Today we are bringing this collection of Chod Ke Chale Gaye Shayari In Hindi for those people who have been left by their loved ones.
एक रोज़ तो सबको छोड़कर जाना हैमें बे फ़ुज़ूल ही आँखों से मोती बहा रहा था,जो कभी मिली ही नहीं मुझेउसे खोने का दुःख मन रहा था।
उसने कितनी आसानी से ये कह दिया पहले से नहीं अब तुम, बदल गए हो
कहते हैं मर्द रोते नहीं हैं हाथ सीने पे रख कर सोते नहीं हैं कुछ लोग इस क़दर करीब होते हैं के जुदा होकर भी जुदा होते नहीं हैं
फिर से एक उम्मीद पाल बैठी हूँ,फिर से तेरे पते पर चिट्टी डाल बैठी हूँ।
नाम नहीं लूंगा मैं मगर, सुनो मैं तुमसे बहुत नफरत करता हूं
उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों मे ना आया करे,रोज आँख खुलती हे और दिल टूट जाता है।
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था,बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था।
आग का दरिया ज़फ़ा उनकी हर दिन लगाने गोते हैं
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।
यादों का एक आशियाँ है जहाँ वक्त ये थम सा गया है वहाँ
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब,अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं।“साहिर लुधियानवी”
मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सी बात है जो मेरा था किसी और के साथ है चेहरे ही नहीं ये दिल भी उदास है बेवफाई का ये पहला एहसास है
इश्क़ ना हुआ कोहरा हो जैसे,तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं।
“मुझे अब किसी से कोई शिकवा नहीं है, क्योंकि अब सीने में मेरे दिल नहीं है।”
आंखों को सुकून मिलता हैजब तुम सामने होती होतुम्हारे दूर चले जाने सेआँखों में नमी रहती है।
बदल जाने की उम्मीद तो थी तुमसे मगर इतनी जल्दी… ये पता ना था
कांच चुभे तो जख्म रह जाते हैं,दिल टूटे तो अरमान रह जाते हैं।लगा तो देता हैं वक्त मरहम इस दिल पे ,फिर भी उमर भर एक निशान रह जाते हैं।
कांच के दिल थे जिनके उनके दिल टूट गए,हमारा दिल था मोम का पिघलता ही चला गया।
मैं वादा करता हूँ अपनी अधूरी ख्वाहिशों से मिलूंगा तुम्हें किसी जनम में मैं
मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज,जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी।
वो दुःख देकर मेरा सुकून ले गया थोड़ा पागलपन थोड़ा जूनून दे गया
तुम्हें ग़ैरों से कब फुर्सत,हम अपने ग़म से कब ख़ाली।चलो बस हो चुका मिलना,न तुम ख़ाली न हम ख़ाली।
अगर दूर जाने का शौक है तो चले जाओयाद रखना पीछे मुड़के देखना हमें भी नहीं आता।
दिल की सच्चाई नहीं, चेहरे की रंगत देखते हैं लोग
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं।
आज कल उनके दिल में कोई और रहने लगा हैक्योकि उनको हमसे दूर रहना अच्छा लगने लगा है।
थोड़ी बेचैनी सी लग रही हैदिल की धड़कने बढ़ रही हैपास तो है वो मेरे आज कलमगर दिल से दूर जा रही है।
बहुत अंदर तक बसा था वो शख़्स मेरे,उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए।
ऐसा भी क्या हुआ, भरोसा ही था… टूट गया..!!
लोग कहते है की प्यार अगर सच्चा हो तो,एक दिन लौटकर वापस जरूर आता है,पर अगर प्यार सच्चा होता,तो कभी छोड़कर ही नहीं जाता।dur jane ki shayari hindi me
यूँ मुझे छोड़कर।बेवक़्त मोत ना दे।।
चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं।बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।
कुछ इस तरह पढे गए हम, जैसे पुराना अखबार थे,कुछ इस तरह छूट गए हम, जैसे गणित का सवाल थे।
तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी।ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है,तुम अगर भूल भी जाओ जो कौन सी नई बात होगी।
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते,सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना।
मोहब्बत थी मगर एक तरफ़ा थी अब ना एक भी आस बची है मर गए सारे जज़्बात दिल के दिल में अब बस सीने में राख बची है
“मैंने कहानियों में सिर्फ सुना था जुदाई की बातें, जब गुज़री खुद पर तब पता चला की ये दर्द कितना जानलेवा होता है।”
ना चाहत के अंदाज़ अलग, ना दिल के जज़्बात अलग,थी सारीबात लकीरों की, तेरे हाथ अलग, मेरे हाथ अलग।
इश्क़ की गलियों में जाना कभी ना अपना किसी को बनाना कभी ना उतरे अगर इस दरिया में तो फिर किनारे को नज़रे दिखाना कभी ना
“किस किस से वफ़ा के वादे कर रखे हैं तूने ? हर रोज़ एक नया शख्स मुझसे तेरा नाम पूछता है।”
बस ये जुस्तजू थी, ऐसा भी कुछ हुआ होता,मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता।मैं लौट आता तेरे पास एक पल में,तेरे होंठो ने मेरा नाम तो पुकारा होता।
अब तो इस राह से वो शख़्स गुजरता भी नहीं,अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई।
इतना जो दर्द दिया है तुमने,क्या उसे भर पाओगे,या पहले की तरह,फिर से छोड़ कर चले जाओगे।
एक उम्र लग गई हमें ये जानने में सिर्फ कहने से कोई अपना नहीं होता
“बहुत तकलीफ देते है वो जख्म जो बिना कसूर के मिले हो।”
उसकी चौखट पर मेरी ख्वाहिशें मर गयी और वो पूछ रहे हैं तुम रो क्यों रहे हो
दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे शफ़क़,शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे।“फ़ारूक़ शफ़क़”
आँखों ने आसुओं की बारिश नहीं की दिल से प्यार किया कोई साज़िश नहीं की खतावार नहीं फिर भी माफ़ी मांगते रहा तुमने मुझे समझने की कोशिश नहीं की
ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस,कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है।“जाँ निसार अख़्तर”
इश्क़ अधूरा रहा तो क्या हुआ,हम तो पूरे बर्बाद हुए।
नदिया रुक नहीं सकती,पहाड़ चल नहीं सकते।आप भूल सकते है मगरहम भुला नहीं सकते।
नफरत है मुझे उस मोहब्बत से,जो मैंने कभी तुमसे की थी।
जिंदगी जीने के दो तरीके हे एक तो जो पसंद हे उसे हासिल करो और दूसरा जो हासिल हे उसे तुम पसंद करना सिख लो.
एक आपकी मोहब्बत है जिसके लिए हम जी लेते हैंआगर कभी बिछड़ने का मन करे तो हमें मार कर जाना।
मोहब्बत इतनी करली उनसे की अब डरमरने का नहीं उनसे बिछड़ने का है।
इक सवाल पर ही रुके हुए हैं अब इश्क़ खुदा ने बनाया ही क्यों अगर उसे दूर जाना ही था वो मेरे इतने करीब आये ही क्यों
रहे ना हम उसके ना वो हमारा है इस दरिया का ना कोई किनारा है ग़लत फ़हमियों में हम दोनों रहे ना झूठ चाहिए ना सच गवारा है
यादों का एक आशियाँ है जहाँ वक्त ये थम सा गया है वहाँ
कुछ हार गई तकदीर कुछ टूट गये सपने,कुछ गैरों ने किया बरबाद कुछ भूल गये अपने।
जिसे फूल समझकर संभाल कर रखा उसी ने काटे चुभोएं हैं हमें
“यूँ तो बहुत से काम थे हमें करने को जिंदगी में, मगर हमने तेरी चाहत को हर बात से बढ़कर माना।”
वो हर वक्त बहाने ढूंढते हैं मुझसे दूर जाने केमगर हम मोहब्बत में थे उनकी मुश्किल आसान कर दी।
गैरों से मुझे मोहब्बत होने लगी है जैसे जैसे अपनों को आज़माता जा रहा हूँ
यादों को मरने में वक़्त लगता है दिल को संभलने में वक़्त लगता है
पहले उसने अपनी सारी हसरत पूरी की देखते ही देखते सारा मंज़र बदला जिसने मुझे कहा था तुम बदलोगे तो नहीं उसने पहले नीयत बदली फिर नंबर बदला
हमें उससे ही शिकायत है कहें कैसे उससे हम वो सबका हो जाता है आये जिसके हिस्से हम
इस इश्क की किताब से,बस दो ही सबक याद हुए।कुछ तुम जैसे आबाद हुए,कुछ हम जैसे बर्बाद हुए।
मिल जाए फिर कोई बहाना मुश्किल है मेरा उसकी गली में आना मुश्किल है भूला हूँ कुछ इस क़दर मैं उसको अब तो उसकी याद भी आना मुश्किल है
कह दो के तुम मुझसे प्यार नहीं करते वैसे भी तुम कभी इज़हार नहीं करते दिल के बदले तुम हमारी जान मांगते हो इस तरह मोहब्बत में कारोबार नहीं करते
बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा,फिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे।
तुम्हारे बाद मेरा कौन बनेगा हमदर्द,मैंने अपने भी खो दिए तुम्हे पाने की जिद में।
एक दुरिया ही है जो हमें सिखाती हैकी नज़दीकिया क्या होती है।
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं,तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत।“महमूद शाम”
कितने दुख देते हो,थक तो नहीं जाते।
क्या खूब ही होता अगर दुःख रेत के होते ,मुट्ठी-से गिरा देते पैरों से उड़ा देते।
“इतना आसान नहीं है अपने ढंग से जिंदगी जीना आपनो को भी खटकने लगते है जब हम अपने लिए जीने लगते है।”
तन्हाई हो लेती है साथ मेरे,साये से जुदा होते ही,,इसलिए अँधेरे में चलने से बेहद डरने लगी हूँ मैं।
बयां क्या करूँ मैं अपना हाल-ए-दिल वो जो मेरा था अब मेरा नहीं उसे अपना कहना भी गुनाह सा है अब उसकी यादों पर भी हक़ मेरा नहीं
“ना आवाज हुई ना तामाशा हुआ, बड़ी खामोशी से टूट गया एक भरोसा जो तुझ पर था।”
हाँ झूठे होते हैं सब वादे, कोई किसी का साथ उम्र भर नहीं देता
उस ने मस्जिद के सामने घर क्या खरीदा,पल भर में सारा शहर नमाज़ी हो गया।
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही,ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही।जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है,मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही।
तुम भी समझ लिया करो मुझको कभी कभी मुझको भी सहारों की ज़रुरत होती है
मैं दिन हूं मेरी ज़बीं पर दुखों का सूरज है,दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं।“बशीर बद्र”
तुझे चाहा था इस तरह गर्मी में कोई चाहे बारिश जिस तरह और जो इन आँखों में बारिशें है सिर्फ तेरी साज़िशें हैं
“आज उसने रुलाया है, जिसने मुस्कुराना सिखाया था।”
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो।
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त,सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया।“साहिर लुधियानवी”
बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में,इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं।अगर याद करना फितरत है आपकी,तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं।
कैसा हाल है हमारा, अब ना पूछो हम फिर से वो कहानी अब ना सुना पाएंगे किसने किया हैं यूँ बेदर्दी से क़त्ल हमारा उस कातिल का नाम ना हम बता पाएंगे
लिखने जो बैठा मैं मेरी कहानी हर किस्से में मैं गुनहगार निकला
घुट घुट कर जिते रहें कोई फरियाद ना करें,कहाँ से लाऊ वो दिल जो तुम्हे याद ना करे।
“लोग शोर से जाग उठते है, मुझे सोने नहीं देती तेरी ये ख़ामोशी।”
ना नींद आती है ना चैन मिलता है हर शख्स मुझे मेरी तरह बेचैन मिलता है वो आ रहे हैं जिनकी कोई तलब नहीं जो मुझे चाहिए वो कहाँ मिलता है
जिसे मेरे नाम से मोहब्बत हुआ करती थी उसे मेरा नाम अब ज़हर सा लगता है
तो दोस्तों आज मैं आप लोगों के साथ शेयर करने वाला हूं सैड शायरी इन हिंदी (Sad Shayari In Hindi) का संपूर्ण कलेक्शन जो कि आप लोगों को काफी पसंद आएगा।
कुछ उलझे सवालो से डरता है दिल,न जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हैं दिल।ना किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही,बस कुछ अपनों को खोने से डरता है ये दिल।
बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,ख्यालों में किसी और को हम ला न सके।उसको देखकर आँसू तो पोंछ लिए,लेकिन किसी और को देखकर हम मुस्कुरा न सके।
मैं आगर तूत भी जाऊं तो आइना हूं,तुम मेरे बाद भी हर रोज सांवरते रेहना।
तुझ से दूरी का एहसास सताने लगा, तेरे साथ गुज़रा हर पल याद आने लगा, जब भी कोशिश की तुझे भूलने की, तू और ज्यादा दिल के करीब आने लगा.
“बड़ी भयानक होती हैं इश्क की सजाए, इंसान पल-पल मरता है पर मौत नहीं आती है।”
गैर थे कौन, कौन अपने थे हम ये समझ ही ना पाए हमने देखा जिधर भी चेहरे बदले ही नजर आए
जिसे खुद से ही नहीं फुरसतें, जिसे खयाल अपने कमाल का,उसे क्या खबर मेरे शौक़ की, उसे क्या पता मेरे हाल का।
टूट हुए कांच की तरह चकनाचूर हो गया,किसी को लग न जाऊ इसलिए सबसे दूर हो गया।
उनकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,उनसे कुछ कह न पाना हमारी मजबूरी है।वो क्यों नहीं समझते हमारी ख़ामोशी को,क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरूरी है।
साथ तुम्हारा हरदम चाहते थे,तुम्हारा अहसास हर पल चाहते थे।तुम्हारी यादों के सहारे काट दी ज़िन्दगी हमने,तुम्हें कहानियों के ज़िक्र में अक्सर पाते हैं।
छीन कर अपनों को अपनों से तू ए खुदा कौन सा हिसाब करता है
चेहरे पर हँसी छा जाती है,आँखों में सुरूर आ जाता है।जब तुम मुझे अपना कहते हो,अपने आप पर ग़ुरूर आ जाता है।
“हर किसीके लिए वक्त है उसके पास बस एक मेरे लिए ही नहीं है।” – Sad Status In Hindi
बरसो गुजर गए रोकर नहीं देखा,आँखों में नींद थी सोकर नहीं देखा।आखिर वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का,जिसने किसी को कभी खोकर नहीं देखा।
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे,जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे।मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा,शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे।
तू पास नहीं तो क्या हुआ,मोहब्बत तो हम तेरी दूरियों से भी करते है।
दिल को बुझाने का बहाना कोई दरकार तो था,दुःख तो ये है तेरे दामन ने हवायें दी हैं।
ये ज़िन्दगी सिर्फ पल दो पल है जिसमें ना तो आज ना कल है जी लो ज़िंदगी का हर पल इस तरह जैसे ये ज़िन्दगी का आखरी पल है
“वो जा रही थी और मैं खामोश खड़ा देखता रहा, क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते।”
बेहिसाब मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं,चैहे तो मेरी सोच की तालाशी ले लो।
काश चाहने वाले,हमेशा चाहने वाले ही रहते।पर लोग अक्सर बदल जाते है,मोहब्बत हो जाने के बाद।
जिंदगी तो कट ही जाती है,बस यही एक जिंदगी भर,,गम रहेगा की हम उसे ना पा सके।
“उनके हाथ पकड़ने की मजबूती जब ढीली हुई तो एहसास हुआ शायद ये वही जगह है जहां रास्ते बदलने है।”
चांद की चांदनी में ये कैसा सुरूर होता हैहम जिसको चाहते हैं वो शक़्स हमसे दूर होता है।
वो जो कहते थे तुम शहर में अकेले हो उनकी मोहब्बत हर गली में निकली
जिनके साथ जीने की ख्वाइश थीहमें तो उन्होंने ही मार डाला।
इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है,ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है।
इक बेवफा को दिल में पनाह देकर मैं अपने ही क़तल का गुनहगार हो गया
किसी को कितना भी प्यार दे दो ,आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है।
“हमारे बाद नहीं आये गा उसे चाहत का ऐसा मज़ा, वो आरों से खुद कहेता फिरेगा मुझे चाहो उसकी तरह।”
मेरे नसीब में अच्छे दिन लिखे ही नहीं मेरी क़िस्मत में जो लोग बुरे लिखे हैं
उनसे कहना कि किस्मत पे इतना नाज़ ना करे,हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखे है।
ये किस मकाम पर जिंदगी मुझको लेके आ गयीं,ना बस खुशी पे है जहाँ, ना गम पे इख़्तियार हैं।
दुनिया ने बस हमे सताया है कुछ ऐसी बातों से मन घबराया है तुझसे दुरी के गम ने डराया है पल पल इन्ही गमों ने रुलाया है।
तस्वीर तुम्हारी दिल में बसाये हैं,हर वक़्त हर लम्हा तुम्हे चाहे हैं।आ जाओ फिर से ज़िन्दगी में मेरी,तुम्हारी मोहब्बत में सब कुछ छोड़ा।कुछ ना पाए हैं।
जो तुम्हे चाहे उसको चाहो तो,प्यार खुद बा खुद हो जाता है।क्या सच में ऐसा होता है,या कोई बस कहानियां बनाया है।
मैनें भी कई रिश्ते तोड़ दिए,और वक्त में बड़ी गलतियां करता गया..जीने निकला था उन रिश्तों के बगैर,पर उन रिश्तो के बगैर हर रोज़ मरता गया...
मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है,जिस दिन मेरी आँख ना खुली तुझे नींद से नफरत हो जायगी।
जब नसीबों में पत्थर लिखे हो तब मोहब्बत शीशों से किया नहीं करते
मोहब्बत की आजतक बस दो ही,बातें अधूरी रही।एक मै तुझे बता नही पाया, औरदूसरी तुम समझ नही पाये।
“लोग शोर से जाग जाते है और मुझे एक शख्स की ख़ामोशी सोने नहीं देती।” – Sad Status In Hindi
बूँद बूँद में खतरा है इश्क़ के दरिया में संभल कर उतरना
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं,किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं।“फ़ैज़ अहमद फ़ैज़”
गलती तो हर कोई करता हैमगर जिनको जाना होता हैउनको एक बनाना मिल जाता है।
आग लगती है सीने में उसे देखकर किसी के साथ फिर याद आता है अब उसपर मेरा कोई हक़ नहीं
दूर जाने का मत कह देना, आगर दूर जाओ तो वजह बता देना, हम खुद चले जाएंगे इतना दूर की,जहां आपकी याद ना आए वो जगह बता देना।
“क्यों बनाया है इस दिल को मेरे सीने में जो मुझसे बेवफा है, दर्द मुझे है फिर भी किसी और के लिए दुआ और मुझसे खफा है।”
एक बार लड़खड़ाया था ज़िन्दगी में,तेरी यादें अब तक सँभालने नहीं देती है।जानता हूँ अब तू नहीं ज़िन्दगी में,फिर भी कम्भख्त तेरी यादें जीने नहीं देती हैं।
तेरी हर एक जीत के लिए,मुझे मेरी हर हार मंजूर थी,पर तू तो मुझे ही छोड़ कर हर किसी मेंमगरूर थी।
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे,खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया।
पता है इंसान अकेले रहने से क्यों डरता है,क्योंकि जब वह अकेला होता है,,उसे खुद का सामना करना पड़ता है।
बहुत देर कर दी तूने मेरी धडकनें महसूस करने में,वो दिल नीलाम हो गया, जिसपर कभी हकुमत तेरी थी।
“रात भर इंतजार किया, उसके जवाब का, सुबह एहसास हुआ, जवाब ना आना भी तो जवाब था।”
जब रिश्ता नया होता है तो,लोग बात करने का बहाना ढ़ुंढ़ते है।और जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है,तो लोग दूर होने का बहाना ढूढ़ते है।
क्यों गए हमको छोड़कर अकेले,क्या हमको बताना जरुरी नहीं था।
तुम्हारी फिक्र करने के लिए रिश्ता होना जरुरी तो नहीं,एहसास की ही तो बात है तुम्हारी इजाजत भी जरुरी नहीं।
हम भी अपने गाओं में राजा बाबू थे शहर में आकर हम भी मारे फिरते हैं
कितना संभलकर चलूंगा मैं कभी ना कभी तो गिरुंगा मैं सौप कर जिंदगी उस खुदा को फिर एक दिन मौत से मिलूंगा मैं
खुदा ने किस्मत में साँसे लिखी थी,इंसानो ने रोक दी।
पत्ते गिर सकते है पर पेड़ नहीं,सूरज दुब सकता है पर आसमान नहीं।धरती सुख सकती है पर सागर नहीं,तुम्हे दुनिया भूल सकती है पर हम नहीं।
उसके सवाल से मेरे जवाब तक सब आसान था बस मुश्किल ये थी की हम एक दूजे को समझ ना सके
हर जगह तेरा इंतजार करुंगासारी दुनिया से इज़हार करुंगायू तन्हा छोडकर मत जा तू मुझेतुझे हद से ज्यादा प्यार करुंगा।
दिल में एक बात है, चलो तुम्हे बताते है।हम तुम्हे -तुमसे भी ज़्यादा चाहते है।
बहुत दर्द देती हैं तेरी यादें,सो जाऊं तो जगा देती हैं,,जग जाऊं तो रुला देती हैं।
एक तेरे गम को जगह दी दिल में जो मैंने गम गम नहीं रहा ज़हर हो गया
“ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है, दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है।”
तेरा हक़ मुझ पे सारा हो तू मुझसे भी प्यारा हो,तेरा साथ छूटे जब भी तुझ भीं ना गुज़ारा हो।
नसीब तो देखो दुरी भी उनसे मिलीजिनके करीब रहने की हमारी आदत थी।
जिस्म से रूह तक जाए तो हकीकत है इश्क़,और रूह से रूह तक जाए तो इबादत है इश्क़।
पागल तेरे पीछे कितने मौसम ख़राब किये किसे पता था तू एक दिन मौसम बन जाएगा
अच्छा हुआ बड़ा जल्दी बदल गए तुम वरना मेरी उम्मीद बढ़ती ही जा रही थी
छोड़ कर गई थी किसी दूसरे के लिए,आज किसी तीसरे के बच्चे की माँ बानी है।
जिंदगी देने वाले मरता छोड़ गए,अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गए।जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,वो जो साथ चलने वाले,,रास्तो पर मुझे अकेला छोड़ गए।
बहाना क्यों बनाते हो नाराज होने का,कह क्यों नही देते के अब दिल मे जगह नही तुम्हारे लिए।
अगर नींद आ जाये तो, सो भी लिया करो,रातों को जागने से, मोहब्बत लौटा नहीं करती।
मेरी आँखों को सुर्ख़ देख कर कहते हैं लोग,लगता है तेरा प्यार तुझे आज़माता बहुत है।
“हकीकत कुछ और ही होती है, हर गुमसुम इंसान पागल नही होता।”
जान से ज्यादा प्यार उन्हें किया करते थे,याद उन्हें दिन रात किया करते थे।अब उन राहों से गुज़रा नहीं जाता,जहाँ बैठकर उनका इंतजार किया करते थे।
खत्म हो गयी सारी लकीरें हाथों की जिनपर कभी मोहब्बत का नाम लिखा था
जानने की कोशिश की थी तुमको,तुमने कभी मुझ पर ध्यान ना दिया।गैरों पर तुम्हे गहरा विश्वास था,जिसने अपना समझा उस पर विश्वास ना किया।
नीलाम कुछ इस कदर हुए बाजार-ऐ-वफ़ा में हम आज ,बोली लगाने वाले भी वो ही थे जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे।
मिट जाए तो फिर मिटने दे सब ज़ख्म मेरे दिखने दे मैं एक टूटा शायर हूँ मुझे गम मेरे लिखने दे
उसकी बाहों में सोने का,अभी तक शौक है मुझको।मोहब्बत में उजड़ कर भी,मेरी आदत नहीं बदली।
वो दूर जा रहे हैं धीरे-धीरेमुझे रूला रहे हैं धीरे धीरेशायद उनको ये एहसास नहीं है किमेरी जान जा रही है धीरे-धीरे।
पाने से खोने का मज़ा कुछ और है,बंद आँखों से सोने का मज़ा कुछ और है।आँसू बने लफ़ज़ और लफ़ज़ बनी जुबा,इस ग़ज़ल में किसी के होने का मज़ा कुछ और है।
साथ माँगा था हमेशा के लिए,अधूरा साथ कब पूरा होता है।जिसकी याद में तड़पे दिल वो न मिले तो,कम्बख्त इश्क़ मुक़म्मल कहाँ होता है।
मैं भी एक नासमझी कर बैठा माँ बाप के अलावा भी किसी से प्यार कर बैठा
क्या बताऊँ किस परेशानियों में मैं हूं, काग़ज़ की एक नाव हूं और पानियों में मैं हूं
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,तुझ पर ज़रा भी जोर होता मेरा।ना रोते हम यूँ तेरे लिए अगर,हमारी जिंदगी में तेरे सिवा कोई ओर होता।
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला।अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला।
उनकी सारी गलतियों को हम,उनकी नादानी समझ कर भूल गए,,कभी समझ में नहीं आया नादान वो थे या हम।
किसी को मिला कोई किसी को ढूंढता ही रह गया मुझमें एक मुझसे गूंजता ही रह गया
ठोकर लगी जब भी, तूने सँभाला था उँगली पकड़ के ये चलना सिखाया था तुम दोस्त बन गए, और बन गए साथी दुख में भी हम सबको हँसना सिखाया था
जा ओ बेवफा तुझसे क्या शिकायत तूने तो मोहब्बत को धंधा बना कर रखा है
चलते चलते फिर गली वो आ गयी जिस गली में अब हमारा कोई नहीं
हर पल हम आपके साथ हैदूर होके भी आपके बोहोत पास हैआप हो ना हो यहा आपकी कसमआपकी कमी का एक एक पल एहसास है।
क्या करोगे अब मेरे पास आकर,खो दिया तुमने बार बार आज़मा कर।
“जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है उसने बार बार मुझे फ़ालतू होने का एहसास दिलाया है।”
वो मुस्कान थी कहीं खो गयी,और मैं जज्बात था कहीं बिखर गया।
सजा न दे मुझे बेक़सूर हूँ मैं, थाम ले मुझको ग़मों से चूर हूँ मैं, तेरी दूरी ने कर दिया है पागल मुझे, और लोग कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं।
सुबह तारे दिखे मुझको रात में धुप लगती थी वो कैसा इश्क़ था तेरा वो कैसा हाल था मेरा
हमें छोड़ कर ये ना पूछोकी हमारा क्या हाल है,हम कल भी कमल थे,और आज भी कमल है।
खुद को इतना मज़बूत कर लिए है हमने वो क्या उसकी याद भी आना मुश्किल है
तुम्हारे बाद न तकमील हो सकी अपनी,तुम्हारे बाद अधूरे तमाम ख्वाब लगे।
कोई किसी का खास नहीं होता,लोग तभी याद करते हैं।जब उसका टाइम पास नहीं होता।
मंजिलों के गम में रोने से मंजिले नहीं मिल्ति,होसले भी तूत जाते हैं अक्सार उदास रेहने से।
किये जितने सवाल उससे वो उतनी हामी भरता था आशिक़ों की थी कमी नहीं वो कैसी मोहब्बत करता था
ये तो सच है ये ज़िन्दगानी उसी को रुलाती है,जिसके आँसू पोछने बाला कोई नही होता है।
खुद से इस तरह दूर ना कर मुझे, पास जीने की वजह सिर्फ तुम हो
तू प्यार का सागर, मन पंछी प्यासा है तू प्यार का सागर, मन पंछी प्यासा है यादों से अब दिल को हर पल भिगोता है
तुम्हारा मुझे छोड़ के जाना,तुम्हारी यादों में समुंदर में खो जाना।मेरी रातों में नींद ना आना,प्यार किया था या था बहाना।
बस यही सोचकर खुश होते है हम,तू नहीं तो तेरी याद आती है सनम।
बस यूँ ही कह देते हैं चले जाएँगेकभी हमेशा के लिए हम...ग़र सच में चले गए तोज़ार-ज़ार रोएँगे आप हमदम...
खबर मरने की जन आये, तो यह न समझना हम दगाबाज थे,किस्मत ने गम इतने दिए, बस ज़रा से परेशान थे।
माना कि तू नहीं है मेरे सामने,पर तू मेरे दिल में बसता हैं।मेरे हर दुख में मेरे साथ होता है,और हर सुख में मेरे साथ हसता है।
कुछ उसकी बाते सुनी जाये।कुछ उसे अपनी कही जाये,गलत फ़हमियों को दूर किया जाये,और फिर से खुल कर जिया जाये।
छुपे रहे वो अपने ही किरदार में हम देख कर भी अनदेखा करते रहे
तस्वीर ये तेरी हम देखते जाएँ तस्वीर ये तेरी हम देखते जाएँ महसूस करते हैं, पर देख ना पाएँ
मेरी यादें उसे देकर के ये कहना मेरे यारों के वो जो था तेरा आशिक़ वो बस यादों में ही है
शायद मैं इसलिए पीछे हूँ मुझे होशियारी नही आती बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी मगर मुझे गद्दारी नहीं आती
फर्क चेहरे की हँसी पर सिर्फ इतना सा पाते है,पहले आती थी अब लाते है।
लड़कियों को कौन बताए क्या सफर है हमारा हमें कहना भी नहीं कुछ हमें सहना भी बहुत है
तुझसे दूर रहना लगता है किकोई सज़ा काट रहे हो एक बार आकार मुझे आज़ाद कर दो।
दिल से निकाल सको को निकाल देनाफिर हमसे दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
दिन हुआ है, तो रात भी होगी,मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।वो प्यार है ही इतना प्यारा,ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।
जाए कहाँ अपना ये शहर छोड़ कर मगर इस शहर में अब अपना कोई नहीं
“जरुरी नहीं है इश्क में बाहों के ही सहारे ही मिले, किसी को जी भर के महेसूस करना भी मोहब्बत है।”
अगर फितरत हमारी सहने की नहीं होती तो हिम्मत तुम्हारी कुछ कहने की नहीं होती
चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नहीं,मोहब्बत अजनबी होकर बड़ी तकलीफ देती है।
“कभी इरादा हो हमे छोड़ के जाने का तो पहले बता देना… क्योंकि, अचानक के हादसे बेमौत मार देते हैं।”
काश ये सिलसिला हो जाए,मैं मिट जाऊं या फासला घट जाए।
बहुत अच्छे से वो अपना किरदार निभाते हैं बेईमान हैं बेईमानी से साथ निभाते हैं
“बारिश के बाद तार पर टंगी आख़री बूंद से पूछना, क्या होता है अकेला पन।”
देख लेते हो मोहब्बत से यही काफी है,दिल धड़कता है सहूलियत से यही काफी है।हाल दुनिया के सताए हुए कुछ लोगों का,जो पूछ लेते हो शरारत से यही काफी है।
ऐ मोहब्बत तू शर्म से डूब मर,तू एक शख्स को मेरा ना कर सकी।
उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए,जिसको रोते हुए देखा न किसी ने।“वकील अख़्तर”
अगर पसंद नहीं मेरा साथ तो दूर हो जाओ यूँ रोज़ रोज़ कोई नया बहाना मत बनाओ
अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है।
पाया तुम्हे तो सपने सच लगने लगे,तुम अज़नबी आज अपने लगने लगे।होता नहीं यकीं खुद की किस्मत पर,तुम मेरी धड़कन मे बसने लगे।
उनकी मोहब्बत में कोई कमी ना थीबस उनका चले जाना हमें रास ना आया।
उनसे की हुई एक दो मुलाकातें,हम भूल पाएंगे ना उम्र भर।जब दिल को दर्द होगा,लबों पे खुद व खुद आ जायेगा उनका जिकर।
“बहुत अलग सा है मेरे इश्क़ का हाल, तेरी एक ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल।”
तुझसे दुरी का एहसास हमें रूलाता हैआज कल वक्त हमें कुछ ऐसे आजमाता हैजब भी कोशिश करता हू तुझे भुलाने कीतू और भी ज्यादा दिल के करीब आ जाता है।
तुझसे यूँ थोड़ा खुल गया हूँ मैंयूँ तेरी आँखों में घुल गया हूँ मैंपीछे नही बल्कि तुम्हारे करीब आ गया हूँ मैं
तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है यारा,तुम मिल जाओ तो ज़िंदगी पूरी है यारा।तेरे साथ ज़िंदगी की सारी खुशियाँ,दुसरो के साथ हसना तो मज़बूरी है यारा।
लोग बाज़ार मे आके बिक भी गये,मेरी क़ीमत लगी की लगी रह गयी।
“दिल में आने का रास्ता तो होता है लेकिन जाने का नहीं इसलिए जब कोई दिल से जाता है तो दिल तोड़कर ही जाता है।”
हर दिल के अपने कुछ दर्द होते हैं जो हस कर सहे वही मर्द होते हैं
घोल कर पिए हम दोनों ने ज़हर मैंने हिज्र का, तूने इश्क़ का
तुम मेरी अधूरी ज़िन्दगी को पूरा करने आये थे,और तुम ही मुझे अधूरा छोड़ कर जा रहे हो।।
जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,मेरा दिल तोड़कर मुझे हँसाना चाहता है।जाने क्या बात है मेरे इस चेहरे से,हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।
अपने से नज़दीकिया बनाकर रखनाक्योकि दूरिया बोहोत तकलीफ देता है।
क्या जरुरत है आपको हमसे दूर जाने कीआप तो पास रहकर भी दूरिया बना लेते हो।
क्या आप जानते हैं कि मैंने क्या गलत किया?रोज तुमसे बात करना तुम्हे आदत बना लिया।
ना रात की खबर ना दिन का पता हम अपनी ही क़िस्मत से परेशान हैं ज़रा सा मुस्कराते हैं और लोगों को लगता है हमारी ज़िन्दगी बहुत आसान है
एक जैसी है किस्मत हमारी,ना मैं तेरे नसीब में और ना तु मेरे।
“हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम मिलते है इसलिए हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते है।”
ये दुरी हमसे अब और सहा नहीं जाती, बस तेरे पास आने को मेरा जी चाहता है, तोड़ कर सारि दुनिया की रस्मो-रिबाजो को, तुझे अपना बनाने को जी चाहता है।
झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ,पर हर बार आपको ही झुकना पड़े तो रुक जाओ।
“नींद में भी गिरते हैं, मेरी आँखों से आसूं, जब तुम ख्वाबों में, मेरा हाथ छोड़ जाते हो।”
देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ,हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।
प्यार मोहब्बत नहीं हमने तो इबादत की है,रस्मों और रिवाजों से बगावत की है।माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।
दुआ करो जो जिसे मोहब्बत करे वो उसे मिल जाये,क्योंकि बहुत रुलाती है ये अधूरी मोहब्बत।
बच बच कर चलता रहा कांटों से उम्र भर मालूम हुआ एक फूल दर्द देकर चला गया
“नाराज हमसे खुशियां ही होती हैं। गमों के इतने नखरे नहीं होते।”
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं।
लौट के आने का वादा करके वो यूँ गया की उसकी याद तक नहीं आती
“किसी के दिल में प्यार नहीं बस रिश्ता एक जंग है, अजीब है दुनिया का रंग जो सच में बेरंग है।”
उसने मुझे छोड़ दिया तो क्या हुआ मैंने भी तो उसके लिए सारा ज़माना छोड़ा था
ऐ खुदा लोग बनाने थे पत्थर के अगर,तो मेरे एहसास को शीशे सा न बनाया होता।
कभी हम मिले तो भी क्या मिले,वही दूरियाँ वही फ़ासले,न कभी हमारे कदम बढ़े न कभी तुम्हारी झिझक गई।
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ,कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है।
आप भले ही हमसे दूर चले गए होमगर दिल से कैसे जाओगे।
मुझे मुर्दा समझकर रोले,अब अगर मै ज़िंदह हूँ,,तो तेरे लिए नहीं हूँ।
उदास नज़रो में ख़्वाब मिलेंगे,कभी काटे तो कभी गुलाब मिलेंगे।मेरे दिल की किताब को मेरी नज़रो से पढ़ कर तो देखो,कही आपकी यादे तो कही आप मिलेंगे।
बड़ी अजीब दास्ता है मेरे फसाने कीपल पल कोशिश की उनसे फासले मिटाने कीकिस्मत थी या फिर कोई शाजीश जमाने कीदूर हुए इतना जितनी उम्मेद थी उनके करीब जाने की।
मंज़िल बदल गयी, ना सफर रहा वैसा मोहब्बत का अब ना असर रहा वैसा ना पानी की तलब ना खुशबु की कमी ये दिल बदल गया ना दिल रहा वैसा
भोली भाली शकलों वाले लोग भी इस जहान में जाने अपने अंदर कितने राज़ छुपाये बैठे हैं
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा,मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा।ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में,बस किनारे पर बैठा पत्थर फेंकता रहा।
क्या बात है, बड़े चुपचाप से बैठे हो,कोई बात दिल पे लगी है या दिल कही लगा बैठे हो।
तुम इश्क़ करो और दर्द ना हो मतलब दिसंबर की रात हो और सर्द ना हो
तुम्हारा साथ माँगा था ऊपर वाले से,तू क्या हुआ जो दूरियां मिली।मेरे हाथ की लकीरों में बस तेरा नाम मिला,और तेरे हाथ के लकीरें खाली ही मिलीं।
उसको सबसे बेहतर मैं मानता था मैं उसको अच्छे से पहचानता था उसे किसी का होते हुए भी देखा मैंने मेरा हो नहीं सकता वो… मैं जानता था
औकात नहीं थी ज़माने में जो मेरी कीमत लगा सके,कम्बख़्त इश्क में क्या गिरे, मुफ्त में नीलाम हो गये।
मेरी जगह कोई और हो तो चीख उठे,मैं अपने आप से इतने सवाल करता हूँ।
आपकी नज़रो से दूर चले जाएंगेफिर वापस लौटकर ना आएंगेअब और गम हम नहीं सह सकतेकिसी और को दिल में नहीं बसायेंगे।
“जो लोग सबकी फिक्र करते हैं, अक्सर उन्हीं की फिक्र करने वाला कोई नहीं होता।”
ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे,ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती।
फर्क नहीं पड़ता कि कौन आपको पाने के लिए मरता है मानो तो ये रखता है कि आपको खोने से कौन डरता है
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे।वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
ना मेरा दिल बुरा था,ना उसमे कोई बुराई थी।सब नसीब का खेल है,बस किस्मत में जुदाई थी।
इश्क हमें जीना सिखा देता है,वफा के नाम पर मरना सिखा देता है।इश्क नहीं किया तो करके देखो जालिम,हर दर्द सहना सीखा देता है।
हम जानते हैं आप रूठे हो हमसे इस लिए इतना दूर होमगर लौट आओ हम बेताब है आपको मनाने के लिए।
अभी खूबसूरत चेहरा है,आशिक बहुत होंगे।जो झुर्रियां भी चूमे,दिलबर ऐसा तलाश कर।
प्यार के इस प्यार भरे दिल में आज अचानक धड़क रहा है?आंखें भर गईं? पानी और फिर?रेम आपको याद करता है।मुझे बहुत ज्यादा सपने देखना मत छोड़ो।कभी मत तोड़ो
मिजाज को बस तल्खियाँ ही रास आईं,हम ने कई बार मुस्कुरा कर देख लिया।
जी भरके रोते है तो करार मिलता है,इस जहाँ मे कहाँ सबको प्यार मिलता है।जिंदगी गुजर जाती है इम्तिहानो के दौर से,एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है।
तुम तो डर गये हमारी एक ही कसम से,हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लूटा है।
जो जा रहा है उसे जाने ही दो आज अगर रुक भी गया तो कल चला जायेगा
ना समझो कि हम आपको भुला सकेंगे,आप नही जानते की दिल मे छुपा कर रखेंगे।देख ना ले आपको कोई हमारी आँखों मे दूर से,इसलिए हम पलके झुका के रहेंगे।
तुमको छुपा रखा है इन पलकों मे,पर इनको ये बताना नहीं आया।सोते हुए भीग जाती हैं पलके मेरी,अब तक दर्द छुपाना नहीं आया।
खुदा जाने आपसे कितने दूर हैं हम बस अकेले रहने को मजबूर है हम सजा ऐसी की मिल नहीं सकते आपसे बस इतना जान लो बेकसूर है हम।
हमने तुम्हें उस दिन से और भी ज़्यादा चाहा है,जबसे मालूम हुआ तुम हमारे होना नही चाहते।
पतझड़ लो भी तू फुर्शत से देखा कर ऐ दिल,हर गिरता पत्ता भी तेरी ही तरह टुटा हुआ है।
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गयी हूँ।
वो आये..खूब खेले..और चले गये,मगर दिल से ...।😔
भूख घूम रही है शहर की हर सड़क पर,लाल टीशर्ट ज़ोमेटो की पहन कर।
न करना भरोसा इस दुनिया में किसी पर,मुझे तबाह करने वाला मेरा बड़ा अजीज़ था।
“मत बनाओ मुझे फुर्सत के लम्हों का खिलौना, मैं भी इंसान हूँ मुझे भी दर्द होता है।”
जब भी दुआ मांगते हैं रब सेतेरा ज़िक्र आ ही जाता है फिरचाहो आरसे हो गए हो हमें बिछड़े।
मेरी तन्हाई को मेरा शौक मत समझना,क्योंकि किसी अपने ने ये बहुत प्यार से दिया था तोहफे में।
ऐ जिंदगी तू ही बता कैसे प्यार करू तुझेतेरी हर सुबह मुझे अपने से और दूर ले जाती है।
हँसना मुझे भी आता हैपर किसी ने रोना सीखा दिया।बोलने में माहिर हम भी थे,पर किसी ने चुप रहना सीखा दिया।
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश कि,इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये।
वो खुश हैं मुझे दर्द में देखकर इसलिए मैं मरहम से दूरी बना रहा हूँ
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया,इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया।“परवीन शाकिर”
कुछ तो सोचा होगा कायनात ने तेरे-मेरे रिश्ते पर,वरना इतनी बड़ी दुनिया में तुझसे ही बात क्यों होती।
करोगे याद एक दिन चाहत के ज़माने को,चले जायेंगे जब हम कभी वापस न आने को।करेगा महफ़िलों में जब ज़िक्र हमारा कोई,तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो आँसू बहाने को।
जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं,मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं।दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं,ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।
वो आजकल हमसे दुरी रखते हैंमोहब्बत कम ज्यादा नफ़रत रखते हैंउनकी खुशी का एहसास है मुझे आजकलक्योकि वो अब हमें अपने दिल के बाहर रखते हैं।
बिन बात के ही रूठने की आदत है,किसी अपने का साथ पाने की चाहत है।आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आईना हूँ,मुझे तो टूटने की आदत है।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे।वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।
अकेले ही काटना है मुझे ऐ जिन्दगी का सफर,यूँ पल-दो-पल साथ चलकर मेरी आदत खराब न करो।
आँसू आ जाते है रोने से पहले,ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले।लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
तू दिल के करीब होकर भी दूर है,दिल तेरी ही वजह से इतना मजबूर है।तेरे बिना मेरा बहुत बुरा हाल है,ये दिल अब पत्थर की तरह चूर चूर है।
बहुत मुस्कुराते हैं वो लोग साहेब जो अंदर से टूटे होते हैं
“ज़िन्दगी की हक़ीक़त को बस इतना ही जाना है, दर्द में अकेले हैं खुशियों में ज़माना है।”
अब शिकवा करें भी तो करें किससे,क्योंकि ये दर्द भी मेरा,,और दर्द देने वाला भी मेरा।
“सच्चा प्यार क्या है उस इंसान से पूछो जिसने दिल टूटने पर भी किसी के लौट आने का इन्तजार किया है।”
गाँव की धुल की याद आती है शहर की इमारतों में सुकून नहीं मिलता
अगर तुमने मुझसे दूर जाने काफैसला कर ही लिया है तो ठीक हैमगर याद रखना हर शक्समोहब्बत नहीं करता।
“दिल का दर्द किसे दिखाएं, मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं।”
सच्ची यारी किसी रेहमत से कम नहीं होती रिश्तों की महक भी कभी कम नहीं होती कोई साथ दे अगर हर बुरे वक़्त में तो ये ज़िन्दगी किसी जन्नत से कम नहीं होती
सच जान लो अलग होने से पहले,सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले।सोच लेना मुझे भुलने से पहले,रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले।
फेले सारा वक्त उनके साथ गुजरता थाअब उनकी याद से काम चल रहा है।
कब तक रहेंगे तन्हाइयों में घिरे कोई तो होगा हमारे भी लिए
क्या मिला तुम्हे हमें छोड़कर,बताना जरा फुर्सत से सोचकर।
वो नज़र जो देखती है मेरे दिल को मार देती है,तेज धार ने उसे मारा, मेरे होंठ।
तुमसे दूर जाना पड़ा मुझेतुमने मोहब्बत के शिवा सब कुछ दिया।
जहां आपके प्यार की कदर ही ना होवहा से तो दूर चले जाना ही बेहतर है।
जलता रहा दिल किसी की याद में उसकी जो कहीं जिस्म की आग बुझा रहा था
कभी मिले फुर्सत तो इतना जरूर बताना,वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हे न दे सके।
ऐसा कौन आ गया है तेरी ज़िन्दगी में जो मेरी याद आने के मौका नहीं देता। easa kon aa gaya hai teri zindagi me jo meri yad aane ke moka nhi deta..
मोहब्बत कब कहाँ किसकी पूरी होती है,ये तो वादों में ही अधूरी होती है।जान ले लेती है आशिक़ की,तब जाकर लैला मजनू की जोड़ी मशहूर होती है।
दर्द को दर्द अब होने लगा है,दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा,क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।
बीते लम्हो का इतना सा फ़साना है, वो तो चले गए हमें छोड़कर,पर अब मुश्किल है की हमें कहा जाना है।
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें,हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी,क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
प्यार में मौत से डरता कोन है,प्यार हो जाता है करता कोन है।आप जैसे यार पर हम तो क्या सारी दुनियां फिदा है,लेकिन हमारी तरह आप पर मरता कौन है।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,जिसका रास्ता बहुत खराब है।मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
दूर जाने से पहले मेरी नस-नस निचोड़ लेना कतरे-कतरे मे अगर तू न मिले तो बेशक़ मुझे छोड़ देना.
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे,आँखों से मोती निकलते रहेगे।तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो,हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।
चाहा था मुक्कमल हो मेरे गम की कहानी,मैं लिख ना सका कुछ भी तेरे नाम से आगे।
मुझे ये डर है तेरी आरजू न मिट जाये,बहुत दिनों से तबियत मेरी उदास नहीं।
किस्से खास थे तुम्हारे,जब तुम पास थे हमारे।अब सिर्फ तुम्हारी यादें हैं,अब सिर्फ तुम्हारी बातें हैं।
छोड़कर मुझे… तनहा तुम रह गए हो,में तो शायर हु, आज भी तुम्हे लिखता हु।