Fanaa Shayari In Hindi | फना फिल्म शायरी
With this Fanaa Shayari In Hindi, you will feel the beauty of the blockbuster movie Fanaa from years ago, which still holds a place in the hearts of many people.
2024-11-15 09:09:19 - Milan
ना शहर देखो ना बियाबान देखो, ना शहर देखो ना बियाबान देखो, खुदा का इकलौता नमोनिशान देखो, बस आँख उठाओ और रेहान देखो.,
तेरे दिल में मेरी साँसों को पनाह मिल जाए,तेरे इश्क़ में मेरी जान फना हो जाए.
है जो सीने में कैद दरिया वो छुट जायेगा,है इतना दर्द कि तेरा दामन भीग जायेगा.!
कहते है प्यार में नींद उध जाती है कोई हुंसे भी मोहब्बत करे कामभक्त नींद बहुत आती है
हमसे दूर जाओगे कैसे,दिल से हूमें भुलाओगे कैसे….हम वो खुश्बू है जोसाँसों में बस्तें है,खुद की सासों को रोक पाओगे कैसे..
दिल से लिखी बाते दिल को छू जाती है, कुछ लोगो से मिलके जिन्दगी बदल जाती हैं।
मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी, फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना.,
आग सूरज में होती है, जलना ज़मीन को पड़ता है …मोहब्बत निगाहें करती है, तड़पना दिल को पड़ता है
देखो हमे पता है की, हम गुस्सा करते है, अगर गुस्सा नही करेंगे तो, आपकी तरह मनाएगा कौन…!
उलझनें इश्क़ में बस इतनी रही, ना उससे हां हुई ना हमसे ना हुई।
बेखुदी की ज़िंदगी हम जिया नही करते …जाम दूसरों से छीनकर हम पिया नही करते …उनको मोहब्बत है तो आकर इज़हार करें …पीछा हम भी किसिका किया नही करते
अधूरी साँस थी,धड़कन अधूरी थी, अधूरे हम …मगर अब चाँद पूरा है फलक पे …और अब पुर है हम
ए खुदा आज ये फ़ैसला करदे, उसे मेरा या मुझे उसका करदे, बहुत दुख सहे हे मैने, कोई खुशी अब तोह मुक़दर करदे,
इंसान की ख्वाइश की कोई इंतेहा नहीदो गाज़ ज़मीन चाहिए दो गाज़ कफ़न के बाद
पानी से प्यास न भुजी, तो मैखाने की और चल निकला, सोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से, पैर खुदा भी तेरा आशिक निकला.,
हमसे दूर जाओगे कैसे,दिल से हूमें भुलाओगे कैसे….हम वो खुश्बू है जोसाँसों में बस्तें है,खुद की सासों को रोक पाओगे कैसे..
दीवाने है आपके इस बात से इंकार नहीं,कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नही,कुछ तोह कसूर है आपकी अदाओं काअकेले हम ही गुनेहगार नहीं…
ख़्वाबों से इश्क़ है मुझे, और तेरे इश्क़ से है, हर ख़्वाब मेरा!
गम नहीं तुझे पा नहीं सके खुशी है इश्क हुआ तुझसे हुआ और लाज़वाब हुआ ।
कहते है प्यार में नींद उध जाती है कोई हुंसे भी मोहब्बत करेकामभक्त नींद बहुत आती है
अधूरी साँस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम,मगर अब चाँद पूरा हैं फलक पे और अब पूरे हैं हम !
फ़ना ही का है बक़ा नाम दूसरा, नफ़स की आमद-ओ-शुद मौत का तराना है.,
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर; ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे!
तेरी मिट्टी में मिल जावांगुल बनके मैं खिल जावांइतनी सी है दिल की आरजू
जी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात मे, और रब करे उसके बाद तुझे इश्क़ का बुखार हो जाए।
ओ माई मेरी क्या फिकर तुझेक्यूँ आँख से दरिया बेहता हैतू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैंऔर चाँद हमेशा रहता है
काश मैं ऊन का गोला होताऔर उनकी ऊँगली में लिपटा होताकाश वो मेरा स्वेटर बना केगर्मियो में भी पहने रहती..
आग सूरज में होती है,जलना ज़मीन को पड़ता है,मोहब्बत निगाहें करती है,तड़पना दिल को पड़ता है.
सुनना है, सुनाना है, रूठना है, मनाना है, हसना है, रुलाना है, इस जिंदगी का हर लम्हा….बस तुम्हारे साथ ही बिताना है….।
हमसे दूर जाओगे कैसे,दिल से हूमें भुलाओगे कैसेहम वो खुश्बू है जोसाँसों में बस्तें है,खुद की सासों को रोक पाओगे कैसे..
पानी से प्यास ना बुझी तोमैं मैखाने की तरफ चल निकलासोचा शिकायत करू तेरी खुदा सेपर खुदा भी तेरा आशिक निकला.
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ लिया नाम हमारे उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ
पानी से प्यास नहीं बुझी तो मैखाने की तरफ चल निकला,सोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला।
मौजों के इत्तिहाद का आलम न पूछिएक़तरा उठा और उठ के समुंदर उठा लिया
बैठी है होठों को सीकर पछताएंगी आप,इश्क़ जाग उठता है अक्सर ऐसी खामोशी के बाद.
इंसान की ख्वाइश की कोई इंतेहा नही दो गाज़ ज़मीन चाहिए दो गाज़ कफ़न के बाद
अधूरी साँस थी,धड़कन अधूरी थी, अधूरे हम मगर अब चाँद पूरा है फलक पेऔर अब पुर है हम
हूँ मैं परवाना मगर कोई शम्मा तो हो,रात तो हो, जान देने को हूँ हाज़िरपर कोई बात तो हो…
नहीं लिखा अगर नसीब में उसका नामतो खत्म कर ये ज़िन्दगी और मुझे फना करदे !
तेरी नदियों में बेहजावांतेरे खेतों में लेहरावांइतनी सी है दिल की आरजू
तेरी मिट्टी में मिल जावांगुल बनके मैं खिल जावांइतनी सी है दिल की आरजू
पानी से प्यास ना भुजी तो मैखने की तरफ चल निकला सूचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला
मैं उस के सामने से गुज़रता हूँ इस लिएतर्क-ए-तअल्लुक़ात का एहसास मर न जाए
अधूरी साँस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम, मगर अब चाँद पूरा हैं फलक पे और अब पूरे हैं हम.,
दर्द से आँखे चार कर लेंगेहम भी इम्तिहान दे देंगेतेरी दोस्ती की खातिर ये दोस्तहम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.
रोने दे आज हमको तू आँखे सुजाने देबाहों में ले ले और खुद को भीग जाने देहै जो सीने में कैद दरिया वो छुट जाएगाहै इतना दर्द के तेरा दामन भीग जायेगा ।
आँखें तो प्यार में दिलकी ज़ुबान होती है, सच्ची चाहत तो सदा बेजुबान होती है, प्यार मे दर्द भी मिले तो क्या गबरना, सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है.,
ल करके अगर हुंसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना लेकिन भूलना सिर्फ़ भूल को,ग़लती से भी हम में ना भुला देना
इश्क़ रूहानी हो हमसे गर, तो ज़फा मिलने की उम्मीद न करपहले मुझमें ज़रा खुलकर जी तो ले, यूँ बेवजह फ़ना होने की बात न कर !
एक बात कहूं मनाता भी वही है, जिसको आपकी नाराज़गी से फर्क पढ़े..!
इशरत-इ-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जानादर्द का हद से गुजरना है दवा हो जाना !!
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथलिया नाम हमारे उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ
दर्द से आँखें चार कर लेंगे, हम भी इम्तिहान दे देंगे, तेरी दोस्ती के खातिर ए दोस्त, हम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.,
फूल हूँ गुलाब का चमेली का मत समझनाआशिक हूँ आपका अपनी सहेली का मत समझना..
दर्द से आँखे चार कर लेंगे,हम भी इम्तिहान दे देंगे,तेरी दोस्ती के खातिर ऐ दोस्तहम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.
बेखुदी की ज़िंदगी हम जिया नहीं करते, यूँ किसीका का जाम हम पिया नही करते, उनसे केहदो मोहब्बत का इज़हार आकर खुद करें, यूँ किसीका पीछा हम नहीं करते.,
हमसे दूर जाओगे कैसे,दिल से हमें भुलाओगे कैसे,हम हु खुशबु हैं जो साँसों में बसती हैं,खुदकी साँसों को रोक पाओगे कैसे.!
अभी अनजान हो, जल्दी जान जाओगे, अभी रूठे हो शायद, जल्दी मान जाओगे, कभी आओ देखो मेरे दिल की किताब को, हर जगह तुम अपना ही नाम पाओगे।।।
मान जा न यार, चार दिन की जिंदगी है, और तू तीन दिन से नाराज़ है…!
तेरी नदियों में बेह जावांतेरे खेतों में लेहरावांइतनी सी है दिल की आरजू
अपनी मोहब्बत के लिए और क्या मांगू खुदा से खुदा तुम्हे खुशियां दे और मुझे तेरा साथ ।
ओ वतना वे, मेरे वतना वेतेरा मेरा प्यार निराला थाकुर्बान हुआ तेरी अस्मत पेमैं कितना नसीबों वाला था
इश़्क दिलों में धडकता है, तो रूहों में महकता है, मोहताज नहीं ये किसी फ़लसफ़े का, ये तो साँसों की परवरिश में पलता है ।
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ, लिया नाम हमारे उन्होंने कुछ ऐसी ऐडा के साथ.,
तेरे दिल में मेरी सांसों को पनाह मिल जाए, तेरे इश्क़ में मेरी जान फना हो जाए.,
अंधेरों को निकाला जा रहा हैमगर घर से उजाला जा रहा है
आग सूरज में होती हैं, जलना ज़मीन को पड़ता हैं,मोहब्बत निगाहें करती हैं, तड़पना दिल को पड़ता हैं…
तुम बिन मैं एक सुर हूँ तुम मिलो तो सरगम बन जाऊँ, तुम बिन मैं एक लम्हा हूँ तुम मिलो तो दास्ताँ लिख जाऊँ ।
पानी से प्यास नहीं बुझी तो मैखाने की तरफ चल निकला,सोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से, पर खुदा भी तेरा आशिक निकला…
तेरे दिल में मेरी साँसों को पनाह मिल जाए,तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाए…
बेखुदी की ज़िन्दगी हम जिया नहीं करते,जाम दूसरों से छीनकर हम पिया नहीं करते,उनको मोहब्बत है तो आकर इज़हार करेंपीछा हम भी किसी का किया नहीं करते।
बेख़ुदी की जिन्दगी हम जिया नही करते,जाम दूसरों के हाथों से छीनकर पिया नही करते,उनको मोहब्बत हैं तो आकर इजहार करें,पीछा हम भी किसी का किया नही करते.
उसके बनाये हर हसीं चेहरे से इश्क़ करना हैं,आखिर मरने के बाद कल उसको मुँह भी तो दिखाना हैं…
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना,जुदाई के सफ़र को कम करदे.जितना दूर चले गए वह मुझसे,उसे उतना करीब करदे !!
ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरीमेरी नस-नस में तेरा इश्क बहेफीका ना पड़े कभी रंग तेराजिस्मों से निकल के खून कहे
नाराज़ हो क्या…? मान जाओ ना, मुझे फिर से, पहचान जाओ ना, खैर छोड़ो चिप्स खाओगी…? एक दो मेरे लिए भी ले आओगी….!
भूल करके अगर हमसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना,लेकिन भुलाना सिर्फ भूल को,गलती से भी हमे ना भुला देना।
आग सूरज में होती हैजलना जमीं को पड़ता हैमोहब्बत निगाहें करती हैतड़पना दिल को पड़ता है.
इश्क़ रूहानी हो हमसे गर तो ज़फा मिलने की उम्मीद न कर,
बेखुदी की जिंदगी हम जिया नही करतेजाम दूसरो से छिन कर हम पिया नही करतेउनको मोहब्बत है तो आकर इजहार करेपीछा हम भी किसी का किया नही करते..
दर्द से आँखें चार कर लेंगे,हम भी इम्तिहान दे देंगे,तेरी दोस्ती की खातिर ऐ दोस्त,हम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे..!
नींद आरही हे इसकदर, की बैठे बैठे सो जाए, रुके हे आपके मैसेज के लिए, की आप हमसे गुड नाईट तो कह जाए….।।।।
तुम्हारी खूबसूरती ने खुदा से खत्ता करा दी, कहीं खुद से नज़र न लग जाये, युंकर तुम्हे नज़र न दी.,
ऐसा लगा ख़ुदा ने रख दिया हमारे दिल पर हाथ,लिया नाम हमारा उन्होंने कुछ ऐसी अदा के साथ.
पानी से प्यास ना भुजी तो मैखने की तरफ चल निकला सूचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला
आँखें तो प्यार में दिलकी ज़ुबान होती है,सच्ची चाहत तो सदा बेजुबान होती है,प्यार मे दर्द भी मिले तो क्या गबरना,सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है !
महबूबा चिढ़ गई इस बात से….. फोन की गैलरी में उसकी तस्वीर नहीं थी… उसे क्या पता दिल से महफूज़ कोई और जगह नहीं थी।।।
ओ.. ओ.. ओओ..सरसों से भरे खलिहान मेरेजहाँ झूम के भंगड़ा पा न सकाआबाद रहे वो गाँव मेराजहाँ लौट के बापस जा न सका
इंसान की ख्वाहिश की कोई इंतहा नहीं,दो गज़ ज़मीन चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद.
कहते है प्यार में नींद उड़ जाती है, कोई हमसे भी मोहब्बत करे, कम्भख्त नींद बहुत आती है.,
केसरी…हो हीर मेरी तू हंसती रहेतेरी आँख घड़ी भर नम ना होमैं मरता था जिस मुखड़े पेकभी उसका उजाला कम ना हो
हमसे दूर जाओगे कैसे,दिल से हमे भुलाओगे कैसे,हम वो खुशबू है जो साँसों में बसते हैखुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे.
बैठी हैं होंठो को सीकर पछतायेंगी आप,इश्क़ अक्सर जाग उठता है ऐसी ख़ामोशी के बाद.
काश में ऊन का गोला होता, और उनकी उँगलियों में लिप्त होता.,
इंसान की ख्वाइश की कोई इंतेहा नही दो गाज़ ज़मीन चाहिए दो गाज़ कफ़न के बाद
हमसे दूर जाओगे कैसे, दिल से हमें भुलाओगे कैसे, हम हु खुशबु हैं जो साँसों में बसती हैं, खुदकी साँसों को रोक पाओगे कैसे.,
दर्द से आँखें चार कर लेंगे, हम भी इम्तिहान दे देंगे, तेरी दोस्ती की खातिर ऐ दोस्त, हम दुश्मनों से भी प्यार कर लेंगे.,
फ़ना के बाद इस दुनिया में कुछ बाक़ी नहीं रेहता, फ़क़त एक नाम अच्छा या बुरा मशहूर रेहता है.,
ना शहर देखो ना बियाबान देखो,ना शहर देखो ना बियाबान देखो,खुदा का इकलौता नमोनिशान देखो,बस आँख उठाओ और रेहान देखो !
खुशबू तेरे प्यार की, मेरे मन में छाई हे, शायद तुमने याद किया, जोर की हिचकी आई हे।। ⚛》》》》》◆《《《《《⚛
बैठी है होठों को सी करपछतायेगी आपईश्क जाग उठता है अक्सरऐसी खामोशी के बाद..
अधूरी साँस थी,धड़कन अधूरी थी, अधूरे हम मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और अब पुर है हम
मेरी सांसो पर नाम बस तुम्हारा है, मैं अगर खुश हूं तो ये एहसान तुम्हारा है!
मनाना नही आता मुझे यार, तुम थोड़े से प्यार में मान जाया करो ना..।।
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना, जुदाई के सफ़र को कम करदे, जितना दूर चले गए वह मुझसे, उसे उतना करीब करदे.,
मोहब्बत रंग लाती हैं जब दिल से दिल मिलते हैं,मुश्किल तो यह है कि दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं…
तेरे दिले में मेरी साँसों को पनाह मिल जाए, तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाए.,
इशरत-इ-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना, दर्द का हद से गुजरना है दवा हो जाना.,
हम चाहते है मोहब्बत हमें फ़ना कर दे, फ़ना भी ऐसे के जिस की कोई मिसाल न हो.,
कहते है प्यार में नींद उड़ जाती हैं,कोई हमसे भी मोहब्बत करें,कमबख्त नींद बहुत आती हैं…
ल करके अगर हुंसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना लेकिन भूलना सिर्फ़ भूल को,ग़लती से भी हम में ना भुला देना
Fanaa Movie Shayari
कहते है प्यार में नींद उड़ जाती है,कोई हमसे भी मोहब्बत करे,कम्बख्त नींद बहुत आती है.
तेरी मिट्टी में मिल जावांगुल बनके मैं खिल जावांइतनी सी है दिल की आरजू
बेखुदी की ज़िंदगी हम जिया नहीं करते,यूँ किसीका का जाम हम पिया नही करते.उनसे केहदो मोहब्बत का इज़हार आकर खुद करें,यूँ किसीका पीछा हम नहीं करते.!
नशा है इश्क़, खता है इश्क़, क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़।
तेरी नदियों में बेहजावांतेरे फसलों में लेहरावांइतनी सी है दिल की आरजूकेसरी…
आग सूरज माईन होती है ,जलना धरती को पड़ता हैए मोहब्बत आँखें करती हैं ,तड़पना दिल को पड़ता है..!
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ लिया नाम हमारे उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ
कोई पाबंद-ए-मोहब्बत ही बता सकता हैएक दीवाने का ज़ंजीर से रिश्ता क्या है
आग सूरज में होती है, जलना ज़मीन को पड़ता है मोहब्बत निगाहें करती है, तड़पना दिल को पड़ता है
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारी दिल पे हाथ, लिया नाम हमारा उन्होंने कुछ ऎसी ऐडा की साथ..!
आँखों की नजर से नहीं, हम दिल की नजर से प्यार करते है, आप दिखे या ना दिखे फिर भी हम, आपका दीदार करते है।
दिल से अगर कभी तिरा अरमान जाएगाघर को लगा के आग ये मेहमान जाएगा
उन्हें हुसमे शिकायत है कि हूम हर किसी को देख कर मुस्कुराते हैं,नासमझ है वो न समझे कि हमें तो हर चेहरे में वही नज़र आते हैं…
आहन ओ संग को ज़ेहराब-ए-फ़ना चाट गया, पेहले दीवार शिकस्ता हुई फिर बाब गिरा.,
पानी से प्यास न भुजीतो मैखाने की और चल निकलासोचा शिकायत करूँ तेरी खुदा सेपैर खुदा भी तेरा आशिक निकला..!
मै तो फना हो गया उसकी, एक झलक देखकर, ना जाने हर रोज़ आईने पर, क्या गुजरती होगी.,
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथलिया हमारा नाम उन्होने कुछ ऐसी अदा के साथ..
पहले मुझमें ज़रा खुलकर जी तो ले यूँ बेवजह फ़ना होने की बात न कर.,
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ, लिया नाम हमारा उन्हों ने कुछ ऐसी ऐडा के साथ..!
खामोशियां बोल देती है जिनकी बाते नही होती इश्क़ वो भी करते है जिनकी मुलाकात नहीं होती !
अधूरी सांस थी धड़कन अधूरी थी अधूरें हम,मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और अब पूरें हैं हम…
मै तो फना हो गया उसकीएक झलक देखकर,ना जाने हर रोज़ आईने परक्या गुजरती होगी ।
ना शहर देखो ना बिया बां देखोखुदा का इकलौता नामो निशान देखोबस आँखें उठाओं और रेहान देखो..
ए मेरी ज़मीं अफसोस नहींजो तेरे लिए सौ दर्द सहेमेहफूज रहे तेरी आन सदाचाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर; ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे!
बेनाम नही, तू तो मेरी पहचान हे, ओए पागल… सिर्फ GF ही नहीं, तू तो मेरी जान है…!!!
ऐसा लगा खुदा ने रख दिया हमारे दिल पे हाथ,लिया नाम हमारा उन्होंने कुछ ऐसी अदा के साथ.
मेरी मोहब्बत कि अनोखी मूरत हो तुम, जिंदगी की एक जरूरत हो तुम, गुलाब के फूल खूबसूरत होते है लेकिन, उस फूल से भी ज्यादा खूबसूरत हो तुम…।
हमसे दूर जाओगे कैसेदिल से हमे भुलाओगे कैसेहम वो खूशबू है जो साँसों में बसते हैखुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे..
आरज़ू थी फ़ना होने की शायद, जो इस दिल ने प्यार का इज़हार किया, दो पल भी ना बैठे थे वो पास मेरे, हमने जिनका था बरसो इंतेज़ार किया.,
हम वह खुशबू है जोह साँसों में बसतें है, खुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे.,
वो आग ही क्या जो लग के बढ़े नहीं,वो नशा ही क्या जो सर पे चढ़े ही नहीं,नहीं बनता तब तक कोई सच्चा आशिक़,जब तक इश्क़ में उसकों दो चार पड़े नहीं…
तेरे दिल में मेरी सांसों को पनाह मिल जाए ,तेरे इश्क़ में मेरी जान फना हो जाए।
आग सूरज में होती है, जलना ज़मीन को पड़ता हैमोहब्बत निगाहें करती है, तड़पना दिल को पड़ता है
बेखुदी की ज़िंदगी हम जिया नही करते …जाम दूसरों से छीनकर हम पिया नही करते उनको मोहब्बत है तो आकर इज़हार करें पीछा हम भी किसिका किया नही करते
पानी से प्यास ना भुजी तो मैखने की तरफ चल निकला सूचा शिकायत करूँ तेरी खुदा से पर खुदा भी तेरा आशिक़ निकला
आसमानों से कहो अगर हमारी उड़ान देखनी होतो अपना कद और ऊँचा कर लें,हुस्न वालों से कहो कि अगर इश्क देखना होतो हमसे आकर मिलें…
ल करके अगर हुंसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना …लेकिन भूलना सिर्फ़ भूल को,ग़लती से भी हम में ना भुला देना
नाकाम थी मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की, पता नही कहा से सीखी जालिम ने अदाये रूठ जाने की..!
भूल करके अगर हमसे कोई भूल हुई हो,तो भूल समझकर भुला देना,लेकिन भूलना सिर्फ भूल को,गलती से भी हमें न भुला देना…
अधूरी सांस थी, धड़कने अधूरी थी, अधूरे हम,मगर अब चाँद पूरा है फलक पे और अब पूरे है हम.
ज़िन्दगी की हर शाम हसीन हो जाए, अगर मेरी मोहब्बत मुझे नसीब हो जाये ।
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाएकोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए (साभार-रेख़्ता)
हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर; ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे!
अरे हां! माना गलती थी मेरी, लेकिन अब मान भी जाओ, ऐसे न इतराओ….. अरे यार थोड़ा तो मुस्कुराओ….।
तड़प के देखो कभी किसी के इश्क़ में तब पता चलता है इंतज़ार क्या होता है यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे तो कैसे पता चले प्यार क्या होता है।
फूल हूँ गुलाब काचमेली का मत समझनाआशिक़ हूँ आपकाअपनी सहेली का मत समझना !
मरने वाले फ़ना भी पर्दा है, उठ सके गर तो ये हिजाब उठा.,
दिल मिला है इश्क़ करने के लिए, बस इतना समझ लीजिये,एक से करना है या ग्यारह से, वो खुद ही तय कर लीजिये…
तेरे दिल में मेरी साँसों को पनाह मिल जाए तेरे इश्क़ में मेरी जान फ़ना हो जाए
ना जागते हुए ख्वाब देखा करोंना चाहों उससे जिसे पा न सकोंप्यार कहाँ किसी का पूरा होता हैं,प्यार का पहला अक्षर अधूरा होता हैं…
तेरी यादों में फना हो जाएंगे…. जो तुम रूठोगी ऐसे, तो हम मनाएंगे कैसे…!
ए खुदा आज ये फ़ैसला करदे,उसे मेरा या मुझे उसका करदे.बहुत दुख सहे हे मैने,कोई खुशी अब तोह मुक़दर करदे.
आग सूरज माईन होती है, जलना धरती को पड़ता है, ए मोहब्बत आँखें करती हैं, तड़पना दिल को पड़ता है.,
तलवारों पे सर वार दिएअंगारों में जिस्म जलाया हैतब जाके कहीं हमने सर पेये केसरी रंग सजाया है…
आग सूरज में होती है, जलना ज़मीन को पड़ता है, मोहब्बत निग़ाहें करती है, तड़पना दिल को पड़ता है.,
कहते है प्यार में नींद उध जाती है …कोई हुंसे भी मोहब्बत करे …कामभक्त नींद बहुत आती है
बेखुदी की ज़िंदगी हम जिया नही करते जाम दूसरों से छीनकर हम पिया नही करते उनको मोहब्बत है तो आकर इज़हार करें पीछा हम भी किसिका किया नही करते