उर्दू एक ऐसी भाषा हैं जो सबके दिल को छू जाती हैं, उर्दू के गाने सुनकर भी हमारा ख़ुशखुशाल हो जाता हैं, इसीलिए आज आपके लिए हम ये Sad Urdu Shayari In Hindi का बहेतरीन कलेक्शन लाये हैं जिससे आपका मूड सही हो जाएगा |
एक तेरी कमीरहती है हर जगहबता क्या करू मेंज़माने भर की ख़ुशी लेकर
वो दुःख देकर मेरा सुकून ले गया थोड़ा पागलपन थोड़ा जूनून दे गया
वो खुश हैं मुझे दर्द में देखकर इसलिए मैं मरहम से दूरी बना रहा हूँ
नाज़ नखरे सभी कुबूल उसके, उसके सितम भी हैं गवारा,जैसा ना किया किसी ने भी उस कदर तुझसे प्यार किया।
होंगे कई किस्से मुहब्बत के, दीवानों के, इश्क के मारों के,हम तो वो हैं जिसने बिना इजाज़त के भी तेरा इंतजार किया।
जा ओ बेवफा तुझसे क्या शिकायत तूने तो मोहब्बत को धंधा बना कर रखा है
Rooh Matti Se Ya Matti Rooh Se Tang Hai, Dono Ke Beech Shayad Sukoon o Aman Ki Jang Hai
इक इक क़दम पे रक्खी है यूँ ज़िंदगी की लाज ग़म का भी एहतिराम किया है ख़ुशी के साथ
अब उसके जाने से भला क्या होगा कोई हमारे नसीब में भी लिखा होगा
मुझको मारा है हर एक दर्द ओ दवा से पहलेदी सज़ा इश्क़ ने हर जुर्म ओ ख़ता से पहले
दर्द की राहों में बिछे हैं हम,आँसू के रिश्ते सजाये हैं हम।
माना कि खत मेरे सारे जला डाले होंगे होंठो पर तेरे नफरतों के छाले होंगे। कुछ पल मेरे बारे में भी सोचना ऐ राज तुम से बिछड़कर खुद को कैसे सम्हाले होंगे.
मै दर्द लिखूं भीतो क्या होगामेरा मेहबूबकोन सा लौट आएगा?
ना रात की खबर ना दिन का पता हम अपनी ही क़िस्मत से परेशान हैं ज़रा सा मुस्कराते हैं और लोगों को लगता है हमारी ज़िन्दगी बहुत आसान है
तुम्हारे होंठ यू मुश्कराते रहे तू खुद को हमेशा सब से मिलाते रहे। मत भूल जाना कि कोई और भी तेरा तलबगार मुझसे भी ये रिश्ता दोस्ती का निभाते रहन।।
खता थी मेरी जो आपके सामने इश्क़-ए-इज़हार किया।आपसे मिले दर्द को आपके ही आगे ज़ाहिर हर बार किया।
दर्द 😦 बहुत हैं मुहब्बत ♥️ में बस एक 💘 राहत तुम हो। नफ़रतें बहुत हैं इस जहाँ में बस एक 💗 चाहत सिर्फ तुम हो।
उन्हें जन्नत में भी सुकून नहीं मिलता जो किसी के इश्क़ में मारे जाते हैं
एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया
कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है, जुदाई के बावजूद, भी तुझपे अधिकार है. तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही, मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है.
ग़म की दुनिया रहे आबाद ‘शकील’ मुफ़लिसी में कोई जागीर तो है
अरे जान ये तुमने ये क्या कह दिया मैं तो तुमसे वफ़ा की उम्मीद लगाये बैठा हूँ। मैं तो कब का तुम्हारा हो गया था सपने हजारो तेरे संग ऐ राज सजाये बैठा हूँ।।
बढ़ती ही जा रही है अब इंतजार की घड़ियां अब एक एक पल काटने को दौड़ता है। तू बेखबर है मेरे हाले दिल से ऐ राज क्यू मेरे अरमानों को पैरों तले रौंदता है।।
नाम नहीं लूंगा मैं मगर, सुनो मैं तुमसे बहुत नफरत करता हूं
होंगे कई किस्से मुहब्बत के, दीवानों के, इश्क के मारों के,हम तो वो हैं जिसने बिना इजाज़त के भी तेरा इंतजार किया।
एक सिल-सिले की उम्मीद थी जिनसे, वही फ़ासले बनाते गये। हम तो पास आने की कोशिश में थे, ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये।
क्या दर्द समझोगेतुम मेरा मैंने देखाअपने आमने उसकोकिसी और के लिए रोता हुआ
खता थी मेरी जो आपके सामने इश्क़-ए-इज़हार किया।आपसे मिले दर्द को आपके ही आगे ज़ाहिर हर बार किया।
सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कोई हाथ से ले जाए पर नसीब से छीना नहीं जा सकता है
तुम बिन बुलाए किसी से मिलते होऔर कोई फूल लिये भटकता है !
बेईमानी भी तेरे इश्क ने सिखाई थी, तू पहली चीज़ थी जो मां से छुपाई थी।
मैंने उसको जहां भी लिखाजान लिखोमैंने खुद को हर जगहजानिसार लिखा
ऐसा लगता हैमैं पागल हो जाऊंगाऐसा लगता हैमै तेरे जाने के बादआशिक़ हो जाउगा
मसर्रत ज़िंदगी का दूसरा नाम मसर्रत की तमन्ना मुस्तक़िल ग़म
जिस की ताबीर है पहले ही से रेज़ा रेज़ाऐसे एक ख्वाब को आँखों से लगा रखा है।
उल्टी सीढ़ियां होती है ये मोहब्बत की गिरकर लगना तो लाजमी है
दिल गया रौनक़-ए-हयात गई ग़म गया सारी काएनात गई
हर रिश्ते 💗 से बस यही गिला है, हमें कोई हमसा 😍 नहीं मिला है।
माना कि थोड़ा मुश्किल होता है पर टूट कर समझने की… कोशिश तो कर सकते हैं ना
ना चाह के भी एक दिन जुदा हो जाएंगे हम जानेजां कुछ मजबूरी मेरी कुछ तेरी खता और ऊपर से ये वक़्त बेवफा
उमर क्या कहूं नादान है मेरी सबको प्यार देना पहचान है मेरी आपका दिल ज़ख्मों से भरा हो दिलो को रिपेयर करने कि दुकान है मेरी !!
जब तुम साथ होती हो, तो लगता है, कुछ भी मुश्किल नहीं है जहां में, जब तुम नहीं होती हो, तो लगता है, जिंदगी का कोई आशियाना नहीं है मेरे पास।
अब दोस्तो के दिलो में, दोस्ती के फूल नहीं खिलते, दिल में नफ़रत लिए हसकर मिलते हैं।
मेरी प्यार की कहांनी तो उसने ख़तम करदी, मुझे मेरी बर्बादी का कोई गम नहीं है , हशर यही तो होता है दीवानो का!!
अगर इंसान सही है, तो इंतज़ार 💕 ग़लत नहीं।
जाने किन मुश्किलों में दिन गुज़ारा गया मैं दुश्मनों से निकला तो दोस्तों में मारा गया
और क्या बुरा होगाइस सालयारो मेरा सबसे खास शख्सछोड़ गया मुझे
चलो अब क्या शिकायत क्या करें शिकवा तुमसे रूठ सी गयी है वफाओं की हवा हमसे
भूल जाऊंगा तुम्हें थोड़ा सबर रखना , तुम्हारी तरह हमें भी बेवफा बनने में वक्त लगेगा थोड़ा सबर रखना..!!
बेवफ़ाई की सजा में ज़िंदगी बिता दी,अब तो दर्द के नग्मे भी गाने लगे हैं हम।
नहीं चाहिए मेरे चेहरे पर हसी जब तक तू गैर की बाहों में है आएगी तुझपर भी धुप वक़्त की अभी तू मीठी छाओं में है
कब से हूं मैं बैठा तेरे रास्ते में सिर्फ एक आरजू लिए हुए,ना दी कोई राहत ना किया कोई करम हर बार इंकार किया।
सोचा नही था जिंदगी में ऐसे भी फसाने होंगे, रोना भी जरूरी होगा और आसूं भी छुपाने होंगे
हम आज राह-ए-तमन्ना में जी को हार आए न दर्द-ओ-ग़म का भरोसा रहा न दुनिया का
हर जख्म कोमरहम की जरूरत होती हैइसी तरह मुझे हर सांसपर तेरी जरूरत होती है
हज़ार तरह के थे रंज पिछले मौसम में पर इतना था कि कोई साथ रोने वाला था
रात को रोकर सोनासुबह किसी को महसूस न होने देनामोहब्बत ये हुनर भी सीखा देती हैI miss you
वो बात ज़रा सी जिसे कहते हैं ग़म-ए-दिल समझाने में इक उम्र गुज़र जाए है प्यारे
मैंने उसको जहां भी लिखाजान लिखोमैंने खुद को हर जगहजानिसार लिखा
ग़म-ए-हस्ती का ‘असद’ किस से हो जुज़ मर्ग इलाज शम्अ हर रंग में जलती है सहर होते तक
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की
खूबसूरत बहुत हो मग़र बेवफा नही। होठो पर हसी है मगर दिल में दगा नही। तुमसे मिलकर के ही जाना है राज तुम जैसा कोयी और मुझको मिला नही।।
बैठे हो अब किसी और की मोहब्बत बन के अब और किसी का दिल तुमपे आया होगा उससे भी तुमने सारे वादे किये होंगे उसको भी इशारों पे नचाया होगा
बूँद बूँद में खतरा है इश्क़ के दरिया में संभल कर उतरना
कोई उम्मीद बर नहीं आतीकोई सूरत नज़र नहीं आतीमौत का एक दिन मुऐय्यन हैनींद रात भर क्यूँ नहीं आती
जाए कहाँ अपना ये शहर छोड़ कर मगर इस शहर में अब अपना कोई नहीं
लगे जैसे लगी है मेरी ही नज़र मेरे इश्क़ मेरे इस प्यार को,बे-हद किया था जिक्र गुमान भी हमने इसपे बेशुमार किया।
ज़ुबान खामोश, आँखों में नमी होगी, यही बस मेरी एक दास्ताँ-ए-ज़िन्दगी होगी, भरने को तो हर ज़ख़्म भर जायेगा, कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी।
❤️❤Đ¡l करता है Status डाल दु तेरे नाम का…….. पर मुझे ये अच्छा नही लगेगा ! कि कोई तुझको☛ LiKe करे…❤️
हद है तुम्हारी नाराजगी कीतुम तो ख्वाब में भी मिलते होतो बात नहीं करतेक्या तुम जानते होहम कितने तलबगार हैतुमसे बात करने के
तुम गुलाम भीबन सकते होउस शख्स केजिससे तुमने मोहब्बत की हैये जो तुम बार बारचोट दे जाते होदर्द भी वहीँ होता हैजहां तुम रहते हो
ग़म में कुछ ग़म का मशग़ला कीजे दर्द की दर्द से दवा कीजे
अब हाथ जोड़ कर क्यों कहते हो बखेडा न करो मैंने पहले ही कहा था मैं शायर हूँ मुझे छेड़ा ना करो
मोहब्बत थी मगर एक तरफ़ा थी अब ना एक भी आस बची है मर गए सारे जज़्बात दिल के दिल में अब बस सीने में राख बची है
लोग पूछते हैहाल मेरा ऐसा क्यों है ?मै कहता हुमेरे आशिक़ ने वक़्त पर दवा न दी।
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे
दिल तोड़ के जाने वाले ना लौट के आने वाले जा तेरे बिना जीना सीख लिया औरों से यारी निभाने वाले
❤️ख़ुशियाँ क्या होती हमें नहीं पता, में तो तुम्हें “online” देखकर भी पगलों की तरह “Smile” करने लगता हु,❤️
कोई इक ज़ाइक़ा नहीं मिलता ग़म में शामिल ख़ुशी सी रहती है
बुला रहा है कौन मुझको उस तरफ, मेरे लिए भी क्या कोई उदास बेक़रार है।
अब तक दिल को ये यकीन था,उसके बिना जीने की आदत नहीं।
दर्द की गहराइयों में डूबा हुआ हूँ,अब तो खुद को समेटने की आदत नहीं।
काश चाहने वाले हमेशा चाहने वाले ही रहते पर लोग अक्सर बदल जाते है मोहब्बत हो जाने के बाद
जो पागल हुए थे तेरी सूरत देख कर तेरी नीयत देख कर सब ठीक हो गए
सुकून दे न सकीं राहतें ज़माने की जो नींद आई तिरे ग़म की छाँव में आई
एक तेरी कमीरहती है हर जगहबता क्या करू मेंज़माने भर की ख़ुशी लेकर
उसके चेहरे की मुस्कान से जगमगाता था दिल,अब तो खुद को हँसाने की भी आदत नहीं।
समझाते हैं लोग तुम्हें भूल जाऊ मैं उन्हें क्या पता तेरे गम जीने की वजह है मेरे
रात को रोकर सोनासुबह किसी को महसूस न होने देनामोहब्बत ये हुनर भी सीखा देती हैI miss you
अँधेरा 🌺 फैल रहा है हमारे 🏙️ अन्दर भी, दिया दिल में 🔥 जलेगा तो रौशनी होगी।
दर्द मुझे ढूंढ लेता है हर रोज नए बहाने से वो शक्स वाकिफ हैं मेरे हर ठिकाने से
बुरे वक़्त की ये भी एक निशानी है हर अच्छा इंसान बुरा हो जाता है
अब बारिश हमेशाहोती रहती है मुझ परकभी बादलो सेतो कभी मेरी आँखों से
मुझे खुद पता नहींक्या हालत है मेरीमैंने लोगो से सुना हैपरेशान हु
हज़ार तरह के थे रंज पिछले मौसम में पर इतना था कि कोई साथ रोने वाला था
सुना है वो कह कर गये है के अब तो हम, सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मैं ही आएँगे, कोई कह दे उनसे की वो वादा कर ले हम से, ज़िंदगी भर के लिए हम सो जाएँगे…
सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं
जानता हूं कि अच्छा दिखता हूं पर तसल्ली के लिएउसकी आंखों में देख लेता हूं आईने के बाद !
लज़्ज़त-ए-ग़म तो बख़्श दी उस ने हौसले भी ‘अदम’ दिए होते
हम घटते 👀जा रहे है 💗 धीरे धीरे, हमें तेरी कमी 😥 खाने लगी है।
अपना बनके जो आया उसको अपना माना था वो तो जाने वाले थे मेरा रूठना तो बहाना था
ज़िंदगी कितनी मसर्रत से गुज़रती या रब ऐश की तरह अगर ग़म भी गवारा होता
मैं भुला ही नहींउस रात का वादाअभी तक याद हैउनकी वह मुलाकात का वादा
ग़म है आवारा अकेले में भटक जाता है जिस जगह रहिए वहाँ मिलते-मिलाते रहिए
क्यों आँखों की कहानी नम लिखता है क्यों खुदा मेरी क़िस्मत में हर गम लिखता है
ये ग़म नहीं है कि हम दोनों एक हो न सके ये रंज है कि कोई दरमियान में भी न था
जब जब तुझको देखु अपना सुकून खोता हूँ, तुमसे मिलने के खातिर हर पल तड़पता हूँ, अब तो जालिम अपने घर का पता दे दे, तेरे लिए सारे शहर में भटकता रहता हूँ.
मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है
ऐसा भी क्या हुआ, भरोसा ही था… टूट गया..!!
अश्क-ए-ग़म दीदा-ए-पुर-नम से सँभाले न गए ये वो बच्चे हैं जो माँ बाप से पाले न गए
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
ग़म है आवारा अकेले में भटक जाता है जिस जगह रहिए वहाँ मिलते-मिलाते रहिए
नाजुक होता है ये मोहब्बत का धागा टूटा तो फिर जुड़ नहीं पाता
पहले मेरी 👀आँखों को पढ़ने का हुनर 🤝 रख, फिर कभी💘 फुर्सत में मुझे 💔 पढ़ लेना।
भूले-बिसरे हुए ग़म फिर उभर आते हैं कई आईना देखें तो चेहरे नज़र आते हैं कई
चोट खाकर मोहब्बत में महसूस ये हुवा। बड़े नादान है ये लोग इनसे मोहब्बत न करना। छीन लेंगे हँसी होठों से तेरी ऐ राज जिंदगी भर तड़पते रहोगे वरना।।
ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते क्यूँ बुरे बनते हो तुम नाहक़ किसी के वास्ते
तुम तो यूँ ही 😥 आँसुओं से परेशान हो, यक़ीन मानो मुस्कुराना 😀 और भी मुश्किल होता है।
काली रातों को भीरंगीन कहा था मैंनेतेरी गलत बात को भी‘सही कह रही हो’ कहा था मैंने
सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए, मदहोश न थे पर मदहोश होते चले गए, ना जाने क्या बात थी उस चेहरे में, ना चाहते हुए भी उसके होते चले गए।
हर बार दुखा देते हैं वो दिल मेरा करके नज़रंदाज मुझे,सोचता हूं पूछूं उससे कभी ऐसा भी क्या मैंने मेरे यार किया।
तुम जानते होमैं तुमसे इतनी मोहब्बत कर बैठा हूंकि तुमसे मिलने के बाद मुझसेअब किसी से मिला नहीं जाता
परवाह करने वाले रूला जाते है, अपना समझने वाले पराया बना जाते है, चाहे जितनी वफाऐं कर लो इनसे, न छोडेगे तुमको कहकर छोड जाते हैं….
परवाह करने वाले रूला जाते है, अपना समझने वाले पराया बना जाते है, चाहे जितनी वफाऐं कर लो इनसे, न छोडेगे तुमको कहकर छोड जाते हैं….!
दर्द ओ ग़म दिल की तबीअत बन गए अब यहाँ आराम ही आराम है
तेरा एहसान हम कभी नही चुका सकते, तु अगर माँगे जान तो इनकार नही कर सकते, माना जिन्दगी लेती है इम्तिहान बहुत, तु अगर हो साथ तो हम कभी हार नहीं सकते.
यार बेकार बेज़ार हम हुए बर्बाद इश्क़ में बर्बाद हम हुए
दिल दबा जाता है कितना आज ग़म के बार से कैसी तन्हाई टपकती है दर ओ दीवार से
हर एहसास 😧 में शामिल है राहत 🤕की तरह, अब तू ही बता दे 🤒 कैसे बदलु आदत 🤠 की तरह।
तुम पूछ ही रहे हो तो सुनो मगर अब मैंनेलोगों को अपने ज़ख्म दिखाना छोड़ दिया है !
उनको खबर है मेरे टूटे अरमानों की, आज जरूरत पड़ेगी काँच के पैमानों की। खाली न होने देना जाम यारों, वर्ना फिर से याद आ जाएगी गुजरे जमाने की।।
क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं मौत से पहले आदमी ग़म से नजात पाए क्यूँ
और क्या बुरा होगाइस सालयारो मेरा सबसे खास शख्सछोड़ गया मुझे
ना वो सपना देखो जो टूट जाए ना वो हाथ थामो जो छुट जाए मत आने दो किसी को करीब इतना कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाए
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है ना किताबें बोल पाती हैं, मेरे दर्द के दो ही गवाह थे और दोनों ही बेजुबां निकले…
मुझको मारा है हर एक दर्द ओ दवा से पहलेदी सज़ा इश्क़ ने हर जुर्म ओ ख़ता से पहले
दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है बेवफाई मेहबूब से मिलती है , और बेवफा मोहब्बत बन जाती है।
ऐश ही ऐश है न सब ग़म है ज़िंदगी इक हसीन संगम है
जिस की ताबीर है पहले ही से रेज़ा रेज़ाऐसे एक ख्वाब को आँखों से लगा रखा है।
मुझे उसकी बेरुखियांबताती हैं कि ज्यादामांगने से भीइंसान के भाव बढ़ जाते हैं
वो भी जाने क्या दौर था मेरी तू तेरी मोहब्बत कोई और था
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया
मरने की बात पे जो हाथ रखते थे होंठों पर वो अब बद्दुआ देते हैं के खुश ना रहोगे तुम
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब आज तुम याद बे-हिसाब आए
जब तुम वाकई में हीगम सहना सीख जाओगेतब आंसू छोड़ोआह भी नहीं निकलेगी
मैं हुतन्हाई हैसब हैअगर तुम भी होतेतो कितने अच्छा था
हो सके तो मेरी मजबूरी समझना वरना बुरा सपना समझकर भूल जाना मुझे
मरने 💔 के वक़्त भी मेरी 😳 आँखें खुली रहीं, आदत 😧 जो पड़ गई थी तेरे इंतज़ार की।
भटक रहा हूं आजकल जैसे मैंबताइए भला कौन ऐसे भटकता है !
निगाह-ए-नाज़ की पहली सी बरहमी भी गई मैं दोस्ती को ही रोता था दुश्मनी भी गई - माइल लखनवी
मैंने उसको उसके हाल पे छोड़ा है टूटे दिल को और भी ज़्यादा तोड़ा है क़िस्मत से या साजिश से हम बिछड़े हैं उसको भी बिछड़न का गम थोड़ा है
क्यों बेवजह दी येसजा क्योंख्वाब दे करवो ले गया
जम्अ’ हम ने किया है ग़म दिल में इस का अब सूद खाए जाएँगे
ये तेरी यादों 🤔के फ़साने, हर रोज़ चले आते हैं हमें 😢 रुलाने।
एक एक करके सब जुदा हो जायेंगे मैं इंसान ही रहूँगा सब खुदा हो जायेंगे
पलकों में कैद रहने दो सपनो को, उन्हें तो हकीक़त में बदलना है, इन आँखों की तो एक ही तमन्ना है, की हर वक़्त आपको मुस्कुराते देखना है.
अभी भी वक्त है सम्भल जा कोई गम नही होना शायर.. हालात और बिगड़े तो बता भी न पायेगा और कहलायेगा कायर..
मुझे सताकर तू खुश कैसे रहेगा तेरा किया लौटकर आएगा ज़रूर इतना मुझे खुदपर भरोसा तो है मुझे याद कर आंसू बहाएगा ज़रूर
मैं हुतन्हाई हैसब हैअगर तुम भी होतेतो कितने अच्छा था
कब तुमको उससे मोहब्बत हुयी कब उसने मुझसे चुराया तुम्हें कब उसने तुमपे ये जादू किया कब उसने अपना बनाया तुम्हें
मिरी ज़िंदगी पे न मुस्कुरा मुझे ज़िंदगी का अलम नहीं जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं
इक सवाल पर ही रुके हुए हैं अब इश्क़ खुदा ने बनाया ही क्यों अगर उसे दूर जाना ही था वो मेरे इतने करीब आये ही क्यों
तुझ को पा कर भी न कम हो सकी बे-ताबी-ए-दिल इतना आसान तिरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं
ग़म से बिखरा न पाएमाल हुआ मैं तो ग़म से ही बे-मिसाल हुआ