Jimmedari In Hindi Shayari | जिम्मेदारी पर शायरी
Responsibility reflects our commitment to ourselves and others, emphasizing accountability and integrity. Today we are here with the best and latest Jimmedari In Hindi Shayari which will make you feel more mature. Copy and share your favorite one.
2024-09-20 12:35:16 - Milan
बच्चों को अच्छे संस्कार दें औरउनमें अच्छी आदतों के विकास करेताकि एक उम्र के पढ़ाई को स्वयंकी जिम्मेदारी समझकर ईमानदारीसे परिश्रम करे और पढ़े।
लोग शोर से जाग जाते है…. ~ मुझे तुम्हारी ख़ामोशी सोने नही देती….
यदि आपके कन्धों पर बहुत भारी ज़िम्मेदारियाँ आ गई है तो समझ लेना भगवान् ने एक बड़ी सफलता के लिए आपको चुन लिया है।
आप हो बहुत महान, दिल से करता हूं सम्मान, आपसे ही है मेरी पहचान, अपनी जिम्मेदारी से नहीं हूं अनजान।
न जाने क्यूँ बंध जाते हैं ज़िम्मेदारियों के बीच, कभी अपनी ख़ुशियों के बारे में जब सोचना चाहते हैं हम….
किसी को इतना भी ना चाहो कि, भुलाना मुश्किल हो जाए;* ~ क्योंकि जिंदगी, इन्सान, और मोहब्बत तीनो बेवफा है!
मन्नत के धागे बांधो या मुरादों के पर्ची, वो देगा तभी जब होगी महादेव की मर्जी। हर हर महादेव
मेरे लिखे लफ्ज़ ही पढ़ पाया वो बस.. ~ मुझे पढ़ सके इतनी तालीम कहाँ उसकी.
सबके अंदर इक अजब सी शोर हैबाहर से हर कोई मौन है,जो तुम्हारी जिंदगी में चल रहा हैउसका जिम्मेदार कौन है?
कर्तव्य कभी आग और पानी की प्रवाह नहीं करताकर्तव्य पालन ही चित्त की शांति का मूल मन्त्र है
दूर रहकर भी तुम्हारीहर खबर रखते हैं,हम पास तुम्हे कुछइस कदर रखते हैं…❣️🌹
जिम्मेदारियों ने कुछ ऐसे भी सितम बरसाएं है!!सालों तक माँ ने एक ही साड़ी में कई त्यौहार मनाएं है!!
ख़ुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब ~ वजहें आजकल महँगी हो गई हैं
कर्त्तव्य करने हेतु ही मानव का जन्म हुआ है और यह कर्त्तव्य तभी ख़त्म होंगे जब वह जीना छोड़ देगा
इतनी बदसलूकी ना कर ऐ ज़िंदगी,हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।
कुछ लोग ज़िंदगी होते हैं ~ पर ज़िंदगी में नहीं होते…
मुझे नहीं पता इश्क़ क्या हैंतुम दिख जाते हो तो,मुझे सुकून मिल जाता हैं..❤️
जागते रहना है, पढ़ते रहना है,पिताजी की फ़िक्र को फक्र में जो बदलना है।
सबके अंदर इक अजब सा शोर है, बाहर से हर कोई मौन हैजो तुम्हारी जिंदगी में चल रहा है, उसका जिम्मेदार कौन है?
इश्क़ से लोग मना करते हैं जैसे कुछ इख़्तियार है अपना
वो फ़िराक़ हो कि विसाल हो तेरी आग महकेगी एक दिन वो गुलाब बन के खिलेगा क्या जो चराग़ बन के जला न हो!!!
लापरवाह होना आसान है, जिम्मेदार होना मुश्किल है, जो जिम्मेदारियां उठाता है, वही जीतता सबका दिल है।
समय के एक तमाचे की देर है, ~ मेरी फ़क़ीरी भी क्या…तेरी बादशाही क्या…
बेपनाह, बेशुमार, बेहद, बेवजह…बस, कुछ इसी तरह मैंने चाहा है।तुम्हें.!!❣️
जो ख्वाहिशें दिल से की जाती हैं ~ अक्सर उन्हीं की किस्मत में अधूरापन होता है..
बुरे वक्त में एक दूसरे की !!मदद करना जरूरी होता है !!इंसानियत के फर्ज को !!अदा करना जरूरी होता है !!
पता नही कितना प्यार हो गया है तुमसेनाराज़ होने पर तुम्हारी ओर ज्यादायाद आती है ।
पहले तेरी चाहत हुई फिर तेरी आदतहुई, फिर तेरी लत लगी अब तेरीजरूरत है…!!
सुकून ऐ दिल के लिए ही कभी हाल तो पूछ ही लिया करो, मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते…! **************************************
किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसेकी दर्द की कीमत क्या है,हमने हँसते हुए कहा पता नहींकुछ अपने मुफ्त में दे जाते है।
कोई याद कर रहा है, शिद्दत से, वहम भी क्यो ये उसे होता नहीं?,मुद्दत से…!!
मैंने दो घड़ी आराम करने की क्या सोच… के कल के परिंदे मुझे उड़ना सिखा रहे हैं.!!!
होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत ~ वो याद तो आते हैं मगर अफसोस हमें याद नहीं करते…
निगाहों से तेरे दिल परपैगाम लिख दूंतुम कहो तो अपनी रूहतेरे नाम लिख दूं.💕
ऐसी लड़की को कभी मत खोना जोआपकी कमिया जानते हुए भी आपसेप्यार करती हैं.!
उसे भी रंज है शायद बिछड़ने का, गिलाफ वो भी बदलती है रोज तकिए का.. **************************************
हर फर्ज़ में अहम होता है !!इंसानियत का फर्ज़ !!क्योंकि इस दुनिया में हमें !!चुकाना है उसी का कर्ज़ !!
एक लम्हा सौ सवाल, सौ सवालो में सिर्फ तेरा ख्याल
बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें इनको तू बेकार ना कर, मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आँगन में दीवार ना कर…
वतन के प्रति अपना फर्ज इस तरह निभाता हूँ !!बस ईमानदारी से अपनी रोजी-रोटी कमाता हूँ !!
मसला दिल का कभी कभी उलझ जाता है पर उससे बढ़कर कोई भी हमराज़ नहीं है
मेरी प्यारी छोटी बहना,निडर होकर नदी सी यूं ही बहती रहना,मैं हर कदम साथ रहूंगा तेरे,बस यूं ही हाथ पकड़कर चलना साथ मेरे।
बड़ा वेतन और छोटी #जिम्मेदारी शायद ही कभी एक साथ पाए जाते हैं. ||
मेरा तेरा रिश्ता बड़ा चुलबुला है,कभी खट्टा तो कभी मिट्ठा है,बस यही खास बात है जो,भाई-बहन को जिन्दगी भर साथ रखती है।
चलो इश्क़ में कुछ यूंअंदाज अपनाते हैं, तुम आँखेबंद करों, हम तुम्हें सीने सेलगाते हैं..❤️🥀
मैं इतना तो बना भी न था, जितना मिटा दिया गया मुझे
जब तू छोटे छोटे कदमो से चलती थी,तेरी पायल मीठी राग सुनाती थी,बहुत प्यारी हो तुम बहना,जीवन भर यु ही संग रहना।
ना थके है अभी पैर, ना ही हिम्मत हारी है हौंसला है जिंदगी में कुछ कर दिखाने का इसलिए तो सफर जारी है ।
बिन बोले ही सब कुछ जाता है सह, कुछ नही पाता है कह।
तुम्हारा दबदबा ख़ाली तुम्हारी ज़िंदगी तक है; ~ किसी की क़ब्र के अन्दर ज़मींदारी नही चलती!
ये पानी ख़ामुशी से बह रहा है इसे देखें कि इस में डूब जाएँ
रिश्ते उन्ही से बनाओ जो निभानेकी औकात रखते हो, ~ बाकी हरेक दिल काबिल-ऐ-वफा नही होता ।
जिंदगी में गलत इंसान हीसही सिख देकर जाता है।
लोगों से दूरी बढ़ाने के कई तरीके हैं, पर जिम्मेदारी निभाने के भी कई तरीके हैं।
सबको मेरे बाद रखियेगा,आप मेरे है, ये याद रखियेगा..!
जिम्मेदारी ही होती हे जो हमेंउम्र से पहले बड़ा बना देती हेज़िन्दगी की हर परिस्थिति सेहमें लड़ना सीखा देती हे
#हमें अपने आप को नहीं अपने उत्तरदायित्वों को गंभीरता से लेना चाहिए!!!
अलफ़ाज़ नहीं बचे अब सबकुछ लिख चूका हूँ, ~ शायद मोहब्बत के खातिर पूरी तरह बिक चूका हूँ…..
मेरे दिल से तुम्हारी हर गलती माफ होजाती हैं जब तुम मुस्कुरा के पूछते होजान नाराज हो क्या..!
ज़िंदगी ‘किस्मत’ से चलती है यारों, ~ ‘दिमाग’ से चलती तो अकबर की जगह बीरबल ‘बादशाह’ होता… **************************************
एक बात याद रखना अकेलेवारिस हों तुम,मेरे सारे प्यार के…❣️❣️
जब जिम्मेदारी बड़ी होती हेतब कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता
कितने तन्हा हो गए है घर से दूर रह कर, जी तो रहे मगर मजबूर हो कर ।।
किसी को नहीं मालूम क्या बीती है उस के ऊपर दिल की दास्तान जुबाँ को कभी कहने नहीं देता… **************************************
राख़ तले चिंगारी रख़ कुछ तो पर्दा दारी रख़ अम्न ज़रूरी है लेकिन जंग की भी तैयारी रख़
“ जिम्मेदारियों की वजहसे मुझे नींद नहीं आती है,पर लोग मुझे आशिक समझते हैं,वो सभी उन लोगों में से हैं,जो अपनी जिम्मेदारियों से बचते हैं…!!
कर्तव्यों भावनाओं में उपयोगी हैं, लेकिन अप्रियता का उद्देश्य संबंधों के संबंध में है
ये जो छोटे घर के लड़के होते हैं, बड़ी ज़िम्मेदारिया लेकर पैदा होते हैं जनाब।
क्या लोग थे कि जान से बढ़ कर अज़ीज़ थे !!अब दिल से महव नाम भी अक्सर के हो गए !!
जिंदगी को खुश रहकर जियो, क्योंकि रोज शाम सिर्फ सूरज जी नहीं ढलता… आपकी अनमोल जिंदगी भी ढलती है!!
रैक आपको विशेषाधिकार या शक्ति नहीं देती!!ये आपके ऊपर जिम्मेदारी डालती है!!
कर्त्तव्य करने हेतु ही मानव का जन्म हुआ है और यह कर्त्तव्य तभी ख़त्म होंगे जब वह जीना छोड़ देगा।
देखते है अब किस की जान जाएगी……. ~ उसने मेरी और मैंने उसकी कसम खाईं है.
जो कर्तव्य से बनता है, लाभ से वंचित रहता है
जुबान मेरे सिर्फ इसलिए खामोश है,क्योंकि जिम्मेदारियों के बोझ से दबे है।
वो अनजान चला है,जन्नत पाऩे की खातिर ~ बेखबर को इत्तला कर दो,कि माँ-बाप घर पर ही है. ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
मैं अपने दुश्मन के भी गले लग जाऊँ… शर्त ये है वो तुझसे मिलकर आया हो…!
सच है तुम्हे किसी से न मतलब न कुछ गरज, ~ दिन रात घर में गैर के महमान हमी तो है
आम भी कभी कभी घर आते हैं जहाँ, इतने आम घर का लड़का हूँ मैं।
यदि आप अपनी ज़िम्मेदारियों का भार नहीं उठा सकते तो आप सफलता का भार भला कैसे उठाएंगे।
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम !!तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ !!
परिवार का मुखिया होना काँटों भरा ताज पहनना होता हैजो कभी तारीफ पाता है, तो कभी ताने सहता है
“ किस्मत जब जिंदगीमें जिम्मेदारियाँ देती है,तब कुछ ख्वाहिशें दिलमें खुदखुशी कर लेती है…..!!
“हमेशा याद रखना, ज़िम्मेदारिया आपको दबाने नहीं बल्कि उठाने आती है।”
“ जितना वेतन नहीं है,उतनी जिम्मेदारी है,उन्होंने मेरे लिए बहुत किया,अब मेरी बारी है….!!
ज़िम्मेदारी पर शायरी
कुछ ख्वाहिशों ने, कुछ जरूरतों ने मजबूर किया, घर की जरूरतों ने ही घर से दूर किया!!
न देखे होंगे रिंद-ए-ला-उबाली तुम ने बेख़ुद से कि ऐसे लोग अब आँखों से ओझल होते जाते हैं
घर से चले तो राह में आकर ठिठक गए पूरी हुई रदीफ़ अधूरा है काफ़िया!!!
कर्म तेरे अच्छे हैं तो किस्मत तेरी दासी है, नियत तेरी अच्छी है तो घर में मथुरा काशी है।
बेहद हदें पार कि थी हमने कभी जिनके लिए, आज उन्हीं ने सिखा दिया है हमें हद में रहना
आप हमारे साथ नहीं !!चलिए कोई बात नहीं !!
इश्क-ऐ-दरिया में हम डूब कर भी देख आये, वो लोग मुनाफे में रहे जो किनारे से लौट आये.
खींच कर लाई है सब को क़त्ल होने की उम्मीद ~ आशिक़ों का आज जमघट कूचा-ए-क़ातिल में है!
जब भी कहीं मिलो तो बस मुस्कुरादेना मेरी ज़िन्दगी के लिए येसिलसिला काफी है..!!
सफलता का श्रेय तो हर कोई लेना चाहता है पर असल सुरवीर तो वह व्यक्ति है जो अपनी गलतियों का ज़िम्मेदार खुद को ठहरा सके।
छोटे घर के लड़कों को बड़ी बड़ी गाड़िया नहीं बड़ी बड़ी ज़िम्मेदारिया मिलती है।
किस्मत में न सही, पर ख्वाब है तू !!अधूरा सा पूरा हुआ मेरा एहसास है तू !!मेरे हर अधूरे सपने कोपूरा करने वाला ख्वाब है तू !!
इश्क़ क्या है खुद ही समझ जाओगे, तेज़ बारिशों में पतंगें उड़ाया करो…
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
झूठी मोहब्बत, वफा के वादे, साथ निभाने की कसमें;* ~ कितना कुछ करते हैं लोग, सिर्फ वक्त गुजारने के लिए
दिलों में रहना सीखो,गुरुर में तो हर कोई रहता है,गुरूर में इंसान को इंसान नहीं दिखता,जैसे छत पर चढ़ जाओ तो,अपना मकान नहीं दिखता।
वही रंजिशें वही हसरतें न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई,है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी न गुज़र सकी न खत्म हुई।
जीवन में बड़ी सफलता तभी पाईजब मुश्किल हालातों में भीखुद को हिम्मत से रहना सिखाया,मुसीबतों के अंधेरे कोमेहनत की रोशनी से दूर भगाया।
ज़िम्मेदार व्यक्ति हार नहीं, सिर्फ अपनी गलती मान उसे ठीक करते हैं
बड़ी अजीब सी बादशाही है दोस्तों के प्यार में, ना उन्होंने कभी कैद ~ में रखा, न हम कभी फरार हो पाए..
पता नहीं क्यूं तुमसे इतना प्यार हो गया,की हर चीज़ से ज्यादा मुझे तेरी आदतहो गई..।
चंद लोग जिन्हें #मालूम हैं "शब्दों" के मायने, "गृहस्थी" का बोझ लिए #खड़ा है हर वो शक्स।
मेरे प्यार की मजार तो आज भी वही है जान बस तेरे ही सजदे की जगह बदल गयी!!!
आपका प्यार मेरे लिए सिर्फ प्यार नहीमेरे जीने को वजह भी है❤️
जुबान मेरे सिर्फ इसलिए खामोश है, क्योंकि जिम्मेदारियों के बोझ से दबे है।
यूँ तो सिखाने को ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है…!! मगर…. ~ झूठी हंसी हँसने का हुनर तो बस ‘मोहब्बत’ ही सिखाती है…!
“ हर मुसीबत में मेरा साथ दियाहमेशा अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया,जब नहीं था सहारा मेरा,तब उन्होंने मुझे आगे बढ़ने के लिए हाथ दिया….!!
कोई ग़म से परेशान है , कोई जन्नत का तालिब है ~ ग़रज़ सजदे कराती है इबादत कौन करता है …
अब इस से बढ़ के और भी कुछ बे-कसी होगी ~ इलाही अब तो मिरा दिल दुआ भी भूल गया …
लफ्ज़ों की कमी हो गई है पास हमारे… ~ वरना काबीले तारीफ तो बहुत कुछ है आप में…
जाने कब आ के दबे पाँव गुज़र जाती है,मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके।
की.. उनके पीछे भागने वाले बच्चे, अब मोबाइल की रौशनी में खुश रहते हैं…।”
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं !!ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं !!
उड़ा देरी हे नींदे कुछ घर की जिम्मेदारियां!!रात में जागने वाला हर कोई!!आशिक ही नहीं होता!!
पतंग उड़ा के खुली रील छोड़ देता है ~ खुदा खफा हो तो फिर ढील छोड़ देता है!!!
जान में जान बाक़ी है ~ तो इम्तहान बाकी है…
ख्वाब देखा न करो खुली आँखों से.. ~ इसकी कीमत देनी होती है अधूरी साँसों से …
लाखों ज़िम्मेदारियों के ज़ोर के आगे, एक भी ख़्वाब की एक ना चली।
ज़िम्मेदारियाँ तजुर्बा देती है और तजुर्बा सफलता।
समंदर से ख़ामोश रहकर उठाता हूँ जिम्मेदारी, वरना शहर डुबोने का सलीका तो हम भी जानते हैं….
बंद कमरे में रखे गमले नमी को तरस गए ~ बाहर सड़क पे ढेर से बादल बरस गए!!!
जिंदगी से सिर्फ यही सीखा है , मेहनत करो कभी रुकना नहीं, हालात कैसे भी हो किसी के सामने झुकना नहीं ।
क्यों जुड़ता है तू इस जहाँ से एक दिन ये गुजर ही जायेगा चाहे कितना भी समेट ले जहाँ मुट्ठी से फिसल ही जायेगा!!
छोटी-सी उम्र में ही अपने पैरों पर खड़े हो जाते है,जिम्मेदारियां हो सिर पर तो बच्चे बड़े हो जाते है.
हुआ सवेरा तो हम उनके नाम तक भूल गए ~ जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए
सुलझा रहा हूँ एक एक करके सारी उलझनें, ~ जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!
आसरा इस जहां का मिले ना मिले मुझको,महादेव आपका सहरा हमेशा चाहिए।हर हर महादेव
मेरे हालात ने कर दिया था मुझे खामोश, ~ हम जरा चुप हुए तो तुमने याद करना ही छोड़ दिया !!
ये कैसा सिलसिला है तेरे और मेरे दरमियाँ ~ फ़ासले तो बहोत है मगर मोहब्बत कम नहीं होती
उड़ा देती है नींदे कुछ जिम्मेदारियाँ घर की,रात में जागने वाल आदमी आशिक नहीं होता।
बड़ी ही खूबसूरत शाम हुआ करती थी वो तेरे साथ की ….. ~ अब तक खुशबू नही गई, मेरी कलाई से तेरे हाथ की…
कदम-कदम पे नया इम्तिहान रखती है,ज़िन्दगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है।
बुत भी रक्खे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं ~ दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है… **************************************
मोहब्बत की शमा जलाकर तो देखोये दिलों की दुनिया सजा कर तो देखोतुम्हे हो न जाए मोहब्बत तो कहनाज़रा हमसे नजरें मिला कर देखो।
कोई कोहिनूर भी दे तो मैं सौदा नाकरूँ, जनाब… उसके इश्क से भरी हैमेरे दिल की तिजोरी…❤️
कैसी लत लगी है,तेर दीदार की,बात करो तो दिल नही भरता,ना करो तो दिल नही लगता ।🌹
रोज़ रोते हुए कहती है ये ज़िंदगी मुझसे सिर्फ एक शख्स कि खातिर मुझे बर्बाद मत कर!!!
वो मुझे अपनी जिम्मेदारी समझता है, उन्हें मेरी परवाह करना अच्छा लगता है।
ले – दे – के वही है इस शहर में अपना, ~ दुनिया कहीं उसको भ़ी समझदार न कर दे…
थक कर बैठे हैं हार कर नहीं ~ सिर्फ बाज़ी हाथ से निकली है ज़िंदगी नहीं **************************************
जो मोहब्बत में खाक़ होते हैं ~ उनके जज़्बात पाक होते हैं!!!
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते,जो मिल गया उसे खोया नहीं करते,हासिल उन्हें होती है सफलता,जो वक़्त और हालातपर रोया नहीं करते।
#अधिकतर लोग वास्तव में स्वतंत्रता नहीं चाहते क्यूंकि स्वंतन्त्रता अपने साथ उतरदायित्व भी लेकर आती हैं और अधिकतर लोग जिम्मेदारी से डरते हैं!!!
आज धरती सुनहरी हो गई,आसमान नीला हो गया,आज बहना जो तू मेरे घर में आ गई,मेरा घर खुशियों से आबाद हो गया।
दर्द तो अकेले ही सहते हैं सभी !!भीड़ तो बस फर्ज अदा करती है !!
कहां मिलेगा तुम्हें मेरे जैसा शख्स,जो दूर रहकर भी तुम्हारी इतनी परवाहकरता है..!
यादों की दीमक लगी किताब है हमारी ज़िंदगी, जैसे जैसे पन्ने पलटोगे फटती चली जाएगी…
मा-बाप अपना दर्द भूल जाते है।मर्ज भूल जाते है !!बच्चे बडे होकर फर्ज भूल जाते है कर्ज भूल जाते है !!
जाने क्यूँ बरसने से, मुकर जाता है हर बार, ~ मेरे हिस्से में आया है, जो टुकड़ा बादल का…
प्रत्येक #व्यक्ति को अपने आचरण का परिणाम #धैर्यपूर्वक सहना चाहिए.
जलन चुभन लगती रही!!ख़्वाहिशें दिल में मरती रही!!जिंदगी यूँ ही चलती रही!!जिम्मेदारियाँ बढ़ती रही!!
जरूरी ये नहीं कि कोई तुम्हारे साथ है या नहीं , जरूरी तो ये है कि तुम खुद के साथ हो या नहीं !!
ख्वाहिश ए जिंदगी बस इतनी सी है कि, साथतुम्हारा हो और जिंदगी कभी खत्म ना हो…Love u.
“होशियार बनना चाहते हैं तो बस एक काम कीजिए ज़िम्मेदार बनिए।”
नज़रों में गिरना नहीं कभी किसी की … यार … ~ दौलत से , इज्जत बड़ी ….. मिले कहाँ हर बार .
जब कोई जिम्मेदारी उठा लेते हैं, तब वो अपनों का जीवन बदल देते हैं।
201 ख्वाइशों को दफना दिया … ख्वाबो की कब्र में……
जिंदगी में संभलकर नहीं चलोगेतो पैर में मोच आएगा,बचत कर लो, एक दिन घर केजिम्मेदारियों का बोझ आएगा।
जो अच्छा लगता है उसे गौर से मत देखो,ऐसा ना हो कोई बुराई निकल आए,जो बुरा लगता है उसे गौर से देखो,मुमकिन है कोई अच्छा ही नजर आ जाए।
गावों में लोग कहते हैशादी कर दो लड़का समझदार हो जाएगा,अगर ऐसा ही होता तोसारे स्कूल और कॉलेज बंद हो जाते।
जिंदगी की हकीकत को बस हमने इतना ही जाना है,दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है।
रसोई घर का चूल्हा जलेइसलिए वो धूप में खुद को जलाता है,वो मजदूर है साहबकहाँ किसी को अपना दर्द बताता है.
“ जिम्मेदारी को सिर परपड़ते हुए देखा है,करीब से मैंने बचपनको मरते हुए देखा है….!!
एक तेरे ना रहने से बदल जाता है सब कुछ ~ कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी…
उसने मेरी हथेली पे नाजुक सी ऊँगली से लिखा ” मुझे प्यार है तुझसे ” जाने कैसी स्याही थी वो लफ्ज मिटे भी नही और आज तक दिखे भी नही!!!
Jimmedari Shayari in Hindi
☝सुनो अगर तुम मेरी मौत भी बन जाओ, ~ तब भी मैं तुमसे मिलने की दुआ करुंगी
गैरज़िम्मेदार व्यक्ति अपनी हार का दोष दूसरों पर डालता है वही ज़िम्मेदार व्यक्ति अपनी गलती मान कर उसे ठीक कर लेता है।
अपनी चाहत की चीजों को पाने के साथ साथ ! जो चीज़े आपके पास हैं उन्ही के साथ खुश रहना सीखे !!
#इन्सान को अलार्म नहीं ज़िम्मेदारियाँ जगाती हैं!!!
जो है तुम्हारे पास उसकी कदर करो क्योंकि जो तुम्हारे पास है कुछ लोग उसके लिए भी तरसते हैं ।
“ हर जिम्मेदारी को निभाया है,मेरे खातिर भूखे पेट दिन बिताया है,उनके इतना करने से ही,मेरा अच्छा दिन आया है….!!!
कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।
इस दुनिया में सभी लोगों के तीन प्रकार के जीवन है,सबके साथ मिलजुल कर रहना,खुद का निजी जीवनऔर गुप्त जीवन l
“ दिल में दूसरों के प्रति निष्ठा रखना,हर किसी का दिल से सम्मान करना,कभी किसी से न लड़ना,अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना….!!
मैं तन्हाई को तन्हाई में तन्हा कैसे छोड़ दूँ ~ तन्हाई ने तन्हाई में तन्हा मेरा साथ दिया है!!!
अच्छे संस्कार किसी मॉल से नहीं, परिवार के माहौल से मिलते है
बड़ी नादान मुझे मेरी नादानियाँ लगती है, ना जाने क्यों बोझ जिम्मेदारियाँ लगती है।
किस लिए वो शहर की दीवार से सर फोड़ता क़ैस दीवाना सही इतना भी दीवाना न था
ख़ौफ़ से यूँ ना आँखें बन्द करो ~ चूमने से कोई नहीं मरता
हर एक व्यक्ति का वर्तमान ही उसके भविष्य को निर्धारित करता है , आज जो आप कर रहे हैं , वही आपके भविष्य का निर्माण करेगा ।
बेफिक्री के चलते अपनी जिम्मेदारी न भूलना, कभी कोई गलती हो जाए तो अपनों से पूछना।
ज़रा सा झाँक कर तो देखिये वीरान आँखों में ~ सभी एहसास आँखों की नमी से तय नहीं होते …
इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ ~ वरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने
छोड़ गया था में व्रक्षो की छांव को, शहर में चकाचौंध के लिए, आई हे मुसीबत मुझपर, मेरा गांव बाहें फैलाए फिर बुलाने लगा!!
मोहब्बत से मोहब्बत तब हुई,जब मोहब्बत तुमसे हुई…!❣️🌹
प्यार कब हुआ कैसे हुआ, कुछ पतानही बस इतना जानते हैं कि तुमसे हुआहै, तुमसे है और तुमसे ही रहेगा..।
किसी की जिंदगी कभी बर्बाद नही होती है, जब अच्छा भाई हो तो जिंदगी आबाद होती है।
जिंदगी ने पूछा सपना क्या होता है,हकीकत बोली बंद आँखो में जो अपना होता है,खुली आँखो में वही सपना होता है।
आपने हमेशा बड़े सपने देखे और उन्हे पूरा करने की चाहत अपने दिल मे रखी।हर किसी के लिए यह इतना भी आसान नहीं है। सफलता के लिए ढेर सारी बधाई।
जो चलना भी नहीं जानते थे ज़िम्मेदारियों के चलते आज दौड़ भाग रहे हैं।
बनाते फिरते हैं रिश्ते जमाने भर से अक्सर। मगर जब घर में हो जरूरत तो रिश्ते भूल जाते हैं।।
मोहताज नहीं हम किस्मत के , मेहनत इतना करेंगे कि किस्मत भी हार मान जाएगी ।
खुशियों को बाँटता हुआ एक मेला हूँ।मैं सच कहूँ तो अपनों में भी बहुतअकेला हूँ…।
यादों का ज़हर दिल में फ़ैल गया, ~ देर कर दी उसे भुलाने में **************************************
बुत भी रक्खे हैं नमाज़ें भी अदा होती हैं, ~ दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है
हम भी बरगद के दरख़्तों की तरह हैं, ~ जहाँ दिल लगे वहाँ ताउम्र खड़े रहते है
जिम्मेदारी उठाना बड़ी बात है!!वादे निभाना बड़ी बात है!!जब तक पिता मेरे साथ हैं!!तब तक खुशी से भरी रात है!!
आप दुसरो को तब तक खुश नही कर सकतें जब तक आप खुद खुश नही हो !
अगर पैसे और संबंधदोनों में से एक को महत्व देना पड़े,तो जनाब संबंध बचाना,पैसे तो आते जाते रहेंगे।
संघर्ष के अंधेरे से अपने हौसले को कमजोर ना होने दे, समय का ग्रहण तो सूर्य और चंद्रमा भी झेलते है
जुबान मेरी सिर्फ इसलिए खामोश है,क्योंकि जिम्मेदारियों के बोझ से दबी है
वो अनजान चला है,जन्नत पाऩे की खातिर ~ बेखबर को इत्तला कर दो,कि माँ-बाप घर पर ही है..
“ बड़ी नादान मुझे मेरीनादानियाँ लगती है,ना जाने क्यों बोझजिम्मेदारियाँ लगती है….!!
अपने उत्तरदायित्वों का ध्यान रखते हैं!!आपको बुरा न लगे ये ध्यान रखते हैं!!कुछ सच कड़वे होते हैं!!पर आपका दिल न टूटे इसलिए नहीं कहते हैं!!
अगर तैरना सीखना है तो पानी में उतरना तो होगा ही , किनारे बैठ कर कोई गोताखोर नहीं बनता ।
कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं।।
ये मैं जानता हूँ की तू डरा नहीं है!!बस एक जिम्मेदारी है!!जिसके बोझ तले तू दबा है!!
सफलता की राह में अक्सर रूकावटें तो आती ही है पर यहां मंजिल भी उन्हीं को मिलती है जो हार नहीं मानते ।
चांद सा मुखड़ा फुल जाता है,प्यारी बहना जब रुठ जाती है।
खुदा अपने होने का कुछ यू भी पता देता है ~ बस थोड़ी सी ज़मीन को हिला देता है
जिनके रोम रोम में शिव है,वो ही विष पिया करते है,जमाना उन्हें क्या जलायेगा,जो श्रृंगार ही अंगार से करते है।हर हर महादेव
जिस क्षण आप अपने जीवन में हर चीज की जिम्मेदारी लेते हैं
आ जाती है हर तरह की समझदारी,जब लोग उठाते है घर की जिम्मेदारी।
भाई को देख सब कतरा जाते, इसलिए हमसे कोई नही टकरा पाते।
बात ये नहीं कि तेरे बिना जी नहीं सकते ~ ज़िद ये हैं कि तेरे बिना जीना नहीं हमें!!!
तूफान का भी आना जरूरी है जिंदगी में,तब जा कर पता चलता है,”कौन” हाथ छुड़ा कर भागता हैऔर “कौन” हाथ पकड़ कर।
सुनो.जिंदगी में तुम ही तुम हो आँखों में,खब्बां में, साँसो में और इस दिल में,सिर्फ तुम ही हो 🥰❤️
नहीं समझते वो माता-पिताके प्रति अपनी जिम्मेदारी,पर उनकी दौलत में चाहिएसभी को बराबर की हिस्सेदारी.
न मेहनत में कमी होगी , न हालातों पर रोऊँगा !! देर से ही सही पर अपनी मंजिल को जरूर पाऊँगा !!
होशियार बनना चाहते हैं तो बस एक काम कीजिए ज़िम्मेदार बनिए
शायद मैं इसलिए पीछे हूँ,मुझे होशियारी नही आती,बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी,मगर मुझे गद्दारी नहीं आती।
जिम्मेदारी ने ऐसा दिन भी दिखाया है,माँ ने कई त्यौहार एक ही साड़ी में मनाया है.
इस प्यारी सी दुनिया में एक छोटा सा मेरा परिवार है,खुशियाँ मुझे इतनी मिलती है जैसे रोज कोई त्यौहार है
सनम तेरे प्यार में अपना !!हर फर्ज़ दिल से निभाता हूं !!सिर्फ तेरे खातिर मैं इस !!दुनिया को तक भूल जाता हूं !!
झमाझम बारिश का मौसम और फर्क हालातों का ~ रईस को मस्ती सूझ रही है और गरीब की बस्ती डूब रही है
किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना.. ~ वहाँ ले कर चलो, तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।
आज मैं अकेला हूँ तो क्या हुआ… ~ एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सूना सा लगेगा…
अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं वो, पिता है न इसलिए असफल होने से डरते हैं वो।
एक शौक बेमिसाल रखो। हालात जो भी हो…, होंठो पर मुस्कान रखो।
होशियार बनना चाहते हैं तो बस एक काम कीजिए ज़िम्मेदार बनिए।
“ जिम्मेदारियाँ सिर पर ना हो तोजीवन का आनन्द लेना। अपनीहर चाहत पूरे करना क्योंकिजिम्मेदारी का मतलब ही हैदूसरों के लिए जीना…!!!
मेरी मुहब्बत का जुनून, तुम क्या जानो… यहा मेरी पलकें छलकी, वहां तेरा शहर भीग गया..
सब कुछ मिलता है मोल, मेरा बड़ा भाई है अनमोल।
चाँद सी शक्ल जो अल्लाह ने दी थी तुम को, ~ काश रौशन मिरी क़िस्मत का सितारा करते
हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।
प्यार जबरदस्त हो या ना होलेकिन kissजबरदस्ती वाली हीअच्छी लगती है…🤭❤️
“ इक बच्चे के बचपनको करीब से मरते देखा है,कन्धो पर उसकेजिम्मेदारियों को पड़ते देखा है….!!!
तुम्हारी यादो को रोक पाना मुश्किल है,रोते हुए दिल को मना पाना मुश्किल है,ये दिल आपको कितना याद करता है,ये आपको बता पाना मुश्किल है।
मोहब्बत कुछ ऐसी हो गई है,अब तुमसे,हम खुद को भूल सकते हैंपर तुम्हे नही !!😇💞💞🌹🌹
मकान बन जाते है कुछ दिनों में, ये पैसा कुछ ऐसा है, और घर टूट जाते है चंद पलों में, ये पैसा ही कुछ ऐसा है…!!! 167
कुछ आरम्भ करने के लिए आपका महान होना जरुरी नहीं हैं, लेकिन महान बनने के लिए कुछ आरम्भ करना बहुत जरुरी हैं।
पतझड का खौफ मुझे ना दिखाओ यारों, ~ बहुत बिखरा हूँ उस पगली के मोहब्बत की बहार में
न देखना कभी आईना भूल कर देखो तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा
शुरुआत तो लाखों लोग करते हैं लेकिन लक्ष्य तक केवल 5 प्रतिशत लोग ही पहुंचते हैं ।
“ जिंदगी बदलना है,तो जिम्मेदारी उठा लो,अगर महान बनना है,तो किसी का जीवन बना दो….!!
सिर्फ साँसों का नाम ज़िन्दगी नहीं होता,इसलिए हर सांस लेने वाला जिंदा नहीं होता।
जिसे सब जिंदगी कहते है… तुम्हारे बिन उसे क्या कहूँ…. **************************************
काम में अब खूब मन लगने लगा है,जिम्मेदारियों का बोझ पढ़ने लगा है.
#बहाने बनाना बंद करो जिम्मेदारी लेना शुरू करो!!!
इक आग ग़म-ए-तन्हाई की जो सारे बदन में फैल गई, ~ जब जिस्म ही सारा जलता हो फिर दामन-ए-दिल को बचाएँ क्या.
जिम्मेदारी शायरी
ताउम्र लगे रहे जिम्मेदारी निभाने को, बस अपना ख़्वाब ही पूरा न कर सके….