Dadi Maa Shayari In Hindi | दादी माँ शायरी स्टेटस
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2024-08-30 12:24:12 - Milan
भूखा सिंह न तिनका खाय. शेर कितना भी भूखा क्यों न हो, घास नहीं खा सकता. वीर पुरुष कितने भी संकट में हों, अपने आदर्शों से समझौता नहीं करते.
लग जाय तो तीर, नहीं तो तुक्का. तुक्का – बिना फलक का तीर. जब कोई व्यक्ति अंदाज़े से कोई बात कहता है (कि ठीक बैठ जाए तो अच्छा है, नहीं तो कोई बात नहीं).
मन का घाटा कि धन का. धन चला जाए तो इतना नुकसान नहीं मालूम देता, मन में घाटा मानो तभी घाटा होता है.
जिस के पास न पैसा, वह भलामानस कैसा. जिसके पास धन होता है उसको लोग भलामानस समझते हैं, निर्धन को लोग भलामानस नहीं समझते.
पहले चारा भितर, फिर देवता पितर. इंसान पहले खाने की चिंता करता है उसके बाद उसे देवता और पितृ याद आते हैं.
कहना सरल है करना कठिन. अर्थ स्पष्ट है.
अहिर मिताई कब करे जब सब मीत मरि जाए. (भोजपुरी कहावत) अहीर से दोस्ती तब करो जब सब दोस्त मर जाएँ.
बेदिल नौकर, दुश्मन बराबर. जो नौकर अपनेपन से काम न करे वह दुश्मन जैसा है (उसे मालिक के हानि लाभ की कोई परवाह नहीं होती).
लक्ष्मी उद्यमी की चेरी होती है. लक्ष्मी उद्यम करने वाले की दासी बन कर रहती है.
इस बुरी खबर के बारे में सुनकर बहुत दुःख हुआ और मैं आपके और आपके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ।
जीवन के दो सबसे बेहतरीन तजुर्बे, एक बचपन और दूसरा दादा -दादी का बचपना।
लेखे का नाम चोखा. चोखा – बहुत अच्छा. लेखा जोखा ठीक रखना हमेशा लाभदायक रहता है.
बीमार की राय बीमार. अस्वस्थ आदमी की राय मानने लायक नहीं होती (क्योंकि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं होती और उसकी सोच भी नकारात्मक हो जाती है).
बामन, कुक्कुर, घोड़िया, जात देखि नरियाए. ब्राह्मण, कुत्ता और घोड़ा अपनी ही जाति के दुश्मन होते हैं.
पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आते. पहाड़ का पानी नीचे को बह जाता है और पहाड़ी युवक काम की तलाश में मैदानी इलाकों में चले जाते हैं.
गाँठ में जमा रहे तो खातिर जमा. जिस व्यक्ति का धन उस के पास रहता है वह निश्चिंत रहता है.
अनकर मूड़ी बेल बराबर. दूसरे का सिर बेल के समान तुच्छ. अनकर – दूसरे का, मूड़ी – सिर (मुंड).
गाँव जले, नंगे को क्या. यहाँ नंगे से तात्पर्य बेशर्म आदमी से भी हो सकता है और अत्यधिक गरीब से भी. गाँव के जलने का इन दोनों पर कोई फर्क नहीं पड़ता.
मारा चोर उपासा पाहुन लौटता नहीं. मार खाया हुआ चोर और भूखे लौटाया हुआ अतिथि दोबारा नहीं आते. उपासा – उपवास कराया हुआ.
खरबूजा खरबूजे को देख कर रंग बदलता है. जो लोग दूसरों को देख कर रंग बदलते हैं उनका मज़ाक उड़ाने के लिए.
माँगने से तो मौत भी नहीं मिलती. मांगने से कुछ नहीं मिलता, इसलिए कुछ माँगना चाहिए ही नहीं. इस बात को जोर दे कर कहने के लिए यह कहावत कही जाती है.
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवगंत आत्मा को शांति प्रदानकर परिजनों को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करेभावपूर्ण श्रद्धांजलि
माटी की मूरत भी पहनी ओढ़ी अच्छी लगती है. अच्छे कपड़े पहनने का बड़ा महत्व है.
खट्टा खट्टा साझे में, मीठा मीठा न्यारा. जो फल खट्टा निकल गया उसको बाँट कर खाओ और जो मीठा है वह केवल मेरा है. निपट स्वार्थपरता.
जो फल चक्खा नहीं वही मीठा. जो चीज़ अपने को उपलब्ध नहीं है उसको हम बहुत अच्छा समझते हैं. (दूर के ढोल सुहावने)
कोढ़ी का टका भी मंदिर में चढ़ता है. 1. भगवान् के यहाँ सब बराबर हैं. 2. कोढ़ी से वैसे तो सब लोग छुआछूत मानते हैं पर पैसा उस के हाथ से भी ले लेते हैं.
विषय में विष है. भोग विलास मनुष्य के लिए विष के समान हैं.
सुंदर कपड़े और खिलौने,मुझे दिलाए दादी-माँ।बात सुनाए, गीत सुनाए,रूठूँ तो मनाए दादी-माँ।
आलसी सदा रोगी. आलसी आदमी कभी स्वस्थ नहीं रह सकता.
कमाऊ पूत किसे अच्छा नहीं लगता. स्पष्ट.
खाओ दाल रोटी चटनी, कमाई कितनी भी हो अपनी. आमदनी अधिक हो तब भी सादगी से रहना चाहिए.
एक चुप सौ को हरावे. दस लोग आप को बुरा कह रहे हों, यदि आप चुप रहते हैं तो वे अंततः चुप हो जाते हैं.
हिसाब किताब तो बाप बेटे में भी जायज़ है. निकट से निकट सम्बन्ध में भी हिसाब किताब पूरा रखना चाहिए.
पट्ठों की जान गई, पहलवान का दांव ठहरा. पहलवान अपने चेलों और चमचों पर अपने दांव आजमाते हैं, उसी पर कहावत.
जिस को आदत है मेहनत की, उसको कमी नहीं है दौलत की. जो मेहनत करते हैं वे इतना पैसा तो कमा ही लेते हैं कि उनको अभावों में न रहना पड़े.
तू कबर खोद मोकों, मैं गाड़ आऊँ तोको. तू मेरे लिए कब्र क्या खोदेगा मैं ही तुझे गाड़ दूंगा.
चोर चाहे हीरे का हो या खीरे का, चोर चोर ही होता है. अर्थ स्पष्ट है.
मुआ घोड़ा भी कहीं घास खाता है. मरा हुआ घोड़ा घास नहीं खाता. पितरों को श्राद्ध करने पर व्यंग्य. रिटायर्ड रिश्वतखोर अफसरों पर भी व्यंग्य.
आँखों देखी साची, कानों सुनी काची. जो आँखों से देखते हैं वही सच है, कान से सुनी झूठी भी हो सकती है.
कुत्ता भौंक भौंक कर मरे, मालिक को परवाह ही नहीं. निष्ठुर लोगों को अपने सेवकों के कष्टों की कोई चिंता नहीं होती.
खर को गंग न्हवाइए, तऊ न छांड़े खार. कितना भी प्रयास करो, दुष्ट व्यक्ति अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता.
बड़ी आसानी से मैंने बुलंदियों के सारे निशान को छुआजब माँ ने मुझे गोद में उठाया तो मैंने आसमान को छुआ
नाचे कूदे वानरा, माल मदारी खाय. (खेल खिलाड़ी का, पैसा मदारी का). मेहनत कश लोग मेहनत करते हैं और बड़े लोग उसका फ़ायदा उठाते है.
टेंटी बेर काल के मीत, खाएँ किसान और गावें गीत. टेंटी और बेर जैसे फल अकाल के दिनों में ग़रीबों के काम आते हैं.
चाकरी में न करी क्या. नौकरी करने वाला किसी काम को मना नहीं कर सकता.
थोड़ा कमावे खरचे घनो, पहला मूरख उस को गिनो. सबसे बड़ा मूर्ख वह है जो कमाता कम है और खर्च अधिक करता है.
सोते को जगावे, स्वांग करते को क्या जगावे. जो सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जो सोने का नाटक कर रहा हो उसे कैसे जगा सकते हैं. स्वांग – नाटक.
सोना मिट्टी में भी चमकता है. जिन में उत्तम गुण होते हैं वे सभी परिस्थितियों में अपनी अलग पहचान बना लेते हैं.
हँसुआ के ब्याह में खुरपी के गीत. बेमेल काम. ब्याह तो हंसुआ (हँसिया) का हो रहा है और गीत खुरपी के गाए जा रहे हैं.
ऊंट बलबलाता ही लदता है. जो लोग कोई काम करने में लगातार अनिच्छा और नाखुशी जाहिर करते रहते हैं उनके लिए.
काणी का संग सहा न जाए, कानी बिना भी रहा न जाए. किसी व्यक्ति की पत्नी कानी है. अब उसके साथ रहने में भी परेशानी है और उसके बिना काम भी नहीं चलता.
कोतवाल को कोतवाली ही सिखाती है. किसी भी व्यवसाय को करने वाला व्यक्ति उस काम को करके ही सीखता है.
कुत्ता न देख, कुत्ते के मालिक को देख. कुत्ते की अहमियत कुत्ते के मालिक की अहमियत के अनुसार आंकी जाती है.
उधार बड़ी हत्या है. उधार लेना और देना दोनों ही परेशानी का कारण बनते हैं.
पैसा ना कौड़ी, बाजार जाएँ दौड़ी (पैसा न कौड़ी, बीच बाज़ार में दौड़ा दौड़ी). साधन हीन होने पर भी ख़याली पुलाव पकाना.
जासे जाको काम, सोई ताको राम. जिससे आपका काम बनता हो वही आपके लिए ईश्वर के बराबर है.
भावी के वश सब संसार. भाग्य के वश में सारा संसार है.
चाह करी ताकि चाकरी कीजे, अनचाहत का नाम न लीजे. जो प्रेम करे उसकी नौकरी करो और जो न करे उस का नाम भी न लो.
जान बची, लाखों पाए. किसी आदमी पर कोई खतरा आया और टल गया तो यह कहावत बोली जाती है.
जबरदस्त के बीसों बिस्वे. जो जबरदस्त है वह सारा हिस्सा खुद लेना चाहता है. एक बीघे में बीस बिस्वे होते हैं. (देखिये परिशिष्ट)
बुरा कब्र तक कोसा जाए. बुरे व्यक्ति को लोग मरने के बाद तक कोसते हैं.
एक जना झख मार मरे, पांच का काम पांचै करें. जो काम पांच आदमियों के करने का है उसे एक आदमी कितना भी प्रयास करें नहीं कर सकता.
दीवे को परवा नहीं, जल जल मरे पतंग. एकतरफा प्रेम करने वालों के लिए यह कहावत कही जाती है.
चोर बन्दीखाने, तलवार सिरहाने. चोर पकड़ लिया गया, अब तलवार उठा कर रख दो.
बुड्ढी बकरी और हुंडार (भेड़िया) से ठट्ठा. अपने से बहुत अधिक शक्तिशाली शत्रु से पंगा लेना.
शेर का झूठा गीदड़ खाय. नेताओं और बड़े आदमियों के चमचों पर व्यंग्य.
खुदा का मारा हराम, अपना मारा हलाल. मांसाहारी लोग अपने आप से मरे हुए जानवर का मांस नहीं खाते बल्कि इंसान द्वारा मारे हुए जानवर का मांस ही खाते हैं.
दादी माँ शायरी स्टेटस
उस घर पर खुदा के रहमत का फरमान है,जिस घर में बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान है..!
चने चबाओ या शहनाई बजाओ. अगर शहनाई बजाना है तो चने नहीं चबा सकते. जब दो प्रिय कामों में से एक को चुनने की मज़बूरी हो तो.
पूरे घर में एक घाघरा, पहले उठे सो पहने. घोर अभाव की स्थिति. वस्तुएं कम हैं और उपभोक्ता अधिक हैं, जो पहले पहुंचेगा वह पाएगा.
माँ को मारे, सासू को सिंगारे. ऐसे निकृष्ट बेटे के लिए जो माँ को प्रताड़ित करे और सास की गुलामी करे.
रूप लाल जी गुरू बाकी सब चेला. रुपया सब का गुरु है.
गाय दुही और कुत्तों को पिलाया (गाय दुही और गधे को पिलाया). परिश्रम से अर्जित किए हुए धन को बर्बाद कर देना. घर के लोगों से छीन कर अपात्रों को बांटना.
चले जब तक चलने दो. जब तक काम चले चलाना चाहिए.
बड़े बड़े बादल टकराते हैं तो बिजली चमकती है. बड़े लोगों की लड़ाई के परिणाम भयानक हो सकते हैं.
फूल नहीं पंखुड़ी ही सही. बहुत न सही, थोड़ा ही सही.
कडवी बेल की तूमड़ी उस से भी कड़वी. किसी निम्न श्रेणी के परिवार का कोई व्यक्ति और अधिक ओछी हरकत करे तो.
नाप न तोल, भर दे झोल. ईश्वर जो देता है उसकी नाप तोल नहीं करता, भरपूर देता है.
फूटे घड़े में पानी नहीं टिकता. जिस के भाग्य फूटे हों या बुद्धि भ्रष्ट हो उस के पास धन नहीं टिक सकता.
घर रहे घर की खाय, बाहर रहे तो भी घर को खाय. निठल्ले आदमी के लिए.
ਇਕ ਚੰਗੀ ਮਾਂ ਹਰ ਪੁੱਤ ਕੋਲ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਪਰ ਇੱਕ ਚੰਗਾ ਪੁੱਤ ਕਿਸੇ ਕਿਸੇ ਮਾਂ ਕੋਲ ਹੁੰਦਾ ਹੈ।
अच्छी नीयत, अच्छी बरकत. अच्छी नीयत से किये काम में लाभ होता है.
शेर की मांद खाली नही रहती. सत्ता का सिंहासन कभी खाली नहीं रहता. कोई दूसरा शेर नहीं होगा तो कोई चालाक गीदड़ ही कब्ज़ा जमा लेगा.
माता पिता के बिना दुनिया की हर चीज कोरी हैंदुनिया का सबसे सुंदर संगीत माँ की लोरी हैं।
इन्दर राजा गरजा, म्हारा जिया लरजा. बरसात आने पर गल्ले का व्यापारी घबरा रहा है कि सामान कहाँ रखूँ, जो भीग कर खराब न हो. (कुम्हार के लिए भी).
खाने को हम और लड़ने को हमारा भाई. स्वार्थी और अवसरवादी लोगों के लिए.
कुंजड़े का गधा मरे और तेली सर मुंडाए. दूसरे के दुख में अनावश्यक दुखी होना.
जो पहले मारे सो मीर. लड़ाई में जो पहले मारता है वह मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर लेता है.
जहाँ बस्ती होती है वहाँ कुत्ते भी होते हैं. अच्छे इंसानों के बीच बुरे लोग भी अवश्य होते हैं.
आम बोओ आम खाओ, इमली बोओ इमली खाओ. जैसा करोगे वैसा ही फल पाओगे. इंग्लिश में कहावत है As you sow, so shall you reap.
भीड़ में सिर बहुत, दिमाग एको नहीं. भीड़ में विवेक नहीं होता.
एक बेटी लाइ, दूजी मिठाइ, तीसरी होय तो तीनों बलाइ. एक या दो बेटियां प्रिय लगती हैं लेकिन अगर तीन हो जाएं तो तीनों मुसीबत लगने लगती हैं.
कमावे तो वर, नहीं कुआंरा ही मर. कमाने की सामर्थ्य हो तभी विवाह करना चाहिए नहीं तो कुआंरा ही रहना चाहिए.
अपना अपना घोलो अपना अपना पियो. सत्तू के लिए कहा गया है. कहावत का अर्थ है कि अपनी व्यवस्था स्वयं करो.
चिड़ियों की मौत, गवारों की हंसी. मूर्ख लोग यह नहीं देखते कि उन के मनोरंजन में निरीह लोगों का कितना नुकसान हो रहा है.
गोद नहीं सिंघासन था वो मेरे दादा-दादी की गोद में मैं राजा बनकर बैठता था।
देखा बाप घर, करे आप घर. लड़की ने जो अपने मायके में देखा होता है वही ससुराल में करना चाहती है.
सीधा साधा भोला भाला मैं ही सबसे अच्छा हूं कितना भी हो जाऊं बड़ा पर दादी मां मैं आज भी तेरा बच्चा हूं
अपनी ओर निबाहिए, बाकी की वह जाने. आपका जो कर्तव्य है उसे आप निभाइए, बाकी ईश्वर के हाथ में है.
बाबरे गाँव में ऊँट पाहुना. मूर्खों के बीच में कुछ भी संभव है (वे ऊँट को भी सम्मानित अतिथि मान सकते हैं).
यहाँ का मुर्दा यहीं जलेगा, वहाँ का मुर्दा वहीँ. जो काम जहाँ के लिए उपयुक्त है उसे वहीं करना चाहिए.
कफन में जेब ना दफन में मेव. ज्यादा जोड़ कर कहाँ ले जाओगे, कफन में जेब नहीं होती और कब्र की दीवार में आले नहीं होते.
बाप जिन्न और बेटा भूत. जहाँ बाप बदमाश हो और बेटा उस से भी बढ़ कर हो.
डायन को भी दामाद प्यारा. अपना दामाद सबको प्यारा होता है, डायन को भी.
ईश्वर इनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें!ॐ शांति शांति… भावभीनी श्रदांजलि शत् शत् नमन !!
विपत्ति में क्या मोल भाव. विपत्ति से बचने के लिए जो भी चीज़ चाहिए होती है उसका दाम नहीं देखा जाता.
भैस पूछ उठाएगी तो गाना नहीं गाएगी गोबर करेगी. कोई मूर्ख या निकृष्ट आदमी मुँह खोलेगा तो निकृष्ट बात ही बोलेगा.
बन्दर की दोस्ती, जी का जियान. ऊपर वाली कहावत की भांति.
क्या करे नर बांकुरो, जब थैली को मुख सांकरो. धन के अभाव में योग्य व्यक्ति भी असहाय हो जाता है.
घर के ना घाट के माई के न बाप के. नितांत आवारा.
लड़का रोवे बालों को, नाई रोवे मुड़ाई को. लड़का कह रहा है कि मेरे बाल ठीक से नहीं कटे और नाई कह रहा है कि मुझे पैसे कम मिले. सबको अपनी ही चिंता है.
वो लोग होते हैं बड़े बेशरम, जो अपने बूढ़े माँ-बाप को भेज देते हैं वृद्ध आश्रम।
दादी पैसे खर्च करती है पर कुछ पाने के लिए नहीं बल्कि, मेरी मुस्कान खरीदने के लिए।
रंग में भंग. जहाँ कोई आनंद दायक कार्य चल रहा हो वहाँ यदि अचानक कोई विघ्न बाधा उपस्थित हो जाए तो यह कहावत कही जाती है.
जैसी पड़े मुसीबत, वैसी सहे शरीर. जैसी परेशानी आती है शरीर वैसा ही अपने को ढालता है.
पूरे घर के दर्द को तजुर्बे से सहलाती है,जब बच्चे जिद करे तो दादी माँ ही फुसलाती है.
बैल बेच घंटी पर रार (भैंस बेच पगहे पर झगड़ा). बड़ा सौदा कर के छोटी सी बात पर लड़ना. रार – झगड़ा. पगहा – गाय भैंस को बाँधने की रस्सी.
पोथा सो थोथा, पाठे सो साथै. पोथियों में जो लिखा है वह हमारे लिए व्यर्थ है, जो हम ने पढ़ लिया व कंठस्थ कर लिया वही हमारे साथ रहने वाला है.
सूरज की पहली किरण से आशा का सवेरा जागे चंदा की किरण से धुल कर घनघोर अंधेरा भागे कभी धूप खिले, कभी छाँव मिले लम्बी सी डगर न खले जहाँ ग़म भी नो हो..
मित्र को मिलाप अति आनंद को कंद है. किसी बिछड़े हुए मित्र से मिलना दुनिया के सबसे बड़े सुखों में से एक है.
“ दादीजी जब से आपके प्यारकी छाया अब हमारे सर से हट गई हैलगता है मानो कोई बहुत बड़ीदुर्घटना हमारे साथ घट गई है…!!
अकल की बदहजमी. जो आदमी अपने को बहुत अधिक बुद्धिमान समझता हो उस का मजाक उड़ाने के लिए.
आतुर खेती, आतुर भोजन, आतुर कीजे बेटी ब्याह. खेती, भोजन और बेटी का ब्याह, इन तीनों कामों में शीघ्रता करनी चाहिए.
काटने को आई चारा, खेत पर इजारा. इजारा – ठेका, पट्टा. चारा काटने को आई और खेत पर अपना दावा ठोंकने लगी. अनधिकार चेष्टा करने वालों के लिए.
प्यासे को पिलाओ पानी, चाहे हो जाए कुछ हानी. प्यासे को पानी अवश्य पिलाना चाहिए, चाहे इसमें कुछ हानि क्यों न उठानी पड़े.
न्यौता बामन, शत्रु बराबर. ब्राहण को न्यौता देना अपने लिए मुसीबत बुलाना है.
कब्र में छोटे बड़े सब बराबर. अपने जीवन काल में हमें घमंड नहीं करना चाहिए इस को याद दिलाने के लिए बताया गया है कि मरने के बाद सब बराबर हो जाते हैं.
ज्यादा मेहनत से गधा हो जाता है. इतना अधिक परिश्रम नहीं करना चाहिए कि आदमी गधे से भी गया गुजरा हो जाए.
माता पिता के बिना दुनिया की हर चीज कोरी हैं,दुनिया का सबसे सुंदर संगीत माँ की लोरी हैं।
चाहे देकर भूल जाए, पर लेकर कभी न भूले. उधार दे कर वापस लेना भले ही भूल जाओ, लेकर वापस करना कभी नहीं भूलना चाहिए.
आंधी के आगे पंखे की हवा (आंधी के आगे बेने की बतास). उसी अर्थ में है जैसे कहते हैं – सूरज को दिया दिखाना.
मियाँ फिरें लाल गुलाल, बीबी के हैं बुरे हवाल. जहाँ पति सजधज के छैला बने घूमते हों और पत्नी घर के कामों में ही पिसती रहती हो.
अपनी नरमी दुश्मन को खाय. आप यदि झुक जाएँ तो दुश्मनी समाप्त हो सकती है. (हार मानी, झगड़ा टूटा).
जो मैं ऐसा जानती प्रीत किये दुःख होए, नगर ढिंढोरा पीटती प्रीत न करियो कोए. प्रेम कर के दुःख उठाने वाली स्त्री का कथन.
Dadi Maa Shayari Status Quotes in Hindi
पाव भरी की देवी और नौ पाव पूजा. देवी छोटी सी हैं और पूजा की सामग्री बहुत सारी है. किसी अपात्र का बहुत अधिक सत्कार करने पर.
बोले सो तेल को जाए. चुप रहना सबसे अच्छा है. जो बोलेगा वही तेल लेने जाएगा. (जो बोले सो कुण्डी खोले).
अकल बड़ी या भैंस. कोई मूर्ख आदमी बेबकूफी की बात कर रहा हो और अपने को बहुत अक्लमंद समझ रहा हो तो उसका मज़ाक उड़ाने के लिए इस कहावत को बोलते हैं.
सुई चोर सो बज्जर चोर. चोर तो चोर है, चाहे वह सुई चुराए या कोई बड़ी चीज़ चुराए.
मुर्गी को तकुआ का घाव ही बहुत है. छोटे आदमी को छोटा मोटा नुकसान भी बहुत बड़ा लगता है. तकुआ – चरखे से लगी लोहे की सलाई जिस पर सूत लपेटते हैं.
कुआंरी को सदा बसंत. वैश्या के लिए व्यंग्य.
घरवाले का एक घर, निघरे के सौ घर. गृहस्थ व्यक्ति का एक ही घर होता है, घर विहीन व्यक्ति के लिए हर जगह घर है.
दिल्ली की तुर्कनो मरे और बूंदी का राजपूत सिर मुंडाए. किसी अनजान व्यक्ति के दुख में अनावश्यक दुखी होना. तुर्कनो – मुस्लिम स्त्री.
दम है तो क्या गम है. अपने अंदर शक्ति है और आत्मविश्वास है तो कोई काम कठिन नहीं है.
तिल तिल खाए, पहाड़ बिलाय. कितना भी धन इकट्ठा हो यदि उसमें से थोड़ा-थोड़ा लगातार खर्च करते रहोगे और उसमें जोड़ोगे नहीं तो कभी न कभी वह खर्च हो जाएगा.
ऊंट को दगते देख मेंढकी ने भी टांग फैला दी. कहावत का अर्थ है किसी छोटे आदमी द्वारा अपने से बहुत बड़े आदमी की बराबरी करने की कोशिश करना.
बाप का किया बेटे के आगे आता है. मनुष्य जो गलतियाँ करता है वो उसकी संतानों को भुगतनी पड़ती हैं.
गूंगे के सैन को और न समझे कोय, या समझे माई या समझे जोय. गूंगे के इशारों को माँ समझती है या पत्नी.
ऊँट दुल्हा गधा पुरोहित. दो एक से बढ़ कर एक मूर्ख लोग मिल जाएं तो.
जेब जितनी भारी, दिल उतना हल्का. पैसा आने के साथ आदमी और अधिक स्वार्थी और कंजूस होता जाता है.
बिल्ली भई मुखिया, गीदड़ करमचारी. जहाँ हाकिम और मातहत सभी धूर्त हों.
मरे मुक्ति केहि काम. मर कर कष्टों से मुक्ति मिले तो किस काम की.
हलक का न तालू का, ये माल मियां लालू का. नंबर दो का धन.
सास से बैर, पड़ोसन से नाता. अपने घर के सगे सम्बन्धियों से अधिक पड़ोसियों को तवज्जो देना.
अपनी हंसी हंसना, अपना रोना रोना. केवल अपना स्वार्थ देखना. दूसरे के सुख दुःख में शरीक न होना.
प्रिय दादी जी भले ही आज आप हमारे साथ नहीं है लेकिन हमेशा आप हमारे साथ हमारे दिल में याद बनकर रहोगे
नाहीं चीन्ह तो नाया कीन्ह. 1. जिस काम की समझ नहीं है उसे मत करो. 2. पुरानी वस्तुओं की पहचान नहीं है तो नई खरीदना चाहिए.
जहां शहद वहां माखी. जो लाभ का स्थान होगा वहाँ बहुत से लोभी लोगों का जुटना स्वाभाविक ही है.
बिल्ली के सपने में चूहा. धूर्त व्यक्ति को सपने में भी अपने फायदे की बात ही दिखती है.
खर्चा घना पैदा थोड़ी, किस पर बांधूं घोड़ा घोड़ी. आमदनी से अधिक खर्च है, किस बूते घोड़ा पाल लूँ. (घोड़ा पालना बहुत महंगा शौक है)
ऊँट न कूदे, बोरे कूदें, बोरों से पहले उपले कूदें. जहाँ अफसर कुछ न बोले लेकिन उस के नीचे के कर्मचारी ज्यादा तेजी दिखाएँ.
भेड़ जहां जाएगी वहीं मुंड़ेगी. सीधा साधा आदमी जहाँ जाएगा वहीं ठगा जाएगा.
संसार भेड़िया धसान है. संसार में सभी बिना सोचे समझे एक दूसरे के पीछे भाग रहे हैं.
फकीर की सूरत ही सवाल है. जरूरत मंद कुछ न भी मांगे तो भी उसकी सूरत देख कर ही अंदाजा हो जाता है कि वह जरूरत मंद है.
पूतों का क्या बुरा, बुरे वो जिन के पूत न हों. संतान को पालने में यदि कोई लोग परेशानी महसूस करते हैं तो बड़े बूढ़े उनको यह समझाते हैं.
जिस की गोद में बैठे उसी की दाढ़ी नोचे. आश्रय देने वाले को नुकसान पहुँचाने वाला.
जी कहीं लगता नहीं, जब जी कहीं लग जाए है. किसी से प्रेम हो जाए तो कहीं मन नहीं लगता. यह प्रेम स्त्री पुरुष का भी हो सकता है और आत्मा परमात्मा का भी.
गधे की बगल में गाय बाँधी तो वह भी रेंकने लगी. संगत का असर (कुसंगति कथय किम् न करोति पुंसाम).
“ कुछ पैसें साडी मेंगाँठ मार कर रखती थीमेरी दादी माँ भीएक छोटा ATM रखती थी…!!
मैं ये कभी नहीं समझ सकता कि आप पर अभी किस कदर गुज़र रही है, लेकिन मैं अपनी प्रार्थना और संवेदना आपको देना चाहता हूँ।
एक नयन अमृत झरे, एक नयन में बिष भरे. मन में कुछ ऊपर से कुछ. लाड़ का दिखावा पर मन में जहर.
दिन भले आएँगे तो घर पूछते चले आएंगे. जब आदमी के अच्छे दिन आने होते हैं तो उसे कोई प्रयास नहीं करना पड़ता.
उनके पास खुद दिन चार बाकी है, मेरे दादा दादी वो उम्र भी मेरे नाम करना चाहते है।
पीठ देख कर ही नजर लगे. 1.अत्यंत सुंदर व्यक्ति. 2.अत्यंत भद्दे व्यक्ति पर व्यंग्य.
नाच बंदरिया नाच, पैसा दूँगा पांच. छोटा सा लालच दे कर काम कराना.
गोकुल गाँव को पैड़ों न्यारो. अनोखी रीति.
पहले बो, पहले काट. खेती में जो पहले बोता है वह पहले फसल भी काटता है. पहले काम करने वाला हमेशा लाभ में रहता है.
आलस्य दरिद्रता का मूल है. (दरिद्रता को मूल एक आलस बखानिए). बिलकुल स्पष्ट एवं सत्य. इंग्लिश में कहावत है – Idleness is the root of all evils.
उद्यम के सर लक्ष्मी, पंखा कीसी ब्यार. उद्यमी व्यक्ति के सर पर लक्ष्मी स्वयं पंखा ले कर हवा करती है. (अर्थात उस की दासी बन कर रहती है)
भाग्यवान के भूत कमावें (भाग्यवान का हल भूत जोतते हैं). जब आदमी का भाग्य प्रबल होता है तो उस के सारे काम अपने आप होते चले जाते हैं.
अपने पूत को कोई काना नहीं कहता. अपने प्रिय लोगों की कमियों को सब छिपाते हैं.
अंधे को अँधेरे में बहुत दूर की सूझी. कोई मूर्ख आदमी मूर्खतापूर्ण योजना बना रहा हो तो उसका मज़ाक उड़ाने के लिए ऐसा कहा जाता है.
मगर को डुबकी सिखाए वो मूर्ख. मगरमच्छ स्वयं डुबकी लगाने में माहिर होता है. जो उसे डुबकी लगाना सिखाने की कोशिश करेगा मगर उसे ही खा जाएगा.
अकल से ही खुदा पहचाना जाए. ईश्वर किसी को दिखता नहीं है, बुद्धि के द्वारा ही महसूस किया जाता है.
सांस बटाऊ पाहुना, आये या न आए. सांस एक राहगीर और अतिथि के समान है जिसका कोई भरोसा नहीं होता कि वह आएगा या नहीं आएगा.
ललना के लच्छन पलना में दिख जात. जो बालक होनहार होता है उस के लक्षण बचपन में ही दिख जाते हैं.
एक तो कानी बेटी की माई, दूजे पूछने वालों ने जान खाई. बेटी कानी है इसी का माँ को बहुत कलेस है ऊपर से पूछने वाले और जान खाते रहते हैं.
आई स्वराज की बेला तब, ‘सेवा-व्रत’ हमने धार लिया।दुश्मन भी कहने लगे दोस्त! मैदान आपने मार लिया॥
माँगने पर जहां सारी मन्नत पूरी होती हैमाँ के पैरों में ही तो वह जन्नत होती है
खाय चना, रहे बना. चना खाने वाला लम्बे समय तक स्वस्थ रहता है.
उतारने से ही बोझ उतरता है. सर पर रखा बोझ हो या कोई क़र्ज़, वह प्रयास करने से ही उतरता है.
फूल झड़े तो फल लगे. कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है. फूल झड़ने के बाद ही फल लगता है.
“ बर्षों के बाद शहर से गाँव आने परसबसे ज्यादा ख़ुशी दादी माँ सेमिलकर होती है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी बातों की मिठास भीबढ़ती जा रही है….!!!
नदी नाव संयोग. थोड़े समय का मेल. इस संसार में हमारे जो नाते हैं वे भी नदी नाव संयोग की भांति क्षणिक हैं.
बहुत छाले हैं उसके पैरों मेंकमबख्त उसूलों पर चला होगाBahut chhale Hain Uske Pairon MeinKambakht usool on per Chalna hoga
सही सवेरे सूम का नाम लो तो रोटी नहीं मिलती. पुराना विश्वास है कि यदि सुबह सुबह कंजूस का नाम ले लोगों तो उस दिन रोटी नहीं मिलती.
कपड़े फटे हैं तो क्या, घर दिल्ली है. वास्तविकता कुछ भी हो अपने को बड़ा बताने की कोशिश करना.
अंधी पीसे पीसना, कूकुर घुस घुस खात, जैसे मूरख जनों का, धन अहमक ले जात. ऊपर वाली कहावत की भांति.
काले फूल न पाया पानी, धान मरा अधबीच जवानी. जब धान के फूल काले होते हैं तब पानी देना आवश्यक होता है. उस समय पानी न देने से धान मर जाता है.
मुँह देख बात, सर देख सलाम. व्यक्ति की हैसियत देख कर ही बात की जाती है और सलाम किया जाता है.
जबर के जबरई, अबरा के नियाव. (भोजपुरी कहावत) दबंग अपनी जबरदस्ती पर विश्वास रखता है और कमजोर न्याय तन्त्र का मुँह देखता है.
समय करे वह बैरी भी न करे. समय मनुष्य के साथ इतना बुरा कर सकता है जितना शत्रु भी नहीं कर सकता.
Dada Dadi Ke Liye Shayari Hindi Mein
खूंटे बंधा बछड़ा गाय की राह देखे. जिसका जिससे कार्य सिद्ध होता हो वह उसी की राह देखता है.
कुत्ते का जोर गली में. कुत्ते का अधिकार क्षेत्र अपनी गली तक ही सीमित होता है. बदमाश और रंगबाज अपने अपने इलाके में ही प्रभावी होते हैं.
दादी माँ ने हमारे घर के आंगन को बहुत सुंदर बागीचा बना दिया है।
बसाव शहर का और खेत नहर का. शहर में बसना अच्छा होता है और नहर किनारे का खेत अच्छा होता है. नहर किनारे के खेत में सिंचाई में आसानी होती है.
घर में दादी माँ कीसबसे प्यारी होती है मुस्कुराहट,जिस घर में नहीं होती हैवहाँ होती है मन में कड़वाहट।
भूखा बंगाली भात ही भात पुकारे. भूखा आदमी भोजन भोजन ही पुकारता है (अगर बंगाली होगा तो भात पुकारेगा क्योंकि भात उसका मुख्य भोजन है).
मौत के लिए बहुत सारे रास्ते हैंपर जन्म के लिए सिर्फ एक है माँ
मैं क्या तुमसे पतला मूतता हूँ. मैं तुमसे किसी तरह कम नहीं हूँ यह कहने का अश्लील तरीका.
घर फूटे गँवार लूटे. अगर घर में फूट पड़ जाए मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी आप को लूट सकता है.
अहीर अपने दही को खट्टा नहीं बताता. अपनी चीज़ की बुराई कोई नहीं करता.
अंधा सिपाही कानी घोड़ी, विधि ने खूब मिलाई जोड़ी. दो अयोग्य व्यक्ति मिल कर कोई काम कर रहे हों तो उन का मज़ाक उड़ाने के लिए यह कहा जाता है.
बनिया गम खाने में सयाना. गम खाना – कष्ट को सह लेना. बनिया व्यापार में होने वाले भांति भांति के नुकसान झेल कर परेशानियों का अभ्यस्त हो जाता है.
दादी की कहानियां तब तक चलती थी जब तक मैं सो न जाऊं दादी मुझे सुलाने के चक्कर में खुद ही सोना भूल जाती थी।
जर है तो नर, नहीं तो पूरा खर. पैसा पास हो तो आदमी नहीं तो गधे के बराबर.
कुछ काम करोगे ना जी, जलपान करोगे हाँ जी. काम करने के नाम बहाने, खाने पीने को मुस्तैद.
अपना पाद सुगंध से भरा. अपने अंदर कोई दुर्गुण भी है तो भी उस को गुण बताया जाता है.
मेरी दादी माँ मुझे बहुत प्यार करती थी,बचपन में जब मैं ठोकर खाकर गिरतामुझे उठाकर अपनी गोदी में बैठा लेती थी !
दादी की राह आसान होउनकी राहों में खुशियां ही खुशियां होहर दिन खूबसूरत सा होऐसा ही उनका पूरा जीवन होमेरी यह दुआ पूरी होआपको जन्मदिन की बधाई हो
जिस की खाओ बाजरी, उसकी भरो हाजरी. जिसका अन्न खाओ उसी का काम करो.
लोमड़ी के शिकार को जाओ तो भी शेर के लायक सामान लाओ. छोटे काम के लिए जाओ तो भी तैयारी पूरी करनी चाहिए (क्या मालूम अचानक से कोई बड़ी विपदा आ जाए).
मुर्गी जान से गई, मुल्ला को मजा नहीं आया. जब किसी बड़े को खुश करने के लिए छोटा आदमी बहुत नुकसान उठाए और बड़ा खुश न हो.
काठ की घोड़ी पाँवों नहीं चलती. बनावटी चीज़ असल की तरह काम नहीं कर सकती.
अंधे वाली सीध. किसी ने टेढ़ा मेढ़ा कुछ बनाया हो उस का मजाक उड़ाने के लिए.
जब एक कलम घसके तब बावन गाँव खसके. कचहरी और कायस्थों के लिए कहा गया है कि उनकी कलम चलने से कुछ का कुछ अनर्थ हो सकता है.
जिस का ब्याह उसी के गीत. समय देख कर ही काम करना चाहिए. जिस का समय अच्छा हो उसी की प्रशंसा करो.
घर में भूँजी भाँग नहीं, बाहर करता नाच. घर में कुछ नहीं है, बाहर दिखावा करते घूम रहे हैं.
नंगई तेरा ही सहारा. निर्लज्ज व्यक्ति का सब से बड़ा हथियार निर्लज्जता ही है.
अड़ते से अड़ो जरूर, चलते से रहो दूर. जो लड़ने पर उतारू है उससे लड़ो जरूर पर जो अपने रास्ते जा रहा है उससे बिना बात मत उलझो.
बहुत अच्छी है आप दादीसदा जलाए रखना खुशियों की ज्योति,जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाईदेती है आपको आपकी यह प्यारी पोतीVery Happy Birthday Dadi
कटखनी कुतिया मखमल की झूल. कोई बदतमीज आदमी बड़ा हाकिम बन जाए तो.
आई बी आकिला, सब कामों में दाखिला. कुछ लोग अपने को बहुत अक्लमंद समझते है और सब कामों में टांग अड़ाते हैं, उन का मजाक उड़ाने के लिए.
चाँद आसमान चढ़ा, सबने देखा. जब व्यक्ति उन्नति करता है तो उस पर सबकी निगाह पड़ती है.
चंदामामा दूर के, पुए पकाएं बूर के आप खाएं थाली में, मुन्ने को दें प्याली में
हाथ का दिया ही साथ जाता है. दिया हुआ दान (पुण्य) ही परलोक में साथ जाता है.
उम्र उनकी दुनिया भर के लिएसन जाती हैं,बच्चों के संग बचे बन जाती हैं।वो हैं मेरी प्यारी दादी माँ।।।हैप्पी बर्थडे दादी माँ,,,
या बेईमानी, तेरा ही आसरा. धूर्त लोगों के लिए.
नीम पै तो निम्बोली ही लागैंगी. (हरयाणवी कहावत) जिसका जैसा स्वभाव होगा वह वैसा ही काम करेगा.
तूम्बी का क्या मीठा. जो व्यक्ति हर तरह से केवल कड़वा ही हो.
चोर का चावल टके सेर (चोरी का बाजरा टके धड़ी). चोरी का माल औने पौने दाम में बिकता है. धड़ी – पांच किलो.
गूंगे का कोई दुश्मन नहीं. क्योंकि उस को कुछ भी कह लो वह जबाब नहीं देता.
अघाए को ही मल्हार सूझे. पेट भरने के बाद ही मस्ती सूझती है.
घर में दादी माँ कीसबसे प्यारी होती है मुस्कुराहट,जिस घर में नहीं होती हैवहाँ होती है मन में कड़वाहट।
कोठी में धान तो मूढ़ में ज्ञान. घर में अनाज भरपूर मात्रा में हो तभी ज्ञान की बातें समझ में आती हैं.
गीदड़ गिरा गड्ढे में, आज यहीं रहेंगे. अपनी गलती से विपत्ति में पड़े व्यक्ति द्वारा यह दिखावा करना कि उसे कोई परेशानी नहीं है.
बाप बनिया, पूत नवाब. बाप बनिए जैसा कंजूस और शातिर हो और बेटा नवाबों जैसा दरियादिल, तो यह कहावत कही जाती है.
धोबी के बसे या कुम्हार के, गधा तो लदेगा ही. गरीब और असहाय आदमी कहीं भी रहे उस पर काम तो लादा ही जाएगा.
दिल्ली की गद्दी लई, सुरा सुन्दरी राग. दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले सुरा, सुंदरी और संगीत के चक्कर में पड़ कर गद्दी की रक्षा नहीं कर पाए.
सूझे न बिटौरा, चाँद से राम राम. किसी व्यक्ति को पास की चीज़ भी ठीक से न दिखती हो और वह बहुत दूर देखने की कोशिश करे तो.
सो ताको सागर जहां जाकी प्यास बुझाए. जिसकी जहां प्यास बुझे उसके लिए वही सागर है.
औंधे मुँह गिरे तो दंडवत. बिगड़े हुए काम को संभालने की चतुराई. अचानक आई परेशानी से भी लाभ उठाने की कला.
केहू हीरा चोर, केहू खीरा चोर. (भोजपुरी कहावत) कोई बहुत बड़ी चीज़ का चोर है और कोई बहुत छोटी चीज़ का.
हमारे घर आओगे क्या लाओगे, तुम्हारे घर आएंगे क्या खिलाओगे. केवल अपना स्वार्थ देखना.
फटे में पाँव, दफ्तर में नाँव. दूसरे के फटे में टांग अड़ाने वाला अपने को झंझट में डाल लेता है (दफ्तरों और कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं).
एक तो था ही दीवाना, उस पर आई बहार. कोई आदमी वैसे ही पगलाया हुआ हो और ऊपर से बहार का मौसम आ जाए तो उसका बौरानापन और बढ़ जाता है.
अंधा कहे ये जग अंधा. किसी व्यक्ति में कोई कमी हो और वह बहस करे कि यह कमी तो सब में है.
आधे आसाढ़ तो बैरी के भी बरसे. आधे आषाढ़ तो वर्षा अवश्य होनी चाहिए.
बरसें कम, गरजें ज्यादा. जो लोग बातें बढ़ बढ़ कर करते हैं और काम कम करते हैं उनके लिए.
अजब तेरी कुदरत अजब तेरे खेल, छछूंदर भी डाले चमेली का तेल. किसी अयोग्य व्यक्ति को भाग्य से कोई नायाब वस्तु मिल जाने पर ऐसा बोला जाता है.
अपने पहरू, अपने चोर. खुद ही पहरेदार हैं और खुद ही चोर हैं. (जैसे आजकल के नेता)
हाथ में पैसा रहे, तभी बुद्धि काम करे. (भोजपुरी कहावत) हाथ में पैसा रहने पर ही बुद्धि काम करती है.
घी डालते कौन मना करता है. अपने भले के लिए कौन मना करता है.
अपने मियाँ दर दरबार, अपने मियाँ चूल्हे भाड़. एक आदमी क्या क्या करे. उसी से दरबार जाने को कह रहे हो, उसी को चूल्हा फूँकने को भी कह रहे हो.
तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,सूख गया वो तेरा गुलाब लेकिन फेंका नहीं मैंने।।
पहले दादाजी और दादी जी गाँव में खेती करते थे पर अब उनकी उम्र अधिक हो गई है इसलिए खेती का काम ताऊ जी संभालते है।
एक और एक तो दो होवें, पर एका हो तो ग्यारह हों. एकता में बहुत शक्ति है.
उनके चेहरे पर मुस्कान बनी रहे, यहीं मेरी भगवान् से फ़रियाद है दादी माँ के साथ बिताया खुबसूरत वक्त मुझे आज भी याद है
रात भर मिमियाई, एको न ब्याही. शोर बहुत मचाया, काम कुछ नहीं किया. बकरी रात भर में में करती रही और एक बच्चा भी नहीं ब्याहा.
दादी के लिए शायरी, स्टेटस
उत्तम विद्या लीजिए. तदपि नीच में होए. यदि किसी छोटे व्यक्ति में कोई गुण हो तो उससे सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए.
आप हमेशा हमारे दिलों में जिन्दा रहेगे,ईश्वर आप की आत्मा को शांति दे।
लहंगे का नाड़ा ढीला हो तो नाचना नहीं चाहिए. जब अपनी स्थिति कमजोर हो तो ज्यादा इतराना नहीं चाहिए.