Want to get the best Gulzar Dosti Shayari In Hindi for your post on friends? Here we go. Get the best shayari and share it with your friends or put a best caption on the post with your friends and show them how much they means to you.
सच बड़ी काबिलियत से छुपानेलगे हैं हम, हाल पूछने परबढ़िया बताने लगे हैं हम।
किसी को आसानी से मत मिल जाना लोग रास्ता समझने लगते है
“किसी अपने को खो करहम रोते नही बस मुस्करना भूल जाते है”
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,तुम ख्वाबो में आकर युँ तडपाया ना करो!GOOD NIGHT DEAR
तेरी दोस्ती के दीवाने हैइसलिए हाथ फैला दिया वरना हम तो खुद कीज़िन्दगी के लिए भी दुआनहीं करते।
जरूरी नहीं हर ख़्वाब पूरा हो,सोचा तो उसे ही जाता है जो अधूरा हो.
प्रेम सब्र है सौदा नहींइसलिए हर किसी से होतानहीं . ! !
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
अजीब सी दुनिया है यह साहब,यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।
सच्चे दोस्त कभी गिरने नहीं देते,ना किसी कि नजरों में,ना किसी के कदमों में..!!!! हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
हजारो में मुझे सिर्फ वो शख्स चाहिए, गैर मौजूदगी में जो मेरी बुराई ना सुन सके।
हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती,जब तक ख़ुद पर ना गुजरे
पता है तकलीफ क्या हैकिसी को चाहना फिर उसे खो देनाऔर खामोश हो जाना।
रात को भू कुरेद कर देखो,अभी जलता हो कोई पल शायद.
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं.
पुरानी होकर भी खास हो जाती है, मोहब्बत बेसरम है जमाब बेहिसाब हो जाती है।
सुरत तो फिर भी सुरत हैमुझे तो तेरे नाम केलोग भी अच्छे लगते हैं।
बस यही “दौड़” है, इस दौर के इंसानो की, तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने.
कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिये, भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छीन लेती है,
तजुर्बा बता रहा हूँ ऐ दोस्त दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अन्दर है, खुद के बनाए पिंजरे से निकल कर तो देख, तू भी एक सिकंदर है.
सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।
वजह पूछने कामौका ही नहीं मिलावो लहज़ा बदलते गए और हम अंजनबी होते गए।
“तन्हाई अच्छी लगती है सवाल तो बहुत करती पर, जवाब के लिए ज़िद नहीं करती। ”
तेरे इश्क़ में तू क्या जानेकितने ख्वाब पिरोता हूं,एक सदी तक जागता हूं मैंएक सदी तक सोता हूं।
चांदी उगने लगी है बालों में , के उम्र तुम पर हसीन लगती है !
सालों बाद मिले वो, गले लगाकर रोने लगे, जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
चाँद को अपनी चांदनी और सूर्य को अपनी गर्मी, का अहसास कभी नहीं होता !!!
चाँद ने चांदनी को याद किया,रात ने सितारों को याद किया,हमारे पास ना तो चाँद है ना चांदनी,इसलिए हमने अपने चाँद से भी प्यारेदोस्त को याद किया।
मोहब्बत तोछोटा सा शब्द हैमेरी तो जान बस्ती हैआप में।
याद रखना दर्द भी वही देते है जिन्हें हक दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफी माँग लिया करते है
कैसे करे हम खुद को तेरे प्यार के किबिल, जब हम बदलते है तुम शंत रख देते हो,
बेहिसाब हसरते ना पालिए,जो मिला हैं उसे सम्भालिए।
दुनिया के हर रिश्ते कोदेखने के बादअब इतना पता तो चल गया हैकि सच्चा रिश्ताएक माँ का ही होता है
जैसे कही रख के भूल गए हो वो,बेफिक्र वक़्त अब मिलता ही नहीं.
मोहब्बत की है तुम से, बेफिक्र रहो, नाराज़गी हो सकती है, पर नफ़रत कभी नहीं होंगी
ना समझ है वो अभी मेरीबात नहीं समझेगा मेरीजगह नहीं है न मेरी हालतनहीं समझेगा
जब अपने ही परिंदे किसी और के दाने के आदि हो जाये तो इन्हे आज़ाद कर देना चाहिए
जिंदगी के हर दर्द कीऔर हर सुकून कीबस एक ही दवा हैऔर वह है माँ।
मालूम है दुनिया को ये ‘हसरत’ की हक़ीक़त;ख़ल्वत में वो मय-ख़्वार है जल्वत में नमाज़ी।
कभी कभी पहली नज़रकुछ ऐसे रिशते बना लेती हैजो आखरी सांस तकछुटाने से नहीं छूटते।
बीमारी में भीखुद की परवाह से बेपरवाह रहती हैएक माँ ही तो होती हैजो सब कुछ सह कर भीबच्चों का ख्याल रखती है
“तन्हाई अच्छी लगती है सवाल तो बहुत करती पर,. जवाब के लिए ज़िद नहीं करती। ”
अगर ज़िन्दगी मई कोई साथ न हो, तो चाँद को देखलो वो भी अकेला है मगर, पूरी दुनिया को रौशनी देने के लिए काफी है !!!
माफ़ करना ऐ ज़िन्दगीतुझे ही जी नहीं पा रहे हम
अगर आप सोचते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते, तो आप सही हैं। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि आप कुछ कर सकते हैं, तो भी आप सही हैं।
बेहिसाब हसरते ना पालिये जो मिला हैं उसे सम्भालिये!!
दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता,लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं और कितना वक़्त लगेगा
जिंदगी की पहली और आखरी गुरुमाँ ही होती है, क्योंकि उन्हीं ने हमेंअपने खून से सींचा होता है।
वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर, आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं।
पल्लू गिर गया,पर वो घबराई नहींउसे यकीन था मेरीनजर झुकी होगी..
मिट्टी के घरों में लोग मेरी ख़िदमत में खड़े थे..औकात में तो थे छोटे.. मगर इंसानियत में बड़े थे.✅
आसमान के सितारों में खो गया है जहां सारा,और हमको लगता है प्यारा एक एक तारा,इन सितारों में सबसे प्यारा है वो तारा,जो इस वक़्त पढ़ रहा है पैगाम हमारा।😍🥀
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं, ना पास रहने से जुड़ जाते हैं। यह तो एहसास के पक्के धागे हैं, जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं।
कब आ रहे हो मुलाकात के लिए मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
शायर बनना बहुत आसान हैं,बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
कुछ अधूरे से लग रहे हो आज,लगता है किसी की कमी सी है..!!
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं;और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।
सिर्फ मोहब्बत को बदनाम कर रखा है लोगों ने वरना धोखे तो सात फेरों के बाद भी होते है।
दर्द की भी अपनी एक अदा है, वो भी सहने वालों पर फ़िदा है..
“हे भगवान, तुम उन्हें स्वर्ग में हीजगह देना जिन्होंने मुझे 9 महीनेअपनी कोख में जगह दी”।
ना मांग कुछ ज़माने से, ये देकर फिर सुनाते है, किया एहसान जो एक बार, वो लाख बार जताते है.
अगर माँ की ममता कोऔलाद समझ जाएतो यह धरती स्वर्ग बन जाए
Na Thake अभी पैर, Na Himmat हारी है;जज्बा है Jindagi Me Kuch Kar दिखाने का, इसलिए सफर Abhi Jari Hai.
मोहब्बत और इज़्ज़त इतनी मत देना कि वो आपकी कदर ही भूल जाये!!!
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा, ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।
होंटो ने सारी बाते चूपा कर रखीआंखो को ये हुनर कभी आया ही नहीं।
देखी जो नब्ज मेरी,हंस कर बोला वो हकीम,जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ,तेरे हर मर्ज की दवा वही है.!! हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
समझने वाले तो ख़ामोशी भी समझ लेते हैना समझने वाले जज़्बातों का भी मज़ाक बना देते है।
मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती;हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से।
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा थाआज की दास्ताँ हमारी है
कभी भी अपने हुनर पर घमण्ड मत कर क्योकि पत्थर जब पानी में गिरता हैतो खुद के वजन से ही डूबता है
जाने वाला कमियां देखता है,निभाने वाला काबिलियत..
जिसकी आधी जिंदगीरसोई में ही चली जाती है।वह कोई और नहीं वह माँ होती है।
इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है।।
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आपकी कमी सी है.
सोचा नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होगे ,रोना भी जरुरी होगा और आसू भी छुपाने होगे
लगे है फोन जबसे तार भी नहीं आते;बूढी आँखों के अब मददगार भी नहीं आते;गए है जबसे शहर में कमाने को लड़के;हमारे गाँव में त्यौहार भी नहीं आते।
कभी बेपनाह बरस पड़ी कभी गम सी है, यह बारिस भी कुछ तुम सी है।
कभी घमंड ना करना अपनी मोहब्बत पे, तुम से बेहतर मिलने पर तुम ठकरा दिए जाओगे
कैसे करें हम ख़ुद कोतेरे प्यार के काबिल,जब हम बदलते हैं,तो तुम शर्ते बदल देते हो।
रहने दे उधार कुछ मुलाकात यूं ही,सुना है मैंने लोगों से,की उधार वालों को भुलाया नी जाता।
तेरी यादो के जो आखरी थे निशान, दिल तड़पता रहा हम मिटाते रहे, खत लिखे थे जो तूमने कभी प्यार में, उसको पढ़ते रहे और जलाते रहे,
थोड़ा सा रफू करके देखिए नाफिर से नई सी लगेगीजिंदगी ही तो हैThoda sa rafu Karke dekhiye naphir se nahin si Lagegi Jindagi Hi To Hai
गुलाम थे तोहम सब हिंदुस्तानी थेआज़ादी ने हमेंहिन्दू मुसलमान बना दियाGulam the to Hum Sab Hindustani theAzadi Ne HamenHindu Musalman bana diya
खुशबु जैसे लोग मिले अफसाने में,एक पुराना ख़त खोला अनजाने में.
माँ अपनी पसंद को नापसंद करकेहमारी पसंद को अपना लेती है
हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल को खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है
तुम्हें कितनी मोहब्बत है मालूम नहीं मुझे लोग आज भी तेरी कसम देकर मना लेते हैं किसी भी चीज के लिए।
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती हैज़िंदगी एक नज़्म लगती है
मुद्दतें लगी बुनने में ख्वाब का स्वेटर,तैयार हुआ तो मौसम बदल चूका था.
ऐ हवा उनको करदे खबर मेरी मौत कीऔर कहना, कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश, उनके आँचल का इंतज़ार करती है।
एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे;वही फ़ासले बनाते गये!हम तो पास आने की कोशिश में थे;ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!
दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई, जैसे एहसान उतारता है कोई।
जिंदगी ने सवाल बदल दिएसमय ने हालत बदल दिए,हम तो वही है यारों पर लोगोने अपने ख्याल बदल दिए…!
सूखे पत्ते खुद जल जाते हैं उन्हें झाड़ना नहीं पड़ता इश्क में लोग खुद मर जाते हैं उन्हें मारना नहीं पड़ता ।
घर में अपनों से उतना ही रूठो कि… आपकी बात और दूसरों की इज्जत दोनों बरक़रार रह सके।
कितने अजीब होते है ये मोहब्बत के रिवाज़ भी लोग आप से तुम , तुम से जान और जान से अनजान बन जा
जो नसीब में नहीं होता वो रोने से भी नहीं मिलता, कभी कभी दिल चाहता हैं, कि दिल अब कुछ भी ना चाहे,
उनका मतलबी होना भी पसंद है हमें, मतलब से ही सही याद तो करते हैं हमें।
बहुत छाले हैं उसके पैरों मेंकमबख्त उसूलों पर चला होगा
सिमटते जा रहे है दिलऔर जज्बातो के रिश्ते सौदा करने में जो माहिर हैबस वही कामियाब है।
बहुत देखा हूँ जिंदगी में समझदार बनकरलेकिन ख़ुशी हमेशा पागल बनकर ही मिलती है💠
जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है.
एक सो सोलह चाँद की रातें ,एक तुम्हारे कंधे का तिल,गीली मेहँदी की खुशबू ,झूठ मूठ के वादे,सब याद करा दो सब भिजवा दो,मेरा वो सामान लौटा दो।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैकभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
वो खुद भूखी रह लेगी।लेकिन अपने हिस्से की रोटी भीअपने बच्चों में बांट देगी।ऐसी होती है माँ
एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया हैं, मैने हर करवट सोने कि कोशिश कि,
दर्द का समंदर जब आँखों में उतर आता है, तभी तो इंसान जिंदगी में कामयाबी को पाता है.
ना पैसे की भूख ना मोहब्बत की चाहत है,चार कमीने दोस्त हैं बस उन्ही से राहत है.!! हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ, बस बचपन की ज़िद्द समझौतों में बदल जाती हैं।
मुझमे और चाँद में एक बात सामान है,
वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,उनको तोहफे में एक आईना दीजिए Vah Jo Surat per Sabki Hanste Hain unko tohfe me ek aaina dijiye
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
ये दिन यूँ ही गुज़र जाएंगे,हम दोस्त एक दिन बिछड़ जाएंगे,आप नाराज़ ना होना मेरी शरारत से,क्योंकि ये पल हमेशा याद आएंगे.!! हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
कभी ज़िन्दगी एक पल में गुज़र जाती है,कभी ज़िन्दगी का एक पल नहीं गुज़रता.
सामने आए मेरे देखा मुझे बात भी की, मुस्कुराए भी पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर, कल का अख़बार था बस देख लिया रख भी दिया।
हमारे सबसे बड़े दुश्मन हम खुद होते हैं।
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा,इसका शायद कोई हल नहीं हैं
अपने ही घर में मेहमान बन कर आना जाना हुआ जब से सहर में सुरु कमाना हुआ।
उन्हें ये जिद थी कि हम बुलाये, हमे ये उम्मीद थी कि वो पुकारे, हैं नाम होंठों पे अब भी लेकिन, आवाज में पड़ गई दरारे,
कभी कभी उनसे भी दूर होना पड़ता है, जिनके साथ हम ज़िंदगी गुज़ारना चाहते थे.
दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा.
एक अजीब सा मंजर नजर आता है, हर एक आँसू समंदर नजर आता है, कहाँ रखूँ मैं शीशे सा दिल अपना हर किसी के हाथ में पत्थर नजर आता है.
वो सफर बचपन के अब तक याद आते है मुझे सुबह जाना हो कहीं, तो रात भर सोते न थे
लकीरें हैं तो रहने दो, किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी, उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं,और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।
मैंने जिंदगी में दोस्त नहीं ढूँढे, मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूँढी है.
प्यार करना है तो चाँद से करो चांदनी से नहीं, साथ रहना है तो जीवन भर रहो पल भर नहीं !!!
नजर भी ना आऊंइतना भी दूर ना करो मुझे,पूरी तरह बदल जाऊंइतना भी मजबूर मत करो मुझे।
मदहोश करती हैं बाते तेरी, गर कहतें हैं नशा इसको तो तलब मंजूर हैं हमे।।
कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
इस दौर ए जमाने ने मौज और मतलब को दे दिया प्यार का नाम, दफन हो कर रह गयी किताबो मे सच्चे प्यार कि दास्तान।
“वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी, हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते.. वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी।”
ये शिकायत नहीं तजुर्बा हैकदर करने वालो की कोई कदर नहीं करता।
कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते एक बार खैरियत पूछ कर तो देखोKon kehta hai Hum jhut nhi bolte Ek bar kheriyat Puch kar to dekho
“गजब है इश्क़-ऐ-दस्तूरसाथ थे तो एक लफ़्ज़ना निकला लवों से मेरेदूर क्या हुए कलम नेकहर मचा रखा है।”
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते,वो शहर भी तुम्हारा था, वो अदालत भी तुम्हारी थी।
कास हमारी किस्मत में कोई ऐसा शाम आ जाये, मैं अपनी खिड़की से देखु और चाँद नज़र आ जाये !!!
कहा था ना की एक दिन मुझे फरक पड़ना ही बंद हो जायेगा वो दिन आ गया है आज़ाद हो तुम, अपना ख्याल रखना
छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की! लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं.!
तन्हाई अच्छी लगती हैसवाल तो बहुत करती पर,जवाब के लिएज़िद नहीं करती।
किसी से दिल लग जाएवह मोहब्बत नहीं हैकिसी के बगैर दिल नालगे वह मोहब्बत है..!!
नज़र झुका के उठाई थी जैसे पहली बार,फिर एक बार तो देखो मुझे उसी नज़र से..!!
रुतबा कम है मगर लाज़वाब है मेरा जो हर किसी के दर पर दस्तक दे वो किरदार नहीं मेरा
दोस्तों, आज समंदर को बड़ा गुमान आया है, उधर ही ले चलेंगे किश्ती जिधर तूफान आया है.
ज़िन्दगी का हर पल कुछ ऐसा रहे की मर कर भी अमर रहे।
दूसरा मौका सिर्फमोहब्बत को दिया जाता हे,जिस शख्स सेमोहब्बत थी उसे नहीं।
तेरे मुसकुराने का असरसेहत पर होता हैलोग पूछ लेते हैदाव का नाम क्या है।
मै वो क्यों बनू जो तुम्हे चाहिए तुम्हे वो कबूल क्यों नहीं जो मै हूँ
कौन कहता हैं हम झूठ नहीं बोलते, एक बार ख़ैरियत तो पूछ के देखिए,
पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है वह अपना हो ना हो दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है।
थोड़ी थोड़ी गुफ्तगू दोस्तों से करते रहिये, जाले लग जाते है अक्सर बंद मकानों में।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !”
कब आ रहे हो मुलाकात के लिएमैंने चांद रोका है एक रात के लिए..
देखो सब को अपनी तलब लगी है, भीड़ बहुत है लेकिन सब मतलबी है।
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते.
दूर हैं आपसे तो कोई गम नहीं,दूर रहकर भी भूलने वाले हम नहीं,मुलाकात ना हो तो क्या हुआ आपकीयाद भी मुलाकात से कम नहीं..!Good Night
मैंने सिर्फ तुम्हारे कदम गिने थे तम्हारे कदमो की आहट सुनी थीतुमने आना छोड़ दिया मगर मैंने इंतज़ार करना नहीं छोड़ा।
सालों बाद मिले वोगले लगाकर रोने लगे,जाते वक्त जिसने कहा थातुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे।
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते…वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी।
किसी पे मर जाने से ही होती है मोहब्बत,प्यार जिंदा लोगों के बस का नहीं।
किसी से रोज मिलने से प्यार हो या ना हो लेकिन किसी से रोज बातें करने से उसकी आदत जरूर हो जाती हैं।
वैसे दुनिया में आते है सभी मरने के लिए पर असल मौत उसकी है जिसका अफ़सोस ज़माना करे
बस इतना सा असर होगा, हमारी यादों का, की कभी कभी तुम बिना, बात के मुस्कुराओगे..
कुछ इस तरह मैंने;जिंदगी को आसां कर लिया;किसी से माफ़ी मांग ली;किसी को माफ़ कर दिया।
कुछ अलग करना हो तो, भीड़ से हट के चलिए,भीड़ साहस तो देती हैं, मगर पहचान छिन लेती हैं.
ऐ हवा उनको दे दो खबर उनको मेरी मैत कि, और कहना कि कफन कि ख़्वाहिश में मेरी लाश, उनके आचँल का इंतजार करती हैं,
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे,गया तो मेरी जान साथ ले गया।
छोड़ना चाहो तो कमियांबहुत है मुझसे साथ निभानाचाहो तो खूबियां भी कमनही . ! !
बहुत मुश्किल से करता हूँ,तेरी यादों का कारोबार,मुनाफा कम है,पर गुज़ारा हो ही जाता है
*तेरे न होने से**ज़िन्दगी में बस इतनी सी कमी रहती है**मैं चाहे लाख मुस्कुराऊं**इन आँखों में नमी रहती है*
कोहराम मचा रखा है मई की गर्म हवाओं ने एक तेरे दिल का मौसम है जो बदलने का नाम ही नहीं ले रहा.
कुछ दूर अभी अंधियारा है ,मैं साथ तुम्हारे हो लूँ क्या ।
बेहिसाब हसरते ना पालिये, जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
नहीं रहा जाता तेरे बिना इसलिए तुमसे बात करते हैं वरना हमें भी कोई शौक नहीं तुझे यूं सताने का।
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी, ऐसा तो कम ही होता है वह भी हो तन्हाई भी ।
थोड़ा सुकून भी ढूंढिए जनाबये जरूरत कभी ख़त्म नहीं होगी।
कुछ जख्म ऐसे भी होते हैं,जो हमेशा साथ रहते है,इस ज़िंदगी के खत्म होने तक।
जिंदगी की हर कठिनाइयों से तुझे आगे बढ़ना है,हार मत मान, तुझे अभी और पढ़ना है।
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना।Gulzar Shayari in Hindi
पलक से पानी गिरा हैं तो उसको गिरने दो, कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी,
नींद भी क्या गजब की चीज है,आए तो सब कुछ भुला देती है,और ना आए तोसब कुछ याद दिला देती है।शुभ रात्रि
तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं..!!
जब दोस्त नहीं हो तो कुत्ते भी सताते हैं,और एक ही कमीना दोस्तसाथ हो तो शेर भी घबराते हैं.!! हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
घर में अपनों से उतना ही रूठो कि…आपकी बात और दूसरों की इज्जत दोनों बरक़रार रह सके।Gulzar Shayari in Hindi
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं ,हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं ..
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते
कितनी अजीब बात है ना!तकलीफ आते ही मुंह सेपहला शब्द माँ ही निकलता है।
अच्छे वक्त के आने जाने काकोई वक्त नहीं होता जो येबात समझ जाए उसको कभीदर्द नहीं होता. !!
बेहिसाब हसरते ना पालिये,जो मिला हैं उसे सम्भालिये.
ज्ञान अगर पाना है…तो दोस्ती किताबों से रखो, मोबाइल से नहीं।
भीड़ काफ़ी हुआ करती थीमेरी जिन्दगी मे भी फिर मैं सच बोलता गयाऔर लोग उठते चले गए।
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते, आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नही।
प्यार में झुकना कोई गलत बात नहीं, सूरज भी झुकता है चाँद को देखने के लिए !!!
जिन्हें वाकई बात करना आता है,वो लोग अक्सर खामोश रहते है ।
मुझे आदत नहीं यूं हर किसी पर मर मिटने की पर तुझे देखकर दिल से सोचने तक की मोहलत नहीं दी।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आतीजब तक ख़ुद पर ना गुजरे।
इस दिल का कहा मनो एक काम कर दो, एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो! मेरी ज़ात पर फ़क़त इतना अहसान कर दो, किसी दिन सुबह को मिलो, और शाम कर दो।
दुनिया में रहकर सपनों में खो जाओ,किसी को अपना बना लो या किसी के हो जाओ,अगर कुछ भी नहीं होता तो घबराओ नहींचादर तकिया तो और सो 😴जाओ|Good night….
तुम्हारी आदत सी हो गई थीहमें, मालूम तो हमे भी थाकि तुम नसीब में नही हो।
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना।
ठुकराया हमने भी बोहोतो को हैतेरे खातिरतुझसे फ़ासला भी शयाद अनकीबदुआओ का सर है।
बातों से सीखा है हम नेआदमी को पहचानने का फनजो हल्के लोग होते हैंहर वक़्त बातें भारी भारी करते हैं..
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता,कोई एहसास तो दरिया की अना का होता.
जब रात को नींद ना आए,दिल की धड़कन भी बढ़ जाए,तब दूसरों की नींद खराब करो,शायद उनकी दुआ से आपको नींद आ जाए..शुभ रात्रि..!!
रोते रहें हम रात भर परफैसला न कर सके,तू याद आ रही है यामैं याद कर रहा हूँ 💠
आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं,हर वक़्त आपको ही तो याद करती हैं,जब तक देख न लें चेहरा आपका,हर घडी आपका ही इंतज़ार करती हैं।शुभ रात्रि
खून निकले तो ज़ख्म लगती है वरना हर चोट नज़्म लगती है…
हमारी चाहत तो सुरुवात से आप थे, और आज हमें वो चाँद भी मिल गया !!!
वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं, हम भूल गये हैं रख के कही,
नाराज तो नहीं थे तेरे जाने से मगर हैरान थे की तुमने मूड कर देखा भी नहीं।
यू तो ऐ जिंदगीतेरे सफर से शिकायते बहोत थीमगर दर्द जब दर्ज कराने पंहुचातो कतारे बहुत थी।
आज रात बहुत थमी-थमी सी है,शायद आज फिर आपकी कमी सी है।
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँउन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं..!!
मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं,जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है।मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने,मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं।
साँसों में चाँद की शीतलताबाहों में आसमाँ फैला है,वह आफताब है धरती परउस पर हर शे’र सुनहला है…
बेशक दोस्त कमीने है पर सब सालेजिगर के टुकड़े है💠
किसी ने थोडा सा अपनावक्त दिया था मुझे मेने आजतक उसे इश्क समझ करसंभाल रखा है
सालों बाद मिले वोगले लगाकर रोने लगे,जाते वक़्त जिसने कहा थातुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे।
तकलीफ खुद ही कम हो गई,जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई.
चुप हो तो पत्थर ना समझना मुझे,दिल पर असर हुआ है किसी अपने की बात का।
एक सो सोलह चाँद की रातें, एक तुम्हारे कंधे का तिल, गीली मेहँदी की खुश्बू, झूठ मूठ के वादे, सब याद करादो, सब भिजवा दो, मेरा वो सामान लौटा दो।
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
बातें तो सिर्फ जज़्बातों की है वरना मोहब्बत तो सात फेरो के बाद भी नहीं होती
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।
तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे ,जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है।।
कौन कहता है हम झूट नहीं बोलतेएक बार खैरियत तो पुछ कर देखिए।
अब समझे हम तेरे चेहरे पे तिल का मतलब, हुस्न की दौलत पे दरबान बिठा रखा है।।
लहरें चैन कहाँ पाती है, इसलिए किनारों से टकराती है.
जिसका हक है उसे ही मिलेगा,इश्क पानी नही जो सबको पिला दें
कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें।
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ,उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की..!!
मैं तो एक दीया हूँ,मेरा दुश्मन तो सिर्फ अंधेरा है,हवा तो बिन बात के बदनाम है।
ऐसी मतलबी दोस्ती की जरूरत नहीं, जो वक़्त और माहौल के साथ बदलती हो।
अपने साये से चौंक जाते हैं,उम्र गुजरी है इस क़दर तनहा.
जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कोन दिल के पास होता है.
और खामोश हो जाऊं माना कि मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे-धीरे तेरे बदलने की रफ्तार से हवाएं भी हैरान है
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना पर ज़िंदगी भी लेकिन ज़िंदगी तो नहीं।
आज ज़िंदगी बहुत खफा है,चलिए छोड़िए,कॉनसी पहली दफा है।
मोहब्बत बड़े कमाल कीहोती है जिंदगी बदल देतीहै मिल जाए तब भी ना मिलेतब भी. !!
“पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो, कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी। ”
वो दौर भी आया सफर मै, जब मुझे अपनी पसंद से भी नफरत हुई…!!
कौन कहता है कि बचपन वापस नहीं आता,कभी माँ की गोद में सर रखकर तो देखो,😌😌बड़े होने का मन ही नहीं करेगा।Love you maa 😘😚
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
सफल रिश्तों के बस यही उसूल है,बातें भूलिए जो फिजूल है.
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते
सब लोग एक जैसे नहीं होते कुछ पासहोकर भी हमारे नहीं होतेऔर कुछ दूर होकर भी पराये नहींहोते||” Good Night
अगर मोहब्बत उससे ना मिलेजिसे आप चाहते हो,तो मोहब्बत उसको जरूर देनाजो आपका चाहते हैं।
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,जब अपनों से उम्मीद कम हो गई।
जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं,अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं।
मोहब्बत क्या है उस शख़्श से पूछो, जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतेज़ार किया हो
एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा..!!
मैंने दबी आवाज़ में पूछा – “मुहब्बत करने लगी हो?”नज़रें झुका कर वो बोली – “बहुत
गुस्सा होकर भी फ़िक्र कराती है माँ मुझे मोहब्बत इस कदर करती है।
“आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है। ”
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूं मैं बहुत मजबूत रिश्ते थे मेरे बहुत कमजोर लोगों के साथ।
मौसम का गुरुर तो देखो,तुमसे मिल के आया हो जैसे।
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता!!
कुछ ख़त आज फिरडाकघर से लौट आये,डाकिया बोला जज़्बातों काकोई पता नहीं होता।
कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए, भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।
जिंदगी की हर तपिश को मुस्कुरा कर झेलो, धूप कितनी भी हो समंदर सूखा नहीं करते।
तकलीफ़ ख़ुद ही कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
दोस्तों मैंने पूरी रात जन्नत की सैर कर ली।लेकिन जब सुबह आंख खुली तोमैंने अपना सर माँ की गोद में पाया।
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है, ज़िंदगी एक नज़्म लगती है…।
लोग कहते है की खुश रहो, मगर मजाल है की रहने दे !
मैं वो क्यों बनू जो तुम्हें चाहिए, तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं जो मैं हूँ,
ज़िन्दगी यूँ हुई बरस तन्हा,काफिला साथ और सफ़र तन्हा.
उम्र भर जब बदलते ज़माने मिले,दोस्त जो थे पुराने, वो पुराने ही मिले.!! हैप्पी फ्रेंडशिप डे !!
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा, इसका शायद कोई हल नहीं हैं।
बहुत अंदर तक जला देती हैं, वो शिकायतें जो बया नहीं होती,
आऊं तो सुबह, जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना, बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना.
आज आपके सामने बडो बड़ों की महफ़िल म्यूट है, वो बेचारे भी क्या करें, आप जो इतने क्यूट है।।
उम्र जाया कर दी लोगो नेऔरों में नुक्स निकालते निकालतेइतना खुद को तराशा होतातो फरिश्ते बन जाते
चहरे पर हंसी छा जाती है!आँखों में सुरूर आ जाता है!जब तुम मुझे अपना कहते हो,अपने पर गुरुर आ जाता है!
तुम ख़ास थे इसलिए लड़े तुमसे पराए होते तो मुसकुराकर जाने देते।
फिक्र है इज्जत की तोमोहब्बत छोड़ दो जनाब,आओगे इश्क की गली मेंतो चर्चे जरूर होंगे।
हर जरूरी कुछ पाने से पुरा नही होता,कोई किसी के बिना अधूरा नही होता,बहुत सपने आते है ख्वाबो मे,हर सपना पुरा हो ये जरूरी नही होता।शुभ रात्रि
हम अपनी इस अदा पर गुरुर करते है किसी से प्यार हो या नफरत भरपूर करते है
एक वक़्त के बाद हर कोई गैर हो जाता है, उम्र भर किसी को अपना समझना एक वहम है
वक़्त, दोस्त और रिशतेवो चीजे है जो हमें मुफ़्ती मिलती हैपर इनकी किमत का पता तब चलता हैजब ये कही खो जाते है।
लोगो को खुश रखतेरखते हमारी खुशी नेखुदखुशी कर ली. !!
तेरी किस्मत तेरी मेहनत से ही बन पाएगी,तेरी सफलता, तेरी पढ़ाई से ही जानी जाएगी।
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते¸आवाज अगर तुम ना दो तो बोलते वह भी नही।
नींद उडाकर मेरीकहते हैं वो की सो जाओ कल बात करगेंअब वो ही हमें समझाए कल तक हम क्या करेंगे।
मेरे दिल में न आओ वरना डूब जाओगे, गम के आंसू का समंदर है मेरे अंदर।
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है ..
तुम शोर करते हो, सुर्खियों में आने के लिए, हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई है।
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, बस हम गिनती उसी को करते हैं, जो हासिल ना हो सका,
कभी टूट कर बिखरो तो मेरे पास आ जाना, मुझे अपने जैसा लोग बहुत पसंद है,
काफी पुराने जमाने कादिल है मेरा इसे जिस्मोंवाली मोहब्बत समझ नहींआती. !!
थोड़ा सा रफू करके देखिए ना, फिर से नई सी लगेगी जिंदगी ही तो है।
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतींवो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैंGulzar Shayari in Hindi
बस इतना सा असर होगाहमारी यादों का,की कभी कभी तुम बिनाबात के मुस्कुराओगे।
आंसू बहाने से कोई अपना नहीं होता ,जो अपना होता है वो रोने ही कहां देता है।।
जिंदगी में आपका सच्चा दोस्तआपकी माँ ही हो सकती हैक्योंकि उनकी हर राय के पीछेवह आपका ही फायदा देखती है
खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो?एक ख़ामोश-सा जवाब तो है।
खुद की कीमत गिर जाती हैकिसी को कीमती बनाने की चाह में!Khud ki kimat gir jati haiKisi ko kimti bnane kiChah me!
शायर बनना बहुत आसान है,बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
सारी हदे पार कीकभी हमने भी किसी के लिए आज उसी ने सीखा दिया हद में रहना।
शाम से आंख में नमी सी हैअज फिर आपकी कमी सी है।
दोस्ती का अर्थ होता है दिल की हर बात समझना, साथ हो तो हर तकलीफ को दूर कर देना।
मशहूर होने का शौक़ किसे है…… मुझे तो मेरे अपने ही ठीक से पहचान लें तो भी काफ़ी है….
बेहिसाब हसरते ना पालिये,जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आतीजब तक ख़ुद पर ना गुजरे..!
“वक़्त भी हार जाते हैं कई बार ज़ज्बातों से, कितना भी लिखो, कुछ न कुछ बाकि रह जाता है। ”
आईना देख कर बहुत तसली हुई,हम को इस घर में,कोई जानता भी है।
ज़ख्म कहा कहा सेमिले है मुझकोज़िन्दगी तू तो बता सफ़र और कितना बाकी है।
एक बार तो यू होगा थोड़ा सा सुकून होगा, ना दिल में कसमक होगी ना सर में जुनून होगा,
तुम ही ने सफर करवाया था मोहब्बत की कश्ती पर अब नजरें ना फिर मुझे डूबता हुआ भी देख।
हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़किसी की आंख में हम को भी इंतिज़ार दिखे
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैंना पास रहने से जुड़ जाते हैंयह तो एहसास के पक्के धागे हैंजो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान, दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे, ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में, उसको पढ़ते रहे और जलाते रहे।
*होठों की मुस्कान तो अब मास्क ने छुपा ली है…*
मेरी माँ भी गिनती मैं अक्सर गलती कर जाती हैरोटी एक मांगता हूंतो 2 ही दे जाती हैLove you 😘 Maa
मीलो का सफर, पल में बर्बाद कर गया,उसका ये कहना… कहो कैसे आना हुआ!!
लिखु क्या आज वक्त का तकाजा है, दर्द ए दिल अभी ताजा हैं,
कुछ सितारों की चमक नहीं जाती,कुछ यादों की खनक नहीं जाती,कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता,कि दूर रह कर भी उनकी याद नहीं जाती।शुभ रात्रि!
एक पुराना ख़त खोला जब अनजाने में, खुशबू जैसे लोग मिले अफसाने में.
आपकी आंखो मेकुछ महके हुए राज़ हैआपसे भी सुन्दरआपके अंदाज़ है।
थोडा हैथोड़े के जरूरत हैज़िन्दगी फ़िर भी यहा ख़ूबसूरत है।
कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें !
अक्सर जखम दिल का गहना होता है,और दर्द दिल का लिबास होता है।
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम, कभी वो भी तो पढ़ो जो हम कह नहीं पाते,
फिर वहीं लौट के जाना होगा यार ने कैसी रिहाई दी है
तम मेरे घर के सामने रहती तोइतना गजब हो जाताकी दो छत की दूरी से मुझे चाँद नज़र आता।
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता मै साथ दुनिया के चलू कैसे