Dada Dadi Shayari In Hindi | दादा दादी शायरी हिंदी में
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2024-08-30 12:27:10 - Milan
हरी करी सो खरी. ईश्वर ने जो किया वह अच्छा ही किया है.
जितना प्यार आपका साथी आपको दिखाता हैं, उसे उससे ज्यादा प्यार दिखाना संबंधों की गई सबसे गलती है.
सब गहनों में चंदनहार. स्त्रियाँ सभी गहनों में चन्दनहार (चन्द्रहार) को सर्वश्रेष्ठ मानती हैं.
आँखों देखा भाड़ में जाए, मैंने कानों सुना था. जो आदमी आँखों देखी बात पर विश्वास न करे उसका मजाक उड़ाने के लिए.
चुप रहने का मौका कभी मत छोड़ो. चुप रहने से बहुत सी समस्याएँ हल हो जाती हैं. इंग्लिश में कहावत है – Silence is gold.
पेट-पीठ के कारने सब जग नाचे नाच. पेट भरने के लिए ही सब तरह के काम करने पड़ते हैं.
आपका दिन सितारों की चमक से सजा है, खुशियों की मिठास से भरा है, वादियों-सा खिल उठा है, क्योंकि आपका जन्मदिन आया है। हैप्पी बर्थडे दादू जी!
टके बिना टुकुर टुकुर ताकते रहो (टके बिना टकटकी लगा के देखते रहो). जिस के पास पैसा नहीं है उसे किसी भी काम के लिए दूसरों का आसरा देखना पड़ता है.
खाए तो भेड़िए का नाम न खाए तो भेड़िए का नाम. कोई भी गलत काम हो तो लोग उन्ही पर शक करते है जो बदनाम हैं (चाहे उन्होंने वह काम किया हो या न किया हो).
क्या हल्दी को रंग और क्या परदेसी को संग. जिस प्रकार हल्दी का रंग स्थायी नहीं होता उसी प्रकार परदेसी की प्रीत भी क्षणभंगुर होती है.
लकड़ी के बल बन्दर नाचे (लाठी के डर वानर नाचे). दंड के डर से ही आदमी काम करता हैं.
नेक की बनी देख नीच जलें. सज्जन व्यक्ति को उन्नति करते देख कर नीच लोग ईर्ष्या करते हैं.
85% लोगों को इतना असली सपना आता है कि उन्हें उठने के बाद भी सही से पता नहीं होता है कि ये सब सपना था या असलियत.
बाहर मियाँ झंगझंगाले, घर में नंगी जोय. घर से बाहर पतिदेव खूब चौकस कपड़े पहने घूम रहे हैं और घर में बीबी फटे पुराने और अपर्याप्त कपड़े पहन रही है.
जामिन हो मत चोर का, सींग पकड़ मत ढोर का. चोर की जमानत मत दो और जानवर का सींग मत पकड़ो. जामिन – जमानत देने वाला.
रस में विष, सुरजन में दुरजन. अच्छे लोगों के बीच कोई बुरा आदमी. भले लोगों के परिवार में जन्मा कोई नीच व्यक्ति.
अपना कोसा अपने आगे आता है. जो गलत काम आप करते हैं उस के दुष्परिणाम कभी न कभी झेलने पड़ते हैं
अच्छी अच्छी मेरे भाग, बुरी बुरी बामन के लाग. यदि वर या कन्या अच्छे मिल गए तो हमारे भाग्य से और खराब मिले तो पंडित जी की मूर्खता से.
आँख फड़के दहनी, लात घूँसा सहनी. स्त्रियों के लिए दाईं आँख फडकना अशुभ माना जाता है.
कडवी बेल की तूमड़ी उस से भी कड़वी. किसी निम्न श्रेणी के परिवार का कोई व्यक्ति और अधिक ओछी हरकत करे तो.
कन कन जोड़े मन जुड़े. एक एक कण जोड़ने से एक मन (चालीस सेर) इकठ्ठा हो सकता है. थोड़ा थोड़ा जोड़ने से बड़ी राशि इकठ्ठी की जा सकती है.
नाम मोटा, घर में टोटा. गुण के विपरीत नाम.
पूत भए सयाने, दुःख भए बिराने. पुत्र सयाने हो जाते हैं तो आदमी के दुःख दूर हो जाते हैं.
आप ही मारे, आप ही चिल्लाए. धूर्त व्यक्ति, स्वयं किसी को मार रहा है और पीड़ित होने का दिखावा कर रहा है (जैसे समाज के कुछ विशेष वर्ग जो दंगा करते हैं).
हँसी तो फँसी. लडकियों को यह कह कर सावधान किया गया है.
जैसा सोता वैसी धारा. जैसा स्रोत होगा वैसी ही जल की धारा होगी. कोई संगठन या परिवार जिन विचारों से प्रेरित होगा वैसे ही कार्य करेगा.
वैश्या रूठे धर्म बचे. कोई कुकर्मी आदमी आप से रूठ जाए तो बड़ा फायदा है. अपना धर्म और सम्मान बचता है. (तुम रूठे, हम छूटे).
सजन तुम झूठ मत बोलो, खुदा को सांच प्यारा है, कहावत है बड़ों की यूं, कभी न सांच हारा है. अर्थ स्पष्ट है.
अर्ध रोग निद्रा हरे, सर्व रोग हरे भूख. यदि रोगी को नींद आने लगे तो इसका अर्थ है उसका आधा रोग दूर हो चुका है और भूख लगने लगे तो पूरा रोग.
इमली बूढ़ी हो जाए पर खटाई नहीं छोड़ती. बूढ़ा होने पर भी व्यक्ति का स्वभाव नहीं बदलता.
अच्छी सूरत से अच्छी सीरत भली. अच्छी शक्ल वाले के मुकाबले वह व्यक्ति अधिक अच्छा है जिसके व्यवहार अच्छा हो.
जूते का घाव, मियाँ जाने या पाँव. जूते से होने वाले घाव की पीड़ा वही जान सकता है जिस पर बीतती है.
दादा बनने की खुशी हैपोता आया है परिवार में,आप भी आ जानाखुशियों के इस त्यौहार में।
दुबले कलावंत की कौन सुने. गरीब कलाकार को कोई नहीं पूछता.
कीड़ी को तिनका पहाड़. चींटी के लिए तिनका भी पहाड़ के सामान है. छोटे आदमी के लिए छोटी छोटी समस्याएँ भी बहुत बड़ी होती हैं.
अभागा पूत त्यौहार के दिन रूठे. त्यौहार के दिन रूठता है तो उस को अच्छे अच्छे पकवान खाने को नहीं मिलते.
दांत है टूटे, हाथ में बच्ची है बस हड्डी, फिर भी दिन रात जागकर, ख्याल मेरा रखती, और मेरे लिए सर्दियों में स्वेटर भी बुनती…
अपनी तस्बीह रहने दे ज़ाहिददाना दाना शुमार कौन करे
Dada Dadi Shayari
छी-छी गप-गप. किसी खाने की चीज़ को देख कर घिनिया भी रहे हैं और गपा गप खाए भी जा रहे हैं. किसी वस्तु को खराब भी कहना और उसका उपयोग भी करना.
मेरी नाजो को कहाँ कहाँ दुखता है, जहाँ जहाँ सहलाओ वहाँ वहाँ दुखता है. अधिक नाज नखरे दिखाने वाली स्त्रियों पर व्यंग्य.
तय की तेरी, हाथ की मेरी. जो बंटवारा तय हुआ है वह तुम बाद में ले लेना, अभी जो हाथ में है वह मेरा है.
जितना घी डालोगे उतना स्वाद होगा. किसी काम में जितना खर्च करोगे उतना ही बढ़िया काम होगा.
“ घर के बुजुर्गों के संगवक़्त गुजारा करो,जो बड़े खुशनसीब होते हैउन्हीं की दादी माँ होती है….!!!
गागर में सागर. बहुत कम शब्दों में बहुत बड़ी बात कह देना.
घर का गुड़ घर ही में फोड़ लो. जो बंटवारा करना है चुपचाप घर में ही कर लो, चार जनों के बीच तमाशा न बनाओ.
कमजोर देही में बहुत रीसि होला. (भोजपुरी कहावत) कमजोर शरीर में बहुत गुस्सा होता है. जो शक्तिशाली हैं वे गंभीर होते हैं.
और की औषध है सजनी, सुभाव की औषध है न कछू. और बहुत सी बातों का इलाज है पर गलत स्वभाव का कोई इलाज नहीं है.
चोर के हजार बुद्धि. चोर बनने के लिए बुद्धिमान होना जरूरी है.
बनिए की सलाम बेगरज नहीं होती. बनिया अगर किसी को सलाम कर रहा है तो उस का कुछ न कुछ स्वार्थ अवश्य होगा.
गोकुल गाँव को पैड़ों न्यारो. अनोखी रीति.
अकल बड़ी के नकल. नकल कर के कोई कार्य सिद्ध नहीं किया जा सकता. बुद्धि से ही काम बनते हैं.
जबरदस्ती का ठेंगा सिर पर. अर्थ ऊपर वाली दोनों कहावतों के समान.
कुत्ते और गोती गाँव गाँव में मिलें. कुत्ते और अपने गोत्र वाले हर गाँव में मिल जाते हैं.
खीर खीचड़ी मंदी आंच. खीर और खिचड़ी मंदी आंच पर अच्छी बनती हैं.
ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना. जब कोई कठिन काम हाथ में लिया है तो उस में आने वाली परेशानियों से क्या डरना.
चाल गड मगड, मतलब में चौकस. चाल ढाल में भोंदू लगते हैं पर अपने मतलब में होशियार हैं.
वैद्य के घर क्या मौत नहीं आती. मृत्यु अवश्यम्भावी है, जो वैद्य सब को जीवन दान देता है उसके घरवालों और स्वयं उसे भी एक दिन मरना है.
ठाड़े के धन को जोखिम नहीं होता. जो आदमी जबर होता है उसकी संपत्ति को हाथ लगाने की कोई हिम्मत नहीं करता.
खेती धान के नास, जब खेले गोसइयां तास. जब किसान ताश खेलता रहता है तो उसकी खेती स्वाभाविक रुप से नष्ट हो जाती है. गोसाईं – गोस्वामी, मालिक.
अकेला हँसता भला न रोता भला. इकलखोरे लोगों को सीख देने के लिए यह कहावत कही गई है.
कोइरी सिपाही न बकरी मरखनी. किसान योद्धा नहीं बन सकता जैसे बकरी मरखनी नहीं हो सकती.
घर चैन तो बाहर चैन. घर में सुख होगा तभी व्यक्ति तनाव रहित हो कर बाहर भी चैन से काम कर पाएगा.
मेरी दादी माँ लाखों में एक है,इनके बारे में भला क्या कहना है…!
सौ सौ तरह के नाच नचाती हैं रोटियाँ. जीविका के लिए आदमी को क्या क्या नहीं करना पड़ता.
हुनरमंद हर हाल में खुश. जिसके हाथ में हुनर है उसे किसी चीज़ की कमी नहीं रहती.
तुम एक लेते नहीं, मैं दो देता नहीं. तुम कम लेने को तैयार नहीं हो और ज्यादा मैं दूंगा नहीं. मोल भाव के समय का आम दृश्य.
तन कसरत में, मन औरत में. जो लोग व्यायाम तो करते हैं पर उनका ध्यान भोग वासनाओं में लगा रहता है उनका शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता.
मुंह पर पूत, पीछे हरामी भूत. जो लोग सामने आपसे प्रेम जताते हैं (बेटा कहते हैं) और पीठ पीछे गन्दी गालियाँ देते हैं.
जिन घर के बच्चे बुजुर्गों के साथ बड़े होते हैं, उस घर के बच्चे कभी बड़ों का निरादर नहीं करते हैं।
करम फूटे को अकल फूटा मिल ही जाता है. जिसका भाग्य खराब हो उसे मूर्ख लोग ही मिलते हैं.
पाँच पंच मिल कीजे काजा, हारे-जीते कुछ नहीं लाजा. बहुत से लोग मिल कर कोई काम करते हैं तो हानि लाभ की जिम्मेदारी किसी की नहीं होती.
हर पल खुशी का है, गम से रहते हैं अनजान, आपने किए हैं कई अच्छे काम, जो बनाता है आपको महान। हैप्पी बर्थडे दादा जी!
बनत काम में बाधा डालो कुछ तो पंच दिलाएगा. (भोजपुरी कहावत) बनते काम में बाधा डालो. झगड़ा निपटाने की एवज में कुछ न कुछ तो मिल जाएगा.
चोर का साथी गिरहकट (चोर का भाई गंठकटा). चोर की दोस्ती अपने जैसे लोगों से ही होती है.
लड़की : जानू मेरी शादी किसी और से हो गयी तो तुम क्या करोगेलड़का: मादरचोद तेरी बहन को चो*दुंगा😜😝😜😝😜😜😝😜😜😜😜
आप प्यार करते हैं मुझे उम्मीद से ज्यादा, आप हैं इस वर्ल्ड के सबसे अच्छे दादा, सदा निभाऊंगा आपका साथ यह है मेरा दिल से वादा। Janamdin Mubarak Ho!
दादा-दादी के प्रेम पर आधारित बेस्ट शायरी
बैठने को जगह दे दो, लेटने को खुद ही कर लेंगे. जो लोग थोड़ी सी सुविधा मिलने पर अपना अधिकार जमा लेते हैं उनके लिए.
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणो में स्थान दें।परिजनों व समर्थकों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दें।दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि
आओ बहन लड़ें, ठाली बैठी क्या करें. लड़ाकू स्त्रियों के लिए.
गदहा मरे कुम्हार का, और धोबन सती होए. किसी और के दुःख पर अनावश्यक शोक मनाना.
बच्चा बूढ़ा एक समान. बूढ़ा आदमी भी बच्चों के समान जिद्दी और मनचला हो जाता है. अधिक बूढ़ा होने पर मल मूत्र पर भी उसका नियंत्रण नहीं रहता.
“ दादी माँ के प्यार और आशीर्वाद सेही घर की बढ़ती है रौनक और तरक्की,दादी माँ की बातों को ध्यान से सुना करोउसमें होती है अनुभव चासनी पक्की…!!!
लंबे की अक्ल घुटनों में. अधिक लम्बे आदमी का मजाक उड़ाने के लिए.
एक और एक तो दो होवें, पर एका हो तो ग्यारह हों. एकता में बहुत शक्ति है.
चिकने मुँह को सब चूमते हैं. कमज़ोर का फायदा सब उठाते हैं.
खाएं भीम हगें शकुनि. काम कोई और करे, फल किसी और को मिले.
संपत की जोरू, विपत का यार. पत्नी सम्पत्ति होने पर ही साथ देती है जबकि मित्र हर प्रकार की विपत्ति में.
चारों धार दुहारी में पड़ें, तो भरती क्या देर लगे. दुहारी – दूध दुहने की बाल्टी. काम करने वाले कई लोग हों तो काम निबटने में देर नहीं लगती.
करे न धरे, सनीचर को दोस. कुछ काम नहीं करते हैं और भाग्य में शनि बैठा होने का बहाना करते हैं.
मूरख का बल मौन. मूर्ख व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत उस के चुप रहने में ही है (बोलते ही उस की पोल खुल जाती है).
“ बचपन में सपने बुननाप्यारी दादी माँ ही सिखाती हैगुड़ियाँ को परी और गुड्डेको राजकुमार बताती है…!!
दादा-दादी वो दोस्त होते हैं जो दुनिया के हर सवाल का जवाब जानते हैं। (Dada-dadi wo dost hote hain jo duniya ke har sawal ka jawab jante hain)
अंधी मां निज पूतों का मुँह कभी न देखे. किसी अभागे व्यक्ति के लिए.
कोढ़ी का टका भी मंदिर में चढ़ता है. 1. भगवान् के यहाँ सब बराबर हैं. 2. कोढ़ी से वैसे तो सब लोग छुआछूत मानते हैं पर पैसा उस के हाथ से भी ले लेते हैं.
पैसे की दाल और टके का बघार. एक पैसे की दाल में दो पैसे का छौंक.
चतुर की चाकरी बुरी. यहाँ चतुर से अर्थ बहुत मीन मेख निकालने वाले व्यक्ति से है. ऐसे व्यक्ति की नौकरी करने में बहुत परेशानियाँ हैं.
अहीर का क्या जजमान, लप्सी का क्या पकवान. अहीर बहुत अच्छा जजमान नहीं है क्योंकि वह अधिक दक्षिणा नहीं दे सकता, उसी तरह जैसे लप्सी अच्छा पकवान नहीं है.
ताली बिन कैसा ताला, जोरू बिन कैसा साला. चाबी के बिना ताला बेकार है और पत्नी के बिना साले की कोई अहमियत नहीं है.
कोरी ठकुराई और बगल में कंडा. झूठ मूठ के ठाकुर. राजस्थानी कहावत – ठाली ठकुराई कांख में छाण.
तीन बराती नौ पाहुने. महत्वपूर्ण लोग कम और फ़ालतू लोग अधिक.
जब तक नींद न आए तबतक कहानीसुनाया करते थे, जबतक आँसू बहानाबंद न करू तबतक समझाया करते थे,ऐसे थे मेरे दादाजी जो मुझे प्यार कियाकरते थे।
काम धाम में आलसी भोजन में होशियार. काम के नाम पर सबसे पीछे और खाने पीने में चौकस.
जो बामन की जीभ पर सो बामन की पोथी में. जिस बात से पंडित को लाभ होता हो वही वह पोथी में देख कर बताता है.
उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई. 1. एक बार बेज्जती हो गई तो फिर वह मान सम्मान लौट कर नहीं आ सकता. 2. जिस का सम्मान चला जाए वह कुछ भी कर सकता है.
इंसान अपने दुःख से इतना दुखी नहीं है जितना औरों के सुख से है. अर्थ स्पष्ट है.
सब की बारी अंडे, हमारी बारी कुडुक. भाग्य साथ न देना. औरों की बारी थी तो मुर्गी ने अंडे दिए और हमारी बारी आई तो मुर्गी कुडुक हो गई.
खूंटे के बल बछड़ा कूदे (खूंटे के बल बछड़ा नाचे). कमजोर आदमी दूसरे की शह पर ही बोलता है.
गया वक्त फिर हाथ नहीं आता. बीता हुआ समय और खोया हुआ अवसर पुन: हाथ नहीं आते.
मेरे दादा-दादी के घुटनों में जान तो बाकी नहीं रही मगर उनसे बेहतर आज भी कोई नहीं बता सकता की सही रास्तों पर चलना कैसे है।
भलो भयो मेरी मटकी फूटी, मैं दही बेचन से छूटी. चाहे नुकसान हो जाए पर काम न करना पड़े ऐसा सोचने वाले व्यक्ति के लिए.
बेटी माँ के पेट में समाती है पर बाप के आंगन में नहीं समाती. बेटा और बेटी दोनों माँ की कोख से पैदा होते हैं पर बेटी को अपना आंगन छोड़ कर जाना पड़ता है.
उनके निधन का सुनकर बहुत दुःख हुआ,भगवान उनकी आत्मा को शांति दे औरउनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना!
मुसल्ला पसार, बगल में यार. मुसल्ला – नमाज पढने वाली दरी. नमाज पढ़ने जा रहे हैं और बगल में यार (प्रेमिका) को लिए हैं. ढोंगी नमाजी.
हाथी हाथी कह कर गदहा मत ले आना. बहुत बड़ा आश्वासन दे कर छोटी चीज न ले आना.
दादा दादी कि शायरी
धोबी की भाजी गधा भी खाए. भाजी – विवाह में रिश्तेदारों को बंटने वाली मिठाई. पालतू जानवर परिवार के सदस्य जैसा हो जाता है.
दीन की सेवा ही दीनबंधु की सेवा है. दीन हीन व्यक्ति की सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है.
गोहरा के पाप से पीपला जले. गोह को मारने के लिए लोग पीपल को जला देते हैं. दुष्ट व्यक्ति की संगत अनजाने में ही आप के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है.
अलग हुआ बेटा पड़ोसी बराबर. जो बेटा संपत्ति में बंटवारा कर के अपना व्यवसाय व चूल्हा अलग कर ले वह पड़ोसी के समान हो जाता है.
दादी माँ आपकी बहुत याद आती है, आपकी कमी मुझे हर दिन सताती है दूर आपके चले जाने के बाद, आपकी याद अक्सर मुझे रुलाती है
नेकी और पूछ पूछ. कोई व्यक्ति किसी भिखारी के पास जाकर पूछे, क्यों भैया सौ रूपए लोगे क्या? तो वह कहेगा – क्या बाबूजी! नेकी और पूछ पूछ.
यदि कोई व्यक्ति आपके लिए अमूल्य समय निकालकर मुफ्त में काम कर रहा है, तो उसे कभी “जल्दी करो” नहीं कहना चाहिए.
उत्तम विद्या लीजिए. तदपि नीच में होए. यदि किसी छोटे व्यक्ति में कोई गुण हो तो उससे सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए.
अगर चावल न हो तो भात पका दो. मूर्खता पूर्ण बात.
माई का मनवा गाय जैसा और पूत का मनवा कसाई जैसा. माँ दयालु और पुत्र निर्दयी.
सूअर को गू पकवान. निकृष्ट व्यक्ति को निकृष्ट वस्तुएँ ही अच्छी लगती हैं.
अपने मुंह मियाँ मिट्ठू. अपनी प्रशंसा स्वयं करना. इंग्लिश में कहावत है – To blow one’s own trumpet.
“कुछ नहीं है मेरी दादी के बिना मेरी कहानी का कोई भी किस्सामेरी दादी ने ही हमेशा मुझ पर, मेरी माँ से ज्यादा ममता लुटाई…”-मयंक विश्नोई
एक जंगल में दो शेर. दो दबंग लोग एक स्थान पर एक साथ नहीं रह सकते.
नाम बड़े और दर्शन छोटे. (नाम मोटा, दरशन खोटा). नाम अधिक हो पर वास्तव में कुछ भी न हों तो.
पिया आगे राज, पीछे चलनी न छाज. विधवा स्त्री का कथन, पति के सामने तो मैंने राज किया और अब चलनी और सूप जैसी छोटी छोटी चीजों के लिए मुहताज हूँ.
मेरे दादा और दादी की बड़ी प्यारी है जोड़ी !!दादा ना मानें कोई बात तो,दादी रूठ जाती है थोड़ी-थोड़ी !!
बुढ़िया मरी, खटोला मिला. किसी के नुकसान में अपना फायदा ढूँढने वालों के लिए.
भूखा बंगाली भात ही भात पुकारे. भूखा आदमी भोजन भोजन ही पुकारता है (अगर बंगाली होगा तो भात पुकारेगा क्योंकि भात उसका मुख्य भोजन है).
इस दुख की घड़ी में, हम आपको हमारी हार्दिक संवेदना देना चाहते हैं। प्रभु आपको और आपके प्रियजनों को सांत्वना दें। भावपूर्ण श्रद्धांजलि
बासी चावल बासी साग, अपने घर खाए क्या लाज. अपने घर पर कुछ भी खाओ उसमें शरम नहीं करनी चाहिए.
राजा के नौकर महाराज. राजा के नौकर अपने को राजा से बढ़ कर समझते हैं.
कुआंरी को सदा बसंत. वैश्या के लिए व्यंग्य.
एक से भले दो, दो से भले चार. जितने अधिक लोग उतना अधिक आनंद आएगा और काम अच्छा होगा. इंग्लिश में कहावत है – The more, the merrier.
अहमद की पगड़ी महमूद के सर. बेतुका काम या एक का नुकसान कर के दूसरे को लाभ पहुँचाना.
गधा गिरा पहाड़ से और मुर्गी के टूटे कान. किसी बिलकुल अनजान व्यक्ति की परेशानी से यदि कोई अत्यधिक दुखी हो रहा हो तो.
धूप के मौसम में छाव हो आप, गम के सागर में नाव हो आप हर गलती को कर देते हो माफ, दिल के हो आप बहुत साफ। जन्मदिवस की शुभकामनाएं!
मुंह रहते नाक से पानी पिये. बेतुका काम.
खतरा दो अंगुल, डर सौ अंगुल. खतरे से अधिक डर आदमी को परेशान करता है.
आदमी का तोल एक बोल में पहचानिए. अनुभवी लोग किसी मनुष्य से थोड़ी बहुत बात कर के ही उसकी वास्तविकता का अंदाज़ लगा लेते हैं.
नाक कटी पर हठ न हटी. कुछ लोग कितना भी अपमान झेलना पड़े अपना हठ नहीं छोड़ते.
भावज की थैली, सर्राफी करे देवर. दूसरों के धन पर व्यापार करने वालों के लिए.
पगड़ी गई ऐसी तैसी में, सिर तो बच गया. इज्जत चली गई तो क्या हुआ, जान तो बच गई. कुछ लोग इस के विपरीत सोचते हैं – सिर चला जाए, इज्ज़त नहीं जानी चाहिए.
सेज चढ़ते ही रांड हुई. विवाह होते ही विधवा हो गई. कोई काम होते ही बिगड़ गया हो तो.
तिल तिल खाए, पहाड़ बिलाय. कितना भी धन इकट्ठा हो यदि उसमें से थोड़ा-थोड़ा लगातार खर्च करते रहोगे और उसमें जोड़ोगे नहीं तो कभी न कभी वह खर्च हो जाएगा.
बहुत ताकत होती हैउन झुर्रियों वाले हाथों मेंजिंदगी जीने के तजुर्बे मिलते हैंदादी की बातों में..!!
निपट कठिन हठ मोसे कीन्हीं रे सैयां. किसी चाहने वाले ने कोई बहुत कठिन शर्त रख दी हो तो.
इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया. मां ने भी बेटी का समर्थन किया. इस पर बेटे ने विरोध किया और कहा कि पूरी प्रॉपर्टी उसे ही मिलनी चाहिए.
Dada Dadi Ke Liye Shayari Hindi Mein
दादाजी लोग बहुत ही अच्छे होते है, जीवन की राह में दादाजी साथ होते है।
मर्द को गर्द जरूरी है. पुरुषों के लिए शारीरिक श्रम करना आवश्यक है.
पापियों के मारने को पाप महाबली. पापी व्यक्ति अंततः अपने पापों के कारण ही मारा जाता है.
दाना खाए न पानी पीवे, ऐसन आदमी कैसे जीवे. कुछ लोग चाहते हैं कि अपने कर्मचारी या मजदूर को खाने पीने न दें बस काम में जोते रहें. ऐसे लोगों के लिए.
ऊँट तेरी गर्दन टेढ़ी, कि मेरा सीधा क्या है. कुटिल व्यक्ति सब ओर से कुटिलता से भरा हुआ ही होता है.
जिस ने देखी ना दिल्ली, वो कुत्ता न बिल्ली. जिसने दिल्ली नहीं देखी वह कुत्ते बिल्ली से भी गया बीता है.
गूंगी जोरू भली, गूंगा हुक्का न भला. हुक्का जब तक गुड़गुड़ न करे उसे पीने में मज़ा नहीं आता.
मिस्सों से पेट भरता है किस्सों से नहीं. पेट अनाज से भरता है कोरी बातों से नहीं. इंग्लिश में कहावत है – Give me some francs, not thanks.
“ बहुत ताकत होती हैउन झुर्रियों वाले हाथों में,जिंदगी जीने के तजुर्बे मिलते हैदादी के बातों में….!!
आपके पिता के बारे में सुनकर हमें वाकई खेद हुआ, वह एक अद्भुत व्यक्ति थे। उनको शांति मिले। भावपूर्ण श्रद्धांजलि
समय परे ओछे बचन, सबके सहउ रहीम. रहीम कहते हैं कि यदि आपका समय खराब है तो सबके कड़वे वचन भी चुपचाप सुन लेना चाहिए.
अंधे ससुरे से घूँघट क्या. जब ससुर बहू को देख ही नहीं सकता तो बहू को घूँघट की क्या आवश्यकता.
लगन लगी तब लाज कहां है. जब किसी से सच्चा प्रेम हो जाए तो लाज शर्म खत्म हो जाती है (वह प्रेम चाहे मनुष्य से हो या ईश्वर से).
अकेला खाय सो मट्टी, बाँट खाय सो गुड़. बाँट कर खाने से स्वाद बढ़ जाता है.
चाचा पिए, भतीजे को चढ़े. जो लोग अपने रिश्ते दारों के बल पर ऐंठते फिरते हैं उन का मजाक उड़ाने के लिए.
गू का भाई पाद और पाद का भाई गू. दो निकृष्ट लोगों के लिए हिकारत भरा कथन.
चोरों को सारे नजर आते हैं चोर. जो खुद चोर होते हैं वे सब को चोर समझते हैं.
उस कूकुर से बच कर रहे, जा को जगत कटखना कहे. बदनाम और झगड़ालू व्यक्ति से बच कर रहना चाहिए.
चोर ही जाने चोर की घात. चोर की चालाकी चोर ही समझ सकता है.
पके आम सुहावन, पके मर्द छिनावन. आम पक कर मीठा और आकर्षक हो जाता है जबकि पुरुष पक कर (वृद्ध हो कर) अप्रिय हो जाता है.
मछली भले ही दे दो पर मछली कहाँ से मिली ये नहीं बताओ. अपनी आमदनी में से किसी की सहायता भले ही कर दो पर अपने व्यापार के भेद किसी को मत बताओ.
रोटी किस्मत की, हुक्का पाव दौड़ी का. रोटी किस्मत से मिलती है जबकि समाज में इज्जत परिश्रम करने से मिलती है.
देने को लेने को राम जी का नाम है. सन्यासियों के लिए कथन.
एक अंडा, वह भी गंदा. कोई एक चीज़ हो वह भी खराब हो.
जैसी बहे बयार, पीठ तब तैसी कीजे. जैसा माहौल हो उसी के अनुसार व्यवहार कीजिए.
“ उनके चेहरे पर मुस्कान बनी रहे,यहीं मेरी भगवान् से फ़रियाद हैदादी माँ के साथ बितायाखुबसूरत वक्त मुझे आज भी याद है…!!
ऊँट को उठते ही सरपट नहीं दौड़ना चाहिए. ऊँट बेडौल होता है इसलिए उठते ही भागेगा तो गिर जाएगा. किसी काम के आरम्भ में बहुत तेजी नहीं दिखानी चाहिए.
जूते दान करने के लिए गाय की हत्या. अपने किसी छोटे से स्वार्थ के लिए किसी का बहुत बड़ा नुकसान करना.
दांव में आई, मरे बिलाई. बिल्ली जैसा चालाक प्राणी भी कभी कभी दांव में फंस जाता है. कोई कितना भी धूर्त हो कभी न कभी दांव में फंस सकता है.
जहाँ नाश वहाँ सवा सत्यानाश. जहाँ नुकसान हो रहा है वहाँ थोड़ा और नुकसान सही. इस को इस प्रकार भी कहते हैं – जहाँ लादी वहाँ सवा लादी.
घर में धान न पान, बीबी को बड़ा गुमान. घर में आवश्यकता की चीजें भी नहीं हैं पर बीबी जी को बड़ा घमंड है.
बुढ़ापे में आदमी की मत मारी जाती है. अर्थ स्पष्ट है.
मिरे ताइर-ए-नफ़स को नहीं बाग़बाँ से रंजिशमिले घर में आब-ओ-दाना तो ये दाम तक न पहुँचे
बहुत दिल दुखता होगा ज़रूर उस बुजुर्ग का जिसने पूरी दुनिया देख ली पर फिर भी उसका पोता कहता है आपको कुछ नहीं पता।
जैसा अंश, वैसा वंश. माता पिता का जैसा अंश बच्चों में आता है वैसा ही उनका वंश बनता है. आधुनिक विज्ञान का आनुवंशिकता का सिद्धांत भी यही कहता है.
अंधों में काना राजा. जहाँ सभी लोग मूर्ख हों वहाँ थोड़ी सी अक्ल रखने वाले व्यक्ति की पूछ हो जाती है
ज्यादा होशियार ज्यादा ठगा जाता है. जो अपने को अधिक बुद्धिमान समझता है और किसी पर विश्वास नहीं करता वह अधिक ठगा जाता है.
करजदार, पत्थर खाए हर बार. कर्ज़दार व्यक्ति को बहुत जलालत झेलनी पड़ती है.
दादा-दादी की प्यार भरी दुनिया
आमों की कमाई, नीबुओं में गँवाई. एक स्रोत से कमाया और दूसरे में उतना नुकसान कर बैठे.
थोड़ा खावे बहुत डकारे. काम थोड़ा और दिखावा बहुत करने वालों के लिए.
जैसे उदई वैसे भान, ना इनके चुनई ना उनके कान. दो मूर्ख एक सा व्यवहार करते हैं.
जासे जाको काम, सोई ताको राम. जिससे आपका काम बनता हो वही आपके लिए ईश्वर के बराबर है.
खाना पराया है पर पेट तो पराया नहीं है. मुफ्त का मिल रहा हो तो इस का अर्थ यह नहीं कि इतना खा लो कि बीमार हो जाओ.
खत्री पुत्रम् कभी न मित्रम् (जब मित्रम् तब दगा ही दगा).खत्रियों के विषय में किसी दिलजले का कथन.
जोर भले ही कम हो उसके कंधे में पर मेरी दादी मुझे रोता देख अपना कन्धा आगे रख देती हैं सर रखने के लिया।
तीन कनौजिया तेरह चूल्हे. कनौजिया लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे कभी मिल कर नहीं रह सकते. सब के चूल्हे अलग ही जलते हैं.
भाषा जो न जाने ताहि शाखामृग जानिए. शाखामृग – बंदर. जो अनपढ़ है वह बंदर के समान है.
गधे की बगल में गाय बाँधी तो वह भी रेंकने लगी. संगत का असर (कुसंगति कथय किम् न करोति पुंसाम).
चौबे मरें तो बंदर हों, बंदर मरें तो चौबे हों. चौबे लोगों से चिढ़ने वाले किसी व्यक्ति का कथन.
उत्तर जायं कि दक्खन, वे ही करम के लच्छन. जिन का भाग्य साथ नहीं देता वे बेचारे कहीं भी जाएँ असफल ही होते हैं.
आगे बैजू पीछे नाथ. 1. जब कोई बिना सोचे समझे किसी का अंधानुकरण करे. 2. जब कोई बड़ा आदमी किसी छोटे का अनुसरण करे.
दुखिया रोवे, सुखिया सोवे. जिसको कोई दुख है वह अपने दुख से परेशान है जबकि जो सुखी है वह चैन की नींद सोता है.
मुझे जल समाधि ले लेने दो वह बच्ची बोली मैं ही तो मां नर्मदा हूं ।Dhuni wale dada ji ki jai .
कौए की दुम में अनार की कली. उपरोक्त के समान.
पादें कम कांखें ज्यादा (हगें कम, कांखें ज्यादा). जो लोग काम कम करते हैं शोर ज्यादा मचाते हैं. कांखना – जोर लगाना.
बहुत खुशियों से जिया है जीवन आपने और ऐसे ही जीते रहे, कदम-कदम पर खुशियां मिले सदा खुशियों के घूंट पीते रहें। Happy Birthday Dear Grandpa!
कमाई में हाथ गंदे करने ही पड़ते हैं. केवल ईमानदारी से व्यापार नहीं किया जा सकता.
बहसू के नौ ठो हल, खेत में गया एको नहीं. बहसू – बहस करने वाला. बहुत बहस करने वाला व्यक्ति केवल बहस करना जानता है, अपने संसाधनों से काम लेना नहीं जानता.
अन्तकाल सुधरा तो सब सुधरा. किसी व्यक्ति ने जीवन भर बुरे कर्म किये हों पर यदि अंतिम समय में वह सुधर जाए तो लोग उसकी बुराइयों को भूल जाते हैं.
बंके को तिरबंका मिल ही जाता है. धूर्त व्यक्ति को अपने से बड़ा धूर्त कभी न कभी मिल जाता है.
फूटे घड़े में पानी नहीं टिकता. जिस के भाग्य फूटे हों या बुद्धि भ्रष्ट हो उस के पास धन नहीं टिक सकता.
भेड़िये रे भेड़िये, बकरी चराएगा. किसी दुष्ट आदमी से ऐसे काम के लिए पूछना जिसमें उसका फायदा ही फायदा हो.
बीस पचीस के अंदर में जो पूत सपूत हुआ सो हुआ. पुत्र लायक है या नालायक यह बात बीस पचीस साल की आयु तक स्पष्ट हो जाती है.
बिना रोए माँ भी दूध नहीं पिलाती. जब तक अपनी परेशानी बताओगे नहीं, कोई तुम्हारी सहायता कैसे करेगा.
सांड़ों से हल नहीं चलते. मुफ्तखोर और अनुशासनहीन लोगों से काम नहीं लिया जा सकता.
दीपक की रोशनी भी मद्धम लगती है मेरे दादाजी की मुस्कुराहट के आगे, रिश्तों के मेलजोल भी अधुरे से लगते है आपकी चहल पहल के आगे।
अब दिल्ली दूर नहीं. अब काम पूरा होने ही वाला है.
गाँव न माने पगले को और पगला न माने गाँव को. जो व्यक्ति स्वयं पागल या मूर्ख है वह और सब को पागल और मूर्ख समझता है.
सोने में सुहागा. एक अति गुणवान और मूल्यवान वस्तु का और गुणवान बन जाना. (सुहागा एक सुगन्धित पदार्थ है).
नाग मरा तब गोह गद्दी पर बैठी. किसी शक्तिशाली दुष्ट शासक के मरने के बाद पर उतना ही दुष्ट दूसरा शासक गद्दी पर बैठ जाए तो.
सोना चांदी आग में ही परखे जाते हैं. उच्च गुणों वाले व्यक्ति मुसीबत पड़ने पर ही परखे जाते हैं.
अगर आपको लगता है कि जो संपत्ति आपके बाप-दादा की है, उस पर हर सूरत में सिर्फ़ और सिर्फ़ आपका ही हक़ है, तो ऐसा नहीं है.
चोर उचक्का चौधरी, कुटनी भई प्रधान. जब नीच और दुष्ट मनुष्यों के हाथ में सत्ता आ जाती है.
गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता. कितना भी प्रयास करो मूर्ख आदमी अक्लमंद नहीं बन सकता.
मर्द का नहाना और औरत का खाना, किसी ने जाना किसी ने न जाना. दोनों काम बहुत जल्दी होते हैं
बामन जीमे ही पतियाय. ब्राह्मण जब भर पेट खाना खा लेता है तभी किसी का विश्वास करता है.
Dada Dadi Quotes In Hindi
नाड़ी की कुछ समझ नहीं है, दवा सभों की करते हैं, वैदों का क्या जाता है, बीमार बिचारे मरते हैं. नीम हकीम और झोला छाप डाक्टरों के विषय में कहा गया है.
दिल्ली की गद्दी लई, सुरा सुन्दरी राग. दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले सुरा, सुंदरी और संगीत के चक्कर में पड़ कर गद्दी की रक्षा नहीं कर पाए.
टूटी की बूटी बता दो हकीम जी. अर्थ ऊपर वाली कहावत की भांति.
चोर और ढोर का नाहिं भरोसा. चोर और जानवर का विश्वास नहीं करना चाहिए.
सूरत में जैसे, सीरत में तैसे. कुछ लोगों की शक्ल सूरत भी अच्छी नहीं होती और व्यवहार भी खराब होता है, उन के लिए.
“आपकी याद आती है, पहले गांव और फिर शहर के बदल जाने परमैं मायूसी में अक्सर रोने लगता हूँ, संकट के काले बादल छाने पर…”-मयंक विश्नोई
“ एक बार फिर कहीं से आ जाओं ना दादी,मुझे वो परियों की कहानीसुना जाओ ना दादीकोई लगा ना दे मुझे बुरी नजर,फिर वह मेरे माथे पर कलाटिका लगा जाओ ना दादी…!!
खोटे खाते में मरे हुए की गवाही. बिलकुल फर्जी काम.
गधा की पीठ गधा ही खुजावे. मूर्ख ही मूर्ख के काम आता है.
कागा कहा कपूर चुगाए, श्वान न्हवाए गंग. कौवे को कपूर खिलाओ और कुत्ते को गंगा में नहलाओ तो भी इनका स्वभाव नहीं बदलेगा.
दादी माँ घर को मिलाकर रखती है,सबको प्यार की घुट्टी पिलाकर रखती है,जिंदगी के सही मायने समझाकर रखती है,रिश्तों की अहमियत बताकर रखती है.
अक्ल उधार नहीं मिलती. अपनी अक्ल से ही काम लेना होता है.
कूद कूद मछली बगुले को खाए. असंभव बात. कोरी गप्प.
झूठे मीठे वचन कहि ऋण उधार ले जाय, लेत परम सुख ऊपजै लैके दियो न जाय. उधार लेने वाले झूठ बोल कर उधार ले लेते हैं और ले कर देना नहीं चाहते.
देशी मुर्गी विलायती बोल. ऊपर वाली कहावत की भांति.
जाया नाम जनम से हो तो रहना किस विधि होय. जाया का अर्थ उत्पन्न हुआ (संतान) भी है और जाया का अर्थ व्यर्थ में बर्बाद करने से भी है.
गोला और मूंज पराये बल ऐंठे. दास अपने स्वामी के बल पर अकड़ता है, मूंज भी पानी का बल पाकर ही ऐंठती है.
लेनदेन में लाज कैसी. लेन देन के मामले में औपचारिकता नहीं करनी चाहिए, लिखत पढ़त पूरी करनी चाहिए.
कुत्तों को दूँ, पर तुझे न दूँ. किसी से बहुत घृणा करना.
एक बनिये से बाजार नहीं बसता. समाज की अर्थ व्यवस्था एक व्यक्ति से नहीं चल सकती.
अब लौं नसानी अब न नसैहों. (अवधी कहावत) अब तक मैं ने समय नष्ट किया (जन्म बेकार गँवाया) अब नहीं गंवाऊंगा.
वो दादी की लौरी, वो दादा के किस्से, हर बच्चे के बचपन के सबसे खूबसूरत हिस्से।
भागलपुर जाइए न, जाइए तो कुछ लाइए न और लाइए तो रोइए न. कहावत में कहा गया है कि भागलपुर में मिलने वाला सामान घटिया होता है. सत्य मालूम नहीं क्या है.
अतै सो खपै. अति करने वाले का विनाश हो जाता है.
खाली बर्तन खटकते हैं. निठल्ले लोग बैठे बिठाए झगड़ा ही किया करते हैं.
सुख में आए करमचंद, लगे मुड़ावन गंज. करमचन्द ज्यादा पैसे वाले हो गए तो अपने गंजे सर को मुंडवाने लगे. मूर्खतापूर्ण दिखावा और फिजूलखर्ची.
तिरिया भी बिन नर है ऐसी, बिना धनी के खेती जैसी. स्त्री पुरुष के बिना सब तरह से असुरक्षित है.
ठग की कौन मौसी. धूर्त लोग अपने सगे सम्बन्धियों को भी नहीं बख्शते.
जिस की खाओ बाजरी, उसकी भरो हाजरी. जिसका अन्न खाओ उसी का काम करो.
करम की गति कोई न जाने. भाग्य की गति नहीं जानी जा सकती.
याद आता है,मेरे बचपन का वो सुहाना पल !दादा के साथ खेलना औरदादी के हाथों से खाना !!
झूठे की कोई पत नहीं, मूरख का कोई मत नहीं. झूठ बोलने वाले व्यक्ति की कोई इज्ज़त नहीं होती, इसी प्रकार मूर्ख व्यक्ति के मत का कोई सम्मान नहीं होता.
संगत सार अनेक फल. अलग अलग संगत से अलग अलग फल प्राप्त होता है.
हांसी बैरी नार की, खांसी बैरी चोर की. हँसी स्त्री को ले डूबती है और खांसी चोर को. (हरयाणवी कहावत – चोर नै फंसावै खांसी और छोरी नै फंसावै हांसी).
लाचारी में विचार क्या. जब व्यक्ति बहुत अधिक मजबूरी में हो तो उसे अच्छे बुरे का ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए.
मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक. छोटी सोच वाले लोग छोटा ही सोच सकते हैं (छोटा काम ही कर सकते हैं).
हीरे की कदर, जौहरी जाने. अनमोल चीजों की कदर पारखी लोग ही जान सकते हैं.
लाठी कपाल पे लगी नहीं, झूठ मूठ बाप रे बाप. नुकसान न होने पर भी बहुत हाय तौबा करना. (भोजपुरी में – लाठी कपारे भेंट नाहीं अउरी बाप-बाप चिल्ला).
दादा पोता शायरी Hindi 2 line
मैके के महुए मीठे. मायके की हर वस्तु स्त्रियों को प्रिय लगती है.
कुत्ता न देख, कुत्ते के मालिक को देख. कुत्ते की अहमियत कुत्ते के मालिक की अहमियत के अनुसार आंकी जाती है.
साँच कहा माने नहीं, झूठ से जग पतियाये. इस संसार में सच्ची बात को कोई नहीं मानता, सब झूठे लोगों का ही विश्वास करते हैं.
गुबरैले के लिए तो गोबर ही गुड़. 1. जो जिस परिवेश में रहता है उसको वही अच्छा लगता है. 2. निकृष्ट व्यक्ति निकृष्ट परिवेश में ही खुश रहता है.
हाथ में पैसा रहे, तभी बुद्धि काम करे. (भोजपुरी कहावत) हाथ में पैसा रहने पर ही बुद्धि काम करती है.