Want to praise your loved ones by some amazing shayari and make them feel lovable and important part your life? Then i am happy to share these adorable Tareef Me Shayari In Hindi with you. Got your favorite one and share it.
तेरे होते हुए ये दुनिय है खुशियों से भरी, तू है मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी ताक़त और शान है।
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं, हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं, कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखें सना है, वो आँखों से अपना बना लेते है !
बड़ी आरजू थी महबूब को बेनकाब देखने कीदुपट्टा जो सरका तो कमबख्त जुल्फें दीवार बन गयी
यूँ ही नहीं बादलों के पीछे छिपता है चाँद, वो भी शर्मा जाता है तेरी ख़ूबसूरती देख कर।
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना,ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना |
“आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए, सिर्फ उसकी एक नजर से ही घायल हो गए।”
“ यह दुनिया एक लम्हे में तुम्हे बर्बादकर देगी, मोहब्बत मिल भी जाये तोउसे मशहूर मत करना…!!
मेरी हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की।शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या जरूरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की।
सुना है रब कि कायनात में,एक से बढ़कर एक चेहरे हैं… मगर मेरी आँखों के लिए सारे जहाँ में, सबसे खुबसुरत सिर्फ तुम हो…
तेरी हंसी की चमक मुझे अपनी तरफ खींचती है, तेरी मुस्कान से मेरी जिंदगी एक नया सफर बन जाती है।
कभी कभी लोग मीठी मीठी प्यारी प्यारी बातों सेआपको इज्जत नहीं बल्कि धोखा दे रहे होते है.
उनके चेहरे का ये काला तिल हुस्न पर पहरा देता है, दुनिया की आंखें कहीं दाग न लगा दे इस पर, इसलिए नजर का टीका बन जाता है।
कौन कहता है कि आपकी तस्वीर बात नहीं करती. हर सवाल का जवाब देती है बस आवाज़ नहीं करती.
तुम्हारी सुंदरता की तारीफ करना ख्वाहिश है हमारी, जितनी तारीफ करूं उतनी कम है तुम्हारी।
नज़र इस हुस्न पर ठहरे तो आखिर किस तरह ठहरे,कभी जो फूल बन जाये कभी रुखसार हो जाये।
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती परतोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर !
तक़दीर से तब हमे हिस्सा मिलता है,प्यार भरा कोई जब रिश्ता मिलता है,रोशन हो जाती है सारी दुनिआ,जब रिश्तों में आप जैसा फ़रिश्ता मिलता है।
तेरा हुस्न जब से मेरी आँखों में समाया है,मेरी पलकों पे एक सुरूर सा छाया है।
अपनी नजरों के असर से वो अंजान हैं, जो मरने वाले को भी जीने की चाह सिखा देती है।
ना जाने तू किस कदर मेरे दिल पे छाई है,मैंने हर तारीफ में सिर्फ तेरी ही बाते सुनाई है।
कौन देखता है किसी को अब सीरत की नज़र से,सिर्फ खूबसूरती को पूजते है, नए ज़माने के लोग।
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
चुपचाप चले थे जिंदगी के सफर मेंतुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गए
परवाना पेशोपेश में हैजाए तो किस तरफ,रौशन शमा के रूबरूचेहरा है आप का
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है, पर पता नहीं क्यों ये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।
तेरी मुस्कराहट पर फिदा है ये दिल हमारा, तू है सितारा जो रौशनी देत है ज़िंदगी का।
गिरता जाता है चहरे से नकाब अहिस्ता-अहिस्ता,निकलता आ रहा है आफ़ताब अहिस्ता-अहिस्ता।
लगती है फीकी चाँदनी चाँद की भी उसके आगे,नूर बे नूर सा लगता है उसके आगे।क्या लिखु उसके तारीफ मे ,मेरे शब्द की खूबसूरती क़म पड़ जाएगी उसके आगे।
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबर, कभी हमारी आँखो से आकर पूछो कितने लाजवाब हो तुम
कौन पूरी तरह काबिल है, कौन पूरी तरह पूरा है, हर एक शख्स कहीं न कहीं से थोड़ा अधूरा है।
हर बार हम पर इल्जामलगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूछा है केइतनी खूबसूरत क्यों हो..!!
तेरी तरफ जो नजर उठी वो तापिशे हुस्न से जल गयी तुझे देख सकता नहीं कोई तेरा हुस्न खुद ही नकाब हैं.
बड़ा हैरान हूँ देखकर आईना का जिगर, एक तो तेरी कातिल नज़र और उस पर काजल का कहर
बिल्कुल चांद की तरह हैनूर भी, गुरुर भी, दूर भी…
जब तेरा ख्याल मेरा दामन चूमता है, हर तरफ फ़िज़ाओं में सावन झूमता है।
ये आईने क्या देंगे तुझे तेरे हुसन की खबर अब तुजसे मिलना है, नहीं होता सबर।
हम पर यूँ बार बार इश्क का इल्जाम न लगाया कर,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे औरवो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी..!
खुशबू आ रही है कहीं से ताजे गुलाब की, शायद खिड़की खुली रह गई होगी उनके मकान की.
चांद सा तेरा मासूम चहरा तू हया की एक मूरत है तुझे देख के कलिया भी शर्माए तू इतनी खूबसूरत है।
पलट सकूँ ही न आगे ही बढ़ सकूँ जिस पर..मुझे ये कौन से रस्ते लगा गया इक शख़्स..!
इस प्यार का अंदाज़ कुछ ऐसा है क्या बताए ये राज़ कैसा है लोग कहते है आप चांद जैसे हो मगर सच तो यह है की चांद आपके जैसा है।
“ मेरी हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवानेकी,शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा सेहै, क्या जरूरत थी तुम्हें इतनाखूबसूरत बनाने की।..!!!
कितना हसींन चाँद सा चेहरा है, उसपे शबाब का रंग गहरा है, खुदा को यक़ीन ना था वफा पे, तभी तो एक चाँद पे हजारों तारों का पहरा है।
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना,तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
तस्वीर बना कर तेरी आसमान पर टांग कर आया हूँ, और लोग पूछते है आज चाँद इतना बेदाग कैसे है
हमें खुश करने के लिए आपकी एक मुस्कराहट ही बहुत है
रूठ कर कुछ और भी हसीन लगते हो,बस यही सोच कर तुमको खफा रखा है।।
मेरी हर बात अब वो मान रही है, लगता है वो अब मुझसे रूठ गई है !
क्यों चाँदनी रातों में दरिया पे नहाते हो,सोये हुए पानी में क्या आग लगानी है।
में तेरी खुबसूरती पर नहीं तेरी सादगी पे मरता हूँ तुम मुझको चाहो या न चाहो में सिर्फ तुम्हें ही चाहूँगा..
मेरा इश्क उसके लिए एक सवाल था और उसकी मोहब्बत मेरे हर सवालों का जवाब।
मोहब्बत अगर खूबसूरती देखकर होती,तो कसम से तुमसे कभी नहीं होती।
रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम दहका हुआ है आतिश-ए-गुल से चमन तमाम
आसान है मासूमियत और शालीनता को बेवकूफी समझना,पारखी नजरों के समाने ये खूबसूरत व्यक्तित्व है।
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा है की,जी चाहता है की दिनभर तंग करता रहू !!
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं..!!
हुस्न की नुमाइश करने वाले बस आंखों को भाते हैं,दिल तो अक्सर सादगी से जीने वाले जीत जाते हैं।
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की, रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी.
तेरे हुस्न के आगे मुझे लगता है सब कुछ सादा,आस्मां में है पूरा चाँद पर मुझे लगता है आधा..
“तेरी तारीफ मेरी शायरी में जब हो जाएगी चाँद की भी कदर कम हो जाएगी।”
कुछ आपका अंदाज़ है,कुछ मौसम भी रंगीन है,तारीफ करूँ या चुप रहूँ,जुर्म दोनो ही संगीन है..!!
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें तुम्हारी शख्सियत की खबरकभी हमारी आँखों से पूछो कितने लाजवाब हो तुम
तुमको देखा तो मोहब्बत भी समझ आयीवर्ण इस लफ्ज़ की सिर्फ तारीफ सुना करते थे।
इक अदा आपकी दिल चुराने की, एक अदा आपकी दिल में बस जाने की, चेहरा आपका चाँद जैसा और इक ज़िद हमारी उस चाँद को पाने की.
तुझे पलकों पे बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है।खूबसूरती की इंतेहा हैं तू,तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
वो मेरे हाथो की लकीरे देखकर अक्सर मायूस हो जाती है, शायद, उसे भी एहसास हो गया है की वो मेरी क़िस्मत मे नही है.
उसकी खूबसूरती की तारीफ करने से डरते हैं, कहीं समझ न ले वो इसे हमारी खता, इसलिए इजहार-ए-मोहब्बत करने से डरते हैं।
वो बे-नकाब जो फिरती है गली-कूंचों में,तो कैसे शहर के लोगों में क़त्ल-ए-आम न हो।।
तेरा हंसना भी क्या मुसीबत है,में यहां कोई बात करने आया था
देख कर तुमको यकीं होता है, कोई इतना भी हसीं होता है, देख पाते है कहाँ हम तुमको दिल कहीं होश कहीं होता है.
जीयूं तेरे लिए मैं सिर्फ तुझ पर ही मरूं, आँखे, जिस्म, अंदाज़ लिबाज़ अब किस-किस की तारीफ करूँ।
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती,इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है।
मिलावट है तेरे हुस्न में ‘इत्र’ और शराब की, तभी मैं थोड़ा महका हूँ, थोड़ा सा बहका हूँ.
मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ,मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है, जो तुम जैसा हो।
“ मेरी आँखों को जब उनका दीदार हो जाता है,दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है….!!
यू तारीफ ना किया करो मेरी शायरी कीदिल टूट जाता है मेराजब तुम मेरे दर्द पर वाह-वाह करते हो…..!! 💔💔
भगवान ने जब तुझे बनाया होगा, एक बार उसका ईमान भी डगमगाया होगा, सोचता होगा रख लूँ तुझे अपना साथ जन्नत में, फिर उसे मेरा भी तो ख्याल आया होगा…!!
ममता की तारीफ न पूछिए साहब,वक्त आने पर चिड़िया सांप से लड़ जाती है।
किसका चेहरा अब मैं देखूं,चाँद भी देखा…! फूल भी देखा।बादल बिजली…! तितली जुगनूं,कोई नहीं है ऐसा…! तेरा हुस्न है जैसा।
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे, तेरे हुस्न की खबर,कभी मेरी आँखों से आकर पूछ, के कितनी हसीन है तू..!
ये तेरा हुस्न और कमबख्त अदायें तेरी, कौन ना मर जाय, अब देख कर तुम्हें.
तारीफ खुशबु से होती है,इंसान कितना भी बड़ा हो, कदर उसके गुणों से होती है।
बातें दिल की बोलती है आंखेंइसलिए जुबां को कैद किया है
देखते ही उनको फिदा हो जाएं, इतनी हसीन हैं वो, न गहने न श्रृंगार, फिर भी वो बला की खूबसूरत है।
इस जहां में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तक इस जमीं पे तेरी कयामत रहे।
लाजमी नहीं तुझे आँखों से देखो,तुझे सोचना किसी दीदार से कम नहीं।
तेरे हुस्न की तारीफ आज हवाए भी कर रही है.ऐ सनमलगता है तूने आज हवाऔ को महकने की मोहलत दे दी
न कर पर्दा अपने हुस्न पर, इसका कोई नहीं है,फायदा कौन रहता है होश में, हुस्न ए दीदार के बाद..
“आसमां में खलबली है सब यही पूछ रहे हैं, कौन फिरता है ज़मीं पे चाँद सा चेहरा लिए।”
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे।
उन्होनें कहा तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत हैं,हमने भी कह दिया तुम्हारे ख़्वाब जो देखती हैं
“मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ, सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम।”
सलामत रहे वो शहर जिसमे तुम रहते हो एक तुम्हारी खातिर हम पूरे शहर के लिए दुआ करते है
ये नामुमकिन है कोई मिल जाए तुम जैसा,पर इतना आसान ये भी नहीं,तुम ढूंढ लो हम जैसा।
ना जाने क्या मासूमियत हैतेरे चेहरे में,तेरे सामने आने से ज़्यादातुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है..!!
“ यह मुस्कुराती हुई आँखें जिनमेंरक्स करती है बहार,शफक की,गुल की,बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए…!!
यह दुनिया एक लम्हे में तुम्हे बर्बाद कर देगी,मोहब्बत मिल भी जाये तो उसे मशहूर मत करना।
उफ्फ ये नज़ाकत ये शोखियाँ ये तकल्लुफ़, कहीं तू उर्दू का कोई हसीन लफ्ज़ तो नहीं..!!
माथे पर एक बिन्दी और उस पर तोड़ा कुमकुमइस सुन्दरता के आगे.सारे जवाहरात है गुमसुमGood Morning Dear
इतनी खूबसूरत है वो कि हम खुद को रोक नहीं पाते हैं, जितना भी दूर जाना चाहें उसके और करीब पहुंच जाते हैं।
कितनी मतलबी हो गई है ऐ मेरी आँखे तेरे दीदार के बिना इनको दुनिया अच्छी नही लगती…
तेरी जुल्फों की छाँव में मुझे एक नया जहाँ मिला है, तेरे हौंसलों की हंसी में मुझे एक नया सुकून मिला है।
यूं तो दुनिया में देखने लायक बहुत कुछ है, पर पता नहीं क्यों ये आंखे सिर्फ तुम्हारी आंखों पर आकर ही रुक जाती है।
तेरा हसीन चेहरा देखने के बाद दिल ने फिर से हिम्मत की है प्यार करने की।
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है, तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है.
तेरी आँखों हमने क्या देखा कभी कातिल देखा तो कभी खुदा देखा
“ अंधेरों में खोकर भी अपनाया हैं तुझे,कुछ अज़ीब सी मोहब्ब़त हैं मेरीजिसमें बेशुमार से भी ज्यादाइश्क़ फ़रमाया हैं तुझे….!!
अगर आपको तारीफ करना भी नहीं आता तो भी खुद ही तारीफ करे। इससे आपको तारीफ करने का सही तरीका पता चलेगा और खुद से की हुई तारीफ दुसरो को भी पसंद आएगी।
जुबां कड़वी और दिल साफ़ रखता हूँ,कौन का कहाँ बदल गया सबका हिसाब रखता हूँ।
तेरे हुस्न को किसी परदे की जरूरत ही क्या है, कौन रहता है होश में… तुझे देखने के बाद.
तुझे सीने से लगने की चाहत है, तेरी बाहों में लिपट जाने की चाहत है, खुबसूरती का इम्तेहान है, तू तुझे ज़िन्दगी में बसाने की चाहत है.
अपने चेहरे की खूबसूरती पे इतना गुमान मत कर, तेरे खूबसूरती से ज्यादा मेरे सादगी के चर्चे है बाजार में।
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं, कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं, उनकी बातों का अजी क्या कहिये, अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।
मेरे कलम शब्दों में कहां बांध पाएंगे उसकी खूबसूरती को, जब भी पन्नों पर स्याही बिखरती है उसका नाम ही लिख पाते हैं।
गमो के लिबास को हम मोहब्बत के धागेसे सीते है हम शराब नही पिते हा चाय पीते है
आज दिल कह रहा हैं क्या लिखू तेरी दिल में,कैसे करू तेरी हुस्न की तारीफ की,तू सिर्फ मेरी और मेरी हैं.
मिल जायेगे हमारी भी तारीफ करने वालेकोई हमारी मौत की अफवाह तो फैला दोMil Jayege Humari Bhi Tarif Karne WaleKoi Humari Maut Ki Afwah To Fela Do
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करू,कुछ कहते हुए भी डरता हूँ…कही भूल से तू ना समझ बैठे,के मैं तुझ से मोहब्बत करता हूँ …
बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारी, इन्हें बना दो सनम किस्मत हमारी.
नज़रों की नज़ाकत के क्या कहने जनाब,उनका गुस्से से देखना भी शहद लगता है।
तेरे हुसन ने कर दिया घायल,बना लिया अपनी अदाओं का कायल.
तुम्हारी सादग़ी ही है, तुम्हारी खूबसूरती,वरना हमारी ये आँखे, तुम्हे यूँ ना घूरती।
उसके चेहरे के तिल पर फिदा मेरा दिल है, हंसती है तो जान ले लेती है, इस दुनिया में वो सबसे खूबसूरत है।
उनके हुस्न का आलम न पूछिये,बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर।
तेरे नैनों की झील नेहमें डुबो दिया,चाहते तो नहीं थे हम परतू ने हमें आशिक बना दिया..!!
तेरी सूरत से किसी की नहीं मिलती सूरत हम जहाँ में तिरी तस्वीर लिए फिरते हैं
इलज़ाम लगा दू की क़ातिल तुम ही हो मग़रमासूम चहरे परकौन यकीन करेगा।
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ, इस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम.
किसी ने मुझ से कहा बहुत खुबसूरत लिखते,हो यार,मैंने कहा खुबसूरत मैं नहीं वो है जिसके,,लिए हम लिखा करते है।
घर सजाने का काम बाकी है,आप अपनी तस्वीर क्यूँ नही देती….!!!
तू जरा सी कम खूबसूरत होती तो भी बहुत खूबसूरत होती
मेरी मस्त निगाहों में डुब जा ऐ गालिबबहुत ही हसीन समुन्दरहै तेरे खुदकुशी के लिए
हुस्न वालो को क्या जरूरत है संवरने की, वो तो सादगी में भी कयामत से अदा रखते है.
नींद से क्या शिकवा करूं मैं जो रात भर आती नहीं, कसूर तो उस चेहरे का है जो रात भर सोने नही देता !
हर चमकी चीज सोना नहीं होती,जरा पारख रहा हूं की खरा है की नहीं।
हम आज उसकी मासूमियत के कायल हो गए,उसकी सिर्फ एक नजर से ही घायल हो गए।
और भी इस जहां में आएंगे आशिक कितने, उनकी आंखों को तुमको देखने की हसरत रहे !
शख्स को तो झुका लोगे, किसी की शख्सियत से कैसे लड़ोगे।
एक इंच भी छोड़ने का मन नहीं करता……………! किसी झगड़े की ज़मीन सी लगती हो तुम……………..!!
तू भी मेरे दिल के Library की वो डायरी है, जिसे हम पढ़ना कम और देखना, ज्यादा पसंद करता है ।
बहुत तारीफ करता था मैं उसकी बिंदी की,,,,,,लफ्ज़ कम पड़ गए जब उसने झुमके पहने
होश-ए-हालात पे काबू तो कर लिया मैंने,उन्हें देख के फिर होश खो गए तो क्या होगा।
बहुत खूबसूरत है आँखें तुम्हारीइन्हें बना दो किस्मत हमारी
तारीफ की चाहत तो नाकामों की फितरत हैकाबिल के तो दुश्मन भी कायल होते हैं
ये आईने ना दे सकेंगे तुझे तेरे हुस्न की खबर, कभी मेरी आँखों से आकर पूछो के कितनी हसीन हों तुम
बहुत गुमान था उसे अपनी खूबसूरती पे,मेरी मां से मिली तो पानी पानी हो गई।
“मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है, तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है।”
इशारों में बात करनी थी, तो पहले बताते, हम शायरी को नही, आँखों को सजाते…!!
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डालेतन्हाई मे खुद अपनी तस्वीर न देखा कर !
रुख से पर्दा हटा तो, हुस्न बेनकाब हो गया, उनसे मिली नज़र तो, दिल बेकरार हो गया.
देख कर खूबसूरती आपकी चांद भी शर्मा रहा है,तू कितनी खूबसूरत है यही फरमा रहा है।
मेरे हमदम तुम्हें बड़ी फुर्सत में बनाया है, जुल्फें ये तुम्हारी बादल की याद दिला दें, नज़र भर देख लो जो किसी को, नेक दिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए..!!
कुछ नशा तो आपकी बात का है कुछ नशा तो आधी रात का हैहमे आप यूँ ही शराबी ना कहिये इस दिल पर असर तो आप से मुलाकात का है
माना की तेरे शहर में गरीब कम होंगे,अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीदार हम होंगे,तुझे पता ना होगी तेरी क़ीमत पर,तुझको पाकर सबसे अमीर हम होंगे।
आज आपकी खूबसूरती केहम कायल हो गए,आपने देखा नज़र भर केऔर हम घायल हो गए..!!
वो जब भी संवर कर हमारे सामने आए,पलकें झपकना भूल गईं, दिल ने साथ देना छोड़ दिया।
तारीफ़ लिखने बैठा था उसके, मखमली हुस्न की, कलम ही रुक गयी उसके बालों,में गजरा देखकर
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,लबों के आसपास,डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,कोई नज़र न लगा दे।
सौ गजलें लिख डालूँतेरे एक दीदार परमुक्कमल हैं मेरी दुनियातेरी एक मुस्कान पर
किसी ने कहा बहुत ही खूबसूरत लिखते हो यार*मैंने कहा खूबसूरत तो बो है जिसके लिए अब हम लिखते है
गणित पढ़ते पढ़ते बरसो गुजर गए आपकी आँखों मे झाँका तो जाना सब शून्य है…
उसके इश्क़ की खूबसूरतीकैसे बयां करूं जनाब,जब मुस्कुरा के देखती है,तोलगता है हर दुआ कुबूल हो गई..!!
हक़ीकत नहीं हो हसरत हो, जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो, किस लिए देखती हो आईना, तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
नींद सी रहती है, हल्का सा नशा रहता है, रात दिन आंखों में एक चेहरा बसा रहता है..!!
तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा, चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ… मैं चाँद हूँ…।
गिरता जाता है चहरे से नकाब अहिस्ता-अहिस्ता, निकलता आ रहा है आफ़ताब अहिस्ता-अहिस्ता..!!
वो अपने चहरे में सो आफताब रखते हैं,इसलियें तो वो रूह पर नकाब रखते हैं,वो पास बैठे हो तो आती हैं दिलरुबा खुशबू,वो अपने होठो पर खिलते गुलाब रखते हैं।
किस लिए देखती हो आइना.. तुम तो खुद से भी खूबसूरत हो.!
चेहरा उसका रूहानी है, लगता जैसे कोई कहानी है, ना बीते उन लफ्जो कि एक, प्यारी सी वो लड़की दीवानी हैं।
“ तुमको देखा तो मुझे मोहब्बत समझ में आयी,वरना औरों से ही तुम्हारी तारीफ सुना करते थे…!!
खूबसूरती में भी आजकल कमी ढूँढ़ते फिरते हैं, शायद किसी से इश्क का सौदा करने चले हैं।
मुझको मालूम नहींहुस़्न की तारीफ,मेरी नज़रों में हसीन ‘वो’ है,जो तुम जैसा हो..
वो आइना भी क्या दे पाएगा आपके हुस्न की गवाही, हमारी नजरों से पूछो, जो देखते ही आप पर मर मिटे हैं।
कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा,लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें,पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
जहां जाऊं वहां तेरे बारे में तारीफ की जाए, सोचता हूं कही सुनने वाला कही मदहोश न हो जाए।
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,खूबसूरती की इंतेहा है तू…तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
“क्या लिखूँ तेरी सूरत-ए-तारीफ मेँ,मेरे हमदम अल्फाज खत्म हो गये हैँ,तेरी अदाएँ देख-देख के”
क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर..!!
तारीफ उसकी जो करने लगा तो शब्द गुम हो गए, लिखने के लिए कलम उठाया तो स्याही सूख गई।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा हैं,उसपे सबाब का रंग गहरा हैं,खुदा को यकीन ना था वफ़ा पे,तभी चाँद पर तारों का पहरा हैं।
क्या बतलाये अब हम वह रात किस कदर निराली थी हमारे सुहाग की वो रात ,जो इतनी शोख मतवाली थी
तू बेमिसाल है तेरी क्या मिसाल दूं, आसमां से आई है, यही कह के टाल दूं.
हम हार चुके सब कुछ एक दिल को हार के, मेरी याद को रखना मेरे साथी संभाल के.
“गलतिया भी होगी और आपको गलत भी समझा जाएगा ये जिंदगी है मेरे दोस्त सम्हल कर रहना यहाँ अपनो के बीच तुमको तारीफे कर कर के हर लम्हे परखा जाएगा।”
उसको सज़ने संवरने की ज़रूरत ही नही ……उसपे सज़ती है हया भी किसी ज़ेवर की तरह !!
मेरी ज़िन्दगी मेरी जान हो तुम।मेरे सुकून का दूसरा नाम हो तुम
निगाह उठे तो सुबह हो,झुके तो शाम हो जाएँ,एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ।
मुझसे जब भी मिलो नजरें उठाकर मिलो,मुझे पसंद है अपनेआप को तुम्हारी आँखों में देखना।
मेरा इश्क भी, तेरा हुस्न भी,गजलों में आके घुल गई,मेरी शायरी की किताब तू,कभी खो गई, कभी मिल गई.
माना कि बड़ा खुबसूरत हुस्न है तेरा… लेकिन, दिल भी होता तो क्या बात होती…
उनकी तारीफ़ क्या पूछते हो उम्र सारी गुनाहों में गुजरीअब शरीफ बन रहे है वो ऐसे जैसे गंगा नहाये हुए है
दुप्पट्टा क्या रख लिया सर पर ,वो दुल्हन नजर आने लगी।उनकी तो अदा होगी,अपनी तो जान जाने लगी ।
घूँघट में इक चाँद था और सिर्फ तन्हाई थी,आवाज़ दिल के धड़कने की भी फिर ज़ोर से आयी थी।
निगाह उठे तो सुबह हो, झुके तो शाम हो जाएँ, एक बार मुस्कुरा भर दो तो कत्ले-आम हो जाएँ.
कत्ले-आम करने का किसी को ऐसा हुनर भी हासिल है, तू कातिल तो है सनम मगर तारीफ़ के काबिल है।
मेरा इश्क भी, तेरा हुस्न भी गजलों में आके घुल गई मेरी शायरी की किताब तू कभी खो गई, कभी मिल गई
क्या लिखा तेरी सूरत एह तारीफ में,अल्फाज खतम हो गए हैं, तेरी आने देख देख के।
अपनी मुस्कुराहट को जरा काबू में रखिएकहीं ये नादाँ दिल इस पर शहीद न हो जाये
शौक तेरी खूबसूरती का…बड़ा बेमतलबी सा बन्दा हूंतेरी सादगी पे फिदा हूँ
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम, अलफाज कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर !
आपके दीदार को निकला है तारे,आपकी खुशबू से छा गई है बहारे।आपके साथ देखते हैं कुछ ऐसे नज़र,की चुप चुप के चांद भी बस इतनी को निहारे।
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं ।
असली खूबसूरती किसी की तारीफ की,मोहताज नहीं होती,उसके लिये तो बस,,आंखों की वाह वाही ही काफी होती है।
इस जहां में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे,सदियों तक इस जमीं पे तेरी कयामत रहे।
तुझको देखा तो फिर किसी को नहीं देखा,चाँद कहता रहा मैं चाँद हूँ… मैं चाँद हूँ…।
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,तितलियों सी नाजुक, परियों जैसी खूबसूरत सी है।
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा है तू तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
कुछ फिजायें रंगीन हैं, कुछ आप हसीन हैं,तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन हैं।
कैसे ना हो इश्क, उनकी सादगी पर ए-खुदा, ख़फा हैं हमसे, मगर करीब बैठे हैं
अगर दूरियों से भी फर्क ना पड़े, तो समझना काफी नजदीक हो तुम !
मेरे लफ्जों में है तारीफ एक चेहरे कीमेरे महबूब की मुस्कराहट से चलती है शायरी मेरी
और भी इस जहां में आएंगे आशिक कितने,उनकी आंखों को तुमको देखने की हसरत रहे।
उनकी मुस्कान ने न जाने कितनों को दिवाना बनाया है, खुशनसीब हैं हम जो उनका दिल हम पर आया है।
जब ख़यालो में आता है उनका चहरा तब होंटो पर एक फ़रियाद आती है हम भूल जाते है सारे गम बस उनकी मोह्ब्बत की याद आती है।
तारीफों के पुल बांधना तो मुझको आता नहीं,लेकिन तेरा हर काम मुझे निशब्द कर देता है।
तेरी पलकों की छांव में मेरी शाम गुज़र जाए, एक बार देखा जो फिर मुस्कुरा कर यूँ, कहीं इससे मेरी धड़कने न रुक जाए.
हमें आता नहीं ख़ूबसूरतीकी तारीफ करना पर,हमारी नज़रों में हसीन वो हैजो आप जैसा हो..!!
न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
पहना दो अपना प्यार मरे पैरों में पायल की तरह जहां भी और जितना भी चलूँ तुम ही तुम सुनाई दो
जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी, तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये..!! 👸👧
छुपा लूँ दिल में ऐसी सूरत है,बसा लू आँखों में ऐसी मूरत है,जहा भी देखु बस तुहि तू हैं.
आपके सामने जो दूसरों कीबुराई कर रहा है आप उससे येउम्मीद मत रखना के दुसरो केसामने आप की तारीफ ही करेगा।
चल रहा है सफर जिंदगी का कहो तो चल दू साथ हमसफ़र बनके वादा रहा इस सफर का अकेले नही छोड़ेंगे मेरे हमसफ़र को❤️
कितना हसीन चाँद सा चेहरा हैं,उसपे सबाब का रंग गहरा हैं।खुदा को यकीन ना था वफ़ा पे,तभी चाँद पर तारों का पहरा हैं।
हम तो उनकी तारीफ में लिखते रहे,वो बस उन्हें पढ़ते रहे, और सुनते रहे,हाल ए दिल कह दिया अपना हमने,और वो अंत में वाह वाह करते रहे।
रुख़-ए-रौशन के आगे शम्अ रख कर वो ये कहते हैं उधर जाता है देखें या इधर परवाना आता है
“हटा के जुल्फ़ चहरे से, न तुम छत पर शाम को जाना, कहीं कोई ईद ना करले सनम, अभी रमज़ान बांकी है।”
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में,जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाए।
कसा हुआ तीर हुस्न का, ज़रा संभल के रहियेगा,नजर नजर को मारेगी, तो क़ातिल हमें ना कहियेगा।
“क्या हुस्न था… कि आँखों से देखा हजार बार, फिर भी नजर को हसरत-ए-दीदार रह गयी।”
उसी का क़र्ज़ है, जो आज है आँखों में आँसू,सज़ा मिली है हमें मुस्कुराने की।
तुझे क्या कहूं तू है मरहबा. तेरा हुस्न जैसे है मयकदा मेरी मयकशी का सुरूर है, तेरी हर नजर तेरी हर अदा
अब कैसे उठेगी आँख हमारी किसी और की तरफ,उसके हुस्न की एक झलक हमें पाबन्द बना गयी।
अपने होठों को किसी परदे में छुपा लिया करोहम गुस्ताख़ लोग नजरों से चूम लिया करते हैं
इतना मत मुस्कुराओ कि फूल समझ जाएं, करे वो तुम्हारी सुंदरता की तारीफ़, तुम्हें उनकी नज़र लग जाएँ।
ये उड़ती ज़ुल्फें और ये बिखरी मुस्कान,एक अदा से संभलूँ तो दूसरी होश उड़ा देती है।
ये मेहताब चेहरा, ये मखमूर आँखें,कहीं होश मेरा न खो जाए,न देखूं तो न चैन मिले,देखूं तो मोहब्बत हो जाए।
आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गईजैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई !
वो हमे रोज कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो उसे एक आईना दे कर अकेला छोड़ आया हूँ।
छुपा लूं मैं दिल में उनकी सूरत, आंखों में उतार लूं मैं उनकी मूरत, जहां भी देखूं फिर मैं बस वो ही वो नजर आये।
जुल्फ़े सिर्फ दांयी तरफ मत रखा करो,बांया झुमका खुद को महफूज़ नहीं समझता…
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो!
“उसके चेहरे की चमक के सामने सब सादा लगा , आसमान पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा।”
इन आँखों को जब जब उनका दीदार हो जाता है दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए त्यौहार हो जाता है
मै तो फना हो गया उसकीएक झलक देखकर,ना जाने हर रोज़ आईने परक्या गुजरती होगी
फोन की दुसरी तरफ खाम़ोश से तुम”तुम्हारी साँसों को महसूस करते हम_
न देखना कभी आईना भूल कर देखो तुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा
तेरी आँखों का जादू है अलग क़िस्म का, जब से तुझे देखा, है ये दिल तेरा दीवाना।
जिस मोड़ पे तू मिल गई वहां एक नई राह खुल गई तू नए किरण की बहार है अब रात भी मेरी ढल गई
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं, हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं, कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखें सना है, वो आँखों से अपना बना लेते है !
नींद से क्या शिकवा जो आती नहीं रात भर, कसूर तो उस चेहरे का है जो सोने नहीं देता।
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम, अलफ़ाज़ कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर।
देख ले जो नज़र एक दफा तुझे, तारीफ मुँह से निकलने को बेताब हो जाती है।
मिलावट है तेरे हुस्न में “इत्र”और “शराब” की,….. तभी मैं थोड़ा महका हूं;…..थोड़ा सा बहका हूं…
इंसान हँसता तो सबके सामने है, लेकिन रोता उसी के सामने है जिस पर उसे खुद से ज्यादा भरोसा होता है !!
“तारीफ करूँ क्या तेरी, कुछ अल्फ़ाज ही ना मिले, जब से देखा है तुझको दिल में अरमान है जगे।”
उनकी तो साजिश ही थी यूं जुल्फें खोलकर कत्ल करने की, पर दिल ने भी बेखौफ जीने की वजह ढूंढ ली।
तेरा चेहरा है जब से मेरी आंखें में,लोग मेरी आँखों से जाने लगे हैं।
“ एक हुस्न की परी को मैं अपना दिल दे बैठाअपनी ज़िन्दगी को एक मकसद दे बैठापता नहीं वो मुझे चाहती है या नहींबस यही ख्याल मुझे भी ले बैठा….!!
क्या लिखूं तेरी तारीफ ए सूरत में यार अल्फाज कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर
एक हुस्न की परी को मैं अपना दिल दे बैठा अपनी ज़िन्दगी को एक मकसद दे बैठा पता नहीं वो मुझे चाहती है या नहीं बस यही ख्याल मुझे भी ले बैठा.
तू हर रोज दुनिया की खिदमत कुछ यूं करता है, दिल चाहता है तेरे हाथों को चूमकर तूझे सलाम करूं।
इस दिल का कहा मानो एक काम करदो एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो मेरी ज़ात पर फकत इतना एहसान करदो किसी दिन सुबह को मिलो और शाम करदो।
हजारों खूबसूरत पल आये और चले भी गये जिंदगी से …एक तुम्हारा हाथ थामें बैंठने का पल बाकी है अभी,,
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे पहरे हटा कर देख़ना, ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें लुटा कर देखना |
उसी जगह से ही अक्सर मैं तेज गुज़रा हूँ किसी का रुक के जहाँ इंतिजार करना था
बड़ा वसीअ है उस के जमाल का मंज़र वो आईने में तो बस मुख़्तसर सा रहता है
चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर, तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर।
इस सर्द मौसम में मेरे अल्फ़ाज़ भी जम गए है,तुम तारीफ कर के देखो, शायद पिघल जाये।
खुश होना है तो तारीफ सुनिएऔर बेहतर होना है तो निंदा
सफाईयां देनी छोड़ दी है मैं बहुत बुरी हूं सीधी सी बात है
उफ्फ ये नज़ाकत ये शोखियाँ ये तकल्लुफ़,कहीं तू उर्दू का कोईहसीन लफ्ज़ तो नहीं..!!
तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,डर है की इस चहरे को किसी की नज़र न लग जाए।
निगाह उठे तो सुबह हो,झुके तो शाम हो जाएँ,एक बार मुस्कुरा भर दोतो कत्ले-आम हो जाएँ.
तुम ज़रा सा कम खूबसूरत होते तो भी बहुत खूबसूरत होते ! Tum zara sa kam khubsoorat hote to bhi bahot khoobsurat hote.
तुझे पाकर मुझे जन्नत सी मिल गई, तेरे साथ पाकर मेरी जिंदगी संवर गई।
फूल गुल शम्स ओ क़मर सारे ही थे पर हमें उन में तुम्हीं भाए बहुत
जब ख़नकती हैं चूड़ियाँ तेरी कलाई मेंएक अज़ब सा साज़-ऐ-मोहब्बत फ़िज़ा में फ़ैल जाती है
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत है, तितलियों से नाजुक परियों सी खूबसूरत है,
ख़ूबसूरत चेहरों में कशिश तो लाज़मी है,मगर ख़ूबसूरत दिल के बग़ैर चाहत अधूरी होती है।
न देखना कभी आईना भूल कर देखोतुम्हारे हुस्न का पैदा जवाब कर देगा।
तौबा…तुम्हारी ये बातूनी आंखें…मुझे कुछ बोलने ही नहीं देती..
डूबकर तेरी झील सी गहरी आँखों में, एक मयकश भी शायद पीना भूल जाए.
ख्वाहिश ये बेशक नही की “तारीफ” हर कोई करे,मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे।
उनके हुस्न के आफताब को कैसे बयां करें ए-दोस्त, उनके बन ठनकर निकलने से सौ चिराग रोशन हो उठते हैं।
क्या हुस्न था… कि आँखों से देखा हजार बार,फिर भी नजर को हसरत-ए-दीदार रह गयी।
एक खूबसूरत एहसास बे-आवाज हो गया इश्क अब इश्क ना रहा जैसे रिवाज हो गया
मुझे देख कर तेरा मुस्कुरा देना,मुझे कईसारे सपने दिखा जाता है, तेरे संग ज़िन्दगीगुजारूं,मेरी हर धड़कन कह जाती है।
अभी भी तेरा हुस्न डालता है मुझको हैरत में मुझे दीवाना कर देता है जलवा जानेमन तेरा
फ़क़त इस शौक़ में पूछी हैं हज़ारों बातें..मैं तेरा हुस्न तेरे हुस्न-ए-बयाँ तक देखूँ
सुबह शाम में बस तुम्हे याद करता हूँ, हा में तुमसे बेइंतहा प्यार करता हूँ.
तेरे होने से मेरे दिल की धड़कनों में है चमक, तू है मेरी जिंदगी की सबसे ख़ास बात।
तुम्हारी सुन्दरता को देख मैं निःशब्द हूँ,तुम्हारी निःशब्दता ही तुम्हें सुंदर बनाती है।
रात भर करता रहा तेरी तारीफ चाँद से, चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया.
खूबसूरती तो सांवले चेहरे में ही होती है,गोरी तो तब भी तकलीफ देते थे और आज भी।
फूलों सा कोमल चेहरा, संगमरमर की मूरत हो तुम तेरी खूबसूरती की तारीफ कैसे करूं, तू बहुत खूबसूरत है।
बिखर जाती है खुशबु सी,किसी की याद आते ही,ना जाने कोन सावन बिन मौसम बरसता हैं ।
तेरी खूबसूरती को लफ्जों में बांध सकूं इतनी मेरी औकात नहीं, मेरी मोहब्बत पाक साफ है तेरे लिए उसे झुठलाने की हिम्मत मुझ में नहीं।
कयामत टूट पड़ती है जरा सा गुनगुनाने से, ना जाने हश्र क्या होगा जब वो गाएंगे।हर आह में दबी हुई आह ढूंढ लेता है।
तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,डर है की इस चहरे को किसी की नज़र न लग जाए।
देख कर तुमको यकीं होता है,कोई इतना भी हसीन होता है,देख पाते है कहा हम तुमको,दिल कही होश कही होता हैं।
उनकी हर अदा हमें तो मुहब्बत सी लगती है, अब तो उनसे एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है।
चल काजल लगा ले पलकों पर..क़त्ल का नया इतिहास रचते हैं,आज शाम मेरी महफ़िल में आना..हम एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखते हैं..!!
जब से कमाने की होड़ में जुड़ी हूं मेरी गुल्लक में सपने कम हो रहे हैं
तारीफें लफ़्ज़ों की मोहताज नहीं होती,यह तो बिन कुछ कहे, मुस्कान से भी बयां होती है।
तेरी तस्वीर ज़रूर है मेरे पास मग़र उसकी कोई ज़रुरत नहीं क्युकी तेरे खूबसूरत चहरे को हमने आँखों में बसा रखा है।
हल्की हल्की मुस्कुराहटें और सनम का खयालबड़ा अजीब होता है मुहब्बत करने वालों का हाल
तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो।किस लिए देखती हो आईना,तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
किसी ने मुफ्त में वो शख्स पाया जो हर कीमत पर मुझको चाहिए था
कभी कभी दाग भी अच्छे होते है, युही चाँद खुबसुरती का मिसाल नहीं है।
“ये बेपनाह हुस्न यूँ सादगी से शरमायें, चिराग बुझा दो कही आन न लग जायें।”
आपका हँसता हुआ चेहरा किसी की ज़िन्दगी को और भी खूबसूरत बना सकता है !
हैं होंठ उसके किताबों में लिखी तहरीरों जैसे,ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है
हम अपनी तारीफ उनके लफ़्ज़ों में ढूंढ़ते रह गए,और वो आँखों ही आँखों में सब बयां कर गए ।
तुम्हारी क्या तारीफ करू ” सुनो , तुम मुझे,बिना रीजन और हर रीजन अच्छी लगती हो।