City Shayari In Hindi | शहर पर शायरी स्टेटस
City Shayari In Hindi presents the hustle and bustle of city streets, the loneliness amidst the crowd, and the vibrant energy of cityscapes. Enjoys its amazing shayari with some meaning and deep messages. Copy and share it on your social media.
2024-09-16 12:18:46 - Milan
मैं गाँव का ठहरा,सहरों में रहने की आशा थी,जब सहर पंहुचावहां अपनों की तलाश थी !!
पढ़ते क्या हो आँखों में मेरी कहानी, Attitude में रहना तो आदत है मेरी पुरानी।
“ गाँव के बच्चे माँ-बापकी उम्मीदों को संग लाते है,रूपया कमाने के लिएअपनी जिन्दगी भी दांव पर लगाते है….!!
धोरिया की रेत को सो स्वभाव हैराजस्थानी को तोएक मिंट म गर्मतो दूसरी मिंट म ठंडा
सुधरी है तो बस मेरी आदतें वरना मेरे शौक, वो तो आज भी तेरी औकात से ऊंचे है।
छुप जाएँ कहीं आ कि बहुत तेज़ है बारिशये मेरे तिरे जिस्म तो मिट्टी के बने हैं
धूप सा रंग है और खुद है वो छाँवो जैसाउसकी पायल में बरसात का मौसम छनके
रिश्तों का गांव उजाड़ गया, यादों का शहर फिर भी सलामत रहा।
“ शहर में छाले पड़ जाते हैजिन्दगी के पाँव में,सुकून का जीवन बिताना हैतो आ जाओ गाँव में….!!
बूँदे बारिश की यूँ जमीन पर आने लगी,सोंदी से महक माटी की जगाने लगी,हवाओं में भी जैसे मस्ती छाने लगीवैसे ही हमें भी आपकी याद आने लगी.
माना की जिंदगी में गम बहुत है , कभी सफर पर निकलो और देखो खुशियां ।
शहर में यूँ हादसा कब तक होता रहेगा,इनके जिम्मेदारों को सजा कौन तय करेगा.
कितने सितम याये कितने गम आये जब जब सहर से दिल टुटा है गाँव की औ मिति बाली घर याद आये
“ यूं खुद की लाश अपनेकांधे पर उठाये हैंऐ शहर के वाशिंदोंहम गाँव से आये हैं…!!
उनका बादा भी अजीब था – बोले जिन्दगी भर साथ निभाएंगे पर पागल हम थे – ये पूछना भूल ही गए के मोहबत के साथ या यादो के साथ.
“ गाँव की प्यारी यादोंको दिल में सजाया करो,शहर में तरक्की कितनी भी करो लोपर गाँव अपनों से मिलने आया करो…!!
किस बात पर तेरा मिज़ाज इतना बदल सा गया है, क्या कोइ खता हुई है हमसे, या फिर तेरा किसी और पे दिल आ गया है!!
“ लगता है नजर हमारी लग गयी,गाँव को शहर की बीमरी लग गयी……!!
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद मेंआपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मेहम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
“ पूरी दुनिया सेथक हार के एक गाँव हीतो था जाह मेंचैन से मर सकता था…!!
“ मेरा बचपन भी साथ ले आयागाँव से जब भी आ गया कोई…!!!
“ शहरों में त्यौहार मेंचूड़ियाँ नजर आती हे और गांव में आज भीचूड़ियाँ की खनखन आवाज सुनाई देती हे…!!
दिल में दर्द है |थोड़ा हवा आने दो |ज़ख़्म बहुत फैल गया है |थोड़ादवा लाने दो |जाओ कोई कह दे उसे |हम मर रहे है |कोई उसे आने दो |
जिंदगी की #उलझनों में हम खो गए दोस्त_शायद हम बड़े हो गए।।
काल मेरली सैटिंग पिळो सूट पहर राख्यो मनवीडियो कॉल करके कह How I am Looking..म कहयो You Looking जम्मा टांटिया ब्रांड
वो हिन्दी नौजवाँ यानी अलम-बरदार-ए-आज़ादी वतन की पासबाँ वो तेग़-ए-जौहर-दार-ए-आज़ादी
मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से, कुछ इस कदर, कि ना खुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से !
रास्तो में सफर करने का मज़ातब आता हे जबबारिश का सुहाना मौसम होजाता हे। …
“ क्या जमाना था जब एक खत पूरा गांव पढ़ता था आज हर एक मोबाईल लेकर ‘मतलबी हो गया हे….!!
जा रहा हूँ तेरे शहर से अब दुबारा नहीं आऊँगा. इतनी मोहब्बत हैं कि तुझे बेवफ़ा भी नहीं कह पाऊँगा.
जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने की चाहत मुझे आज भी हे.
“ की एक तेरा शहर पानी के लिए खून बहा देता हे और एक मेरा गाँव जो पानी न मिले तो प्यार बाँट लेता हे…!!
😉सबकी लाइफ में कम से कम ☝️एक ऐसा इंसान 😍तो होना चाहिए जो हमे सच्चे दिल❤️ से प्यार और केयर करता हो
दिल की बातो को आज कहना है तुमको, धडकन बनके तेरे दिल में रहना है हमको, कही रुक ना जाए यह मेरी सांसे, इसलिए हर पल तेरे साथ जीना है हमको!!
एक हम ही हे जो इश्क कीबारिश करते हे,और एक वो हे जो भीगनेको तैयार ही नहीं।
तुम्हारे 👍लिए ये प्यार❤️ कभी कम नहीं❌ होगा क्योंकि जीने😇 की वजह तो😱 बस तुम ही हो💯💯💯
आपके ‘परिवार’ ने आपके लिए जो किया, उससे कही #ज्यादा आप अपने परिवार के लिए कीजिये।
बारिश के मौसम मेंकिसान खुश होता है,अगर उससे उसके खेतोंकी सिचाई होती है. भलेही घर की छत टपकती है.
रंगीलो राजस्थान शायरीजीमो बाजरे री रोटीऔर सांगरी रो साग,रंगीलो म्हारो राजस्थानबरसों सूं है हिवड़े हुं लाग।
शोर शराबों से दूर शराब के नज़दीक, शहर से दूर गांव के नज़दीक।
अजीब यादें हैं तेरे इश्क की,जो ये तेरा ही इंतजार करती हैं,अलविदा कहते वक्त बेकरार करती हैं।
शहर के Ac में वो बात कहाँ जो बात पेड़ की छांव में है, मुस्कुराइए जनाब आप गांव में है।
होने दो मुखातिब मुझे आज इन होंठो से अब्बास, बात न तो ए समझ रहे है पर गुफ्तगू जारी है!!
वो सहर से नजदीक है पर दूरियां बहोत है,गाँव के लोग खुश है मगर मजबूरियां बहोत है।
जबसे हम लोगो के असली रंग पहचानने लगे है, तब से लोग हमें अपना दुश्मन मानने लगे है।
कहीं गिर ना जाउ मैंआपको याद करते करते हैंआज मेरे शहर मेंजोरो से बारिश हो रही है।
कमरा भी तो ‘यंहा’ भी है पर घर नहीं सनता तो यंहा भी है! मगर_शांति नहीं, जिसकी कमी खलती है घर दूर रहने पर #घर की यादो से सीना आज भी जलती है,
“ जब भी कोई गाँव से आता है,अपनों के प्यार की छाँव लाता है…..!!
वो शाम सुहानी थी जो गुजरी तेरे साथ, बिन तेरे अब कैसे कटेगी सारी रात, समझ लो तुम भी यह मजबूरी है दिल की, नहीं गए, तो कैसे कल फिर होगी मुलाकात।
सूरज नाराज हो गया है जबसे शहर में आया हूँ,जयपुर के मेरे फ्लैट पर रौशनी नहीं पड़ती है.
कुछ कह गए,कुछ सह गए, कुछ कहते-कहते रह गए, मै सही और तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए।
आज फिर तेरी गली से गुज़र रहे हैं सनम, अब क्या बताएं क्या गुज़र रही है सनम।
कस्टमर केयर आळी छोरी,म आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ,Me- यार एक काम कर मेरी माँ पीहर गएड़ी है,दो दिन पोठा गेर द म्हारा
आज एक छोरी दोफारी म रोड प चक्र खाके पड़गी,म भाजके गयो अर बिंक मुँह प पाणी गेरयो,जोरको थपड़ मारके बोली,नालायक मेरी पूरी टिक टोक Video खराब करदी
हम जितनी दुनिया देखते जाते है, हमारी नजरिया का दायरा उतना ही, बढ़ जाता है !
मुझे ऐसा ही जिन्दगी काहर एक पल चाहिएप्यार से भरी बारिश औरसंग तुम चाहिए।
पधारो सा म्हारे देशहिवड़ो रंगियो प्रीत सूंसज सौले सिणगार,पधारो म्हारे देशकरो खुशियां रो इजहार।
हजारों ख्वाब हकीकत में बदलते है,तो लाखों टूट भी जाते है,ये शहर जयपुर बहुत कुछ देता है,पर बहुत कुछ छीन भी लेता है.
हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
गांव से शहर तेरे आया था कई सपने लेकर, आज टूटे दिल और सपनों को लेकर वापस गांव जा रहा हूँ।
अकेला छोड़ ही रही हो तो पहले इसकी वजह तो बता दो। Akela chod hi rhi ho to pehle iski wajah to bta do.
जहाँ कदर न हो अपनी वहाँ जाना फ़िजूल है, चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
“ शहर जाकर बस गया हर शख्श पैसे के लिए ख्वाहिशो ने मेरा पूरा गांव खाली कर दिया…!!
यूँ खुद की लाश अपने काँधे पर उठाये हैं ऐ शहर के वाशिंदों ! हम गाँव से आये हैं – अदम गोण्डवी
उस प्यार को हम सच्चा नहीं कहते है,जिसे बारिश में अपने महबूब की याद ना आये.
रामजी थाने सगळा ने निरोगा राखैकमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे,टाबरिया आपस्यूं भी ऊँचा चढ़ेघर आळी या घर आळा री मोकळी मेहरबानी रेवे।
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,अब जब याद आते हो बारिश होती है।
शहर पर ख़ूबसूरत शेर
बहुत अकेले होते हैं वो लोग,जो खुद ही रूठ कर खुद ही मान जाते हैं. Bahut akele hote hain vah log jo khud hi Ruth kr khud hi man jate Hain.
झुक जाता है मुझे और छाँव देने को, ये गांव के पेड़ मुझे बचपन से पहचानते है।
गांव में विकास नहीं पहुंचा मगर विशवास बहुत पहले से गांव वालों के बाइक रहता है।
बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते है,बारिश में जिस्म भीगता हैऔर मोहबब्त में आंखे।
बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे,क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं,कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे.
एक चाहत है सिर्फ़ आपके साथ जीने की, वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती है!!
मेरी जरूरतें और ख्वाहिशें जब बड़ी हो गई,ऐसा लगा कि आँखों के सामने खड़ी हो जयपुर।
शौक🤟 न करून ❌क्या दो दिन 😜की जवानी है यह🤔मिट्टी का 😜जिस्म और छनभंगुर 🎃जिंदगानी है यह😱😱😱
“स्वतंत्रता जन्मसिद्ध हक नहीं, कर्म सिद्ध हक है”- विनोवा भावे
“ यूं खुद की लाश अपने कांधे पर उठाये हैंऐ शहर के वाशिंदों हम गाँव से आये हैं…!!
“ नैनों में था रास्ता, हृदय में था गांवहुई न पूरी यात्रा, छलनी हो गए पांव…!!
मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार हो गया,लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया.
रावणकितो भी पापी और बुरो हो पर बोकदे मंदोदरी नईयाकोनी कहो, मेले बाबू ने खाना खाया क्या ?
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानीयाद आई कुछ अपना ज़माना याद आयाकुछ उनकी जवानी याद आई,
मन तो पेली ही ध्यान छो, थारामसारी आदत ही गंडकड़ी आळी है
शहर में जाकर लग गई ज़िन्दगी दाव में, बड़े मेहफ़ूज़ थे जब तक थे हम अपने गांव में।
जिन्दगी से मौत तक के सफर को ही, जिन्दगी कहते हैं !
“ कितना भी बड़ा जख्म या घाव हो,अकेलापन महसूसनही होता अगर गाँव हो….!!
तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको, जिन्दगी भर अपनी बांहो में यूंही कैद रखना मुझको!!
जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ हैं!
गये😅 मर्द जो😜 खाये खटाई,☹️🤝गयी 😌औरत जो🤔 खाये मिठाई🙄🙄
सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती हैअगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे
जिन्दगी तुम मेरी बन जाओ रब से और क्या मांगू, जीने की वजह बन जाओ बस ये ही दुआ मांगू!!
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!
ना थके हैं कभी पैर, ना कभी हिम्मत हारी है, जज्बा है कुछ बनने का जिंदगी में, इसलिये सफर जारी है !
शहर की चकाचोंध में कितने ही अंधे हो जाओ, आज भी गांव ही खूबसूरत नज़र आएगा।
तेरे शहर तेरे मोहल्ले तेरी गली का हर कोना-कोना याद है मुझे तुझे मेरे गाँव का नाम तक मालूम नहीं।
यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो,भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,मगर मुझको लौटा दो वह बचपन का सावन,वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी।
जिस दिन तेरे बिन रह लू |उसदिन खुद को मिटा दूंगा |मुझ से दूर जाने की बातें मत कर |दुनिया में आग लगा दूंगा |
“ शहर की नौकरी जगाता है भगाता है,अंत में गाँव में आकर हीहर कोई सुकून पाता है….!!!
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है.तेरी याद कुछ इस तरह आती है.नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है।
“हम आजादी तभी पाते हैं, जब अपने जीवित रहने का पूरा मूल्य चुका देते हैं”- रविन्द्रनाथ टैगोर
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूं, जब-जब सुनता हूं आवाज तेरी मोहब्ब्त सी हो जाती है!!
शराफत की दुनिया का किस्सा ही खत्म अब जैसी दुनिया वैसे हम।
एक 🤝इच्छा पूरी🤝 कर दो,👍और एक 🙄इच्छा अपनी😍 पूरी कर लो,🤟आज 🙄जहां लगे 🤝वहाँ किस 😇कर लो😁😁😁
चल वहीं ऐ दिल जहाँ हमसफर है मेरा , ये अजनबी रास्ते वो आखिरी सफर है तेरा !
“ गांव की सादगीशहर में न मिल पायेगी किसी दर्द की दवाजहर में न मिल पायेगी…!!
जो सुधर जाए वो हम नहीं, और हमे कोई सुधार दे, इतना किसी में दम नहीं।
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,ज्यादा भीगना मत,अगर धुल गयी सारी गलतफहमियाँ,तो बहुत याद आयेंगें हम.
तिरछी निगाहों से जो देखा उन्होंने, तो हम मदहोश हो चले, जब पता चला कि वो अलविदा कहने आए, तो हम बेहोश हो चले।
“ गाँव की गलियाँबड़ा ही याद आई,जब शहर की गलियांजिन्दगी को उलझाई….!!
राजस्थान में अलग-अलग शहर वाले लोग की अलग हीपहचान है आधी राजस्थानी और आधी हरयाणवीकहने का मतलब सारी ही भाषा बोलते है
तेरे💓 इश्क़ में इस😅 तरह मैं नीलाम 🤪हो जाओआखरी😃 हो मेरी बोली 🤔और मैं तेरे नाम 👍हो जाऊ💝💝💝
“सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है” -रामप्रसाद बिस्मिल
गांव दवा है तो शहर घाव है, शहर डूबता तिनका है और गांव नाव है।
“ शहर से तो अच्छा मेरा गांव हे साहब जहाँ मकान को नंबर से नहीं बल्कि पिता के नाम से पहचाना जाता हे…!!
मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था, एक अजनबी मिला और, उसने अपना बना लिया !
हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है
आज का मौसम प्यारका मौसम होना चाहिएबारिश तो आ जाएगीबस बादल होना चाहिए.!!
चाहतों ❤️ने किया मुझ 🙄पे ऐसा असर😌जहाँ 🤔देखूं मैं😱 देखूं तुझे😇 हमसफ़रमेरी🤫 खामोशियाँ भी 😜जुबान बन गयी👍मेरी बेचैनियां😅 इश्क़ की❤️ दास्तान बन गयी🔥🔥
शहर बड़ा ज़रूर होगा तेरा, मगर मेरा गांव सा खूबसूरत होने का सवाल ही नहीं।
“ चाहे कितना भी क्यों न हो जख्म घाव का अकेलापन कभी महसूस नहीं होता अगर में अपने गाँव हो…!!
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों, जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया।
वो मेरे रूबरू आया तो भी तोबरसातके मौसम मेंमेरे आँसु बह रहेथे और वो मौसमबरसात समझ बैठा।
हवाओं में ताजगी हर पल बचपना सा लगता है,सहारों से पहचान है अपनीमगर गाव अपना सा लगता है।
राजस्थान की प्यार शायरीम्हारे सांगे सांगेकद समझीया सगळा रिवाज,जब देखोला म्हारो प्रदेशआप करोला मरुभूमि माथे नाज।
“ खेतो का पानी अब आँखों में आने लगा मेरे गाँव का किसान अब शहर में आ गया…!!
कभी बेपनाह बरस पड़ीकभी गुम सी हे ,ये बारिश भी कुछ – कुछ तुम्हारीजैसी हे।
“ होती होंगी शहरों की शामे रंगीन,मेरे गांव की रातों में सुकून है…!!
आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझलेते हैं, रोता तो आसमान भी है अपनेबिछड़े प्यार के लिए, पर लोग उसेबरसात समझ लेते हैं।
❤️शायरी शायरी में इज़हार हो जाये, 💜शायरी शायरी में इज़हार हो जाये, 😘मैं तुम को कहुँ आयी लव यू, 😍और तुम्हे मुझसे प्यार हो जाए”
“ क्या शहर क्यागांव, सब बदलने लगेएक घर में कई चूल्हे जलने लगे…!!
बादलों से कह दो, जरा सोच समझ करबरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,तो मुकाबला बराबरी का होगा ।
घिरा हुआ हूं लोगो से, फिर भी अकेला हूँ मै। Ghira hua hun logo se fir bhi akela hun me.
आपको बारिश पसंद हेमुझे बारिश में तुमतुम्हे हसना पसंद हेमुझे हसते हुए तुमतुम्हे बोलना पसंद हेमुझे बोलते हुए तुमतुम्हे सब कुछ पसंद हेऔर मुझे बस तुम।
अकेले रहने की आदत हमें भी नहीं है साथ हम भी किसी का चाहते है मन लिए बताने को ये बात कोई है नहीं हमारे पास पर हम खुद की बात खुद से बताते है।
😍😍😍😍😍😍😍इतना प्यार तो हमे खुद से भी नहीं हुआजितना तुमसे होने लगा है.😍😍😍😍😍😍😍
Shehar Shayari in Hindi
मौसम हे बारिश का औरयाद तुम्हारी आती हेबारिश के हर कतरे से सिर्फतुम्हारी आवाज़ आती हे।
तेरे शहर में आये बरसात हो गई !!फिर एक अजनबी से मुलाक़ात हो गई !!
पढ़ते क्या हो आँखों में मेरी कहानी, ATTITUDE में रहना तो आदत है मेरी पुरानी।
हर निवाले की कीमत बता देती है जयपुर,हर किसी को मेहनत करना सिखा देती है जयपुर।
भाड़ में जाये लोग ओर, लोगो की बातें, हम वैसे ही जियेंगे, जैसे हम है चाहते।
राजस्थानी का कुँवारा लन्डुर बहुत खुश होरया हैईया बोल है अब तो अजमेरण ही परनाके ल्यासया
मेरी नमकीन सी जिंदगी की मिठास हो तुम ❤️
समुन्दर का किनारा और जयपुर का नजारा,हमारे दिल को लगता है बड़ा ही प्यारा.
राजस्थानी वाले छोरे तू धरती पे चाहे जहाँ भी रहेगी,में तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूँगा मेरी जान..
हमे तो पता था की तू कहीं, और का मुसाफीर था, हमारा शहर तो बस यूं ही तेरे, रास्ते मैं आ गया था !
यदि आप बारिश में भीगने का मजा नही ले रहे हैंतो बारिश की शायरी पढ़ने का मजा लीजिए.
हम दुनिया से अलग नहीं, हमारी दुनिया ही अलग है।
होती❌ नहीं है ❤️मोहब्बत सूरत 😌से,मोहब्बत♥️ तो दिल💘 से होती है,सूरत 😇उनकी खुद😅-ब-खुद लगती 👍है प्यारी,💘कदर 🤝जिनकी दिल💘 में होती है..😍😍
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
“जो लोग दूसरों को आजादी नहीं देते उन्हें खुद भी इसका हक नहीं होता”- अब्राहम लिंकन
मेरे 😇होंटो पे एक🤲 दुआ रहती है👍,हर पल ⏳मुझे आपकी 😅परवाह रहती है,खुदा🤲 हर ख़ुशी😇 ज़िंदगी में दे👍 आपको,हर दुआ🤝 में मेरी यही👍 तमन्ना रहती है..💥💥
कल रात मैने सारे गमआसमान को सुना दिएआज में चुप हु और आसमानबरस रहा हे
“ गांव का मज़ाशहर में ढूंढते हो ज़हर की दवा ज़हर में ढूंढते हो…!!
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेकिस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
मंजिल का तो ध्यान नहीं रहता,सफर में ही उलझा रहना अच्छा लगता है।– Manzil ka toh dhayaan nahi rehta,Safar mein hi uljha rehna acha lagta hai.
कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा धीमी बरसात का हैहमे तुम यूँही पागल मत समझोयह दिल पर असर पहली मुलाकात का है
इस शहर के अंदाज़ भी अजब है यारों, गुगो से कहा जाता है बहरों को पुकारो।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
“ यहाँ मौसम रंग बदलते हे मगर गाँव के लोग नहीं..!!
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं, रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं !
हकिकत ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो, भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो!!
ताउम्र तेरे साथ बीती रातों को फिर याद करेंगे, कह सकें अलविदा तुझसे इसलिए मेरे यार, आंसू का एक भी कतरा बहाए बिना बात करेंगे।
जिन्दगी में खुश रहने की एक ही परिभाषा, ना किसी पर भरोसा, ना किसी से आशा.
अमृत छोड़कर ज़हर पीने आया हूँ मैं, गांव छोड़ कर शहर जीने आया हूँ मैं।
कुछ मजबूरियां होती है दोस्तवरना कौन अपना गाँव छोड़ना चाहता है।
गुस्सा न 😡kar करने❌ पर मजाक😅तुझे😜 न पाने पर😌 हो जाऊंगा खाक💥💥💥
🤐प्यार कभी Caste और, 🙄Religion नहीं देखता, ☝️प्यार सिर्फ एक सच्चा और, ❤️Loyal दिल देखता हैं.
वोई चीजां आपनी पिछाण बनने हेजिका प्रति आपना लोग वफादार रवां हं ।
मेरा हर 👍लम्हा चुराया 😅आपने,आँखों 👀को एक👍 ख्वाब देखाया😌 आपने,हमें👍 ज़िंदगी दी 😇किसी और ने,😅पर प्यार ❤️में जीना सिखाया 🤟आपने.
वो हमें छोड़ कर क्या चले, ख्वाबों का आशियाना टूट गया, बड़ी जालिम थी वो रात जब, वो अलविदा कहकर जाना भूल गया।
“ गांव में जान अब भी हैरूतबा और शान अब भी है…!!!
“ शहर की हलचल से दूरयहाँ मन को आराम हैघर तो अपना गाव में ही है जनाबशहर में तो बस मकान है…!!
“ कितना तकलीफ उठाकर कमाते है,जब गाँव से कम उम्रके बच्चे शहर जाते है….!!
बारिश और चाय शायरीक्या मस्त मौसम आया है,हर तरफ पानी ही पानी लाया है,तुम घर से बाहर मत निकलना,वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं,और मेंढक निकल आया है।
जरा ठहरो की बारिश हेयह थम जाये तो फिर जानाकिसी का तुम को छू लेनामुझे अच्छा नहीं लगता।
तेरे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे, तेरी एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा ना लगे।
रस्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में, मंजिल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएँ !
माना की उससे बिछड़ कर हम उमर भर रोते रहे, पर मेरे मार जाने के बाद उमर भर रोयेगा वो!!
इतना Attitude मत दिखा अपने दिमाग का, जितना तेरा दिमाग है, उतना तो मेरा खराब रहता है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
आज बादल काले घने हैंआज चाँद पे लाखों पहरे हैंकुछ टुकड़े तुम्हारी यादों केबड़ी देर से दिल में ठहरे हैं
“ गाँव में कई लोगो का पेट भरता है.वो शहर में दिन रात मेहनत करता है,कई बार उसी उदासी घेर लेती है,दोस्तों का साथ उसे कुछ हौसला देती है….!!!
एक दुआ तुम्हारे दिल को सुकू मिले, एक ख़्वाहिश हमारे सिवा कहीं और न मिले!!
आगे कुआं पीछे खाई,बाहर कोरोना अन्दर लुगाई।
मन्ने नींद कट्ठे आवे है!!”प्रीत पुरानी थारी म्हारी,जीयू पानी संग मीन, दिन कटते हैं सुरत पे तेरी,रैन कटे रोये , हिवड़े बीच हैज घणो।
हुस्न 😃है पानी, अकड़ कर🤝 बैठना अच्छा❌ नहीं😅दिल मुझे ❤️को दे दो 👍ज्यादा भरना अच्छा 😅नहीं💯💯
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,मेरा घर छोड़ के पूरे शहर में बरसात हुई.
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई
अलविदा कह रहा हूं तुमसे मैं, अब तमन्ना को बाकी न रही है, चली आना तुम भी पीछे-पीछे मेरे, यहां से सीधी बस मेरे शहर जा रही है। गुड बाय।
“ जो कल तक टूटासा था वो जुड़ रहा है,अब हर परिंदा गाँवकी ओर मुड़ रहा है…!!
मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था, एक अजनबी मिला और उसने अपना बना लिया !
आज🌩️ बारिश में👍 तेरे संग नहाना🛀 हैं,सपना ये😇 मेरा कितना😍 सुहाना हैं,🤗🤗बारिश 🌨️की बूँदे जो 😱गिरे तेरे होंठो😇 पे,उन्हें🙄 अपने होंठो😇 से उठाना हैं…🤟🤟
होगी तुम्हारे पास ज़मानेभर की डिग्रीया,छलकती आँखों को ना पढ़ पाएतो अनपढ़ हो तुम ! 🍁
कही फिसल न जाओजरा संभाल कर चलनामौसम बारिश का भी हे औरमोहब्बत का भी।
मंजिल बड़ी हो तो सफर में कारवां छूट जाता है, मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है ।
शहर में रहकर इतने भी मतलबी मत हो जाना की आने वाली पीढ़ी को गांव का मतलब भी ना मालूम रहे।
“ शहर में सारे बीमार पड़े शहरी होना बीमारी हे शहरी प्रतिस्पर्धा हीगावों की हत्यारी हे…!!
“ जो लोग शहर कीदवा से ठीक नही हो पाते है,वो लोग अक्सर गाँवकी हवा से ठीक हो जाते है….!!
बहुत आभार है जयपुर का,जो गाँव के अनपढ़-गवांर को नौकरी देती है,उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति तोयहाँ के लोगों का निवाला तक छीन लेती है.
वो करो जो दिल कहे, जिंदगी आपकी है किसी के बाप की नही।
तुम्हारा याद आना भी कमाल होता है, कभी तो आ कर देखो हमारा क्या हाल होता है!!
जरूरी तो नहीं कि नज़दीकियों में ही प्यार हो, फासलो में भी इश्क़ की बुलंदियां देखी है हमने!!
अगर अपने आप से ऊब जाए तो, जरूर सफर पर निकल जाय, हो सकता है की आपकी जिंगदी संवर जाए !
गांव और शहर पर शायरी
बारिश पर रोमांटिक शायरीबारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस क़दर है,वो बरश्ता उधर है,और मेरा दिल धड़कता इधर है।
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!
यूँ तो पास पैसा बहुत है शहरों के, मगर सुकून यहाँ दूर दूर तक नहीं दिखाई देता।
ना हमे है टेंसन ना फिकर,जहाँ जयपुर जिलावाले खड़े होते हैवहाँ matter हमेशा बड़े होते हैंवहाँ राजस्थानी भी खड़े होते हैं
सहर ही हलचल से दूरयहाँ मन को आराम हैघर तो अपना गाव में ही है जनाबसहर में तो बस मकान है।
हम समंदर हैं हमें खामोश ही रहने दो, ज़रा मचल गये तो शहर ले डूबेंगे।
अगर मेरी चाहते के मुताबिक़ज़माने में हर बात होतीतो बस में होता और वो होतीऔर सारि रात बरसाद होती।
लबो 😌से जिस्म 😅छू लूँ तेरा,😇सांसो 😜में साँस😁 जगा जाऊ😇😇तेरी 👍इजाजत हो🤟 तो,मैं तुझमे🤗 समां जाऊ💥💥
“ मां ने अपने दर्दभरे खत में लिखासड़कें पक्की हैंअब तो गांव आया कर…!!
एक अच्छा फ्यूचर देने वाली तो सबको मिल जाती है लेकिन सच्चा प्यार करने वाली किस्मत से मिलती है.❤️
नफरत सी होने लगी है, इस सफर से अब जिंदगी कहीं तो, पहुँचा दे खत्म होने से पहले !
मेरी एक चाहत है कि एक चाहने वाला ऐसा हो, जो चाहने में बिल्कुल मेरे ही जैसा हो!!
यकीन 👍करो तुम🙄 मुझ पर जो😅 जालिम हाथ उठ्येगा🤝त्रिया है👍 नागिन चरित्र 😜पड़ा दूंगी तो🤔 जह्नुम्म में जायेगा😅😅
“ शहर में परिंदों के लिएभी ठिकाना नही है,पर गाँव के बेरोजगारोंको यह बताना नही है….!!
हम दुश्मनों को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं, हाथ नहीं उठाते बस नज़रों से गिरा देते हैं।
“ गाँव के लोगो केहालात खराब होते है,मगर वो दिल के खराब नही होते है….!!
जब से लोगों की परवाह करनी छोडी है, तब से जिंदगी खूबसूरत हो गई है।
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक घटाके लिए हम तरसते रहेआस्तीनों के सायेमें पाला जिन्हें,साँप बनकर वही रोज डसते रहे!
जलवा❌ तो तेरी😌 कमर का है,😅जो 😁मटकती है😜 इधर-उधर,करने दो 👍इसका टेस्ट हमें,💥💥इतना♥️ बड़ा लेकर 😅जाओगी किधर।😜😜
“ बाहर आकर पैसा कमाया बहुत,गाँव का घर भीयाद आया बहुत….!!!
कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा धीमी बरसात का है,हमे तुम यूँही पागल मत समझोयह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए दुनिया तो भगवान से भी दुखी है!
राजस्थानी मीणा कभी किसी का दिल नही दुखाते..क्योंकि अगरउसने सब्र करके रब पर छोड़ दिया तोतुम्हारे लिए जहर बन जायेगा
“ ग़रीबी में भी अपने बच्चेको अच्छा संस्कार देना,दुनिया में कही भी रहोगाँव की मिट्टी को प्यार देना….!!
मेरे इश्क का पहिया भी कुछ ऐसा अटक गया, किया जो इजहार का मैसेज वो तेरी शादी तक लटक गया। अलविदा प्रिये!
आज बारिश में तेरे संग नहाना है, सपना ये मेरा कितना सुहाना है, बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होंठो पे, उन्हें अपने होंठो से उठाना है!!
कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं, लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं|
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है। Akela bhi is tarha pad gaya hun ki mera hosla bhi sth na de rha h.
#गुलामी तो हम सिर्फ अपने ‘माँ-बाप’ की करते है, वरना, दुनिया के लिए तो हम कल भी #बादशाह थे, और आज भी।
‘“ शहर की मक्कारीगाँव में आने लगी,सीधे-सादे लोगो कोठग कर जाने लगी….!!
मेरे जीवन गी हर शामरेवे है थारे नाम,हिवड़े में भरी है खुशियांबस हर पल जपता रहता हूँ तेरा नाम।
एक गांव भगा था शहर से, फिर ऐसा कटा की शहर हो गया।
कोई 😇है जो दुआ 🤲करता है,👍अपनों मे 😅मुझे भी गिना 🤝करता है,🔥🔥बोहत😇 खुशनसीब🤝 समझते है खुद को 😁हम,दूर रह 😅कर भी जब कोई 😜प्यार किया करता😌 है…🤝🤝
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है,मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
गम देना पर आंसू मत देना, प्यार के बदले धोखा मत देना, जो चाहे मांग लो पर जिंदगी में, पर कभी अलविदा मत कहना।
गलती से भी कभी ये भूल मत करना, बहुत जल्दी किसी को क़ुबूल मत करना।
अजीब सी पहेलियां हैं मेरे हाथों की लकीरों में, लिखा तो है सफर मगर मंजिल का निशान नहीं !
“ गाँव में बड़े होने पर भीबच्चों को माँ-बाप डांटते है,ऐसा लगता है जैसेअपनापन और खुशियाँ बांटते है….!!
अजीब है हुस्न मै छोड़ नहीं सकता।किसी भी हालत से मुख मोड़ नहीं सकता।
“ पेड़ में धागा बांधकरपूरी होती है मुरादे,कितनी प्यारी-प्यारीसजोकर रखते है यादें….!!
बारिश का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं,किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं,फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैंये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हैं.
आए ठहरे और रवाना हो गए,ज़िंदगी क्या है, सफ़र की बात है।– हैदर अली जाफ़रीAaye Thahare Aur Rawana Ho Gaye,Zindagi Kya Hai, Safar Ki Baat Hai.
किनारे आकर मिलते है जिस तरह लहरों से कभी कभी, हम भी गाँव से उस तरह मिलते हैं।
“ मेरी चाहत शहर हे मगर मेरी मोहब्बत तो आज भी गाँव ही हे…!!
तुम नहीं होते हो तो बहुत खलता है, प्यार कितना है तुमसे पता चलता है!!
दिल तो आशिको के पास होता है,राजस्थान आळा कन तो लठ होव ह…
तेरे प्रेम की बारिश हो,मैं जलमग्न हो जाऊं,तुम घटा बन चली आओ,मैं बादल बन जाऊं।
नाराज़ दिल को मना लूंगा |तू मुझसे कितना भी दुर जा |तुझे मैं अपना बना लूंगा |
“ गाँव में दिखती नहीतरक्की की निशानी,पर यहाँ की सुबहहोती है बड़ी ही सुहानी….!!
हमें बारिश इसलिए पसंद हेक्योकि बारिश में हम दिल खोलकररो सकते हे और किसी कोपता भी नहीं चलता
चाँद हो या सूरज, चमकते सब हैं अपने वक्त आने पर!
बारिश हुई और भीग गये हम,रजनीकांत ने फूँक मारी सूख गये हम.
मुझको समझाया ना करो, अब तो हो चुकी हूं मुझ में, मोहब्बत मशवरा होती तो तुम से पूछ लेता!!
आज फिर ”हास्टल” में कहीं से इक मीठी ”खुशबू” छाई है, लगता है किसी के हिस्से में_माँ के हाथ की रोटी आई है।
सब कुछ ठीक हो जाए ज़िन्दगी के खेल में ऐसा एक दाव चला जाए, बहुत हो गया शहर का रोना चलो फिर गांव चला जाए।
गाँव में त्यौहार, त्यौहार सा लगता हैजब पूरा गाँव एक परिवार सा लगता है।
बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,आज पूरी हुई उनकी ख्वाहिश,भीग लो अपनों को याद कर के,मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश।
😎पूरी दुनिया🌍 भुला कर जब वो कहे👉 I Love You ,वो प्यार❤️ हैं.
ना Pimple😞 वाली के लिये, ना 😟Dimple वाली के लिये, 💥ये Status है सिर्फ 😘अपनी Simple😍 वाली के लिये.❣️
हर किसी के हाथ में बिक जाने को तैयार नहीं,यह मेरा दिल है आपके शहर का अखबार नहीं.
न हो दाखिल मेरे ख्वाबों में इस तरह, क्योंकि, यह ख्वाब बस मेरा जागने तक ही है। गुड बाय।
घर म लुगाई को घूंघटऔर दादोसा कोसाफों राजस्थान की शान मानी ज है
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहींभीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
अगर तुम यही चाहते हो की😊 में “”Sad”” न रहू तो😭 Please कभी गुस्सा होकर भी😠 मुझसे दूर मत जाना😍😘
पहले रिम-झिम फिर बरसात और अचानक कडी धूप,मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है!
पता था मुझे बारिश होंगी,बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने।
पाथर की माकान फीकी पार जते हैजब गाँव की मिति बाली घर याद आते है
सुण रै म्हारी सखी सहेली,किती सुखी है आ छोटी सी चिड़कली |