Mirza Ghalib Love Shayari In Hindi 2 Lines
Milan 2 months ago

Mirza Ghalib Love Shayari In Hindi 2 Lines | Top Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines

Today we bring you the best collection of Mirza Ghalib Love Shayari In Hindi 2 Lines, which you can share with your partner.

quote-left
आए है बेकसी-ए-इश्क़ पे रोना ‘ग़ालिब’ किस के घर जाएगा सैलाब-ए-बला मेरे बअ’द
quote-right
quote-left
🔘 नज़र लगे न कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को। ये लोग क्यूँ मेरे ज़ख़्मे जिगर को देखते हैं।।
quote-right
quote-left
“हम जो सबका दिल रखते हैंसुनो, हम भी एक दिल रखते हैं”
quote-right
quote-left
आज हम अपनी परेशानी-ए-ख़ातिर उन से कहने जाते तो हैं पर देखिए क्या कहते हैं
quote-right
quote-left
आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी अब किसी बात पर नहीं आती
quote-right
quote-left
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था
quote-right
quote-left
ज़िन्दग़ी में तो सभी प्यार किया करते हैं, मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा।
quote-right
quote-left
यह ज़िद की आज न आये और आये बिन न रहे, काजा से शिकवा हमें किस क़दर है,क्या कहिये।
quote-right
quote-left
कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग हम को जीने की भी उम्मीद नहीं
quote-right
quote-left
बिताने हुए लम्हों को मैं एक बार तो जी लो.. कुछ ख्वाब तेरा याद दिलाने के लिए हैं …
quote-right
quote-left
बना कर फकीरों का हम भेष ग़ालिब, तमाशा एहल-ए-करम देखते हैं।
quote-right
quote-left
अदा-ए-ख़ास से ‘ग़ालिब’ हुआ है नुक्ता-सरा सला-ए-आम है यारान-ए-नुक्ता-दाँ के लिए
quote-right
quote-left
कोई वीरानी सी वीरानी है दश्त(forest)को देख के घर याद आया
quote-right
quote-left
“इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं”
quote-right
quote-left
“एजाज़ तेरे इश्क़ का ये नही तो और क्या है,उड़ने का ख़्वाब देख लिया इक टूटे हुए पर से !!”
quote-right
quote-left
आज यह प्रार्थना इश्क़ के काबिल नहीं रहा .. जिस दिल पे मुझे नाज था वो दिल नहीं रहा !!!
quote-right
quote-left
कुछ लम्हे हमने खर्च किए थे मिले नही, सारा हिसाब जोड़ के सिरहाने रख लिया !
quote-right
quote-left
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का। उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले।।
quote-right
quote-left
“मुहब्बत में उनकी अना का पास रखते हैं,हम जानकर अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हैं !!”
quote-right
quote-left
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़। वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।।
quote-right
quote-left
“ता फिर न इंतिज़ार में नींद आए उम्र भर,आने का अहद कर गए आए जो ख़्वाब में !!”
quote-right
quote-left
इश्क़ पर जोर नहीं, है ये वो आतिश ग़ालिब कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे।।
quote-right
quote-left
इशरत ऐ क़तरा है दरिया मैं फ़ना हो जाना… दर्द का हद् से गुज़ारना हैं दवा हो जाना ॥
quote-right
quote-left
उनके देखने से जो आ जाती है चेहरे पर रौनक, वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।
quote-right
quote-left
पूछते हैं वो कि ‘ग़ालिब’ कौन है कोई बतलाए कि हम बतलाएँ क्या
quote-right
quote-left
किसी फ़कीर की झोली में कुछ सिक्के डाले तो ये अहसास हुआ, महंगाई के इस दौर में दुआएं आज भी सस्ती हैं।।
quote-right
quote-left
बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना। आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना।।
quote-right
quote-left
दुःख दे कर सवाल करते हो, तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो !
quote-right
quote-left
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मीरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.
quote-right
quote-left
आते हैं ग़ैब से ये मज़ामीं ख़याल में ‘ग़ालिब’ सरीर-ए-ख़ामा नवा-ए-सरोश है
quote-right
quote-left
दिल से तेरी निगाह जिगर ताक उतर गया.. दोनों को इक आदा में रज़ामंद कर गया ॥
quote-right
quote-left
हम वहाँ हैं जहाँ से हम को भी कुछ हमारी ख़बर नहीं आती
quote-right
quote-left
वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी, उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया !
quote-right
quote-left
“इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’कि लगाए न लगे और बुझाए न बने”
quote-right
quote-left
आ ही जाता वो राह पर ‘ग़ालिब’, कोई दिन और भी जिए होते।
quote-right
quote-left
कोई उम्मीद बर नहीं आती, कोई सूरत नज़र नहीं आती !
quote-right
quote-left
हाज़ारो ख़्वाहिशे ऐसि है की हार ख़्वाहिश पे दम निकले .. बोहोत निकले मेरे अभिलाषा लेकिन फिर भि कम निकले !!!
quote-right
quote-left
मेरे जेब में जहां पर जरा सा छेद किया हुआ .. सिक्के से जादा मेरे रिस्ते गिर गेए !!
quote-right
quote-left
इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘गालिब’ कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे !
quote-right
quote-left
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले
quote-right
quote-left
चाँदनी रातो कि खामोश सितारो के कसम, दिल मै आब तेरे सिवा कोई भि आबाद नही !!!
quote-right
quote-left
मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ काश पूछो कि मुद्दआ क्या है
quote-right
quote-left
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के
quote-right
quote-left
रोने से और इश्क में बे-बाक हो गए, धोये गए हम इतने कि बस पाक हो गए।
quote-right
quote-left
अदा-ए-ख़ास से ‘ग़ालिब’ हुआ है नुक्ता-सरा सला-ए-आम है यारान-ए-नुक्ता-दाँ के लिए
quote-right
quote-left
तुम न आए तो क्या सहर न हुई, हाँ मगर चैन से बसर न हुई, मेरा नाला सुना ज़माने ने, एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई।।
quote-right

Love Shayari in Hindi by Mirza Ghalib

quote-left
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना
quote-right
quote-left
हैं और भी दुनिया में सुखन-वर बहुत अच्छे, कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और।
quote-right
quote-left
“कुछ लम्हे हमने ख़र्च किए थे मिले नही,सारा हिसाब जोड़ के सिरहाने रख लिया !!”
quote-right
quote-left
हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
quote-right
quote-left
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़। वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।।
quote-right
quote-left
नज़र लगे न कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को ये लोग क्यूँ मेरे ज़ख़्मे जिगर को देखते हैं।।
quote-right
quote-left
मोहब्बत मे फर्क नहीं रहते जीने और मरने का.. उसको देख कर जीता हूँ जिस काफिर पे दम निकले||
quote-right
quote-left
फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल, दिल-ऐ-ग़म गुस्ताख़ मगर याद आया।
quote-right
quote-left
हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब। नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते।।
quote-right
quote-left
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’ कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
quote-right
quote-left
फिर उसी बेवफा पे मरते हैं, फिर वही ज़िन्दगी हमारी है !
quote-right
quote-left
आया है बे-कसी-ए-इश्क पे रोना ग़ालिब, पाता नही किसके घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद !!
quote-right
quote-left
न सुनो गर बुरा कहे कोई, न कहो गर बुरा करे कोई।
quote-right
quote-left
अगर ग़फ़लत से बाज़ आया जफ़ा की तलाफ़ी की भी ज़ालिम ने तो क्या की
quote-right
quote-left
“न सुनो गर बुरा कहे कोई,न कहो गर बुरा करे कोई !!”
quote-right
quote-left
सादगी पर उस के मर जाने की हसरत दिल में है, बस नहीं चलता की फिर खंजर काफ-ऐ-क़ातिल में है।
quote-right
quote-left
जब तवक़्क़ो ही उठ गई ‘ग़ालिब’ क्यूँ किसी का गिला करे कोई
quote-right
quote-left
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़, वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है !
quote-right
quote-left
इक शौक़ बड़ाई का अगर हद से गुज़र जाए, फिर ‘मैं’ के सिवा कुछ भी दिखाई नहीं देता।
quote-right
quote-left
आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे
quote-right
quote-left
वो आए घर में हमारे खुदा की कुदरत है, कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं !
quote-right
quote-left
कितना खौफ होता है, शाम के अंधेरों में, पूछ उन परिंदो से, जिनके घर नहीं होते।।
quote-right
quote-left
“रोक लो गर ग़लत चले कोई,बख़्श दो गर ख़ता करे कोई !!”
quote-right
quote-left
उस अंजुमन-ए-नाज़ की क्या बात है ‘ग़ालिब’ हम भी गए वाँ और तिरी तक़दीर को रो आए
quote-right
quote-left
वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं! कभी हम उमको, कभी अपने घर को देखते हैं
quote-right
quote-left
वाइज़!! तेरी दुआओं में असर हो तो मस्जिद को हिलाके देख। नहीं तो दो घूंट पी और मस्जिद को हिलता देख।।
quote-right
quote-left
आशिक़ हूँ प माशूक़-फ़रेबी है मिरा काम मजनूँ को बुरा कहती है लैला मिरे आगे
quote-right
quote-left
🔘 दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई। दोनों को इक अदा में रज़ामंद कर गई।।
quote-right
quote-left
वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी, उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया।
quote-right
quote-left
कब वो सुनता है कहानी मेरी और फिर वो भी ज़बानी मेरी
quote-right
quote-left
पीने दे शराब मस्जिद में बैठ कर, या वो जगह बता जहाँ ख़ुदा नहीं।
quote-right
quote-left
हम जो सबका दिल रखते हैं, सुनो, हम भी एक दिल रखते हैं।
quote-right
quote-left
आगही दाम-ए-शुनीदन जिस क़दर चाहे बिछाए मुद्दआ अन्क़ा है अपने आलम-ए-तक़रीर का
quote-right
quote-left
उनकी देखंय सी जो आ जाती है मुंह पर रौनक, वह समझती हैं केह बीमार का हाल अच्छा है !
quote-right
quote-left
अपनी गली में मुझ को न कर दफ़्न बाद-ए-क़त्ल मेरे पते से ख़ल्क़ को क्यूँ तेरा घर मिले
quote-right
quote-left
अगर लिखवाए कोई उस को खत तो हम से लिखवाए .. हुई सुभा और घरसे कान पर रख कर कलम निकले !!
quote-right
quote-left
कुछ लम्हे हामने ख़र्च किए थे पर वो मिले नही, सब कुछ हिसाब जोड़ के सिरहाने पे रख लिया !!!
quote-right
quote-left
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा, कुरेदते हो जो अब राख, जुस्तजू क्या है ?
quote-right
quote-left
आँख की तस्वीर सर-नामे पे खींची है कि ता तुझ पे खुल जावे कि इस को हसरत-ए-दीदार है
quote-right
quote-left
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा वो क़त्ल भी करते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
quote-right
quote-left
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है, आख़िर इस दर्द की दवा क्या है !
quote-right
quote-left
जान तुम पर निसार करता हूँ मैं नहीं जानता दुआ क्या है
quote-right
quote-left
मौत का एक दिन मु’अय्यन है, निद क्यों रात भर नही आती ?
quote-right
quote-left
ग़ालिब’ बुरा न मान जो वाइज़(religious wise man)बुरा कहे ऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे
quote-right
quote-left
दिल सी तेरी निगाह जिगर तक उतर गई, 2नो को एक अड्डा में रज़्ज़ा मांड क्र गए !
quote-right
quote-left
दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ
quote-right

Ghalib Shayari on Love in Hindi

quote-left
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के
quote-right
quote-left
ज़िन्दगी उसकी जिस की मौत पे ज़माना अफ़सोस करे ग़ालिब, यूँ तो हर शक्श आता हैं इस दुनिया में मरने कि लिए.
quote-right
quote-left
🔘 दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है। आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।।
quote-right
quote-left
“गुज़र रहा हूँ यहाँ से भी गुज़र जाउँगा,मैं वक़्त हूँ कहीं ठहरा तो मर जाउँगा !!”
quote-right
quote-left
जाते हुए कहते हो क़यामत को मिलेंगे क्या ख़ूब क़यामत का है गोया कोई दिन और
quote-right
quote-left
इश्क मुझको नहीं, वहशत ही सही, मेरी वहशत तेरी शोहरत ही सही !
quote-right
quote-left
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
quote-right
quote-left
“जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन,बैठे रहें तसव्वुर–ए–जानाँ किए हुए !!”
quote-right
quote-left
“कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर–ए–नीम–कश कोये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता”
quote-right
quote-left
आइना पर देख के आपना सा मुँ लेके रेह गेए.. मालिक को दिल ना देने पे इतना गुरूर था !!
quote-right
quote-left
“कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता,तुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता !!”
quote-right
quote-left
कह सके कौन कि ये जल्वागरी किस की है पर्दा छोड़ा है वो उस ने कि उठाए न बने
quote-right
quote-left
“तुम अपने शिकवे की बातेंन खोद खोद के पूछोहज़र करो मिरे दिल सेकि उस में आग दबी है.”
quote-right
quote-left
इस नज़ाकत का बुरा हो वो भले हैं तो क्या हाथ आवें तो उन्हें हाथ लगाए न बने
quote-right
quote-left
🔘 हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे। कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयाँ और।।
quote-right
quote-left
जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है
quote-right
quote-left
आगे आती थी हाल-इ-दिल पे हंसी अब किसी बात पर नहीं आती
quote-right
quote-left
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
quote-right
quote-left
दिल–ए–नादाँ तुझे हुआ क्या है, आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।
quote-right
quote-left
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है, तुम्हीं कहो कि ये अंदाज-ए-गुफ़्तगू क्या है !
quote-right
quote-left
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले !
quote-right
quote-left
रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो ‘ग़ालिब’ कहते हैं अगले ज़माने में कोई ‘मीर’ भी था
quote-right
quote-left
तेरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए’तिबार होता
quote-right
quote-left
फिर उसी बेवफा पे मरते हैं, फिर वही जिंदगी हमारी है ।
quote-right
quote-left
हैं एक तिर जिस मै दोनों छिदे पड़े है .. वह वक़्त गए कि अपने मन से जिगर जुड़ा था !!
quote-right
quote-left
इक ख़ूँ-चकाँ कफ़न में करोड़ों बनाओ हैं पड़ती है आँख तेरे शहीदों पे हूर की
quote-right
quote-left
हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब, नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते।
quote-right
quote-left
aah ko chaahie ik umr asar hote tak, kaun jeeta hai tiri zulf ke sar hote tak! हम वहाँ हैं जहां से हमको भी कुछ हमारी खबर नहीं आती
quote-right
quote-left
अब जफ़ा से भी हैं महरूम हम अल्लाह अल्लाह इस क़दर दुश्मन-ए-अरबाब-ए-वफ़ा हो जाना
quote-right
quote-left
है कुछ ऐसी ही बात जो चुप हूँ वर्ना क्या बात कर नहीं आती
quote-right
quote-left
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है
quote-right
quote-left
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना, दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना !
quote-right
quote-left
“इक क़ुर्ब जो क़ुर्बत को रसाई नहीं देता,इक फ़ासला अहसास–ए–जुदाई नहीं देता”
quote-right
quote-left
इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया
quote-right
quote-left
अर्ज़–ए–नियाज़–ए–इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा, जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा।
quote-right
quote-left
कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तू ने हम-नशीं इक तीर मेरे सीने में मारा कि हाए हाए
quote-right
quote-left
मेरी क़िस्मत में ग़म गर इतना था दिल भी या-रब कई दिए होते
quote-right
quote-left
ईमाँ मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र काबा मिरे पीछे है कलीसा मिरे आगे
quote-right
quote-left
रोक लो गर ग़लत चले कोई, बख़्श दो गर ख़ता करे कोई।
quote-right
quote-left
इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया, वरना हम भी आदमी थे काम के।
quote-right
quote-left
उम्र भर ग़ालिब यही भूल करते रहे। धूल चेहरे पर थी, हम आईना साफ़ करते रहे।।
quote-right
quote-left
बस की दुश्वार है हर काम का आसान होना, आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसान होना।
quote-right
quote-left
एक हंगामे पे मौक़ूफ़ है घर की रौनक़ नौहा-ए-ग़म ही सही नग़्मा-ए-शादी न सही
quote-right
quote-left
काफ़ी है निशानी तिरा छल्ले का न देना ख़ाली मुझे दिखला के ब-वक़्त-ए-सफ़र अंगुश्त
quote-right
quote-left
“भीगी हुई सी रात में जब याद जल उठी,बादल सा इक निचोड़ के सिरहाने रख लिया !!”
quote-right
quote-left
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना। दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना।।
quote-right

Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines

quote-left
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक, कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक !
quote-right
quote-left
ईस भोलापन पे कौन ना मर जाए ए खुदा, लड़ते हे और हाथ मै तलवार भी नहीं !!
quote-right
quote-left
चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन। हमारी ज़ेब को अब हाजत-ए-रफ़ू क्या है।।
quote-right
quote-left
तुम न आओगे तो मरने कि है सौ ताबीरें, मौत कुछ तुम तो नहीं है कि बुला भी न सकूं।
quote-right
quote-left
मोहब्बत मै उनकी आना का पास रखते है, हम जानकर भी अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हे !!
quote-right
quote-left
कभी नेकी भी उस के जी में गर आ जाए है मुझ से जफ़ाएँ कर के अपनी याद शरमा जाए है मुझ से
quote-right
quote-left
अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा
quote-right
quote-left
एक एक क़तरे का मुझे देना पड़ा हिसाब ख़ून-ए-जिगर वदीअत-ए-मिज़्गान-ए-यार था
quote-right
quote-left
मुहब्बत में उनकी अना का पास रखते हैं, हम जानकर अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हैं।
quote-right
quote-left
कितने शीरीं(मीठे) हैं तेरे लब कि रक़ीब(enemy) गालियाँ खा के बे-मज़ा न हुआ
quote-right
quote-left
मौत का एक दिन मुअय्यन है नींद क्यूँ रात भर नहीं आती
quote-right
quote-left
रेख्ते के तुम्हें उस्ताद नहीं हो ग़ालिब, कहते हैं अगले ज़माने में कोई मीर भी था ! phir usi bevapha pe marte hain, phir vahi zindagee kamari hai !
quote-right
quote-left
कहते हुए साक़ी से हया आती है वर्ना है यूँ कि मुझे दुर्द-ए-तह-ए-जाम बहुत है
quote-right
quote-left
दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए। दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।।
quote-right
quote-left
मेरी किस्मत में ग़म गर इतना था, दिल भी या रब कई दिए होते।
quote-right
quote-left
क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं मौत से पहले आदमी ग़म से नजात पाए क्यूँ
quote-right
quote-left
कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती
quote-right
quote-left
गुज़र रहा हूँ यहाँ से भी गुज़र जाउँगा, मैं वक़्त हूँ कहीं ठहरा तो मर जाउँगा।
quote-right
quote-left
जिंदगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते, कफन भी लेते है तो अपनी जिंदगी देकर !
quote-right
quote-left
होगा कोई ऐसा भी कि ‘ग़ालिब’ को न जाने शायर तो वो अच्छा है प बदनाम बहुत है
quote-right
quote-left
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा, लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
quote-right
quote-left
“है और तो कोई सबब उसकी मुहब्बत का नहीं,बात इतनी है के वो मुझसे जफ़ा करता है !!”
quote-right
quote-left
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का, उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले !
quote-right
quote-left
कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा ‘ग़ालिब’ और कहाँ वाइज़ पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले
quote-right
quote-left
हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब, नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते !
quote-right
quote-left
कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता, तुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता।
quote-right
quote-left
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन। दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़्याल अच्छा है।।
quote-right
quote-left
न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता !
quote-right
quote-left
मुझसे कहती है तेरे साथ रहूंगी सदा, ग़ालिब। बहुत प्यार करती है मुझसे उदासी मेरी।।
quote-right
quote-left
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं है क़ायल, जब आपनि आँख से ना टपका तो फिर लहू कया हैं !!
quote-right
quote-left
“तू मिला है तो ये अहसास हुआ है मुझको,ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोड़ी है ….”
quote-right
quote-left
कौन पूछता है पिंजरे में बंद पक्षी को ग़ालिब .. याद वही आते है जो छोड़कर उड़ जाते है !!
quote-right
quote-left
आया है बेकसी-ए-इश्क पे रोना ग़ालिब, किसके घर जायेगा सैलाब-ए-बला मेरे बाद !
quote-right
quote-left
दर्द हो दिल में तो दवा कीजे, दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे !
quote-right
quote-left
Mat Pooch Ki Kya Haal Hai Mera Tere Peeche, Tu Dekh Ki Kya Rang Hai Tera Mera Aage।
quote-right
quote-left
बक रहा हूँ जूनून में क्या क्या कुछ कुछ ना समझे खुदा करे कोई !
quote-right
quote-left
दर्द जब भी दिल मै हो तो दवा किजिए .. दिल हि जाब दार्द हो तो कया किजिए !!
quote-right
quote-left
आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी अब किसी बात पर नहीं आती
quote-right
quote-left
“गुज़रे हुए लम्हों को मैं इक बार तो जी लूँ,कुछ ख्वाब तेरी याद दिलाने के लिए हैं !!”
quote-right
quote-left
गुजर रहा हूँ यहाँ से भी गुजर जाउँगा, मैं वक्त हूँ कहीं ठहरा तो मर जाउँगा !
quote-right
quote-left
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में, और हम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते !
quote-right
quote-left
कोई वीरानी सी वीरानी है, दश्त को देख के घर याद आया।
quote-right
quote-left
आज वाँ तेग़ ओ कफ़न बाँधे हुए जाता हूँ मैं उज़्र मेरे क़त्ल करने में वो अब लावेंगे क्या
quote-right
quote-left
ना कर इतना गौरव अपने नाशे पे शाराब .. तुझसे भि ज्यादा नाशा रखती हें आँखे किसी की !!!
quote-right
quote-left
एजाज़ तेरे इश्क़ का ये नही तो और क्या है, उड़ने का ख़्वाब देख लिया इक टूटे हुए पर से।
quote-right
quote-left
हम तो फना हो गए उसकी आंखे देखकर गालिब, न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे !
quote-right

Ghalib Sher o Shayari

quote-left
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए, साहब को दिल न देने पे कितना ग़ुरूर था।
quote-right
quote-left
“अर्ज़–ए–नियाज़–ए–इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहाजिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा”
quote-right
quote-left
“मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तिरे पीछे,तू देख कि क्या रंग है तेरा मिरे आगे !!”
quote-right
quote-left
“फ़िक्र–ए–दुनिया में सर खपाता हूँमैं कहाँ और ये वबाल कहाँ !!”
quote-right
quote-left
🔘 रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो ‘ग़ालिब’। कहते हैं अगले ज़माने में कोई ‘मीर’ भी था।।
quote-right
quote-left
मैं नादान था जो वफा को तलाश करता रहा ग़ालिब, यह न सोचा की, एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी !
quote-right
quote-left
इतना दर्द न दिया कर ए ज़िन्दगी, इश्क़ किया है कोई क़त्ल नहीं।।
quote-right
quote-left
ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते, कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर।
quote-right
quote-left
“यादे–जानाँ भी अजब रूह–फ़ज़ा आती है,साँस लेता हूँ तो जन्नत की हवा आती है !!”
quote-right
quote-left
जान दी दी हुई उसी की थी हक़ तो यूँ है कि हक़ अदा न हुआ
quote-right
quote-left
जरा सा छेद क्या हुआ मेरे जेब में सिक्कों से ज्यादा तो रिश्तेदार गिर गए।।
quote-right
quote-left
निकलना ख़ुल्द(jannat)से आदम का सुनते आए हैं लेकिन बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले
quote-right
quote-left
अगले वक़्तों के हैं ये लोग इन्हें कुछ न कहो जो मय ओ नग़्मा को अंदोह-रुबा कहते हैं
quote-right
quote-left
बे-खुदी बे-सबब नहीं ग़ालिब, कुछ तो है जिस की परदा-दारी है।
quote-right
quote-left
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तिरे पीछे, तू देख कि क्या रंग है तेरा मिरे आगे।
quote-right
quote-left
कितना ख़ौफ होता है शाम के अंधेरों में.. पूछो उन पन्छियो से जिनके घर नहीं होते !!
quote-right
quote-left
मैं ने माना कि कुछ नहीं ‘ग़ालिब’ मुफ़्त हाथ आए तो बुरा क्या है
quote-right
quote-left
तेरा फिरने का इंतज़ार मे नींद न आई उम्र भर, आने का अहद कर गैए आए जो रोज ख़्वाब मै !!
quote-right
quote-left
इसलिए कम करते हैं जिक्र तुम्हारा, कहीं तुम खास से आम ना हो जाओ !
quote-right
quote-left
हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयाँ और
quote-right
quote-left
🔘 इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’। कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे।।
quote-right
quote-left
न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता। डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता।।
quote-right
quote-left
कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग हम को जीने की भी उम्मीद नहीं
quote-right
quote-left
🔘 न शोले में ये करिश्मा न बर्क़ में ये अदा। कोई बताओ कि वो शोखे-तुंदख़ू क्या है।।
quote-right
quote-left
काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’ शर्म तुम को मगर नहीं आती
quote-right
quote-left
🔘 काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’। शर्म तुम को मगर नहीं आती।।
quote-right
quote-left
मोहब्बत में नही फर्क जीने और मरने का, उसी को देखकर जीते है जिस ‘काफ़िर’ पे दम निकले।।
quote-right
quote-left
उस पे आती है मोहब्बत ऐसे, झूठ पे जैसे यकीन आता है।
quote-right
quote-left
काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’ शर्म तुम को मगर नहीं आती
quote-right
quote-left
“रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल,जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है !!”
quote-right
quote-left
काव काव-ए-सख़्त-जानी हाए-तन्हाई न पूछ सुब्ह करना शाम का लाना है जू-ए-शीर का
quote-right
quote-left
कितना खौफ होता है शाम के अंधेरूँ में, पूँछ उन परिंदों से जिन के घर्र नहीं होते …
quote-right
quote-left
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन। दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़्याल अच्छा है।।
quote-right
quote-left
न था कुछ तो खुदा था, कुछ न होता तो खुदा होता। डुबोया मुझको होने ने, न मैं होता तो क्या होता।।
quote-right
quote-left
कासिद के आते आते ख़त एक और लिख रखूँ, मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में।
quote-right
quote-left
मोहब्बत तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया, दिल तोड़ दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझपर लगा दिया।
quote-right
quote-left
हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’ मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता !
quote-right
quote-left
आता है दाग़-ए-हसरत-ए-दिल का शुमार याद मुझ से मिरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न माँग
quote-right
quote-left
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर, या वह जगह बता जहाँ खुदा नहीं.
quote-right
quote-left
मैं उदास बस्ती का अकेला वारिस, उदास शख्सियत पहचान मेरी।
quote-right
quote-left
मंजिल मिलेगी तुझे बेहक्के हि सही , गुमरां तो वो लोग हे जो घर से निकलते हि नहीं !!!
quote-right
quote-left
क़र्ज़ की पीते थे मय, लेकिन समझते थे कि हां रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन।।
quote-right
quote-left
यों ही उदास है दिल बेकरार थोड़ी है, मुझे किसी का कोई इंतज़ार थोड़ी है.।
quote-right
quote-left
कब वो सुनता है कहानी मेरी और फिर वो भी ज़बानी मेरी
quote-right
quote-left
🔘 कितना ख़ौफ होता है शाम के अंधेरों में। पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते।।
quote-right
quote-left
मत पूँछ की क्या हाल हैं मेरा तेरे पीछे तू देख की क्या रंग हैं तेरा मेरे आगे …
quote-right

Best Shayari of Mirza Ghalib in Hindi

quote-left
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है
quote-right
quote-left
बना है शह का मुसाहिब, फिरे है इतराता, वगर्ना शहर में “ग़ालिब” की आबरू क्या है।
quote-right
quote-left
हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’ मर गया पर याद आता है। वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता।।
quote-right
quote-left
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे। होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे।।
quote-right
quote-left
आशिक़ी सब्र-तलब और तमन्ना बेताब दिल का क्या रंग करूँ ख़ून-ए-जिगर होते तक
quote-right
quote-left
तुम मिलो या न मिलो नसीब की बात है पर, सुकून बहुत मिलता है तुम्हे अपना सोचकर।।
quote-right
quote-left
काँटों की ज़बाँ सूख गई प्यास से या रब इक आबला-पा वादी-ए-पुर-ख़ार में आवे
quote-right
quote-left
🔘 रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल। जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है।।
quote-right
quote-left
वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं। कभी हम उनको, कभी अपने घर को देखते हैं।।
quote-right
quote-left
मासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना है कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है
quote-right
quote-left
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है रहने दो अभी साग़र-ओ-मीना मिरे आगे
quote-right
quote-left
यह इश्क़ नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये, एक आग का दरया है और डूब कर जाना है !!
quote-right
quote-left
अपनी हस्ती ही से हो जो कुछ हो आगही गर नहीं ग़फ़लत ही सही
quote-right
quote-left
इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही मेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही
quote-right
quote-left
अपनी हस्ती ही से हो जो कुछ हो आगही गर नहीं ग़फ़लत ही सही
quote-right
quote-left
मेरा नाला सुना ज़माने ने एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई।।
quote-right
quote-left
फ़िक्र–ए–दुनिया में सर खपाता हूँ, मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ।
quote-right
quote-left
🔘 पियूँ शराब अगर ख़ुम भी देख लूँ दो चार। ये शीशा-ओ-क़दह-ओ-कूज़ा-ओ-सुबू क्या है।।
quote-right
quote-left
बेवजा नहीं रोता इश्क़ मै कोई ग़ालिब… जिसको खुद से बढ़कर चाहो, वो रुलाता ज़रूर है !!!
quote-right
quote-left
अगले वक़्तों के हैं ये लोग इन्हें कुछ न कहो जो मय ओ नग़्मा को अंदोह-रुबा कहते हैं
quote-right
quote-left
उस पर उतरने की उम्मीद बोहत कम है, कश्ती भी पुरानी है और तूफ़ान को भी आना है !
quote-right
quote-left
जब ख़ुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए, दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं।।
quote-right
quote-left
दिल ए नादाँन तुझे हुआ क्या है !!! आख़िर ईस दर्द कि दवा क्या हैं ॥॥॥
quote-right
quote-left
🔘 क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हां। रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन।।
quote-right
quote-left
इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’, कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे
quote-right
quote-left
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता
quote-right
quote-left
🔘 दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ। मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ।।
quote-right
quote-left
🔘 यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं। अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो।।
quote-right
quote-left
🔘 हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले। बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।।
quote-right
quote-left
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
quote-right
quote-left
ऐ बुरे वक़्त ज़रा अदब से पेश आ, क्यूंकि वक़्त नहीं लगता वक़्त बदलने में …
quote-right
quote-left
तेरे वादे पर जिये हम तो यह जान,झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते अगर एतबार होता।।
quote-right
quote-left
“ज़िन्दग़ी में तो सभी प्यार किया करते हैं,मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा !!”
quote-right
quote-left
बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ, कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत।
quote-right
quote-left
🔘 रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी। तो किस उम्मीद पे कहिये के आरज़ू क्या है।।
quote-right
quote-left
मेरे मरने का एलान हुआ तो उसने भी यह कह दिया, अच्छा हुआ मर गया बहुत उदास रहता था।
quote-right
quote-left
आईना देख के अपना सा मुँह लेके रह गए, साहब को दिल न देने पे कितना गुरूर था।
quote-right
quote-left
रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ तो मिट जाता है रंज, मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसाँ हो गईं।
quote-right
quote-left
क़तरा अपना भी हक़ीक़त में है दरिया लेकिन हम को तक़लीद-ए-तुनुक-ज़र्फ़ी-ए-मंसूर नहीं
quote-right
quote-left
गुज़र रहा हू यहाँ से भी गुज़र जाउँगा.. मै वक़्त हू कहीं ठहरा तो मर जाउँगा !!!
quote-right
quote-left
कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर-ए-नीम-कश(half drawn arrow) को ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता
quote-right
quote-left
“उस पे आती है मोहब्बत ऐसेझूठ पे जैसे यकीन आता है”
quote-right
quote-left
और बाज़ार से ले आए अगर टूट गया साग़र-ए-जम से मिरा जाम-ए-सिफ़ाल अच्छा है
quote-right
quote-left
Dil yeh Nadan Tujhe Hua Kya Hain !!! Akhhir is Daard Ki Dawaa Kya Hain ॥॥॥
quote-right
quote-left
फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं फिर वही ज़िंदगी हमारी है
quote-right
quote-left
“इक शौक़ बड़ाई का अगर हद से गुज़र जाएफिर ‘मैं’ के सिवा कुछ भी दिखाई नहीं देता”
quote-right

Ghalib Shayari on Life in Hindi

quote-left
था ज़िन्दगी में मर्ग का खत्का लाग हुआ, उड़ने से पेश -तर भी मेरा रंग ज़र्द था.
quote-right
quote-left
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल, जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है
quote-right
quote-left
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या क्या कुछ कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई
quote-right
quote-left
कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता, तुम ना होते ना सही ज़िक्र तुम्हारा होता !
quote-right
quote-left
तुम न आए तो क्या सहर न हुई हाँ मगर चैन से बसर न हुई।
quote-right
quote-left
अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा
quote-right
quote-left
दिल ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए
quote-right
quote-left
उम्र भर का तू ने पैमान-ए-वफ़ा बाँधा तो क्या उम्र को भी तो नहीं है पाएदारी हाए हाए
quote-right
quote-left
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन, दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
quote-right
quote-left
aage aati thi haal-i-dil pe hansi ab kisi baat par nahin aati क्यों न चीखूँ की याद करते हैं मेरी आवाज़ गर नहीं आती.
quote-right
quote-left
तेरी दुआ में ताकत है तोह, मस्जिद को हिला के दिखा.. नहीं तो खुद दो घूँट पि और मस्जिद को हिलता देख !!
quote-right
quote-left
कुछ तो पढ़िए कि लोग कहते हैं आज ‘ग़ालिब’ ग़ज़ल-सरा न हुआ
quote-right
quote-left
“वो रास्ते जिन पे कोई सिलवट ना पड़ सकी,उन रास्तों को मोड़ के सिरहाने रख लिया !!”
quote-right
quote-left
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
quote-right
quote-left
कहूँ किस से मैं कि क्या है शब-ए-ग़म बुरी बला है मुझे क्या बुरा था मरना अगर एक बार होता
quote-right
quote-left
इशरत-ए-क़तरा है(pleasure of drop)दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना
quote-right
quote-left
दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए, दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।।
quote-right
quote-left
इश्क़ ने गालिब निकम्मा कर दिया, वर्ना हम भी आदमी थे काम के !
quote-right
quote-left
इस सादगी पर कौन ना मर जाये लड़ते है और हाथ में तलवार भी नहीं.
quote-right
quote-left
इब्न-ए-मरयम हुआ करे कोई मेरे दुख की दवा करे कोई
quote-right
quote-left
हुई जीवन काल कि ‘ग़ालिब’ मर गेया पर याद आता है, वो हर एक बात पार कहना कि यूँ होता तो क्या होता !!
quote-right
quote-left
ये न थी हमारी किस्मत के विसाल-ए-यार होता, अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता।
quote-right
quote-left
“तेरे वादे पर जिये हमतो यह जान,झूठ जानाकि ख़ुशी से मर न जातेअगर एतबार होता”
quote-right
quote-left
उनके देखे जो आ जाती है रौनक वो समझते है कि बीमार का हाल अच्छा है.
quote-right
quote-left
तू मिला है तो ये अहसास हुआ है मुझको, ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोड़ी है।
quote-right
quote-left
Rok Lo Gar Galat Chale Koi, Baksh Do Gar Kahta Kare Koi।
quote-right
quote-left
ए’तिबार-ए-इश्क़ की ख़ाना-ख़राबी देखना ग़ैर ने की आह लेकिन वो ख़फ़ा मुझ पर हुआ
quote-right
quote-left
अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़(blessing of love)के क़ाबिल नहीं रहा जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा
quote-right
quote-left
🔘 तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना। कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता।।
quote-right
quote-left
हथून कीय लकीरून पय मैट जा ऐ ग़ालिब, नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते !
quote-right
quote-left
उधर वो बद-गुमानी है इधर ये ना-तवानी है न पूछा जाए है उस से न बोला जाए है मुझ से
quote-right
quote-left
इन आबलों से पाँव के घबरा गया था मैं जी ख़ुश हुआ है राह को पुर-ख़ार देख कर
quote-right
quote-left
अपना नहीं ये शेवा कि आराम से बैठें उस दर पे नहीं बार तो का’बे ही को हो आए
quote-right
quote-left
उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा .. धुल था चहरे पे और आईना साफ़ करता रहा!!
quote-right
quote-left
उस लब से मिल ही जाएगा बोसा कभी तो हाँ शौक़-ए-फ़ुज़ूल ओ जुरअत-ए-रिंदाना चाहिए
quote-right
quote-left
करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए
quote-right
quote-left
आशिक़ी सब्र-तलब(patience)और तमन्ना बेताब दिल का क्या रंग करूँ ख़ून-ए-जिगर होते तक
quote-right
quote-left
इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही मेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही
quote-right
quote-left
आ ही जाता वो राह पर ‘ग़ालिब’ कोई दिन और भी जिए होते
quote-right
quote-left
हम को उन से वफा की है उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या है !
quote-right
quote-left
वो उम्र भर कहते रहे तुम्हारे सीने में दिल नहीं, दिल का दौरा क्या पड़ा ये दाग भी धुल गया !
quote-right
quote-left
गुज़रे हुए लम्हों को मैं इक बार तो जी लूँ, कुछ ख्वाब तेरी याद दिलाने के लिए हैं।।
quote-right
quote-left
“ ‘ग़ालिब’ बुरा न मान जो वाइ’ज़ बुरा कहेऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे”
quote-right
quote-left
अल्लाह रे ज़ौक़-ए-दश्त-नवर्दी कि बाद-ए-मर्ग हिलते हैं ख़ुद-ब-ख़ुद मिरे अंदर कफ़न के पाँव
quote-right
quote-left
मरते हैं आरज़ू में मरने की मौत आती है पर नहीं आती
quote-right
quote-left
हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन, दिल को खुश रखने को ‘गालिब’ ये ख्याल अच्छा है !
quote-right

Ghalib Shayari in Hindi on Love

quote-left
मंज़िल मिलेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।।
quote-right
quote-left
हम ने माना कि तग़ाफ़ुल(neglect)न करोगे लेकिन ख़ाक हो जाएँगे हम तुम को ख़बर होते तक
quote-right
Happy Birthday Bhai Shayari In Hindi | Birthday Wishes in Hindi for Brother
defaultuser.png
Milan
1 month ago
College Friends Shayari In Hindi | College Shayari
defaultuser.png
Milan
2 months ago
Support Shayari In Hindi | Help Shayari Status Quotes in Hindi
defaultuser.png
Milan
1 month ago
Mahabharat Shayari In Hindi | महाभारत शायरी स्टेटस
defaultuser.png
Milan
1 month ago
Congratulations Shayari In Hindi | सफलता की बधाई शायरी
defaultuser.png
Milan
2 months ago