसी।
बहुत रुलाते हो ना,तुम मुझे अपनी याद में।गलती मेरी ही थी,की माँगा था तुझे,खुदा से अपनी फर्याद में।
समाज में कुछ लोग खुद कठघरे में खड़े है,और हमें हमारी गलती की सजा सुनाया करते है।
कत्ल तुम्हारी नशीली आँखों ने किया, सजा-ए-इश्क़ के जख़्म पर मरहम लगा रहा हूँ.
लगती और इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है,मलाल इस बात का है।गलती से इश्क़ और इश्क़ में गलती हो ही जाती है।
लोग कहते हैंखुद-ब-खुद मिल जाते हैं दिलना पूछी जाती किसी की रजा,गुनाह बन गया इश्क हमारे लिएरो रो कर दिल भुगत रहा है सजा।
इंसान में गलतियाँ हरदम मिलती नहीं हैं,मोहब्बत हो तो ये गलतियाँ दिखती नहीं हैं।
लगती और इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है,मलाल इस बात का है,गलती से इश्क़ और इश्क़ में गलती हो हीजाती है।
.मुड़के.देखोगे तो.तन्हाई.होगी..अगर.महसूस.करोगे.तो.हमें.पाओगे
एक बात का ध्यान रखनाबदला लेने की नहीं थी मेरी नियत,काम तो मैंने सही किया थालेकिन किसी के लिए हो सकता है गलत।
मुझे आपकी रातों की नींद हराम करने के लिए खेद है मुझे हर लड़ाई के लिए खेद है मुझे आपके दर्द और पीड़ा के लिए खेद है मुझे सद्भाव खोने के लिए खेद है।
बिना कसूर के सजा क्यों देते हो, मोहब्बत नहीं है तो बता क्यों नहीं देते हो.
मोहब्बत की अदालत में इन्साफ कहाँ होता है,सजा उसी को मिलती है जो बेगुनाह होता हैं।
दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ।
ऐसे भी मोहब्बत की सजा देती है दुनिया, मर जाएँ तो जीने की दुआ देती है दुनिया।
सच्चे दिल से सॉरी कहने वालों को माफ कर देना क्योंकि आजकल हर कोई मेरी परवाह नहीं करता।sorry shayari
उनकी खामोशी ही मेरी सजा है,जानबूझकर दर्द देना उनकी अदा है।
उनकी खामोशी ही मेरी सजा है, जानबूझकर दर्द देना उनकी अदा है.
गलतियों पर पर्दा तो बस खुदा डालता है,वरना यहाँ तो लोग बिना गलती के भी सजा दे देते हैं।
रिश्ते निभाने के लिए हम झुके थे,आप से प्यार था हमेंइसलिए हम रुके थे,बड़े बेमतलब में गई आपहमें छोड़कर आप निकल चुके थे।
अगर मैं किसी बात से नाराज़ हूँ तो कृपया मुझे माफ़ कर देना .shayari sad shayari
दोस्तों मेरा इरादा गलत नहीं थाअनजाने में गलती हो गई,अब तो माफ कर दो मुझेयह मेरी आप सब से विनती हो गई।
बहुत ही उदास है कोई शक तेरे जाने से, हो खातिर तो लूट के आज कोई कहने से, भले तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले कोई बिखर गया है तेरे जले जाने से..
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं,हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ।कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब,मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं।
कोई मिला ही नही जिससे वफ़ा करते ,हर इक ने धोखा दिया किस-किस को सज़ा देते।
वहीं दूसरों की गलतियों को माफ़ करते हैं,जो लोग अपना दिल हमेशा साफ़ रखते हैं।
जो दे रहे हो हमें ये तड़पने की सज़ा तुम,हमारे लिए ये सज़ा ऐ मौत से भी बदतर है।
Galti Ka Ehsaas Shayari On Life
कुछ लोगो की मोहब्बत सजा सी होती है,ज़ख़्म देकर मरहम लगाना उनकी अदा सी होती हैं।