Here we've come up with the best collection of Waqt Ke Sath Log Badal Jate Hai Shayari In Hindi, which you can share with the people who change with time.
कहा करती थी जिंदगी का हर सफर साथ में जियेंगे ,गमों के हर घूंट को साथ में पियेंगे ,पर सब फरेब था ,दगाबाज लड़की ,अब हमे भूल चुकी है।
कोई चोट एहसास देगी मुझे तेरे ना होने का, लापरवाह में सुनता कहां हूं वक्त की।
किसी और की महोब्बत के लिए ,आज वो हमे भुला बैठे है।रूठे रूठे रहते है आज कल ,मेरा दिल जलाना चाहते थे मगर ,किसी और के चक्कर में अपना दिल जला बैठे है।
वह छोड़ कर मुझे किसी और के पास चली गई,भुला दिया होगा मेरा प्यार उसने, तभी दूर चली गई।
बहुत अच्छा टाइम पास किया,जब चाचा याद किया,जब चाचा बात किया,और जब चाचा भुला दिया।
जिनकी औकात होती है वो दिमाग में रहते है,और जिसमे कोई बात हो तो वो दिल में,अब तुम ही बताओ क्योकि,मुझे तो तुम्हारा नाम तक याद नहीं।
काश कोई अपना हो तो आईने जैसा हो,हसे भी साथ और रोये भी साथ.
भूल मत जाना उसकी आँखों में आँसू नहीं आया था,तुम्हे रोता देखकर।
जी तो सकता हूँ मगर भूल कर तुमको।मर रहा हूं बार बार, क्योंकि तुम्हें याद कर रहा हूं मैं।
आज याद आया की में तुम्हे भूल गई हूँ,लेकिन फिर याद आया कि तुम्हारा भूल जाना भीक्यों याद आया.
दिन बदले जितनी दफा जितनी दफा वार बदले, तुम भी पीछे ना रहे तुम भी उतनी बार बदले।
हर किसी पर मर जाने का हुनर हमें नहीं आता,तुम्हे याद करना नहीं आता हमें भूल जाना नहीं आता.
इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
क्यों पूछते हो की कैसे बदल गया वो, मैं बता दूँ मुझे बतला कर नहीं बदला वो।
बहुत ख़ास थे कभी,नज़रों में किसी के हम,मगर नज़रों के तकाज़े बदलने में देर नहीं लगती.
तू नाम का दरिया है रवानी नहीं रखता ,बादल है वो बे फैज़ के पानी नहीं रखता ,ये अखरी खत अखरी तस्वीर भी ले जा,मैं भूलने वालो की निशानी नहीं रखता।
पहले बात होती थी बीच में हमारे, क्यूंकि बीच में हमारे पहले पैसा नहीं था।
भूलना तुमहे ना आसन होगा,जो भूले तुम्हें वो नादान होगा।आप तो बसे हो रूह में हमारी,आप हमें न भूले ये आपका एहसान होगा।
हालातों ने तोड़ दी वो जंजीरें, वरना वक्त के साथ कब की मिल जाती मंजिलें।
तुझे चाहने वाले कम न होंगे, वक्त के साथ शायद हम न होंगे, चाहे किसी को कितना भी प्यार देना, लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे !
घायल करके मुझे उसने पूछा,करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,लहू-लहू था दिल मगरहोंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।
दरख्त-ए-याद पे मेरे कोई झूलता नहीं,मैं माफ़ कर देता हूँ मगर भूलता नहीं।
फ़र्क़ है ज़रा हम दोनों के बदलने में, तुम ज़रुरत देख कर बदले हो और मैं तुम्हे देख कर।
उजड़ी हुई दुनिया को तू आबाद न कर,बीते हुए लम्हों को अब तू याद न कर,एक क़ैद परिंदे ने ये कह दिया हम से,मैं भूल चुका हूँ उड़ना मुझे आजाद न कर।
जिंदा हूं मैं मगर, जीने की कोशिश कर रहा हूं,इस जीने की कोशिश में, बार बार मर रहा हूं मैं।
चलो मान लिया,मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती,लेकिन ज़रा ये तो बताओ,तुम्हे दिल तोड़ना किसने सिखाया?
जिन यादों को आज आप भूल गए ,उन्ही यादों को याद कर बार बार रोया हूँ।तेरे भूल जाने के बाद भी आज तक में ,उन्ही यादों में खोया हूँ।
कोई पूछेगा उस धोखेबाज सनम को ,जन्मो तक साथ निभाने का वादा कर ,फिर क्यों भूल गये हमको।
यह इश्क़ है जनाब, इसे अधूरा ही रहने दीजिये,अगर पूरी हो गई तो भुला दी जाएगी.लोग भूल जाते है
मिट गए न जाने कितने #ख़ुदा की तलाश में,मगर अब तो हर तरफ हम, ख़ुदा ही ख़ुदा देखतेहैं !
मत पूछो कि कैसा हूँ मैं,कभी भूल ना पाओगे वैसा हूँ मैं।
तू अब मिलता ही नहीं, इस परेशानी में खोया खोया सा रहता हूँ।
अगर तेरी मजबूरी है भूल जाने की,तो मेरी आदत है तुझे याद रखने की।
तेरी चाहत में हम जमाना भूल गयेकिसी और को हम अपनाना भूल गये,तुम से मोहब्बत है बताया सारे जहाँ कोबस एक तुझे ही बताना भूल गये।
तुम खुश हो न रुलकर मुझे,मिल गया न सुकून भुलाकर मुझे।
क्षमा , कितनी खुशनसीब है,जिसे पाकर लोग अपनो को याद करते है ,“ आहंकार ” कितना बदनसीब है,जिसे पाकर लोग अक्सर अपनो को ही भूल जाते है ।
वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती, शर्म से आँखें झुक गयी होती, अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का, तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती !
तेरे वादों ने हमें घर से निकलने न दिया,लोग मौसम का मज़ा ले गए बरसातों में,अब न सूरज न सितारे न शम्मां न चांद,अपने ज़ख्मों का उजाला है घनी रातों में।
मुझे इन पत्थरों से खौफ न होता,अगर शीशे का मेरा घर न होता,यकीनन मैं भी खेलता इश्क़ की बाज़ी,अगर दिल टूटने का डर न होता।
दिल तोड़ कर हमारा तुमको राहत भी न मिलेगी,हमारे जैसी तुमको कहीं चाहत भी न मिलेगी,यूँ इतनी बेरुखी न दिखलाइये हमें,हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी न मिलेगी।
कुछ महूरत के हसाब से कुछ अच्छी सूरत के हिसाब से, लोग बदल ही जाते है अपनी ज़रुरत के हिसाब से।
इंसान की सोच और हालातों में भी बहुत फर्क होता है, इसलिए इंसान वक्त के साथ आगे बढ़ जाता है।
ये वादा है हमारा ना छोड़ेंगे साथ तुम्हारा,जो गये तुम हमको भूल कर,ले आयेंगे पकड़ कर हाथ तुम्हारा।
चाहे बुरे हालातों में भी हिम्मत नही टुटने देते है, वो हालातों को देख सोच बदल लेते है।
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।आँखों से मोती निकलते रहेंगे।
माना नाराजगी की हद सिर्फ इतनी है की ,आप थोड़े दिनों तक हमसे बात नहीं करोगे ,मगर ,इन हदों को तोड़ आपने तो हमे भुला ही दिया।
वह छोड़ कर मुझे किसी और के पास चली गई,भुला दिया होगा मेरा प्यार उसने, तभी दूर चली गई.
भूल गए वो दिन भी क्या दिन थे,जब मेने आपको फूल दिया था।और आपने थपड़ के साथ मुझसे ,प्यार का इजहार किया था।
किसी को भूला देना अगर आसान होता तो,हम तो पहले अपने दिल के दर्द को ही भूला देता।
जिनकी याद है दिल में निशानी की तरह,वो तो भूल गए हम कहानी की तरह।
जान छिड़कते थे जब तक जेब में पैसा था, तुम्हे हालातों ने बदला या तुम पहले से ऐसे थे।
खाली शीशे भी निशान रखते हैं,टूटे हुए दिल भी अरमान रखते हैं,जो ख़ामोशी से गुज़र जाये,वह दरिया भी दिल में तूफ़ान रखते हैं।
भूल जाते है लोग अक्सर उन्हे ,जिसके हाथ थाम कर हम कभी चला करते थे ।
तू संभल कर तो देख तेरे सारे काम संभल जाएंगे, तू करके तो देख कोशिश एक दफा तेरे सारे अंजाम बदल जाएंगे।
बदल गया हूँ मैं भी पूरी तरह अब अधूरा साथ निभाने वालों को चुनता ही नहीं।
कुछ दिन के लिए अपनों से बात करना,थोड़ा कम करके तो देखो,फिर देखना कैसे लोग तुम्हे भूल जाते है.लोग अपनी औकात भूल जाते है
बहुत ख़ास थे कभी,नज़रों में किसी के हम,मगर नज़रों के तकाज़े बदलने में देर नहीं लगती।
माना बड़े आदमी हो मगर ,रिश्तों में छोटे बड़े का फर्क नहीं होता।भूल गए हो आज हमे शायद लगता है ,तुम्हारे लिए इन रिश्तों में ऐसा कोई फर्क नहीं होता।
दिल मेरा तोड़ा ऐसे वीरान भी न रहने दिया,खुद खुदा हो गया मुझे इन्सान भी न रहने दिया।
ज़िंदगी से क्यूँ रूठ गए हो तुम,इतने मायूस क्यूँ हो गए हो तुम,जरूर तुम्हारा किसी ने दिल तोड़ा है,जो इतने बेपरवाह हो गए हो तुम।
सभी नगमे साज़ में गए नहीं जाते,सभी लोग महफ़िल में बुलाये नही जाते,कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते,कुछ दूर रहकर भी भूलाये नहीं जाते।
इंसान की सोच पर निर्भर करता है, वक्त और हालात कभी बुरे नही होते है।
हालात ऐसे ना बनाएं कि आप हौसला बदल दें, बल्कि हौसला ऐसा बनाएं रखें कि कैसे भी हालातों को बदल दें।
किसी को ज्यादा चाहो तो लगाव हो जाता है,जब वह दिल तोड़ दे तो घाव हो जाता।
जिन्हे अपना कह कर हम और को जलाते है ,अक्सर वहीं सपना समझ कर हमे भूलते है।
कोई खुश भी रहे तो कैसे रहे ?जाने क्यों वक़्त के, इशारे बदल जाते है।
आप भूल गए हमें, लेकिन हम नहीं भूले,याद करते हैं हर पल, बीते हुए जिंदगी के कुछ पल।
वो भूल गए कि उन्हें हसाया किसने था,जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था,वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद,वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था।
ज़िन्दगी से अपना हर दर्द छुपा लेना,ख़ुशी न मिले तो गम गले लगा लेना,
वक्त की यारी तो हर कोई कर लेता है, मजा तो तब है जब, वक्त बदले और यार न बदले !
किसी के समझाने से पहले समझ जाना इस बार, कोई और बदले इससे पहले तुम बदल जाना इस बार।
उसको क्या सज़ा दूं,जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया,गुनाह तो हमने किया,जो उसकी बातो को मोहब्बत का रंग दे दिया।
बन के अजनबी मिली थी जिंदगी के सफर में कहीं,इन यादों के लम्हों को कभी भुलायेंगे नही ,अगर याद रखना फितरत है आपकी,भूल जाने की आदत हम भी नहीं।
भूल जाते है लोग अक्सर , जब कुछ दिनो तक गुफ्तगु नही होती ,नासूर बन जाते है जख्म अक्सर जब वक्त रहते तवज्जुत नही होती ।
वो भी बता रहे रहे है अपनापन क्या होता है, जो कभी अपनों को पूछते भी नहीं।
मोहब्बत मेरी भी बहुत असर करती है,याद आयेंगे बहुत जरा भूल के देखों।
हमसे पूछो क्या होता है पल-पल बिताना,बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,यार जिन्दगी तो बीत जायेगी,बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना।
फितरतें लोगों की बदलती रहेगी, ये ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहेगी।
हम अक्सर जिन्दगी में कुछ ऐसे लोग पाते है,जिसकी मुस्कुराहट देखकर हम अपने सारे गम भूल जाते है।
एक दिन किसी दूसरे से अपना दिल लगाओगे ,ऐसा कर आप मेरे आंसुओ को और रुलाओगे ,मेरी यादों में तो तुम बड़ा आओगे ,पर आप मेरे को एक पल में भूल जाओगे।
वो वक्त सी थी जो गुजर गई, और मैं यादों सा था जो ठहर गया !
प्यार किया बदनाम हो गए,चर्चे हमारे सरे-आम हो गए,ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोड़ा,जब हम उसके गुलाम हो गए।
मुझे भुला कर कब तक यूँ रह पाओगे ,ना चाहते हुआ भी सोणीयों ,फिर एक दिन करीब मेरे ही आओगे।
जो हालातों के साथ वक्त बर्बाद करते है, वो जिंदगी में कभी आबाद नही होते है।
लुटा चुका हूँ बहुत कुछ,अपनी जिंदगी में यारो,मेरे वो जज्बात तो ना लूटो,जो लिखकर बयाँ करता हूँ।
पहले उनसे मिलने की ख्वाहिश करते थे,अब्ब उन्हें भूलने की कोशिश करते है।
हम पूछते की कौन हो तुम…?और वो हँसकर खुदको हमारी जान बताती..!!
बेपरवाह प्यार किया था मगर,वो बड़ी दगाबाज निकली ,भुला कर मेरी यादों को वो जालिम ,बड़ी धोखेबाज निकली।
ये कहना था उन से मुहब्बत है मुझको ,ये कहने में मुझे को जमाने लगे हैं,क़यामत याक़िनन क़रीब आ गई है,‘खुमार’ अब तो मस्जिद में जाने लगे हैं।
वो बात क्या करें जिसकी कोई खबर ना हो।वो दुआ क्या करें जिसका कोई असर ना हो।कैसे कह दे कि लग जाय हमारी उमर आपको।क्या पता अगले पल हमारी उमर ना हो।
दर्द को दर्द अब होने लगा है।दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा।क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।
वो बदला क्या मौसम की तरह, आँखें बरसात सी बहने लगी।
अजीब सबूत माँगा है मेरी मोहब्बत का,की भूल जाऊ तोह में मनु की मुझसे मोहब्बत है.
वक्त दिखाई नहीं देता है, पर बहुत कुछ दिखा जाता है !
वो याद नहीं करते, हम भुला नहीं सकते ,वो हंस नहीं सकते, हम रूला नहीं सकते,है प्यार इतना खुबसूरत हमारा,की वो बता नहीं सकते और हम जता नहीं सकते।
तुम भूल भी जाओ तो ये हक है तुम को,मेरी और बात है मैंने तो मुहब्बत की ही।
अपने काम में इतना मसरुफ हो गएजब हम कुछ पल के न दिखे, हमें ही भूल गए।
गम यह नहीं कि कसम अपनी भुलाई तुमने,गम तो यह है की रक़ीबो से निभाई तुमने,कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कहते,बात आपस की थी क्यों सबको बताई तुमने।
हालात बहुत कुछ सिखाते है, वक्त के साथ नई राह दिखाते है।
जब अरसे बाद आया ना जवाब उनका , बे-मन ही सही रास्ता हमनें भी मोड़ लिया । सीखा हैं वक्त से अपनी मंज़िल की चाहत में, न जानें कितनों को पीछे छोड़ दिया ।।
आखरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूँलौट के फिर तेरी महफ़िल में नही आऊंगा |अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर,तेरी दुनियां से बहुत दूर चला जाऊंगा..!
अजीब सबूत माँगा है मेरी मोहब्बत का,की भूल जाऊ तोह में मनु की मुझसे मोहब्बत है।
तुझे भूलकर भी ना भूल पायेंगे हम,बस यही एक वादा निभाएंगे हम,मीटा देंगे खुद को भी जहां से लेकिन,तेरा नाम दिल से ना मीटा पायेंगे हम।
दवा बदल गई है अब रोग बदल गए है, एक हम ही रह गए कम्बख्त पहले से यहाँ तो सारे लोग बदल गए हैं।
तुम्हारा किया तुम्हे ही बतलाता है, समय आइना जरूर दिखलाता है !
भूलना नहीं चाहता हु तुझे इसलिए,अब लिखने लगा हूँमाँ ठीक कहती है, लिखने से याद देर तक याद रहता है.
हर किसी पर मर जाने का हुनर हमें नहीं आता,तुम्हे याद करना नहीं आता हमें भूल जाना नहीं आता।
एक ख्याल ही तो हूँ याद रहे तो रख लेना,वरना सौ बहाने मिलेंगे मुझे भूल जाने के।
लोग अक्सर भूल जाते है वादे अपने जो कहते थे,तुम्हारी आँखो में एक आँसू नही आने देंगे ,आज वही रोता हुआ छोड़ कर चले गये ।
जिनके आंसू हमे भी रुला जाते है ,अक्सर वहीं लोग अकेले आगे बढ़ कर ,बगैर अपना समझे हमे भुला जाते है।
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती |पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
मेरी बरबादी पर तू कोई मलाल ना करना,भूल जाना मेरा ख्याल ना करना,हम तेरी ख़ुशी के लिए कफन ओढ़ लेंगे,पर तुम मेरी लाश से कोई सवाल मत करना।
वक्त और हालात के साथ सबके तजुर्बे अलग अलग होते है, कोई वक्त को बर्बाद कर देते है तो कोई सफल इंसान बन जाते है।
क्या कसूर था इन आँखों का जिनके नसीब में तुमने,रोना लिख दिया।
औरों की मर्जी से कभी जिया नहीं करते, हम वक्त पर अफसोस किया नहीं करते !
आंसुओ के मोती को अक्सर अकेले ही ,धागे में पिरोया करते थे।उनको याद कर हर उस वक्त बड़ा रोया करते थे।
भूलना नहीं चाहता हु तुझे इसलिए,अब लिखने लगा हूँ,माँ ठीक कहती है,लिखने से याद देर तक याद रहता है।
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।
बुरे वक्त में जो साथ दे वही होते हैं अपने, यू बीच राहों में जो साथ छोड़ दे वो नहीं होते हैं अपने !
मरने तक का साथ तो निभालो ,मरने के बाद तो लोगो की तरहा,तुम भी हमे भूल जाओगे।
जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा,टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी,सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना,मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।
किसी का कत्ल करने पर सजा-ए-मौत है लेकिन,सजा क्या हो अगर दिल कोई किसी का तोड़ दे?
भूलना-भुलाना तो बस एक वहम है दिल का,कोई नहीं निकलता है दिल में एक बार बस जाने के बाद।Bhulna Shayari in Hindi
घोसला बनाने में हम यूँ मशगूल हो गये,कि उड़ने को पंख भी है, ये भी भूल गये।
तुम्हें भूलने मैं हमे कुछ वक्त लगेगा,और वही कुछ वक्त हमारी जिंदगी है जाना।
देखते ही देखते, सितारे बदल जाते हैं !हाथ में आकर, किनारे फिसल जाते हैं !
आपकी धड़कन से है रिश्ता हमारा,आपकी सांसो से है नाता हमारा,भूल कर भी कभी भूल न जाना,आपकी यादों के सहारे है जीना हमारा।
काश उससे चाहने का अरमान ना होता,मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता !
कुछ लोग बड़े कमीने होते ,अपना अपना कह कर पास तो बड़े आते है,पर थोड़ा वक्त निकलते ही अपनों को भूल जाते है।
वक्त मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है, कब कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते !
चाल-ढाल बदल गई लिबाज बदल गया है, शहर जाकर तुम्हारा बात करने का मिजाज़ बदल गया है।
ये न समझ कि मैं भूल गया हूँ तुझे,तेरी ख़ुशबू मेरे साँसों में आज भी हैं,मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत,सच्चाई मेरी वफ़ाओ में आज भी है।
भूलना-भुलाना दिमाग का काम है,तुम तो मेरे दिल में हो बेफिक्र रहो।
गमो में भी मुस्काना चाहता हूं,एक नई दुनिया बसाना चाहता हूं,मगर ना जाने क्यों निकल आते हैं आंसू ,जब भी तुम्हें भुलाना चाहता हूं में !
जिनको गैर नहीं अपना समझ कर अपना बनाते है ,वो लोग ही बगैर सोचे हमे भूल जाते है।
ना जाने कैसा रिश्ता है इस दिल का तुझसे,धड़कना भूल सकता है पर तेरा नाम नही।
हमने भी किसी से प्यार किया था,हाथों में फूल लेकर इंतज़ार किया था,भूल उनकी नहीं भूल तो हमारी थी,क्योकि उन्हों ने नहीं, हमने उनसे प्यार किया था।
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे,ऐसे माहौल में अब किसको पराया समझें।
जो हर लम्हा हमारी यादों में आते है ,वहीं लोग अक्सर हमे भूल जाते है।
दूर जाना तो सिर्फ एक बहाना है ,असल में दूर रहकर ,आपको हमें अपनी दुन्द्ली यादों से भी मिटाना है।
पाने को “जिंदगी” पूरी है, क्यूँ सोच सोच कर “वक्त” जाया करना, अपनी तो “साँसें” भी उधारी है!!
तुमको भुला पायेंगे इतना हम मैं दम नहीं,तुमने दिया जो गम वो मौत से काम नहीं,यारो दिल के जाखम दिखाओ फसाना यार का है,मोहब्बत झूठी है बहाना प्यार का है।
दूर ही सही मगर तुझसे प्यार तो है,तेरे इंकार के बाद भी इंतजार तो है,अगर आसान होता भूलना, तो भूल जाते,पर आज भी ये दिल बेकरार तो है।
लोग कहते है भूल जाओ उसे,कितना आसान है ना मश्वरा देना.
तुम मुझे भूल जाओ कहना आसान हैं,लेकिन भूलना उतना ही मुश्किल हैं।
कल और बुरी तरह गिरता अच्छा हुआ मैं आज ही बदल गया, अच्छा हुआ उसने भी देर नहीं की वो कल का बदलता आज ही बदल गया।
बिताये पल वापस ला नहीं सकते,सुखे फूल वापस खिला नहीं सके,कभी कभी लगता है आप में भूल गए,पर दिल कहता है के आप हम भुला न सकते हैं।
जाने क्या मुझसे यह ज़माना चाहता है,मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हंसाना चाहता है,जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से,हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।
सोचा था इस कदर उनको भूल जायेंगे,देखकर भी अनदेखा कर जायेंगे,पर जब-जब सामने आया उनका चेहरा ,सोचा एक बार देखले, अगली बार भूल जायेंगे।
कितना भी पकड़ो फिसलता जरूर है, यह वक्त है साहब बदलता जरूर है !
जब आप किसी को भुलाना चाहते है,तो दुनिया की हर चीज उसकी याद दिलाती है।
तुझे भूल जाऊ ये कोशिश कर के देखूंगा,वेसे दरयों का उल्टा बहना मुमकिन नही।
आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम,ये किसने कह दिया कि तुझे भूल गए हैं हम।
जख्म तो हम भी अपने दिल मेंतुमसे गहरे रखते हैं,मगर हम जख्मों पेमुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं।
वक्त नहीं बदलता किसी के साथ, पर अपने बदल जाते है वक्त के साथ!!
ना जाने किस बात की वो मुझ को सज़ा देता है,मेरे हंसती हुई आंखों को रूला देता है,हम को मलूम नहीं कोई हमसे पूछो तो,क्या कोई इस तरह अपना को भुला देता है।
अगर कुछ कर गुजर की इंसान के अंदर होती है चाह, वक्त के साथ हालातों में भी निकाल लेते है राह।
तेरे बिना हम जीना भूल जाते हैं,ज़खमों को सीना भूल जाते हैं,तू ज़िंदगी मैं सबसे अज़ीज़ है हम,तुझसे हर बार ये कहना भूल जाते हैं।
ये वक्त गुजरता रहता है, इंसान भी बदलता रहता है, संभाल लो खुद को तुम जनाब, वक्त खुद चीख कर कहता है !
बहुत मतलबी हो गया है ये जमाना,देखते ही देखते अब, नारे बदल जाते हैं !
दिल से निकल दिया तेरी सारी बातों को,तन्हाई की आग में फूँक दिया जज़्बातों को,न उम्मीद की है तेरे मुद के आने की,भुला दिया हमने तेरे दीन और तेरी रातों को.
भुला दिया है अपनों ने इस तरह से,जैसे की हम इस जहाँ में रहते ही नहीं.
न तो गमो को छुपा रहे है,न तो भूलने की कोशिश कर रहे है,बस तुमसे दिल लगाने की जुर्म में,खुद को तकलीफ दिए जा रहे है.
काश उसे चाहने का अरमान ना होता,मैं होश में रहते हुए अनजान ना होता,ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता।
हमारी गलतियों से कही टूट न जाना,हमारी शरारत से कही रूठ न जाना,तुम्हारी चाहत ही हमारी जिदंगी है,इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना।
तुम भूल गए मुझे चलो अच्छा ही हुआ,किसी एक की रातें तो सुकुन से गुजरे।
माना आपको प्यार की कदर नहीं थी मगर ,दिल तो रख लिया होता।इतनी जल्दी भूल गए उस प्यार को अरे ,थोड़ा सब्र तो कर लिया होता।
माना मेरे खातिर तुम मुझसे दूर गयेऔर दूर जाकर अपने में मसरुफ हो गए इतने कीअब मेरा बर्थडे भी भूल गये।
दूसरो की औकात दिखाने वाले लोग अक्सर भूल जाते है ,उनकी औकात दिखाने वाले भी बैठे है उनके इंतजार में ।
भूल से कोई भूल हुई तो भूल समझकर भूल जाना,पर भूलना सिर्फ़ भूल को, भूल से भी हमें ना भुला जाना।
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर,मुझसे रातों को उठ-उठ कर रोया नहीं जाता।
दिल खोल कर हंसना तो मैं भी चाहता था, जिम्मेदारियों के बीच कभी वक्त ही नही मिला !
मुलाकत की लौ जलाना भूल गये,दूर जाकर पास वो आना भूल गये।
गमो मैं हम हसना भूल गए,खुशी का तराना भूल गए,तेरी याद मैं आँसू बहाते बहाते ,हम एक पल भी मुस्कुराना भूल गए।
नज़रे झुका कर तुम हमे ये बता रहे हो की ,धीरे धीरे आप हमे भी,अपनी यादों से भुला रहे हो।
हम कहीं लिखना भूल न जाएँ,तुम यूँ ही दिल को दुखाती रहा करो।
तुझसे बहुत कहा था कि मुझे अपना न बना,अब दिल मेरा तोड़ कर मेरा तमाशा न बना।
अजब तरह से सोचा है जिंदगी के लिए,ज़खम ज़खम लिखते हैं हर खुशी के लिए,वो सक्स मुझे भूल गया तो यक़ीन आया,कोई भी सक्स जरूरी नहीं किसी के लिए।
जो वक्त की राह देखते है, वो हालातों में कुछ नही कर पाते है।
टूटा दिल तो गम कैसा,वो चल दिये तो सितम कैसा,मन भरा यार बदले,बेवफा हुए साफ,तो फिर इश्क का भ्रम कैसा?
उसे भूलना है तो खुद को बदल,और इतना बदल की वो तुझे याद करे.लोग कितनी जल्दी बदल जाते है
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाए,हम याद करें उन्हें और उनको ख़बर हो जाए.
जख्म पे और जख्म देकर।मुझे और रुलाओगे।मेरे हालत देखकर लगता है तुम भी ,मुझे भूल जाओगे।
आज वो भी कह रहे हैं तुम भूल गए हमे, जो खुद कभी हमे याद नहीं करते।
वक्त और हालात के साथ अक्सर लोग भी बदल जाते है, मगर दोस्त और रिश्तों का बदलना मुश्किल हो जाते है।
ये जो तू बदला है सनम, ये तू बदला है सनम या फिर ये कोई बदला है सनम।
रख दी कायनात खुदा ने हमारे क़दमों में,हमने तुम्हारी यादों का सौदा नहीं किया।
एक तुम मिल जाते बस इतना काफ़ी था,सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।
रख सको तो एक निशानी है हम,भूल जाओ तो एक कहानी है हम,ख़ुशी की धुप हो या गम के बादल,दोनों में जो बरसे वो पानी है हम।
वक्त और इंसान, कब बदल जाए पता ही नहीं चलता !
बहुत अच्छा टाइम पास किया,जब चाचा याद किया,जब चाचा बात किया,औरजब चाचा भुला दिया.
रफ़्ता रफ़्ता खिसकती है ये #ज़िंदगी,देखते ही देखते, नज़ारे बदल जाते हैं !
वो जो कपडे बदलने का शौक रखते थे, आखिरी वक्त न कह पाये कफ़न ठीक नही !
न तो गमो को छुपा रहे है,न तो भूलने की कोशिश कर रहे है,बस तुमसे दिल लगाने की जुर्म में,खुद को तकलीफ दिए जा रहे है.
वो जो अपना था हमसे है खफा,पता नहीं किस से हुई थी क्या खाता,बे-वजह दिल नहीं टूट-ता किसी का,तुम थे या हम थे बेवफा।
एक ताल्लुक था सो आया हूँ खुदाया वरना,कौन आता है तेरी महफ़िल में तमाशा बनने।
सपनों की तरह आकार चली गई,अपनो को भुला कर चली गई,किस भूल की सजा दी हमें ,उसने पहले हसाया फिर रूला कर चली गई।
कोई गिला ना कोई सिकवा रहे आपसे ,ये आरजू है एक सिलसिला रहे आपसे ,बस एक छोटी सी इल्तिजा करते हैं हम,भूलना नहीं चाहे कभी जुदा रहे आपसे।
कितने मतलबी हैं हम, कि अपना ही घर देखते हैं !गर जलता है घर किसी का, तो अपने हाथ सेकते हैं !
मिटा दो नाम तक मेरा किताब-ए-ज़िन्दगी से तुम,मगर पल-पल रुलाएगी, सताएगी कमी मेरी।
किसी टूटे हुए दिल की आवाज मुझे कहिये,तार जिसके सब टूटे हों वो साज़ मुझे कहिये,
हर भूल तेरी माफ़ की, हर खता को तेरी भुला दिया,गम है कि मेरे प्यार का, तूने बेवफ़ा बनके सिला दिया।
तुझे वक्त के साथ चलना पड़ेगा, जो बदलेगा रूट तो बदलना पड़ेगा !
जरा सा बात करने का तरीका सीख लो तुम भी,उधर तुम बात करते हो इधर दिल टूट जाता है।
दिल को भी ग़म का सलीका ना था पहले पहले,उस को भी भुलाना अच्छा लगा पहले पहले।
जियो इतना कि मरना मुश्किल हो जाएँ,हँसों इतना कि रोना मुश्किल हो जाएँ,किसी को पाना तो किस्मत की बात है,मगर चाहो इतना कि भूलना मुश्किल हो जाएँ।
जिनके इरादे कुछ पाने के होते है, वो वक्त और हालातों के सहारे नही होते है।
तुम पूछो और मैं न बताऊँ ऐसे तो हालात नहीं,एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नहीं।
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,ना जाने क्या बात थी उनमें और हम में,सारी महफ़िल भूल गये बस वो चेहरा याद रहा।
किसी को भूलना जरूरी नहीं होता,बस उसकी यादो को छुपा कर मुस्कुराना सिख़लो।
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली,दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली,तुम मोहब्बत को खेल कहते हो,हमने तो बर्बाद जिन्दगी कर ली।
तेरे ख्याल से ग़फ़िल नहीं हु तेरी कसम,तेरे ख्याल में कुछ भूल भूल जाता हूँ।
मुमकिन हो आपसे तो भुला दीजियेगा मुझे ,पत्थर पे हु लकीर मिटा दीजियेगा मुझे,हर रोज़ मुझसे है ताज़ा सिकायत अपको,मैं किया हु एक बार बता दीजियेगा मुझे।
जिया इतना की मरना मुश्किल हो गया,हसे इतना की रोना मुश्किल हो गया,किसी को पाना किस्मत की बात है,चाहा इतना की भुलाना मुश्किल हो गया।
गम सहना और किसी का सुनना वक्त के साथ हालात सिखाते है, जो वक्त के हालात बदल दे वही सफल इंसान कहलाते है।
उनसे दूर जाने का इरादा ना था,सदा साथ रहने का भी वादा ना था,वो याद ना करेंगे ये जनते थे हम,पर इतनी जल्दी भूल जाएंगे, अंदाज ना था।
जिसे मेने अपना यार माना ,उस साले ने मुझे अपनी जिंदगी का ,मतलब पूरा करने का हथियार माना।
फिर नहीं बसते वो दिल जो एक बार टूट जाते हैं,कब्र कितनी ही संवारो कोई ज़िंदा नहीं होता।
हम को भूल ना जाना तुम,ये कहते हैं सब ही,लेकिन आता है वक्त कुछ ऐसा,के भूल जाते हैं खुद ही।
भूल कर उसे, हम चैन से सोते,काश इश्क में काम इतने आसान होते।
धोखा हमने फिर भी सह लिया था मगर ,आप हमें भूल ही जाओगे।ओह असहनीय सा लगता है।
काश कोई अपना हो तो आईने जैसा हो,हसे भी साथ और रोये भी साथ.
बड़ी बुरी तरह मेरे दिल का कतल कर, चले गए ना तुम भी बदल कर।
वक्त का खास होना जरूरी नही, खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी है !
वो मुझे भूल गयी है लेकिन ,उसकी यादें अब भी मुझे रुलाती है ,जितना भूलना चाहूँ म उन यादों को ,वो यादें उतनी ही याद आती है।
जो हालात के बारें में नही सोचते है, वो वक्त के साथ आगे बढ़ जाते है।
दुनिया ये मुहब्बत को मुहब्बत नहीं देती,इनाम तो बड़ी चीज है कीमत नहीं देती,देने को मैं भी दे सकता हूँ गाली उसे,मगर मेरी तहजीब मुझे इजाजत नहीं देती।
वो वक़्त भी बहुत खास होता है, जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।
भूल गया था जो मंजर, वो जमाना याद आयाम,मुद्दतों बाद दिखी तुम, वो फ़साना याद आया।
वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है !
उस वक़्त समझोगे शायद तुम मेरी क़द्र , जब मैं नहीं रहूँगी रह जाएगी बस मेरी क़ब्र।।
हम हैं कि क्या क्या सोचते हैं गलत औरों के फेर में,अफसोस कि खुद को भी, औरों की नज़र से देखते हैं !
ये जो दुनिया है ऊपर वाले की, इसमें कोई किसी का नहीं है।
किताबो मैं रख के सुला गया हमको,आंख बंद की और भुला गया हमको,कोई अजीब मुसावर था जो बारिशों के मौसम में,कच्ची दीवारों पे बना गया हमको।
वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ऐ दोस्त,जिसे लोग दिल पर रखकर एक दुसरे को भूल जाते है।
भूल जाना तुम मुझे, पर ये याद रखना,तेरी रूह रोयेगी, जब कोई मेरा नाम लेगा।
चाहे कैसे भी हो हालात जीने की आदत डाल ली, वक्त के साथ आगे बढ़ मंजिल पा ली।
जब तुझे भूलना चाहा दिल ने,इन नए गम की सजा दी हम ने।
वक्त नहीं लगता दिल को दिल तक आने में, पर सादिया लग जाती है एक रिश्ता भूलने में !
मतलब हो उन्हें तब अक्सर उन्हें हम याद आते है ,वरना वो हमे भूल जाते है।
दिल से निकल दिया तेरी सारी बातों को,तन्हाई की आग में फूँक दिया जज़्बातों को,न उम्मीद की है तेरे मुद के आने की,भुला दिया हमने तेरे दीन और तेरी रातों को।
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वक्त जैसा भी हो बीतता जरुर है, आदमी अगर ठान ले तो, वक्त से भी जीत सकता है !
वक्त और हालात कहकर नही आते, वरना इंसान टुटकर पहले ही बिखर जाते।
पल भर में जो टूट जाए वो कसम नहीं,आप को भूल जाए वो हम नहीं,आप हमें भूल जाएं इस बात में दम नहीं है,क्यों के आप हमें भूल जाओ इतने बुरे हम नहीं।
लोगों की सोच बुरी होती है हालात बुरे नही होते है, वक्त के साथ लोगों के ख्यालात बदल जाते है।
आज याद आया की में तुम्हे भूल गई हूँ,लेकिन फिर याद आया कि तुम्हारा भूल जाना भीक्यों याद आया।
खुदा का वास्ता खुद को कम नज़र ना करना ,जो तेरा साथ न दे उस को हमसफर ना करना ,जो भी गलती तुम से हुए सो हुई ,या नादानी दोबारा अब उमर भर ना करना।
जो भुलाने से ज्यादा याद आता है,वही तो इश्क़ कहलाता है,बड़ी मुश्किल से मिलते हैं चाहने वाले,क्यों भूल जाते हैं ये नफरत करने वाले।
एक दिल को दिल लगी से बचाया ना जा सका,क़िस्मत से अपना आप चुराया ना जा सका,हेरत है के लोग कैसे खुदा को भूल गए,हम से तो एक इंसान भूलाया ना जा सका।
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।मर गए हम मगर खुली रही आँखे।क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
भूलना नामुमकिन है तुझे,खुद पर इतना तो यकीन है मुझे।
ए वक्त जरा संभल के चल कुछ बुरे, लोगो का कहना है कि तू सबसे बुरा है ।
किस तरह और पास आओ मैं,सिर्फ अपना तुमे बनाऊं मैं।पास हो कर भी दूर हैं इतने,किस निदा से तुम बुलाऊं मैं।
किसी को भूलना जरूरी नहीं होता,बस उसकी यादो को छुपा कर मुस्कुराना सिख़लो.
कुछ दिन के लिए अपनों से बात करना,थोड़ा कम करके तो देखो,फिर देखना कैसे लोग तुम्हे भूल जाते है.लोग अपनी औकात भूल जाते है
जिद हूँ बड़ा मगर तेरी तरह अपनों ,को गैर समझ कर भूलता नहीं।
पहले उनसे मिलने की ख्वाहिश करते थे,अब्ब उन्हें भूलने की कोशिश करते है.
काम आ सकी न अपनी वफायें तो क्या करे,उस बेवफा को भूल न जाएँ तो क्या करे।
तुम खुश हो न रुलकर मुझे,मिल गया न सुकून भुलाकर मुझे.लोग कितनी जल्दी भूल जाते है शायरी
भूल जाते है अक्सर वो लोग हमें ,जिसके लिए हम पूरी दुनिया को भूल जाते है ।
अपने दिल की आवाज़ सुन अफवाओं से काम ना ले,मुझे याद कर बेसक मेरा नाम ना ले,तेरा वहम है के हम भूल गए तुझे,मेरी कोई सांस ऐसी नहीं जो तेरा नाम न ले।
कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है,तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना।
वक्त रहते अगर बात हो जाती है, तो बात ज्यादा नहीं बिगड़ती !
क्या कसूर था इन आँखों का जिनके नसीब में तुमने,रोना लिख दिया.
आपको भूल जाऊ उमर गुजारने की बात है,आप को ना हो याकिन ये और बात है,जब तक रहेगी सांस तब तक रहेंगे याद,ये सांस टूट जाए तो और बात है।
अक्सर लोग हमें भूल जाते है और हम बेवकूफ,उनकी यादो में अपना आशियाना बनाते है ।
तुम खुश हो न रुलाकर मुझे,मिल गया तुम्हे सुकून भुलाकर मुझे..! लोग भूल जाते है शायरी SMS
माफ़ कर दो उनको जिनको तुम भूल नहीं सकते,ल जाओ उनको जिनको तुम माफ़ नहीं कर सकते।
हाँ हाँ उसकी यादें अब मुझमे बाकी है ,पर वो मुझे भुला गये अब ,बस उनकी यहीं खता रुलाती है।
अक्सर लोग भूल जाते है , काम होने के बाद,वही हमेशा याद रखते है जो है दिल के पास ।
बनके अजनबी मिले है ज़िंदगी के सफर में,इन यादों को हम मिटायेंगे नहीं,अगर याद करना फितरत है आपकी,तो वादा है हम भी आपको भुलायेंगे नहीं ।।
जिंदगी❣️ और वक्त⌚……. सबको सबकुछ☺️ सीखा ही देता है!!!!
यह इश्क़ है जनाब, इसे अधूरा ही रहने दीजिये,अगर पूरी हो गई तो भुला दी जाएगी।
बदल है तू बहुत तू पहले बिलकुल ऐसा नहीं था, बेबसी में पूछता था हाल हमारा, ये बेरुखी सा तेरा लहज़ा नहीं था।
ऐ दिल अब छोड़ भी दे उसे याद करना,वो कलमा नही जो तू भूल गया तो काफिर हो जायेगा।
भुला दिया है अपनों ने इस तरह से,जैसे की हम इस जहाँ में रहते ही नहीं.
वो कहते है बहुत बदल गया हूँ मैं, हकीकत ये है संभल गया हूँ मैं।
कांच का तोहफा न देना कभी किसी को,रूठ के लोग तोड़ दिया करते हैं,जो बहुत अच्छे हों उनसे प्यार मत करना,अच्छे लोग ही दिल तोड़ दिया करते हैं।
उलझा ना करो मुश्किल वक्त में हालातों से, वक्त के साथ आगे बढ़ो जज्बातों से।
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा,मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा,ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में,बस किनारे पर बैठा पथर फेंकता रहा ।।
कहां आ के रुकने थे रास्ते,कहां मोड़ था उसे भूल जा,जो मिल गया उसे याद रख,जो नहीं मिला उसे भूल जा।
उसे भूलना है तो खुद को बदल,और इतना बदल की वो तुझे याद करे.लोग कितनी जल्दी बदल जाते है।
तुझे भूलना भी चाहूँ तो भुलाऊं कैसे,तेरी याद से अपना दामन तो छुड़ाऊ कैसे,मेरी हर ख़ुशी हर मुस्कान मोहताज है तेरी,मगर तुझको इसका एहसास दिलाऊ कैसे।
जिस दिन मिले थेउस दिन को भूल गए ठीक हैअब याद इतनी दुन्दला चुकी हैतुम्हारी अब बर्थडे भी भूल गये।
भूलना चाहे जिसे दिल वही क्यूँ याद आये,लाख कोशिशें करें हम फिर भी भूल ना पायें।
हमने अपनी यादों के बागीचे में,तेरी यादों के पौधे को सींच कर रख रखा था ,पर आप हमे अपनी यादों के बगीचे में ,लगी गंदी घास समझ कर भूल गये।
किसी को छोड़ना आसान होता है,मगर भूलना बहुत ही मुश्किल।
कभी वक्त मिला तो जुल्फें तेरी सुलझा दूंगा, आज उलझा हूं जरा वक्त को सुलझाने में !
यादे दिल से मिटाने की चीज नहीं होती,जिंदगी हर पल आजमने की चीज नहीं होती,बेशक कुछ पल यूही भुला दिए जाते हैं,पर प्यार भूल जाने की चीज नहीं होती।
बदले तुम हमारी ज़िन्दगी बदल गई, तुमने पीठ क्या पलटी हमारी पूरी ज़िन्दगी पलट गई।
सोचा था दूर हूँ उनसे मगर उनके दिल में तो जरूर होऊंगा ,पर में गलत था ,दिल की तो छोड़ो अब तो में उनकी यादों तक में नहीं हूँ।
भगवान नहीं हूँ में जो लोगो को हमेशा याद आऊंगा ,इंसान हूँ कुछ देर तो याद रखूंगा फिर में भी भूल जाऊंगा।
आज तेरा वक्त है, कल मेरा होगा !
जब लिख ही दिया है तूने मेरा नाम रेत पर,मिटने का फिर मेरे तू तमाशा भी देख ले।
मेरे महबूब की प्यारी बातें, मेरे हर पल को हसीन बनाती है, इंतजार भी करता हूं उसका, उस वक्त को भी सुंदर बनाती है !
आंसू आ जाते हैं, आंखों में रोने से पहले,हर ख़्वाब टूट जाते हैं, सोने से पहले,इश्क है गुना ये तो समज गए,काश कोई रोक लेता ये गुनाह होने से पहले।
कैसे कहे की उनसे मिलने की चाहत नहीं,बेकरार दिल को अब भी राहत नहीं,भुला देते उन्हें भी मगर क्या करे दोस्त,किसी को भुलाने की इस दिल को आदत नहीं।
कभी दिल से मुस्कुरा कर देखो,हमारी ग़ज़ल गुनगुना कर देखो,हम भूल जाएंगे आपको एक सर्त पे,पहले आप हमे भुला कर तो देखो।
हमें भूलना तुम्हारे लिए इतना भी कोई आसान नहीं,हम तुम्हारी मोहब्बत है कोई फालतू सामान नहीं।
भूल से अगर कोई भूल हुई,तो भूल समज के भूल जाना,अरे भूलना सिर्फ भूल को,भूलकर भी हमें ना भूल जाना।
मैं जैसा हूँ वैसा क्यों रहूँ, जब सब बदल गए तो मैं पहले जैसा क्यों रहूँ।
बड़ी शिद्दत से तोड़ा है मेरे दिल का हर कोना,मुझे तो सच कहूँ उस के हुनर पे नाज़ होता है।
हर लम्हा हर पहर अपने बीतने का एहसास दिलाता है, ए वक्त तू एक अरसे की कहानी, दो पल में कैसे सुनाता है
खराब हालातों में कभी हिम्मत नही टुटने देना चाहिए, हालात कैसे भी हो वक्त के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
बुरा वक्त तो सबका आता हैं, कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता है !
अब न कोई हमें मोहब्बत का यकीन दिलाये,हमें रूह में भी बसा कर निकाला है किसी ने।
मेरे अदबो आदाब पर हर बार दखल दिया गया है, मैं बदला नहीं हूँ मुझे बदल दिया गया है।
हालातों को बदलने के लिए हर किसी के पास वक्त होता है, जो हालात की परवाह ना किये बिना कुछ करता है सफल वही शख्स होता है।
खुशी में लोग अक्सर भूल जाते है ,की दर्द से भी वास्ता है हमारा ।
भूल मत जाना उसकी आँखों में आँसू नहीं आया था,तुम्हे रोता देखकर.
भूल जाते है लोग अक्सर हमें राहो के काटें जिनको हम सह जाते है ,यारी का वादा तो दूर पास होके भी वो अजनबी बन जाते है ।
कितने छलों प्रपंचों से भरे हैं इस दुनिया के लोग,खून के रिश्तों में भी, परायों सा अक्स देखते हैं !
खमोश क्या रहे साहब !यहाँ तो अपने ही लोग हमे भुला बैठेंगे
अक्सर लोग भूल जाते है उन बातो को जिन्हे सोच कर अब भी ,कुछ लोगो की आँख से आँसू निकल आया करते है ।
हालात कहकर नही आते है, वक्त के साथ हालात भी बदल जाते है।